Mains Marathon
- होम
- Mains Marathon
दिवस 29: नैतिकता क्या है? सार्वजनिक, व्यक्तिगत और राजनीतिक नैतिकता में अंतर स्पष्ट कीजिये। (150 शब्द) उत्तर दृष्टिकोण:
नैतिकता मूल शब्द मोस से आती है, जिसका अर्थ है "रीति-रिवाज।" नैतिक सिद्धांत अच्छे और बुरे कर्म की अवधारणाओं को संबोधित करते हैं। धर्म और कला के साथ-साथ नैतिकता एक संस्था के रूप में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। नैतिकता नियमों की एक प्रणाली है जो लोगों को संगठनों में शांतिपूर्वक सह-अस्तित्व की अनुमति देती है। यह संदर्भित करता है कि सभ्यताओं और समूहों को "सही" और "स्वीकार्य" के रूप में क्या देखा जाता है। भौगोलिक स्थान, धर्म, परिवार और जीवन के अनुभव सभी का नैतिकता पर प्रभाव पड़ता है।
व्यक्तिगत नैतिकता:
- व्यक्तिगत नैतिकता आचार संहिता को संदर्भित करती है जिसे एक व्यक्ति दैनिक जीवन में नैतिक और नीति सम्मत (morally and ethically) उचित मानता है।
- इसे बचपन से ही परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों से सीखा जाता है।
- यह व्यक्ति के गहरे सिद्धांतों से संबंधित है और आप उनका कितना धार्मिक रूप से पालन करते हैं, यह निर्धारित करता है कि आप किस तरह के व्यक्ति हैं।
- एक व्यक्ति के पास अपनी व्यक्तिगत नैतिकता को परिवर्तित करने का विकल्प होता है।
- इसकी जवाबदेही अकेले व्यक्ति पर होती है।
- इसका पालन न करने से मानसिक असामंजस्य और व्यक्तिगत दुविधा उत्पन्न होती है।
- उदाहरण: पारदर्शिता, ईमानदारी, मित्रता, दूसरों के प्रति सम्मान, वफादारी, निष्पक्षता, अखंडता।
- सार्वजनिक नैतिकता:
- सार्वजनिक नैतिकता उन मूल्यों को संदर्भित करती है जिन्हें एक व्यक्ति को अपने सार्वजनिक जीवन में बनाए रखना चाहिये।
- प्रत्येक पेशे के दिशानिर्देशों, मानकों और मूल्यों का अपना समूह होता है।
- सार्वजनिक मूल्यों को विनियमित और संरक्षित करने के लिये कानून बनाए गए हैं। ये सामाजिक मानदंड व्यक्तियों को अपने व्यवसाय को अधिक सफलतापूर्वक करने में सहायता कर सकते हैं।
- डॉक्टर जो शपथ लेते हैं, वह चिकित्सा का अभ्यास करने वाली सार्वजनिक नैतिकता का एक उदाहरण है; डॉक्टरों को कुछ पेशेवर सिद्धांतों का पालन करना चाहिये।
- इस प्रकार की नैतिकता में, लोग खुद को एक बड़े राजनीतिक समुदाय के सदस्य के रूप में देखते हैं, एक राज्य के नागरिक के रूप में।
- सार्वजनिक नैतिकता सामूहिक दायित्वों से संबंधित है और आम तौर पर पारिणामिकवाद की धारणा पर आधारित है।
- इस क्षेत्र में, नैतिकता की मांग है कि हम रक्त संबंधियों के प्रति अपनी निष्ठा को अलग रखें, अपने स्वयं के हितों से परे देखें और सामान्य मूल्यों के आधार पर शक्ति का उपयोग करने के लिये प्रतिबद्ध हों।
- एक लोकतांत्रिक समाज में नागरिकों को भावनाओं या स्वार्थ के बजाय राजनीतिक स्वतंत्रता, एकजुटता, साझा परंपराओं और सांस्कृतिक विरासत जैसे सार्वजनिक कारणों से स्थापित सामान्य मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता से बंधे रहना चाहिये।
- राजनीतिक नैतिकता:
- राजनीतिक नैतिकता न्याय और निष्पक्षता के प्रति समर्पण द्वारा संचालित होती है।
- राजनीतिक नैतिकता के मूलभूत आदर्श और मानक न्याय की अवधारणा से बने हैं।
- राजनीतिक सत्ता के पदों पर बैठे लोगों को यह समझना चाहिये कि उनके कार्यों के दीर्घकालिक प्रभाव हैं जो लोगों की एक अकल्पनीय संख्या के जीवन को प्रभावित करते हैं।
- अपने निजी जीवन में नैतिक रूप से ईमानदार होना ज़रूरी नहीं है कि अपने राजनीतिक जीवन में उच्च नैतिक मानदंड हों।
अब्राहम लिंकन के भविष्यसूचक शब्द कि “लगभग सभी मनुष्य प्रतिकूल स्थिति में खड़े हो सकते हैं, लेकिन यदि आप किसी मनुष्य के चरित्र का परीक्षण करना चाहते हैं, तो उसे शक्ति दें।” न्यायपूर्ण समाज का निर्माण तभी हो सकता है जब सार्वजनिक जीवन में निष्पक्षता के उच्चतम सिद्धांतों का पालन किया जा सके।
×
Disclaimer
The questions posted on the site are solely user generated, Doubtnut has no ownership or control over the nature and content of those questions. Doubtnut is not responsible for any discrepancies concerning the duplicity of content over those questions.
