इसे सुनेंरोकेंउत्तर:- वामीरो के मिलने के पश्चात् तताँरा हर-समय वामीरो के ही ख्याल में ही खोया रहता था। उसके लिए वामीरो के बिना एक पल भी गुजारना कठिन-सा हो गया था। वह शाम होने से पहले ही लपाती की उसी समुद्री चट्टान पर जा बैठता, जहाँ वह वामीरो के आने की प्रतीक्षा किया करता था। सभी लोग तताँरा की समीपता क्यों चाहते थे? इसे
सुनेंरोकेंवह नेक और मददगार था। दूसरों की सहायता करना वह अपना परम कर्तव्य समझता था। वह मुसीबत में प्रत्येक व्यक्ति की सहायता करने के लिए हमेशा तैयार रहता था। उसकी इन्हीं विशेषताओं के कारण निकोबार के लोग तताँरा को पसंद करते थे। निकोबारियों के अनुसार कार निकोबार का दूसरा टुकड़ा कहाँ है? इसे सुनेंरोकेंनिकोबारियों का मत है कि तताँरा की तलवार से कार-निकोबार के जो टुकड़े हुए, उसमें दूसरा लिटिल अंदमान है जो कार-निकोबार से आज 96 कि. मी. दूर स्थित है। इसे सुनेंरोकेंवामीरो ने तताँरा को बेरुखी से क्या जवाब दिया? उत्तर: वामीरो ने बेरुखी से तताँरा से पूछा कि वह कौन है और अजनबी होने के बावजूद उससे सवाल क्यों कर रहा है। उसने गाँव के नियम का हवाला देते हुए ये भी बताया कि दूसरे गाँव के लोगों के सवालों के जवाब देने को वो बाध्य नहीं थी। वामीरो की माँ को क्या अपमानजनक लगा और उसने क्या किया? इसे सुनेंरोकेंवामीरो की माँ को दृश्य अपमानजनक लगा था, क्योंकि वामीरो की माँ को गाँव के समक्ष अपमान
महसूस हुआ था। जब पासा गांव में पशु पर्व मेले का आयोजन हुआ तो उस मेले में ताताँरा वामीरो की बहुत दिन बाद मुलाकात हुई थी। ताताँरा वामीरो को मेले ढूंढता रहा। जैसे ही उसने वामीरो को देखा तो वामीरो उसे देखते ही रोने लगी और कुछ बोली नहीं। तताँरा वामीरो की मृत्यु से क्या परिवर्तन हुआ? इसे सुनेंरोकें1 Answer. तताँरा-वामीरो की त्यागमयी मृत्यु से निकोबार में यह परिवर्तन आया कि वहाँ लोग अब दूसरे गाँवों से भी वैवाहिक संबंध स्थापित करने लगे। दोनों की त्यागमयी मृत्यु ने लोगों की
विचारधारा में एक सुखद तथा अद्भुत परिवर्तन ला दिया तथा उनकी रूढ़िवादी परंपराएँ भी परिवर्तित हो गईं। इसे सुनेंरोकेंतताँरा बेहद नेक और मददगार युवक था, जिसे निकोबारी बेहद प्रेम करते थे। वह सदैव दूसरों की मदद के लिए तैयार रहता था। द्वीपवासियों की सेवा करना वह अपना कर्तव्य समझता था। अपने त्यागमयी स्वभाव के कारण वह सभी के आदर का पात्र था। तताँरा और वामीरो के गांव की क्या प्रथा थी? इसे
सुनेंरोकेंतताँरा और वामीरो के गाँव की क्या रीति थी? तताँरा और वामीरो के गाँव की रीति यह थी कि गाँव के लड़के-लड़कियाँ गाँववालों के साथ ही वैवाहिक संबंध बनाएँगे, गाँव से बाहर नहीं। तताँरा के लिए कौन सी बात असहनीय थी? इसे सुनेंरोकेंगाँव के लोग भी तताँरा के विरोध में आवाज उठाने लगे। यह तताँरा के लिए असहनीय था। उसे परंपरा पर क्षोभ हो रहा था और अपनी असहायता पर गुस्सा। अचानक उसका हाथ तलवार की मूठ पर जा टिका और क्रोध में उसने अपनी तलवार निकालकर धरती में घोंप दिया और अपनी पूरी ताकत लगाकर खींचने लगा। These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 10 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 12 तताँरा-वामीरो कथा. प्रश्न-अभ्यास (पाठ्यपुस्तक से) मौखिक (क)
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. लिखित (क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए| प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. (ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए- प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. (ग) निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए- प्रश्न 1. प्रश्न 2. भाषा अध्ययन प्रश्न 1. (ख) तुमने एकाएक इतना मधुर गाना अधूरा क्यों छोड़ दिया? (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक) (ग)
