वर्ल्ड का सबसे पुराना मंदिर कौन सा है? - varld ka sabase puraana mandir kaun sa hai?

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दुनिया का सबसे पुराना मंदिर, आज भी होती है पूजा, श्रीलंका से आते थे भक्त

मुंडेश्वरी देवी मंदिर।

इलेक्शन डेस्क. बिहार में विधानसभा चुनाव तीसरे फेज में है। इसके मद्देनजर हम आपको यहां के एक ऐसे मंदिर के बारे में बता रहे हैं, जो दुनिया का सबसे पुराना मंदिर है जहां आज भी पूजा होती है। यह बिहार के भी सबसे पुराने मंदिरों में शुमार किया जाता है। इस बात के प्रमाण भी हैं कि श्रीलंका के भी श्रद्धालु यहां आते थे। इसे 635-636 ईस्वी में बनाया गया था। हालांकि, कुछ अन्य अध्ययनों के मुताबिक़ लोग इसको और पुराना मानते हैं। गर्भगृह में शिव और शक्ति यानी देवी की मूर्तियां हैं। आज मंदिर टूटा हुआ है। कई मूर्तियां भी खंडित हैं। ये कैमूर की पहाड़ी (कैमूर जिला)पर 650 फीट ऊंचाई पर है। मंदिर का पुराना शिखर (टॉप) नष्ट हो चुका हैं, उसकी जगह नई छत बना दी गई है। इसका जिक्र अंग्रेज इतिहासकार कनिंघम ने भी किया है।

चंड-मुंड के वध से जुड़ी है कहानी

इसे बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड द्वारा फिर से व्यवस्थित किया गया है। लोगों की मान्यता है कि चंड-मुंड नाम के असुरों का नाश करने के लिए, जब देवी प्रकट हुई तो चंड के मारे जाने के बाद युद्ध करते-करते मुंड इसी पहाड़ी में आकर छिप गया था। यहीं पर देवी ने उसका वध किया था। इसी वजह से इसे मुंडेश्वरी माता का मंदिर कहा जाता है। पहाड़ी पर जगह-जगह बिखरे पत्थरों में सिद्धयंत्र और श्लोक खुदे हुए हैं। गर्भगृह का ढांचा अष्टाकार है। एक कोने में देवी मुंडेश्वरी जबकि बीच में चतुर्मुखी शिवलिंग है। अनुमान लगाया जाता है कि जब ये अपनी पूर्वअवस्था में रहा होगा, तब देवी के चारों ओर अलग-अलग देवताओं की मूर्तियां स्थापित रही होंगी। यहां की कई खंडित मूर्तियां पटना के संग्रहालय में भी रखी गई हैं।

श्रीलंका से भी आते थे श्रद्धालु
यहां दर्शन के लिए श्रीलंका से भी श्रद्धालु आते थे। इस बात का प्रमाण मंदिर के रास्तों में पाए गए सिक्के हैं। सिक्कों और यहां पहाड़ी के पत्थरों पर तमिल और सिंहली भाषा में अक्षर लिखे हुए हैं। पहाड़ी पर एक गुफा भी है। हालांकि, इसे सुरक्षा की वजह से बंद कर दिया गया है।

आगे की स्लाइड्स में देखें अद्भुत चतुर्मुखी शिवलिंग और मुंडेश्वरी देवी की मूर्ति साथ में शिला पर मंदिर का इतिहास...

