ऊर्जा प्रवाह की उपयोगिता का वर्णन - oorja pravaah kee upayogita ka varnan

खाद्य श्रृंखला

में खाद्य पदार्थों या ऊर्जा का क्रमबद्ध स्थानान्तरण होता है। पृथ्वी तक पहुँचने वाली सौर ऊर्जा का करीब एक प्रतिशत ही प्रकाशसंश्लेषण क्रिया में प्रयुक्त होता है।

ऊर्जा प्रवाह की उपयोगिता का वर्णन - oorja pravaah kee upayogita ka varnan

विभिन्न जीवों में जैविक ऊतकों के निर्माण की प्रक्रिया को जैव संश्लेषण कहते हैं। वास्तव में जैव संश्लेषण की प्रक्रिया सौर ऊर्जा या प्रकाश ऊर्जा के रासायनिक ऊर्जा में रूपांतरण को प्रदर्शित करती है। इसके विपरीत जैविक पदार्थों के विघटन एवं वियोजन की प्रक्रिया को जैव अवनयन या जैव अवक्रमण (Biodegradation) कहते हैं। इस तरह जैव अवनयन की प्रक्रिया पोषक तत्त्वों तथा रासायनिक ऊर्जा की ऊष्मा के रूप में निर्मुक्ति को प्रदर्शित करती है।

पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा का स्थानांतरण एक पोषण स्तर से दूसरे पोषण स्तर में निम्न रूप में होता है-

  • खाद्य श्रृंखला में एक पोषण स्तर से दूसरे पोषण स्तर तक हमेशा ऊर्जा का स्थानांतरण होता रहता है
  • प्रत्येक पोषण स्तर पर स्थानान्तरण के समय ऊर्जा की हानि होती है। लिंडेमान के 10% के नियम के अनुसार एक पोषण स्तर से दूसरे पोषण स्तर में मात्र 10% ऊर्जा ही स्थानांतरित होती है। इसी कारण ऊर्जा का प्रवाह एकदिशीय होता है।
  • पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा का स्थानान्तरण तथा प्रवाह एकदिशीय होता है तथा उसका चक्रण एवं पुनर्चक्रण नहीं होता है।
  • पोषण श्रृंखला में कोई जीव उत्पादक स्तर के जितना करीब होगा उसे उतनी अधिक ऊर्जा उपलब्ध होगी।

ऊर्जा प्रवाह से आप क्या समझते हैं?

खाद्य श्रृंखला में खाद्य पदार्थों या ऊर्जा का क्रमबद्ध स्थानान्तरण होता है। पृथ्वी तक पहुँचने वाली सौर ऊर्जा का करीब एक प्रतिशत ही प्रकाशसंश्लेषण क्रिया में प्रयुक्त होता है। विभिन्न जीवों में जैविक ऊतकों के निर्माण की प्रक्रिया को जैव संश्लेषण कहते हैं

पारिस्थितिकी तंत्र में ऊर्जा प्रवाह से आप क्या समझते हैं?

उत्तर- पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा प्रवाह- (Energy flow in ecosystem) — प्राणी जीवन की विभिन्न जैव क्रियाओं के संचालन के लिए ऊर्जा अति आवश्यक होती है। हमारी पृथ्वी पर ऊर्जा का एक मात्र स्रोत सूर्य का प्रकाश है। सूर्य का प्रकाश किरणों के रूप में वायुमण्डल से गुजरते हुए पृथ्वी पर आता है।

ऊर्जा का प्रवाह कितने दिशा में होता है?

ऊर्जा का प्रवाह दिशाहीन होता है क्योंकि खाद्य श्रृंखला में ऊर्जा ऊष्मा के रूप में चली जाती है।

ऊर्जा प्रवाह के प्रत्येक स्तर पर कितने प्रतिशत ऊर्जा का वास होता है?

Solution : लगभग 90 प्रतिशत