दीपक जलाते समय क्या बोलना चाहिए? - deepak jalaate samay kya bolana chaahie?

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दीपक जलाते समय कौन मंत्र बोलना चाहिए, पूजा में खंडित दीपक नहीं जलाना चाहिए

दीपक जलाते समय क्या बोलना चाहिए? - deepak jalaate samay kya bolana chaahie?

  • पूजा में घी का दीपक अपने बाएं हाथ की ओर तथा तेल का दीपक दाएं हाथ की ओर लगाना चाहिए

जीवन मंत्र डेस्क। किसी भी पूजा में दीपक जलाना अनिवार्य परंपरा है। दीपक तेल या घी के जलाए जाते हैं। दीपक जलाकर आरती की जाती है। इसके बाद ही पूजा पूर्ण होती है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार दीपक तैयार करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। जानिए दीपक से जुड़ी 5 खास बातें...

दीपक जलाते समय क्या बोलना चाहिए? - deepak jalaate samay kya bolana chaahie?

  • तेल का दीपक कहां रखना चाहिए

पूजा में देवी-देवताओं को घी का दीपक अपने बाएं हाथ की ओर तथा तेल का दीपक दाएं हाथ की ओर लगाना चाहिए। पूजन कर्म में इस बात का विशेष ध्यान रखें कि पूजा के बीच में दीपक बुझना नहीं चाहिए। ऐसा होने पर पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं हो पाता है।

दीपक जलाते समय क्या बोलना चाहिए? - deepak jalaate samay kya bolana chaahie?

  • घी के दीपक लिए रुई की बत्ती करें उपयोग

  • दीपक जलाते समय इस मंत्र का जप करना चाहिए

Deepak Mantra: हर घर में सुबह और शाम के समय दीपक जलाया जाता है. कहते हैं कि दीपक सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है. और घर में दीप जलाने से घर में नकारात्मक शक्तियां नहीं रहती. दीपक की ऊपर उठती हुई लौ हमेशा उन्नती और प्रगति का प्रतीक है. जिस तरह दीपक अंधकार को हटाने का काम करता है उसी प्रकार भगवान के आगे दीपक जलाने से जीवन का अंधकार मिटता है. जीवन से नकारात्मकता, दरिद्रता, रोग, कष्ट, पाप आदि का भी नाश होता है. दीपक जलाने से इन सभी चीजों से मुक्ति मिलती है और जीवन में हर कार्य में सफलता मिलती है. 

हिंदू धर्म में हर मांगलिक कार्य के लिए मंत्र है. कोई भी शुभ कार्य करने के दौरान इन मंत्रों का उच्चारण किया जाता है. उसी प्रकार शाम के समय घर पर दीपक जलाते समय मंत्र का उच्चारण करना चाहिए. ऐसा करने से जीवन में कल्याण होगा और लाभ मिलेगा. 

दीपक जलाने का मंत्र

शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा।

शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोस्तुते।।

दीपो ज्योति परंब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दन:।

दीपो हरतु मे पापं संध्यादीप नमोस्तुते।।

दीपक जलाते समय इस मंत्र का उच्चारण करने से कई विशेष लाभ मिलते हैं. इस मंत्र का मूल यह है कि हमने जो दीपक जलाया है, उससे हमारा शुभ हो, कल्याण हो, आरोग्य मिले, रोगों का नाश हो. इतना ही नहीं, दीपक जलाने से धन-संपदा में वृद्धि हो. हमारे जो शत्रु हैं उनकी बुद्धि का अंत हो, उनको सद्बुद्धि मिले. परमब्रह्म स्वरूप यह दीपक व्यक्ति के पापों का नाश करता है.

बता दें कि ज्योतिष शास्त्र में हर ग्रह और देवी-देवता के लिए अलग-अलग तरह के दीपक जलाने केकी बात कही गई है. दीपक में कौन-सा तेल जलाना चाहिए. किस देवता के लिए किस प्रकार का दीपक होना चाहिए. इन सबका वर्णन इसमें किया गया है. दीपक में एक मुखी, दो मुखी, तीन मुखी और चौमुखी दीपक जलाने का अपना अलग महत्व होता है. 

दीपक में तेल का भी अपना अलग महत्व होता है. तेल का संबंध ग्रहों से होता है. इसलिए देवताओं के सम्मुख विशेष तेल से दीपक जलाने की सलाह दी जाती है. शनि देव के सम्मुख सरसों के तेल का दीपक, हनुमान जी के आगे चमेली के तेल का दीपक जलाया जाता है. वहीं. मांगलिक कार्यों के लिए शुद्ध घी का दीपक जलाने की सलाह दी जाती है. 

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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हमारे हिन्दू धर्म में सदियों से पूजा पाठ का बहुत ही महत्व माना गया है और हमारे हिन्दू धर्म में लोग भगवान् पर बहुत ही भरोसा करते हैं| उनको अपना देवता मानते हैं| दोस्तों हम सब अपने घरो में रोज़ सुबह स्नान करने के बाद पूजा करर्ते हैं और अपने भगवान् से अपने सुख शांति की कामना करते हैं| हमारे धर्मों और शास्त्रों में विषम संख्या में दीपक जलाया जलाने की परम्परा हैं क्योंकि विषम संख्याओ को शुभ माना जाता है ।ऐसा माना जाता है कि दीपक प्रज्वलित करके हम अपने जीवन के अज्ञान का अंधकार मिटाकर ज्ञान का प्रकाश करते हैं ।हमारे धर्म और शास्त्र में दीपक जलाना अनिवार्य माना गया हैं। आरती करने के पश्चात दीपक जलाने से घर में सुख शांति और समृद्धि आती है । (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});

दीपक जलाते समय क्या बोलना चाहिए? - deepak jalaate samay kya bolana chaahie?

