तांबे के बर्तन में पानी कौन से महीने में पीना चाहिए? - taambe ke bartan mein paanee kaun se maheene mein peena chaahie?

Copper Water Benefits: तांबे के बर्तन में रखा पानी सेहत के लिए बहुत लाभकारी होता है. यह हमारे देश की एक प्राचीन परंपरा का अंग भी है और आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धिति का भाग भी. तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से उन कई बीमारियों से छुटकारा मिलता है, जो दूषित पानी पीने से होती हैं. जैसे, लूज मोशन, पेट दर्द, डायरिया इत्यादि. तांबे का पानी पीने से शरीर में कॉपर की कमी भी नहीं होती है. आपको किस समय पर तांबा युक्त पानी नहीं पीना चाहिए, इस पानी के क्या फायदे होते हैं और इसे पीने की विधि क्या है, ये सभी जरूरी बातें यहां बताई गई हैं...

कब नहीं पीना चाहिए कॉपर वॉटर?

तांबे के बर्तन में रखा गया पानी कभी भी भोजन करने के बाद नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से आपके पाचन पर बुरा असर पड़ सकता है. पाचन धीमा हो सकता है या पेट दर्द की समस्या भी हो सकती है. तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने का सबसे सही समय होता है सुबह खाली पेट. आप सुबह उठकर यूरिन पास करने और मुंह धोने के बाद सबसे पहले तांबे के बर्तन में रातभर रखा गया पानी पिएं.

तांबे के बर्तन में पानी कितने समय रखें?

तांबे के बर्तन में रखे पानी का लाभ पाने के लिए आप इस पानी को 12 से 48 घंटे तक तांबे की जग या लौटे में स्टोर करके रखें और फिर सुबह खाली पेट इसका सेवन करें. यदि आप पूरे दिन तांबे के बर्तन में पानी पीना चाहते हैं तो इसमें कोई बुराई नहीं है. लेकिन यह पानी ताजा भरा हुआ होना चाहिए. रातभर का रखा हुआ नहीं. क्योंकि रखा हुआ पानी आप सिर्फ सुबह खाली पेट ही पी सकते हैं.

तांबे का पानी पीने के नुकसान क्या हैं?
यूं तो तांबे के बर्तन में रखे पानी को पीने के कोई नुकसान नहीं हैं. लेकिन जब आप लंबे समय तक और अधिक मात्रा में या फिर गलत विधि से इस पानी का सेवन करते हैं तो शरीर में तांबे की मात्रा अधिक होने की समस्या हो सकती है. ऐसा होने पर आपको जी मिचलाना, उल्टियां आना, पेट में दर्द होना या डायरिया जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं. अगर आप इन लक्षणों को अनदेखा करते हैं और पानी का सेवन जारी रखते हैं तो यह लिवर की खराबी और किडनी की बीमारी का कारण भी बन सकता है.

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें. 

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तांबे का पानी कितने दिनों तक पीना चाहिए?

पूरे साल तांबे का पानी पीना ठीक नहीं, शरद ऋतु तक चांदी और सर्दियों में तांबे के बर्तन का पानी फायदा करेगा हम सभी ने 200 साल पुराने मंदिर और किले तो देखें हैं लेकिन अस्पताल नहीं। इसका कारण सीधा सा है कि 200 साल पहले अस्पताल थे ही नहीं।

तांबे के बर्तन में रखा पानी कब कब पीना चाहिए?

तांबे के बर्तन में रखा गया पानी कभी भी भोजन करने के बाद नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से आपके पाचन पर बुरा असर पड़ सकता है. पाचन धीमा हो सकता है या पेट दर्द की समस्या भी हो सकती है. तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने का सबसे सही समय होता है सुबह खाली पेट.

क्या हम पूरे दिन तांबे का पानी पी सकते हैं?

सुबह खाली पेट तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है। वैज्ञानिक शोधों में भी तांबे के स्वास्थ्य गुणों को प्रमाणित किया जा चुका है। हालांकि गलत तरीकों का इस्तेमाल कर तांबे के बर्तन में पानी पीना सेहत के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है।

तांबे का पानी कौन से मौसम में पीना चाहिए?

बरसात का मौसम : बरसात के मौसम में बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं इसीलिए इस मौसम में हमारे प्राचीन ऋषि-मुनि तांबे के बर्तन या घड़े में पानी पीने की सलाह देते हैं। तांबा अनावश्यक बैक्टीरिया को मारकर पानी को शुद्ध कर देता है।