वामीरो की माँ क्रोध में उफन उठी। (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक) (घ) क्या तुम्हें गाँव का नियम नहीं मालूम? (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषधात्मक, विस्मयादिबोधक) (ङ) वाह! कितना सुंदर नाम है। (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक) (च) मैं तुम्हारा रास्ता छोड़ दूंगा।
(प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक) प्रश्न 2. प्रश्न
3. उत्तर प्रश्न 4. उत्तर प्रश्न 5. (ख)
फिर तेज़ कदमों से चलती हुई तताँरा के सामने आकर ठिठक गई। (संयुक्त वाक्य) (ग) वामीरो कुछ सचेत हुई और घर की तरफ़ दौड़ी। (सरल वाक्य) (घ) तताँरा को देखकर वह फूटकर रोने लगी। (संयुक्त वाक्य) (ङ) रीति के
अनुसार दोनों को एक ही गाँव का होना आवश्यक था। (मिश्र वाक्य) प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 11. (छात्र स्वयं करें) इसी प्रकार ‘बोलना’ क्रिया के विभिन्न शब्द-प्रयोग बताइए- उत्तर प्रश्न 12. नीचे दिए गए वाक्यों को पढ़िए (क) श्याम का बड़ा भाई रमेश कल आया था। (संज्ञा पदबंध) (ख) सुनीता परिश्रमी और होशियार लड़की है। (विशेषण पदबंध) (ग) अरुणिमा धीरे-धीरे चलते हुए वहाँ जा पहुँची। (क्रियाविशेषण पदबंध) (घ) आयुष सुरभि का चुटकुला सुनकर हँसता रहा। (क्रिया पदबंध)। ऊपर दिए गए वाक्य (क) में रेखांकित अंश में कई पद हैं जो एक पद संज्ञा का काम कर रहे हैं। वाक्य (ख) में तीन पद मिलकर विशेषण पद का काम कर रहे हैं। वाक्य (ग) और (घ) में कई पद मिलकर क्रमशः क्रियाविशेषण और क्रिया को काम कर रहे हैं। ध्वनियों के सार्थक समूह को शब्द कहते हैं और वाक्य में प्रयुक्त शब्द ‘पद’ कहलाता है; जैसे-‘पेड़ों पर पक्षी चहचहा रहे थे। वाक्य में पेड़ों’ शब्द पद है क्योंकि इसमें अनेक व्याकरणिक बिंदु जुड़ जाते हैं। कई पदों के योग से बने वाक्यांश को जो एक ही पद का काम करता है, पदबंध कहते हैं। पदबंध वाक्ये का एक अंश होता है। पदबंध मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं-
वाक्यों के रेखांकित पदबंधों का प्रकार बताइए- Hope given NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 12 are helpful to complete your homework. If you have any doubts, please comment below. NCERT-Solutions.com try to provide online tutoring for you. वामीरों से मिलने के बाद ततौरा के जीवन में क्या परिवर्तन आया?वामीरो से मिलने के बाद तताँरा बहुत बैचेन रहने लगा। वह अपनी सुधबुध खो बैठा। वह शाम की प्रतिक्षा करता जब वह वामीरो से मिल सके। वह दिन ढलने से पहले ही लपाती की समुद्री चट्टान पर पहुँच गया।
वामीरो की त्यागमयी मृत्यु से क्या परिवर्तन हुआ?तताँरा-वामीरो की त्यागमयी मृत्यु से निकोबार में यह परिवर्तन आया कि वहाँ लोग अब दूसरे गाँवों से भी वैवाहिक संबंध स्थापित करने लगे। दोनों की त्यागमयी मृत्यु ने लोगों की विचारधारा में एक सुखद तथा अद्भुत परिवर्तन ला दिया तथा उनकी रूढ़िवादी परंपराएँ भी परिवर्तित हो गईं।
वामीरो के तताँरा के जीवन में आने से तताँरा का जीवन कैसे और क्यों परिवर्तित हो गया?Solution : वामीरो से मिलने के बाद तताँरा के जीवन में यह परिवर्तन आया-उसका हृदय वामीरो के लिए बेचैन था। उसने किसी तरह दिन व्यतीत किया और वह शाम की प्रतीक्षा करने लगा। उसके शांत-गम्भीर जीवन में ऐसा पहली बार हुआ था। वह अचम्भित और रोमांचित था।
वामीरो से मिलने के बाद तताँरा का अगला दिन कैसे बीता?वामीरो से मिलने के बाद तताँरा ने उससे अगले दिन भी आने की याचना की थी। वह वामीरो से बिछड़कर व्यथित था। वामीरो से मिलने की प्रतीक्षा में उसका समय काटना पहाड़ के समान भारी हो रहा था। ऐसे में उसे दिन उत्साहहीन, ठंडा, नीरस और ऊबाऊ प्रतीत हो रहा था।
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