किसी भी देवी-देवता के पूजन के समय ऊर्जा को केन्द्रीभूत करने के लिए दीपक प्रज्ज्वलित किया जाता है।  

भारतीय संस्कृति में धार्मिक,सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम में दीप प्रज्ज्वलित करने की परंपरा है। ऐसी मान्यता है कि अग्निदेव को साक्षी मानकर उसकी उपस्थिति में किया गया कोई भी शुभ कार्य अवश्य सफल होता है।शास्त्रों के अनुसार अग्नि पृथ्वी पर सूर्य का परिवर्तित रूप है, इसलिए किसी भी देवी-देवता के पूजन के समय ऊर्जा को केन्द्रीभूत करने के लिए दीपक प्रज्ज्वलित किया जाता है।  

दीपक के फायदे
पूजा में घी या तेल के दीपक जलाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा दूर होकर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है,घर के सदस्यों को यश एवं प्रसिद्धि मिलती है। वास्तु नियमों के अनुसार अखंड दीपक पूजा स्थल के आग्नेय कोण में रखा जाना चाहिए,इस दिशा में दीपक रखने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है तथा घर में सुख-समृद्धि का निवास होता है। दीप ज्योति से समस्त पाप नष्ट होकर जीवन में सुख-समृद्धि,आयु,आरोग्य एवं सुखमय जीवन में वृद्धि होती। गाय के घी का दीपक जलाने से आसपास का वातावरण रोगाणु मुक्त होकर शुद्ध हो जाता है। पूजा अर्चना करते वक्त दीपक जलाने के पीछे भी यही उद्देश्य होता है कि प्रभु हमारे मन से अज्ञान रूपी अन्धकार को दूर करके ज्ञान रूपी प्रकाश प्रदान करें। जिन घरों में रोज सुबह-शाम नियमित रूप से दीपक जलाया जाता है,वहां सकारात्मक ऊर्जा सक्रिय रहती है। दीपक के धुएं से वातावरण में मौजूद हानिकारक सूक्ष्म कीटाणु नष्ट हो जाते हैं। दीपक अंधकार और नकारात्मकता को मिटाकर प्रकाश फैलाता है,इसी वजह से घर में सुबह-शाम दीपक का प्रकाश फैलाना चाहिए। इससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बना रहता है।

दीपक जलाते समय मंत्र
दीपक जलाते समय इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
मंत्र- शुभम करोति कल्याणं,आरोग्यं धन संपदाम्,शत्रु बुद्धि विनाशाय,दीपं ज्योति नमोस्तुते।

इस मंत्र का सरल अर्थ यह है कि शुभ और कल्याण करने वाली,आरोग्य और धन संपदा देने वाली,शत्रु बुद्धि का विनाश करने वाली दीपक की ज्योति को नमस्कार है।

कैसे और कहां जलाएं दीपक
दीपक जलाते समय उसे कभी भी सीधे जमीन पर नहीं रखना चाहिए। दीपक रखने के लिए पहले किसी अन्न जैसे जौ,चावल या गेहूं की ढेरी बना लें उसके ऊपर दीपक रखें। ध्यान रखें कि पूजा के बीच में दीपक बुझना नहीं चाहिए। दीपक देवी-देवताओं की प्रतिमा के ठीक सामने लगाना शुभ माना गया है। ध्यान रखें कि यदि मिटटी का दीप जला रहें हैं तो दीप साफ़ हो और कहीं से टूटे हुए न हो।किसी भी पूजा में टूटा हुआ दीपक अशुभ और वर्जित माना गया है।

दीप जलाते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?

दीप जलाते समय इस मंत्र को बोलना चाहिए | dip jalane ka mantra: 'शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा। शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोऽस्तु ते।। दीपो ज्योति परं ब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दन:।

घर में पूजा करते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?

पूजा में क्षमा मांगने के लिए बोला जाता है ये मंत्र आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्। पूजां चैव न जानामि क्षमस्व परमेश्वर॥ मंत्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं जनार्दन। यत्पूजितं मया देव!

दीपक कैसे चलाना चाहिए?

कैसे जलाते हैं आप दीपक, ध्यान रखें, सही दिशा में होनी चाहिए दीपक....
दीपक की लौ पूर्व दिशा की ओर रखने से आयु में वृद्धि होती है।.
दीपक की लौ पश्चिम दिशा की ओर रखने से दु:ख बढ़ता है।.
दीपक की लौ उत्तर दिशा की ओर रखने से धनलाभ होता है।.
दीपक की लौ दक्षिण दिशा की ओर रखने से हानि होती है।.

शाम का दीपक कितने बजे जलाना चाहिए?

दीपक जलाने का सही समय और दिशा क्या है पूजा के दौरान दीपक जलाने के लिए सर्वोत्तम समय सुबह 5 बजे से 10 बजे तक और शाम को 5 बजे से 7 बजे के बीच में जलाना शुभ है. दीपक पूर्व दिशा की ओर या उत्तर दिशा की ओर रखना शुभ माना जाता है.