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सूर्यास्त के पहले भोजन कर लेना चाहिए, इस परंपरा के पीछे है वैज्ञानिक कारण
रिलिजन डेस्क. जैन धर्म में भी अनेक परंपराओं की पालन किया जाता है। इनमें से एक परंपरा ये भी है सूर्यास्त के बाद भोजन नहीं करना चाहिए यानी रात में खाना खाने से बचना चाहिए। सूर्यास्त के बाद भोजन न करने के पीछे अहिंसा और स्वास्थ्य दो प्रमुख कारण है, जो इस प्रकार है...
हिंदी न्यूज़ धर्मChhath Puja 2022 : भगवान सूर्य के उदय होते ही छंट जाता है संसार का अंधेरा, जानिए सूर्य को अर्घ्य देने की विधि Chhath Puja 2022 : वैदिक काल से सूर्योपासना अनवरत चली आ रही है। ज्योतिषाचार्य पंडित वागीश्वरी प्रसाद द्विवेदी ने कहा कि भगवान सूर्य के उदय होते ही संपूर्ण जगत का अंधकार नष्ट हो जाता है और चारों ओर प्रAlakha Singhकार्यालय संवाददाता,भभुआSat, 29 Oct 2022 07:07 PM Chhath Puja 2022 : वैदिक काल से सूर्योपासना अनवरत चली आ रही है। ज्योतिषाचार्य पंडित वागीश्वरी प्रसाद द्विवेदी ने कहा कि भगवान सूर्य के उदय होते ही संपूर्ण जगत का अंधकार नष्ट हो जाता है और चारों ओर प्रकाश फैल जाता है। सूर्य देवता सृष्टि के महत्वपूर्ण आधार हैं। सूर्य की किरणों को आत्मसात करने से शरीर और मन स्फूर्तिवान होता है। नियमित सूर्य को अर्घ्य देने से हमारी नेतृत्व क्षमता में वृद्धि होती है। बल, तेज, पराक्रम, यश एवं उत्साह बढ़ता है। सूर्य को जल देने की विधि पर उन्होंने कहा कि सूर्य देव को जल अर्पित करने का सबसे पहला नियम यह है कि उनके उदय होने के एक घंटे के अंदर उनको अर्घ्य देना चाहिए। नियमित क्रियाओं से मुक्त होकर और स्नान करने के बाद ही ऐसा किया जाना चाहिए। सूर्य को जल देते समय आपका मुख पूरब दिशा की ओर ही होना चाहिए। अगर कभी पूरब दिशा की ओर सूर्य नजर ना आएं तब ऐसी स्थिति में उसी दिशा की ओर मुख करके ही जल अर्घ्य दे दें। सूर्य को जल देते समय आप उसमें पुष्प और अक्षत (चावल) मिला सकते हैं। अगर आप सूर्य मंत्र का जाप भी करते रहेंगे तो आपको विशेष लाभ प्राप्त होगा। उन्होंने बताया कि लाल वस्त्र पहनकर सूर्य को जल देना ज्यादा प्रभावी माना गया है, जल अर्पित करने के बाद धूप, अगबत्ती से पूजा भी करनी चाहिए। अर्घ्य देते समय हाथ सिर से ऊपर होने चाहिए। ऐसा करने से सूर्य की सातों किरणें शरीर पर पड़ती हैं। सूर्य देव को जल अर्पित करने से नवग्रह की भी कृपा रहती है। मनोवांछित फल पाने के लिए प्रतिदिन ‘ऊं ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा’ मंत्र का उच्चारण करना चाहिए। तांबे के पात्र का करें प्रयोग सूर्य अर्घ्य देने की विधि : क्या हैं सूर्य कृपा पाने के फायदे : सूर्योदय से ठीक पहले क्या होता है?सुबह सूर्योदय के समय सभी दैवीय शक्तियां जागृत हो जाती हैं। जिस प्रकार सूर्य की पहली किरण से फूल खिल जाते हैं, ठीक इसी प्रकार सुबह-सुबह की सूर्य की किरणें हमारे शरीर के लिए भी बहुत फायदेमंद होती हैं। सुबह के समय सूर्य की किरणें हमारी त्वचा को लाभ पहुंचाती है, इन किरणों से त्वचा की चमक बढ़ती है।
सूर्य उदय से पूर्व उठने क्यों आवश्यक है?सुबह जब हम उठते हैं तो शरीर तथा मस्तिष्क में भी स्फूर्ति व ताजगी बनी रहती है। प्राचीन भारत में ऋषि-मुनियों ने सूर्योदय से पहले जागने और नहाने की परंपरा को स्थापित किया था। मान्यता है कि इस नियम के पालन से हमारे व्यक्तित्व का तेज बढ़ता है। सुख-समृद्धि बढ़ती है और स्वास्थ्य बेहतर रहता है।
सूर्य उदय होने से क्या होता है?वेदों में सूर्य को जगत की आत्मा कहा गया है, इसलिए सूर्य उदय होने पर हमारी प्रकृति में सकारात्मक परिवर्तन होते हैं। इसके फलस्वरुप वातावरण प्रकाशमय होता है साथ ही सात्विक ऊर्जा का भी संचार होता है।
सूर्य उदय कितने बजे है?सूर्योदय 06:40, खगोलीय दोपहर: 12:05, सूर्यास्त: 17:30, दिन की अवधि: 10:50, रात की अवधि: 13:10.
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