संरचनात्मक उपागम का अन्य नाम क्या है? - sanrachanaatmak upaagam ka any naam kya hai?

विषयसूची

  • 1 संरचनात्मक उपागम क्या है इसकी उपयोगिता एवं सीमाओं की विवेचना कीजिए?
  • 2 संरचनात्मक उपागम से आप क्या समझते हैं?
  • 3 संरचनावाद से क्या तात्पर्य समझाइए?
  • 4 व्यवस्था उपागम क्या है?

संरचनात्मक उपागम क्या है इसकी उपयोगिता एवं सीमाओं की विवेचना कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंसंरचनात्मक-प्रकार्यात्मक उपागम इकाई का विश्लेषण करने की वह पद्धति है जिसमें यह देखने का प्रयास किया जाता है कि इस इकाई के विभिन्न अंग या भाग कौन-से हैं, वे किस प्रकार से व्यवस्थित हैं तथा प्रत्येक अंग सम्पूर्ण इकाई की निरन्तरता एवं अस्तित्व बनाए रखने के लिए क्या भूमिका निभा रहा है।

संरचनात्मक उपागम से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंसरचनात्मक प्रकार्यवाद (Structural functionalism) या केवल प्रकार्यवाद समाजशास्त्र की प्रमुख अवधारणा है। समाजशास्त्र में प्रकार्यवादी सिद्धान्त के जनक इमाइल दुर्खिम को माना जाता है जिन्होंने यह बताया था कि समाज में एकता बनाए रखने के लिए धर्म, नैतिक आधार प्रदान करता है। …

संरचनात्मक सिद्धांत क्या है?

इसे सुनेंरोकेंनृविज्ञान और सामाजिक नृविज्ञान में संरचनात्मक सिद्धांत के अनुसार अर्थ एक संस्कृति के अन्दर विभिन्न तरीकों, घटनाओं और गतिविधियों के माध्यम से उत्पादित और पुनरुत्पादित होता है, जिसका महत्वपूर्ण प्रणालियों के रूप में प्रयोग किया जाता हैं।

संरचनावाद से क्या तात्पर्य समझाइए?

इसे सुनेंरोकें(स्ट्रक्चरलिज्म) मानव विज्ञान की एक ऐसी पद्धति है जो संकेत विज्ञान (यानी संकेतों की एक प्रणाली) और सहजता से परस्पर संबद्ध भागों की एक पद्धति के अनुसार तथ्यों का विश्लेषण करने का प्रयास करती है। तीसरा, संरचनावादी ‘संरचनात्मक’ नियमों में ज्यादा रूचि लेते हैं जो बदलाव की जगह सह-अस्तित्व से संबंधित होते हैं। …

व्यवस्था उपागम क्या है?

इसे सुनेंरोकेंव्यवस्था उपागम प्रबन्धन के विभिन्न पहलुओं को एक ही व्यवस्था के रूप में देखता है। प्रत्येक व्यवस्था अनेक भागों में विभाजित रहती है। प्राय संगठनों में अलग अलग प्रभागों का निर्माण इसीलिए किया जाता है। ये सभी भाग एक दूसरे पर निर्भर रहकर कार्य करते है तथा एक साथ मिलकर व्यवस्था का निर्माण करते है।

इसे सुनेंरोकेंसंरचनात्मक-प्रकार्यात्मक उपागम कुछ मान्यताओं पर आपत है- (प्रत्येक व्यवस्था में संरचनाएँ होती है। 1) प्रत्येक संरचना के निर्धारित कार्य है। (iii) संरचनाओं द्वारा किए गए कार्यों का महत्त्व व्यवस्था के कार्यों के परिप्रेक्ष्य में ही है। (iv) व्यवस्था के अंग केम्प में ही इन कार्यों का महत्व है।

'संरचनात्मक उपागम' से शिक्षण में एफ०ज़ी० फ्रेंच ने तीन सिद्धान्त दिए हैं, ये क्रमश: हैं

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REET 2021 Level 1 (Hindi-I/English/Sanskrit) Official Paper

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  1. वाचन पर बल देना, भाषायी आदतों का विकास करना, छात्रों की क्रियाशीलता
  2. लिपि पर बल देना, छात्रों कौ क्रियाशीलता, भाषायी आदतों का विकास
  3. अक्षरों की बनावट पर बल भाषायी आदतों का विकास, वाचन पर बल
  4. क्रियाशीलता, वर्णों पर विचार छात्रों का भाषा संबंधी ज्ञान

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : अक्षरों की बनावट पर बल भाषायी आदतों का विकास, वाचन पर बल

