Top 5 बाणभट्ट की आत्मकथा उपन्यास किस कोटि की रचना है 2022

विशेषताएँ[संपादित करें]. सन्दर्भ[संपादित करें]. बाहरी. कड़ियाँ[संपादित करें]. . बाणभट्ट की आत्मकथा आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी रचित एक ऐतिहासिक. हिन्दी उपन्यास है। इसमें तीन प्रमुख पात्र हैं- बाणभट्ट, भट्टिनी तथा निपुणिका। इस पुस्तक का प्रथम प्रकाशन वर्ष 1946 में राजकमल प्रकाशन ने किया था। इसका नवीन प्रकाशन 1 सितम्बर 2010 को किया गया. था।[1] यह उपन्यास आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी की विपुल रचना-सामर्थ्य का रहस्य उनके विशद शास्त्रीय ज्ञान में नहीं, बल्कि उस पारदर्शी जीवन-दृष्टि में निहित है, जो युग का

Top 1: बाणभट्ट की आत्‍मकथा - विकिपीडिया

लेखक: hi.wikipedia.org - 271 रेटिंग
विवरण: विशेषताएँ[संपादित करें]. सन्दर्भ[संपादित करें]. बाहरी. कड़ियाँ[संपादित करें] बाणभट्ट की आत्मकथा आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी रचित एक ऐतिहासिक. हिन्दी उपन्यास है। इसमें तीन प्रमुख पात्र हैं- बाणभट्ट, भट्टिनी तथा निपुणिका। इस पुस्तक का प्रथम प्रकाशन वर्ष 1946 में राजकमल प्रकाशन ने किया था। इसका नवीन प्रकाशन 1 सितम्बर 2010 को किया गया. था।[1] यह उपन्यास आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी की विपुल रचना-सामर्थ्य का रहस्य उनके विशद शास्त्रीय ज्ञान में नहीं, बल्कि उस पारदर्शी जीवन-दृष्टि में निहित है, जो युग का
मिलान खोज परिणाम: बाणभट्ट की आत्मकथा आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी रचित एक ऐतिहासिक हिन्दी उपन्यास है।बाणभट्ट की आत्मकथा आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी रचित एक ऐतिहासिक हिन्दी उपन्यास है। ...

Top 2: बाणभट्ट की आत्मकथा उपन्यास - हजारीप्रसाद द्विवेदी की समीक्षा और पात्र

लेखक: gyanalay.com - 368 रेटिंग
विवरण: बाणभट्ट की आत्मकथा उपन्यास की समीक्षा बाणभट्ट की आत्मकथा उपन्यास में इतिहास और कल्पना का ऐसा सुंदर समन्वय है कि दोनों एक दूसरे के पूरक बन गए है।इसका संबंध संस्कृत के सुप्रसिद्ध कवि बाणभट्ट से है।जो कि कथात्मक शैली में लिखी गयी है।सम्पूर्ण उपन्यास बीस उच्छ्वासों में बाँटा हुआ है।बाणभट्ट की आत्मकथा उपन्यास में बाणभट्ट कालीन सातवीं शताब्दी के हर्ष युग के सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक तथा आर्थिक स्तिथि के ऐतिसाहिक तत्वों पर प्रकाश डाला. गया है।इसे हर्षकलीन सभ्यता एवं संस्कृति का एक जीवंत दस्तावेज माना
मिलान खोज परिणाम: 22 अप्रैल 2020 · बाणभट्ट की आत्मकथा द्विवेदी जी का पहला उपन्यास है।उपन्यास बीस उच्छ्वासों ...22 अप्रैल 2020 · बाणभट्ट की आत्मकथा द्विवेदी जी का पहला उपन्यास है।उपन्यास बीस उच्छ्वासों ... ...