भारत के बहार हिन्दू धर्म से जुड़े कई प्राचीन मंदिर मिल जाएंगे जिसमें से खासकर इंडोनेशिया, जावा, सुमात्रा, थाईलैंड और कंबोडिया में बहुत सारे मंदिर आज भी विद्यमान में उन्हीं में से दो विशालकाय मंदिरों के बारे में संक्षिप्त जानकारी।

अंकोरवाट का हिन्दू मंदिर : कम्बोडिया के अंकोरवाट में एक विशालकाय हिन्दू मंदिर है जो भगवान विष्णु को समर्पित है। इसे पहले अंकोरयोम और उससे पहले यशोधपुर कहा जाता था। प्राचीन लेखों में कम्बोडिया को कम्बुज कहा गया है।


अंकोरवाट का निर्माण कम्बुज के राजा सूर्यवर्मा द्वितीय (1049-66 ई.) ने कराया था और यह मन्दिर विष्णु को समर्पित है। अंकोरवाट जयवर्मा द्वितीय के शासनकाल (1181-1205 ई.) में कम्बोडिया की राजधानी था। यह अपने समय में संसार के महान नगरों में गिना जाता था।

यह हिन्दुओं का सबसे विशाल मंदिर है, जिसका वास्तु देखते ही बनता है। मंदिर के मध्यवर्ती शिखर की ऊंचाई भूमितल से 213 फुट है। इसके बाद जगन्नाथ मंदिर को सबसे ऊंचा मंदिर माना जाता है।

एक ऊंचे चबूतरे पर स्थित इस मंदिर के तीन खण्ड हैं। प्रत्येक खण्ड से ऊपर के खण्ड तक पहुँचने के लिए सीढ़ियां हैं। प्रत्येक खण्ड में आठ गुम्बज हैं, जिनमें से प्रत्येक 180 फुट ऊंचा है। मुख्य मन्दिर तीसरे खण्ड की चौड़ी छत पर है। उसका शिखर 213 फुट ऊंचा है। दुनिया का सबसे विशालकाय मंदिर यही है जिसकी भव्यता देखते ही बनती है।

मन्दिर के चारों ओर पत्थर की दीवार का घेरा है जो पूर्व से पश्चिम की ओर दो-तिहाई मील और उत्तर से दक्षिण की ओर आधे मील लम्बा है। इस दीवार के बाद 700 फुट चौड़ी खाई है, जिस पर एक स्थान पर 36 फुट चौड़ा पुल है। इस पुल से पक्की सड़क मंदिर के पहले खण्ड द्वार तक चली गई है।


प्रंबनन मंदिर (मध्य जावा इंडोनेशिया) : इंडोनेशिया के सेंट्रल जावा में स्थित यह एक हिन्दू मंदिर है। प्राचीनकाल में इंडोनेशिया का राजधर्म हिन्दू और उसके बाद बौद्ध हुआ करता था। लेकिन इस्लाम के उदय के बाद अब यह मुस्लिम राष्ट्र है। ब्रह्मा, विष्णु और शिवजी को समर्पित इस मंदिर को मान्यता अनुसार 9वीं शताब्दी में बनाया गया था। मंदिर की दीवारों पर धार्मिक कहानियां और शानदार नक्काशी उकेरी गई हैं।

विश्व का सबसे पुराना हिंदू मंदिर कौन सा है?

यह कम्बोडिया के अंकोर में है जिसका पुराना नाम 'यशोधरपुर' था। इसका निर्माण सम्राट सूर्यवर्मन द्वितीय (1112-53 ई॰) के शासनकाल में हुआ था। यह हिंदू मन्दिर है।

दुनिया का सबसे पुराना मंदिर कौन सा है?

यह टोक्यो का सबसे पुराना और महत्वपूर्ण मंदिर हैं। ... सेन्सो-जी.

भारत का पहला मंदिर कौन सा है?

मंदिर निर्माण का इतिहास पहले लकड़ी के मन्दिर बनते थे या बनते होंगे लेकिन जल्दी ही भारत के अनेक स्थानों पर पत्थर और ईंट से मन्दिर बनने लगे। 7वीं शताब्दी तक देश के आर्य संस्कृति वाले भागों में पत्थरों से मंदिरों का निर्माण होना पाया गया है। चौथी से छठी शताब्दी में गुप्तकाल में मन्दिरों का निर्माण बहुत द्रुत गति से हुआ।

भारत का राष्ट्रीय मंदिर कौन सा है?

काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित सबसे प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों में से एक है। यह वाराणसी, उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित है।

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