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10 Questions 10 Marks 10 Mins

संरचनात्मक पद्धति- यह विधि नई पद्धति तथा श्रव्य-मौखिक पद्धति के रूप में जानी जाती है। यह पद्धति डाइरेक्ट मैथड के सुधार के रूप में उपयोग की जाती है। इस पद्धति में संरचना का समावेश होता है और ये संरचना या शब्दों का चुनाव तथा वर्गीकरण के अनुसार सिखाये जाते हैं। विद्यार्थियों को 275 graded structures और 3000 मूल शब्दों पर महारत हासिल करनी होती है।

Important Points

प्रो. एफ. जी. फ्रेंच के अनुसार 'संरचनात्मक उपागम' के सिद्धांत निम्न प्रकार है -

  • विद्यार्थियों को भाषा की पद्धति की आदत डालनी होगी।
  • विद्यार्थियों की गतिविधि अध्यापक की गतिविधि से ज्यादा महत्वपूर्ण होगी।
  • लक्ष्य भाषा का आधार मौखिक कार्य को मजबूत करना है।
  • भाषा की संरचना हावी होते है उन्हें सीखाया जाता है, अभ्यास किया जाता है तथा दिमाग में फिक्स रखा जाता है।
  • नाटकीय रूपांतरण के द्वारा अर्थपूर्ण स्थितियाँ भाषा कौशल को पढ़ाने के लिए बनायी जाती है।
  • अध्यापक एक समय में भाषा का एक शब्द वर्ग सिखाता है।
  • यह भाषा शिक्षण का उपागम है जो वाक्यों के ढांचे या पैटर्न की महारत पर जोर देता है जो वाक्य निर्माण में मदद करता है।
  • इस उपागम में पढ़ाई जाने वाली सामग्री का चयन और ग्रेडिंग शामिल है।

अतः हम कह सकते हैं कि 'संरचनात्मक उपागम' से शिक्षण में एफ०ज़ी० फ्रेंच ने तीन सिद्धान्त दिए हैं, ये क्रमश: हैं, अक्षरों की बनावट पर बल भाषायी आदतों का विकास, वाचन पर बल।

Last updated on Dec 7, 2022

CTET Application Correction Window was active from 28th November 2022 to 3rd December 2022. The detailed Notification for  CTET (Central Teacher Eligibility Test) December 2022 cycle was released on 31st October 2022. The last date to apply was 24th November 2022. The CTET exam will be held between December 2022 and January 2023. The written exam will consist of Paper 1 (for Teachers of class 1-5) and Paper 2 (for Teachers of classes 6-8). Check out the CTET Selection Process here. Candidates willing to apply for Government Teaching Jobs must appear for this examination.

संरचनात्मक उपागम का दूसरा नाम क्या है?

Detailed Solution. संरचनात्मक पद्धति- यह विधि नई पद्धति तथा श्रव्य-मौखिक पद्धति के रूप में जानी जाती है।

संरचनात्मक उपागम क्या है?

संरचनात्मक उपागम क्या है? - Quora. इस उपागम में यह तो बताया गया है कि एक संरचना में परिवर्तन आने से इसकी सम्पूर्ण व्यवस्था पर प्रभाव पड़ता है। परन्तु इस प्रकार के परिवर्तनों से अन्यत्र आने वाले परिवर्तनों और प्रभावों की मात्रा, तीव्रता और प्रकटित का ज्ञान प्राप्त करने का कोई साधन नहीं बताया है।

संरचनात्मक प्रकार्यात्मक उपागम का क्या अर्थ है?

संरचनात्मक-प्रकार्यात्मक उपागम कुछ मान्यताओं पर आधृत है- (1) प्रत्येक व्यवस्था में संरचनाएँ होती हैं। (ii) प्रत्येक संरचना के निर्धारित कार्य है। (iii) संरचनाओं द्वारा किए गए कार्यों का महत्त्व व्यवस्था के कार्यों के परिप्रेक्ष्य में ही है।

किसका नाम संरचनात्मक प्रकार्यात्मक उपागम से संबंधित है?

सरचनात्मक प्रकार्यवाद (Structural functionalism) या केवल प्रकार्यवाद समाजशास्त्र की प्रमुख अवधारणा है। प्रकार्यवादी सोच को विकसित करने वाले समाजशास्त्रियों में जिन दो विचारकों को महत्वपूर्ण माना जाता है उसमें दुर्खिम (1858-1917) तथा टालकाट पार्सन्स (1902-1979) प्रमुख रहे हैं।

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