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शब्द किसे कहते हैं? परिभाषा, प्रकार/भेद, उदाहरणइस लेख में हम शब्द विचार के विषय में जानेंगे। शब्द से सम्बंधित विभिन टॉपिक को यहाँ पर विस्तृत रूप से बताया गया हैं जैसे :- इत्यादि के विषय में यहाँ पर बताया गया है। शब्द किसे कहते हैं?
अन्य लेख भी पढ़े :-📌 पासवर्ड को हिंदी में क्या कहते हैं? शब्द की परिभाषा :-दो या दो से अधिक वर्णों के सार्थक मेल को शब्द कहते हैं। शब्द के दो भेद हैं। (1) सार्थक शब्द 1. सार्थक शब्द :- जिन शब्दों के अर्थ ग्रहण किए जाते हैं, उन्हें सार्थक शब्द कहते हैं। जैसे :- सब्जी, दूध, रोटी, पानी, सामने, पता इत्यादि 2. निरर्थक शब्द :- जिन शब्दों के अर्थ ग्रहण नहीं किए जाते, उन्हें निरर्थक शब्द कहते हैं। इन शब्दों का प्रयोग सदैव सार्थक शब्दों के साथ ही होता
हैं। जैसे :- अता, आमने, ताछ, वाय शब्द के भेद / शब्द का वर्गीकरण :-शब्द की उत्पत्ति या स्रोत, रचना या बनावट, प्रयोग तथा अर्थ के आधार पर निम्न भागो में बांटा गया है। (अ) अर्थ के आधार पर : –अर्थ के आधार पर शब्द को निम्न भागों में बांटा गया है। (1) एकार्थी शब्द :-जहां शब्द का एक ही अर्थ ग्रहण किया जाता हैं, उन्हें एकार्थी शब्द कहते है। जैसे :- सड़क, जूता, नदी,आदमी (2) अनेकार्थी शब्द :-जिन शब्दों के एक से अधिक अर्थ ग्रहण किए जाते हैं, उन्हें अनेकार्थी शब्द कहते है । जैसे :- हार, कर, कनक, व्यंजन (3) पर्यायवाची शब्द :-पर्यायवाची शब्द किसे कहते हैं :- वे शब्द जिनका अर्थ समान होता है। अर्थात एक ही शब्द के अनेक समानार्थी शब्द पर्यायवाची शब्द कहलाते हैं। (4) विलोम शब्द :-विलोम शब्द किसे कहते हैं :- वे शब्द जो एक दूसरे का विपरीत अर्थ देते हैं, उन्हे विलोम शब्द कहते हैं। (ब) बनावट / रचना/ व्युत्पत्ति के आधार पर :–1. रूढ़ शब्द :- जिन शब्दों के सार्थक खंड नहीं किए जा सकते, उन्हें रूढ़ शब्द कहते हैं। इन्हें मूल शब्द भी कहते हैं। जैसे – घर, नदी, किताब 2. यौगिक शब्द :- जिन शब्दों के सार्थक खंड या टुकड़े किए जा सकते हैं, उन्हें यौगिक शब्द कहते हैं। इन शब्दों का निर्माण तीन प्रकार से किया जा सकता है । उपसर्ग द्वारा, प्रत्यय द्वारा, समास द्वारा जैसे :- अपमान, रसोईघर, माता – पिता 3. योगरूढ शब्द :- जिन शब्दों के सार्थक टुकड़े तो किए जा सकते हैं। अर्थात जो यौगिक तो होते है। परंतु अर्थ ग्रहण करने के लिए उन्हें एक करना पड़ता हैं। अर्थात रूढ़ करना पड़ता है, उन्हे योग रूढ़ शब्द कहते है। जैसे – लंबोदर, जलज, दशानन (स) उत्पत्ति/ स्रोत/ इतिहास के आधार पर :-(1) तत्सम शब्द किसे कहते हैं :-तत्सम शब्द ‘तत्+ सम’ के योग से बना हैं, जिसका शाब्दिक अर्थ हैं ‘उसके समान’ । अर्थात जो शब्द संस्कृत भाषा से ज्यों के त्यों हिंदी भाषा में ग्रहण कर लिए गए, उन्हे तत्सम शब्द कहते है। जैसे :- यूथ, घृत, रक्षा, रात्रि, चंद्रिका, अग्नि, दुग्ध (2) तद्भव शब्द किसे कहते हैं :-तद्भव शब्द ‘तत्+ भव ‘ के योग से बना हैं, जिसका शाब्दिक अर्थ है ‘उससे जन्म’ अर्थात जो शब्द संस्कृत भाषा से हजारों वर्षो की यात्रा के बाद हिंदी भाषा में परिवर्तित रूप में ग्रहण किए गए हैं। तद्भव शब्द कहते हैं। जैसे :- जूथ, घी, राखी, रात, चांदनी, आग,दूध 3. देशज शब्द :- देशज शब्द किसे कहते हैं :- जिन शब्दों को हिंदी भाषा ने अपनी छेत्रीय भाषाओं से ग्रहण किया है, उन्हे देशज शब्द कहते हैं। इन शब्दों के लिखित स्रोत नहीं मिलते हैं। जैसे :- पाग, रिंगडा, जूता, डाभ, छाती, खिचड़ी, बाजरा 4. विदेशी शब्द :- जो शब्द हिंदी भाषा ने विदेशी भाषाओं से ग्रहण किए गए हैं, उन्हे विदेशी शब्द कहते हैं। 1. अरबी :- अल्लाह, इरादा, इशारा, ईमान, किताब, जिला, तहसील, नकद, हलवाई, अखबार, अदालत, आइना, इंतजार, इंसाफ, इम्तहान, इस्तीफा, औरत,कब्र, कसाई, कानून। 2. फारसी :- अमरूद, आमदनी, असमान, आदमी, कारीगर, कारोबार, खुशामद, गवाह, गुब्बारा,चिराग, चिलम, जंजीर, जमीन, जहर, जानवर, जलेबी, जुकाम, तराजू, दर्जी। 3. तुर्की :- उर्दू, काबू, कुली, कुरता, कैंची, चाकू, चेचक, चम्मच, तोप, बंदूक, बारूद, बेगम, बहादर, लाश, सौगात, सराय, भड़ास, खच्चर, चोंगा, बीबी, तमगा, तमचा। 4. पुर्तगाली :- आलपिन, इस्पात, गमला, चाबी, तौलिया, नीलगाय, पपीता, पादरी, फीता, बाल्टी, मिस्त्री, संतरा, साबुन, काजू, गोभी, परात, बिस्कुट,बोतल, कप्तान, कमरा, कनस्तर, आलू। 5. अंग्रेजी :- कोट, फीस, अपील, पुलिस, टैक्स, ऑफिस, डॉक्टर, स्कूल, पेन, इंच, रेल बटन इत्यादि। (द) रूप/ प्रयोग के आधार पर :-(1) विकारी शब्द किसे कहते हैं? :-जिन शब्दों के रूप में लिंग, वचन, कारक, पुरुष, काल के द्वारा, परिवर्तन किया जा सकता है, उन्हें विकारी शब्द कहते हैं। विकारी शब्द के 4 भेद हैं :- (1) संज्ञा (2) अविकारी शब्द किसे कहते हैं? :-जिन शब्दों के रूप में लिंग, वचन, कारक, पुरुष व काल के हिसाब द्वारा कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकता उन्हें अविकारी शब्द कहते हैं। अविकारी शब्द के चार भेद हैं :- (1) क्रिया विशेषण हिंदी व्याकरण के अन्य टॉपिक :- संधि किसे कहते हैं ? संधि के प्रकार शब्द शुद्धि
(i) तत्सम शब्दों में (ii) तद्भव शब्दों में अंधकार अँधेरा गांधी गाँधी पंच पाँच ग्रंथि गाँठ चंद्रिका चाँदनी चंद्र चाँद (ii) स्वर के पीछे स्वर के साथ
(iii) अनुस्वार का रूप परिवर्तित
(iv) उच्चारण- नाक से मुख + नासिका
मरु-मरू गुरु-गुरू गुरूपदेश-गुरुपदेश मरूद्यान- मरुद्यान
पंचांग- (पंच+अंग)-(पञ्चाड्.ग) भयंकर, आतंक, संलग्न/संलग्न, अनुषंग, कंटक संबंध= (पंचवर्ण रूप-संबंध,) कलंक, पंत, पतंजलि
इकाई/इकाइयाँ हिन्दू/हिन्दुओं मंत्री/मंत्रियों भालू-भालुओं भारतीय-भारतीयों दवाई-दवाइयाँ संन्यासी-संन्यासियों प्राणी-प्राणियों स्वामी-स्वामियों विद्यार्थी-विद्यार्थियों
राम ने, रावण को, बाण से, सीता के लिए, लंका में सेवा में (सम्मान जनक संकेत-पत्रों में)