Top 3: बाणभट्ट की आत्मकथा : भारतीय जीवनदृष्टि - IASbook

लेखक: iasbook.com - 190 रेटिंग
विवरण: बाणभट्ट की. आत्मकथा : जीवनदृष्टि. बाणभट्ट की आत्मकथा :. संरचना और शैली. विशिष्ट प्रसंग निर्मिति. नारी चेतना की अभिव्यक्ति. संस्कृति और समन्वयात्मकता ‘बाणभट्ट की आत्ककथा’ एक ऐतिहासिक उपन्यास है। इसके माध्यम से जहाँ आप अतीत के एक विशिष्ट कालखण्ड की एक मनोरम झलक देखेंगे वही दूसरी ओर अपने वर्तमान जीवन के कुछ प्रेरणाप्रद तथ्यों को भी उजागर होते हुए पाएँगे।इसे पढ़ने के बाद आप –‘बाणभट्ट की आत्मकथा’ उपन्यास की कलात्मकता से संबंधित विभिन्न बिंदुओं से परीचित हो सकेंगे,उपन्यास की कथा वस्तु की संरचना और अलंकृ
मिलान खोज परिणाम: 9 जून 2020 · 'बाणभट्ट की आत्मकथा' 1946 की रचना है। इसमें बाणभट्ट और महाराज हर्ष के एक छोटे ...प्रेम की परिकल्पना · नारी चेतना की... · संस्कृति और...9 जून 2020 · 'बाणभट्ट की आत्मकथा' 1946 की रचना है। इसमें बाणभट्ट और महाराज हर्ष के एक छोटे ...प्रेम की परिकल्पना · नारी चेतना की... · संस्कृति और... ...

Top 4: बाणभट्ट की आत्मकथा की प्रासंगिकता - IASbook

लेखक: iasbook.com - 170 रेटिंग
विवरण: प्रेम संबंधी दृष्टिकोण. सामाजिक-राजनीतिक संदर्भ. राज्याश्रय और कवि-कलाकार की स्थिति इस इकाई से पूर्व आपने ‘बाणभट्ट की आत्मकथा’ का अध्ययन किया है। इन इकाइयों में उपन्यास के कथ्य और शिल्प के अनेक पहलुओं पर विस्तार से विचार किया गया है। इस प्रक्रिया में उपन्यास के साथ ही उसमें व्यक्त उपन्यासकार की जीवन-दृष्टि इतिहास बोध समसामयिकता बोध का परिचय भी आपको मिल चुका है। इस इकाई में बाणभट्ट की आत्मकथा की समकालीन प्रासंगिकता पर वर्तमान युग की विभिन्न समस्याओं के संदर्भ में विचार किया जाएगा। जिस समय यह रचन
मिलान खोज परिणाम: 10 जून 2020 · हर्षकालीन इतिहास से सामग्री लेकर उपन्यास की रचना की गई है। उपन्यास में ...अनुपलब्ध: कोटि | यह होना ज़रूरी है:कोटि10 जून 2020 · हर्षकालीन इतिहास से सामग्री लेकर उपन्यास की रचना की गई है। उपन्यास में ...अनुपलब्ध: कोटि | यह होना ज़रूरी है:कोटि ...

Top 5: 'बाणभट्ट की आत्मकथा' उपन्यास का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य:Banbhatt Ki ...

लेखक: bhawnaonkasansar.com - 242 रेटिंग
विवरण: ‘बाणभट्ट की आत्मकथा’ उपन्यास का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य:Banbhatt Ki Aatmkatha ka Etihasik Pariprekshy ‘बाणभट्ट की आत्मकथा’ उपन्यास का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य:Banbhatt Ki Aatmkatha ka Etihasik Pariprekshy. हजारी प्रसाद द्विवेदी एक ऐतिहासिक उपन्यासकार के रूप में ही जाने जाते हैं। ‘बाणभट्ट की आत्मकथा’ उपन्यास हजारी प्रसाद द्विवेदी द्वारा लिखित पहला ऐतिहासिक उपन्यास है। इस उपन्यास का प्रकाशन 1946 में हुआ था। यह उपन्यास हर्षकालीन सभ्यता एवं संस्कृति का जीता जागता दस्तावेज है। यह उपन्यास इतिहास और कल्पन
मिलान खोज परिणाम: 19 फ़र॰ 2021 · हजारी प्रसाद द्विवेदी एक ऐतिहासिक उपन्यासकार के रूप में ही जाने जाते हैं।अनुपलब्ध: किस | यह होना ज़रूरी है:किस19 फ़र॰ 2021 · हजारी प्रसाद द्विवेदी एक ऐतिहासिक उपन्यासकार के रूप में ही जाने जाते हैं।अनुपलब्ध: किस | यह होना ज़रूरी है:किस ...