उत्कृष्ट गैसों को पृथक समूह में क्यों रखा जाता है - utkrsht gaison ko prthak samooh mein kyon rakha jaata hai

प्रश्न 74 : उत्कृष्ट गैसों को अलग समूह में क्यों रखा गया है?

उत्तर : उत्कृष्ट गैसों को अलग समूह में रखा गया, क्योंकि ये रासायनिक रूप से अक्रिय होती हैं। सभी उत्कृष्ट गैसों के बाह्यतम कोश पूर्णतः भरे होते हैं तथा इनके गुणों में समानताएँ पाई जाती हैं।

Solution : वर्ग-18 के तत्वों (He, Ne, Ar, Kr, Xe, Rn) के परमाणु का बाह्यतम कोष पूर्ण भरा होता है। अष्टक पूर्ण होने के कारण ये तत्त्व आसानी से क्रिया करके यौगिक नहीं बनाते अत: इन्हें उत्कृष्ट या अक्रिय गैस कहते हैं। मेण्डलीफ ने इन तत्वों की संयोजकता को शून्य मानकर इन्हें पृथक से शून्य वर्ग में रखा।

उत्कृष्ट गैस को पृथक समूह में क्यों रखा गया है?

उत्कृष्ट गैसों को अलग समूह में क्यों रखा गया है? उत्तर- उत्कृष्ट गैसों को अलग समूह में रखा गया, क्योंकि ये रासायनिक रूप से अक्रिय होती हैं। सभी उत्कृष्ट गैसों के बाहयतम कोश पूर्णतः भरे होते हैं तथा इनके गुणों में समानताएँ पाई जाती हैं।

उत्कृष्ट गैस निष्क्रिय क्यों होती है?

Solution : उत्कृष्ट गैसों की संयोजी कक्षा का विन्यास पूर्ण होता है जिसके कारण ये अधिक स्थायी होती हैं। इसके साथ-साथ इनकी आयनन ऊर्जा अधिकतम तथा इलेक्ट्रॉन बन्धुता शून्य होती है। इस कारण से उत्कृष्ट गैसें अक्रिय होती हैं।

उत्कृष्ट गैस क्या है किन्हीं चार उत्कृष्ट गैसों के उपयोग?

इन गैसों में हीलियम, निऑन, आर्गान, जीनॉन और रडॉन सम्मिलित हैं। ये उत्कृष्ट गैसों[1] के नाम से भी प्रसिद्ध हैं। समस्त अक्रिय गैसें रंगहीन, गंधहीन तथा स्वादहीन होती हैं। स्थिर दाब और स्थिर आयतन पर प्रत्येक गैस की विशिष्ट उष्माओं का अनुपात 1.67 के बराबर होता है, जिससे पता चलता है कि ये सब एक परमाणुक गैसें हैं।

आपको क्या लगता है कि महान गैसों को एक अलग समूह में क्यों रखा जाता है?

यह बहुत सी गैसों की विशिष्ट ऊष्मा धारिता की ठीक-ठीक व्याख्या करता है। यह श्यानता, चालकता, विसरण जैसे गैसों के मापनीय गुणों को आण्विक प्राचलों से जोड़ता है और अणुओं की आमापों एवं द्रव्यमानों का आकलन संभव बनाता है।