Comprehension
दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
उस धन को व्यर्थ समझा जाए जिसे सहेज-सहेज कर दशकों तक संचित किया गया और अंत में वह न तो अपने और न ही परिजनों के काम आ सका क्योंकि उसकी अब उतनी आवश्यकता न रही। धन की भाँति जिस ज्ञान, विद्या, कौशल या विचार को इनके किरदारों ने सीलबंद कर दिया, उसका लोप हो जाना भी निश्चित है। उसके पल्लवित होने, विस्तार पाने और निखरने के आसार ख़त्म कर दिए गए। नैतिक दृष्टि से ऐसे किरदारों को अपराधी या मानवता विरोधी कहना अनुचित ना होगा क्योंकि प्रकृति के दिए गुणों का लाभ ज़रूरतमंदों तक नहीं पहुँचाया गया। सही ज्ञान वही है जिसका उपयोग समाज के हित में किया जा सके। सेवानिवृत्ति या कारोबार को तिलांजलि देने के बाद बिस्तर पकड़ लेने वाले आराम परस्त व्यक्ति नीरस, उत्साहविहीन, मशीनी जीवन बिताने को अभिशप्त इसलिए होते हैं, क्योंकि वह बाँटने के लायक ज्ञान, अनुभव और हुनर स्वयं तक सीमित रखते हैं। यह प्राकृतिक विधान के प्रतिकूल है और इसका मूल्य चुकाना पड़ता है। ऐसी प्रवृत्ति के व्यक्ति को गुमसुमी या हताशा बड़ी आसानी से लील सकती है। समाज से सायास दूरी बनाने का अर्थ है - अलग-थलग पड़कर मन से बीमार होना।
"नैतिक" शब्द में प्रत्यय है-
- इक
- ईक
- क
- तिक
Answer (Detailed Solution Below)
Option 1 : इक
Free
CT 1: Growth and Development - 1
10 Questions 10 Marks 10 Mins
सही उत्तर 'इक' है।
- "नैतिक" शब्द में इक प्रत्यय है।
- नीति + इक = नैतिक
- इक प्रत्यय से बनाने वाले अन्य शब्द:
विवरण | शब्द |
अर्थ + इक | आर्थिक |
अध्यात्म + इक | आध्यात्मिक |
क प्रत्यय से बनाने वाले शब्द:
विवरण | शब्द |
बाल+ क | बालक |
सप्त +क | सप्तक |
- प्रत्यय: वे शब्दांश, जो यौगिक शब्द बनाते समय बाद में लगते हैं। प्रत्यय कहलाते हैं।
- उदाहरण- पढ़ाई, सुंदरता आदि।
Last updated on Sep 21, 2022
The NCTE (National Council for Teacher Education) has revised the TET eligibility criteria recently and has issued a notification stating that a candidate who has been admitted or undergoing any of the Teacher Training Courses (TTC) is eligible for appearing in the TET Examination. Candidates appearing for the CTET (Central Teacher Eligibility Test) are exempted from any age limit. They have to just satisfy the required educational qualification. Candidates are qualified for the CTET exam based on their results in the written exam. The written exam will consist of Paper 1 and Paper 2 in which candidates have to score a minimum of 60% marks to qualify. Check out the CTET Selection Process here.
नैतिक में मूल शब्द क्या होगा?
नैतिक शब्द में कौन प्रत्यय लगा है?
नैतिक शब्द में मूल शब्द तथा प्रत्यय कौन सा है?
शब्द | प्रत्यय |
संवैधानिक - | संविधान + इक |
प्राथमिक - | प्रथम + इक |
नैतिक - | नीति + इक |
पौराणिक - | पुराण + इक |