हमने,हमारा, हमसे, उसने, मैंने, उसकों, हमपर, उसपर, मुझपर यदि सर्वनाम के साथ दो कारक चिह्न आये, तो पहले वाला साथ में और दूसरा वाला अलग से। – उसके लिए, हमारे लिए, तुम्हारे लिए
ड- ट वर्ग का तीसरा वर्ण ड.- क वर्ग का पंचम वर्ण (i) उत्क्षिप्त व्यंजनों से कोई शब्द शुरू ही नहीं होता। ढाणी/ढ़ाणी ढोल/ढ़ोल ढक्कन/ढ़क्कन (ii) उत्क्षिप्त व्यंजनों का प्रयोग शब्द के मध्य/अंत में होता है। सड़क गढ़ लड़का पढ़ाई मारवाड़ लड़का लकड़ी (iii) अनुनासिक व अनुस्वार के साथ उत्क्षिप्त व्यंजनों का प्रयोग नहीं होता। मेंढक/मेंढ़क, दंड ढुँढना, खांड अपवाद- सूँड़ , मुँड़ेर (iv) उत्क्षिप्त व्यंजनों के साथ हल (्) का प्रयोग नहीं होता। धनाड्.य/धनाढ्य /धनाढ़्य गुणाढ्य/गुणाढ़्य पाड्य/पाड्.य (v) अंग्रेजी शब्दों में उत्क्षिप्त व्यंजनों का प्रयोग नहीं होता। रोड/रोड़ रेडियो/रेड़ियो मैडम/मैड़म
(i) चाहिए अर्थ वाली धातुओं में ‘ए’ आता है ये नहीं कीजिए, लीजिए, दीजिए, पधारिए, बैठिए पीजिए। (ii) भूतकाल, एकवचन, पुल्लिंग धातु के अंत में ‘या’ आये तो बहुवचन बनाने पर ‘या’ के स्थान पर ‘ये’ स्त्रीलिंग बनाने पर ‘या’ के स्थान पर ‘यी’ हो जाता है। गया- भूतकाल, एकवचन, पुल्लिंग गये, गयी (iii) भूतकाल, एकवचन, धातु के अंत में ‘आ’ आये तो बहुवचन बनाने पर ‘आ’ के स्थान पर ‘ए’ हो जाता है और स्त्रिलिंग बनाने पर ‘आ’ के स्थान पर ‘ई’ हुआ, हुए, हुई।
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शब्द की क्या परिभाषा है?उतर :- दो या दो से अधिक वर्णों के सार्थक मेल को शब्द कहते हैं। शब्द के दो भेद हैं। शब्द किसे कहते हैं यह कितने प्रकार के होते हैं?उतर :- सार्थक ध्वनि का समूह ही शब्द कहलाता हैं। यह विभिन प्रकार के होते हैं। यदि आपको यह लेख “शब्द किसे कहते हैं? शब्द की परिभाषा और प्रकार/भेद, शब्द विचार Shabd kise kahate hain” पसंद आया तो अपने मित्रो के साथ शेयर करे। स्रोत के आधार पर शब्द के कितने भेद होते हैं?स्रोत या इतिहास के आधार पर शब्द (Shabd Bhed) के पाँच भेद होते हैं।
शब्दों को कितने भागों में बांटा गया है?Answer: उत्पत्ति के आधार पर शब्द के 4 भेद है - तत्सम, तद्भव, देशज, विदेशी। प्रयोग के आधार 8 भेद होते है - संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, क्रिया - विशेषण, संबंध बोधक, समुच्चय बोधक तथा विस्मयादि बोधक। इन 8 प्रकार के शब्दों को विकार की दृष्टि से दो भागों में बंटा गया है - विकारी और अविकारी।
स्त्रोत या उत्पत्ति के आधार पर शब्दों के चार भेद कौन से हैं?इनमें संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया विकारी शब्द हैं। जिन शब्दों के रूप में कभी कोई परिवर्तन नहीं होता है वे अविकारी शब्द कहलाते हैं। जैसे-यहाँ, किन्तु, नित्य, और, हे अरे आदि। इनमें क्रिया-विशेषण, संबंधबोधक, समुच्चयबोधक और विस्मयादिबोधक आदि हैं।
उत्पत्ति की दृष्टि से शब्द कितने प्रकार के होते हैं?उत्पत्ति के आधार पर शब्दों के भेद:. तत्सम. विदेशी/आगत. |