भारत में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों को जो वेतन प्राप्त होता है उससे सम्बंधित प्रावधान हाई कोर्ट जजेज़ (वेतन और सेवा की शर्तें) एक्ट 1954 और सुप्रीम कोर्ट जजेज़ (वेतन और सेवा की शर्तें) एक्ट 1958 में निर्दिष्ट हैं. इन अधिनियमों में कुछ संशोधन के लिए हाई कोर्ट (उच्च न्यायालय) और सुप्रीम कोर्ट (उच्चतम न्यायालय) के जज (न्यायाधीश) के लिए (सैलरी एंड कंडीशन ऑफ़ सर्विस, वेतन और सेवा की शर्तें) संशोधन विधेयक, कानून और न्याय मंत्री (लॉ एंड जस्टिस मिनिस्टर) श्री रविशंकर प्रसाद ने 21 दिसंबर, 2017 को लोकसभा में पेश किया था. अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं FREE GK EBook- Download Now. Show (i) उच्च न्यायालय के न्यायाधीश (वेतन और सेवा की शर्तें) अधिनियम, 1954; और (ii) सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश (वेतन और सेवा की शर्तें) अधिनियम, 1958. ये अधिनियम उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के वेतन और सेवा की शर्तों को विनियमित करते हैं. सैलरी - ये दो अधिनियम उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के वेतन को निर्दिष्ट करते हैं. विधेयक 1 जनवरी, 2016 से जजों के वेतन को संशोधित करने का प्रयास करता है. स्रोत - उच्च न्यायालय के न्यायाधीश (सैलरी एंड कंडीशन ऑफ़ सर्विस) अधिनियम, 1954, उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश (सैलरी एंड कंडीशन ऑफ़ सर्विस, वेतन और सेवा की शर्तें) अधिनियम, 1958, उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश (सैलरी एंड कंडीशन ऑफ़ सर्विस, वेतन और सेवा की शर्तें) संशोधन विधेयक, 2017, पीआरएस. अलाउंससेस - Free Demo ClassesRegister here for Free Demo Classes Please fill the name Please enter only 10 digit mobile number Please select course Please fill the email Something went wrong! Download App & Start Learning विधेयक 22 सितंबर, 2017 से इस भत्ते को संशोधित करने की मांग करता है. स्रोत- उच्च न्यायालय के न्यायाधीश (सैलरी एंड कंडीशन ऑफ़ सर्विस, वेतन और सेवा की शर्तें) अधिनियम, 1954, उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश (सैलरी एंड कंडीशन ऑफ़ सर्विस, वेतन और सेवा की शर्तें) अधिनियम, 1958, उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश (सैलरी एंड कंडीशन ऑफ़ सर्विस, वेतन और सेवा की शर्तें) संशोधन विधेयक, 2017, पीआरएस. Chief Ministers Salary in India ये दो अधिनियम निर्दिष्ट करते हैं कि उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बिना किसी रेंट के भुगतान के ऑफिसियल रेजीडेंस (आधिकारिक निवास) के उपयोग के हकदार होंगे. इसके अलावा, यदि न्यायाधीश इस अधिकार का उपयोग नहीं करते हैं, तो उन्हें उनके मंथली अलाउंस का 30 % मासिक भत्ता के बराबर का भुगतान किया जाएगा. बिल इस भत्ते को उनके वेतन के 24% तक संशोधित करने की मांग करता है. इसके अलावा, यह निर्दिष्ट करता है कि यह भत्ता संशोधित किया जाएगा. जब (i) वेतन का 27% जब महंगाई भत्ता (डीए) 25% से अधिक हो जाता है, और (ii) वेतन का 30% जब डीए 50% से अधिक हो. भारत में हाई कोर्ट (उच्च न्यायालय) और सुप्रीम कोर्ट (उच्चतम न्यायालय) के न्यायाधीशों का वेतन (प्रति महीने) -
अलाउंसेस (प्रति महीने) -
पेंशन सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के न्यायाधीशों की अधिकतम पेंशन (प्रति वर्ष) – List of Government Exam Topic हाई कोर्ट (उच्च न्यायालय) और सुप्रीम कोर्ट (उच्चतम न्यायालय) के जज (न्यायाधीश) के लिए (सैलरी एंड कंडीशन ऑफ़ सर्विस, वेतन और सेवा की शर्तें) संशोधन विधेयक इस भत्ते को जजों के वेतन के 24% के बराबर करने का प्रस्ताव रखता है. इसके अलावा यह संशोधन विधेयक यह प्रस्तावित करता है कि आगे इस भत्तों में इस प्रकार संशोधन किया जायेगा –
भारत के सीजेआई (चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया) की वर्त्तमान सैलरी 1,00,000/- रूपए है. भारत के सुप्रीम कोर्ट के अन्य जजों की वर्त्तमान सैलरी 90,000/-रू पए है. भारत के चीफ जस्टिस ऑफ़ हाई कोर्ट की सैलरी 90,000/- रूपए है. भारत के हाई कोर्ट के अन्य जजों की सैलरी 80,000/- रूपए है. भारत में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों को जो वेतन प्राप्त होता है उसमें संशोधन की माँग श्री रविशंकर प्रसाद ने उठाई है. इसके लिए लोकसभा में उन्होंने संशोधन विधेयक 21 दिसंबर, 2017 को पेश किया था. सर्वोच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीश का वेतन कितना होता है?सर्वोच्च न्यायालय के जजों का वेतन
सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों को मासिक वेतन 2.50 लाख रुपये मिलता है। वहीं, आतिथ्य भत्ते के रूप में प्रति माह 34,000 रुपये मिलते हैं।
सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का वेतन कितना है 2022?न्यायाधीश के लिए वेतन भत्ते अधिनियम 1 जनवरी 2009 के अनुसार उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को 2,80,000 मासिक आय और न्यायाधीश को 2,50,000 मासिक आय प्राप्त हुए है। निःशुल्क आवास, मनोरंजन कर्मी, कार और यातायात भत्ता मिलता है।
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को वेतन कौन देता है?वेतन, भत्ता और पेंशन. भारत में उच्च न्यायालय का वेतन कितना है?हाई कोर्ट जज
हाई कोर्ट के एक जज को हर माह 2,25,000 रुपये की सैलरी दी जाती है। इसके अलावा इन्हें भी सत्कार भत्ता मिलता है। इस भत्ते के रूप में इन्हें प्रतिमाह 27,000 रुपये मिलते हैं।
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