संपत्ति कितने प्रकार के होते हैं? - sampatti kitane prakaar ke hote hain?

घर या कोई प्रॉपर्टी खरीदने से पहले हर इंसान तमाम जानकारियां इकट्ठा करता है। करे भी क्यों न? आखिर वह अपनी जीवन की सारी जमा पूंजी लगाकर घर या प्रॉपर्टी खरीद रहा होता है। कई बार तो उसे किसी एक्सपर्ट की सलाह की जरूरत भी पड़ती है। अचल और चल संपत्ति के बीच अंतर (Difference between Immovable and Movable Property), और आपकी संपत्ति किस कटेगरी में आती है? आदि कुछ ऐसी ही जानकारियां हैं जो हर किसी को मालूम होनी चाहिए। लेकिन, इसके लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह की जरूरत नहीं है। तो चलिए समझते हैं..... 

सीधे शब्दों में 'अचल संपत्ति (Immovable Property)' का मतबत ऐसी संपत्ति से है जिसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर नहीं ले जाया जा सकता है। अचल संपत्ति (Immovable Property) पर किसी न किसी का अधिकार होता है। इस ब्लॉग में हमने अचल संपत्ति (Immovable Property) के अंतर्गत कौन-कौन सी संपत्ति आती है, अचल संपत्ति के प्रकार, अचल व चल संपत्ति के बीच अंतर, तथा इससे संबंधित कानूनी अधिकारों पर चर्चा की है। 

अचल संपत्ति और चल संपत्ति में क्या अंतर है? 

अचल संपत्ति (Immovable Property) को आमतौर पर रियल एस्टेट - आवासीय घर, गोदाम, मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट या कारखाना माना जाना जाता है। जमीन से जुड़े पौधे या पेड़ भी अचल संपत्ति के अंतर्गत आते हैं। अचल संपत्ति (Immovable Property) के मामले में, इनपर कानूनी नियम तथा टैक्स भी लगता है।  

इसके विपरीत, चल संपत्ति में आभूषण, कंप्यूटर, घड़ियां, धन जैसी मूल्यवान चीजें आती है, जिन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है। सामान्य खंड अधिनियम, 1847 की धारा 12(36) और संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम, 1982 में 'चल संपत्ति (Movable Property)' शब्द का उल्लेख किया गया है। 

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 22 में चल संपत्ति को जमीन तथा जमीन से स्थायी रूप से जुड़ी चीजों को छोड़कर मूर्त संपत्ति के रूप में परिभाषित किया गया है। 

विभिन्न प्रकार की अचल संपत्तियां (Immovable Property) 

अचल संपत्ति (Immovable Property) कई प्रकार की होती है, जिसकी चर्चा नीचे की गई है - 

1. भूमि 

भूमि पृथ्वी की सतह का एक निश्चित भाग है। वो सभी वस्तुएं जो जमीन की सतह पर या उसके नीचे हैं तथा प्राकृतिक हैं, भूमि की परिभाषा के अंतर्गत आती हैं। 

इसके अलावा, वे सभी वस्तुएं जो मानव निर्मित हैं या जो सतह के नीचे स्थायी हैं, उन्हें अचल संपत्ति (Immovable Property) कहा जाता है, जैसे दीवार, भवन, बाड़ आदि।  

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2. भूमि से उत्पन्न होने वाले लाभ 

भूमि से होने वाले हर लाभ को अचल संपत्ति (Immovable Property) माना जाता है। पंजीकरण अधिनियम के अनुसार अचल संपत्ति (Immovable Property) में वंशानुगत लाभ, मत्स्य पालन भी शामिल हैं। इसी प्रकार, अचल संपत्ति (Immovable Property) से होने वाले लाभ के साथ-साथ इसपर मिलने वाला किराया, और अपनी भूमि पर लगने वाले बाजार से पैसा एकत्र करने का अधिकार भी अचल संपत्ति माना जाता है। 

3. भूमि से जुड़ी चीजें   

संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम की धारा 3 में प्रमुख रूप से 'भूमि से जुड़े (attached to earth)' शब्द को परिभाषित किया गया है, जिसमें शामिल हैं:   

  • जड़ों वाली चीजें - जमीन में जुड़े चीजों में लकड़ी, घास व फसलों को छोड़कर झाड़ियाँ व पेड़ शामिल हैं। झाड़ियों या पेड़ों को अचल या चल माना जाता है या नहीं, यह अलग-अलग परिस्थितियों पर निर्भर करता है। अगर किसी पेड़ से फलों के साथ किसी अन्य पोषक तत्व का लाभ भी मिल रहा हो, तो ऐसे पेड़ को अचल संपत्ति (Immovable Property) माना जाता है। लेकिन अगर इमारत या किसी औद्योगिक उद्देश्य हेतु केवल इसकी लकड़ी का उपयोग किया जाता है, तो इसे चल संपत्ति माना जाएगा। 

  • चीजें जो पृथ्वी में अंतर्निहित हैं - जो चीजें पृथ्वी में अंतर्निहित हैं, उनमें भवन, घर आदि जैसी चीजें शामिल हैं। हालांकि, नाव को रोके रखने के लिए जमीन में गढ़े हुए लंगर को अचल संपत्ति (Immovable Property) नहीं माना जाता है।

  • जो चीजें किसी अन्य तरह से जुड़ी हुई हैं - खिड़कियों और दरवाजों जैसी जमीन से जुड़ी चीजें भी स्थायी और अचल संपत्ति (Immovable Property) है। जबकि, विंडो ब्लाइंड्स और बिजली के पंखे चल संपत्ति के अंतर्गत आते हैं।

  • इमारतों या मिट्टी से जुड़ी हुई चल संपत्तियां - बढ़ती घास व फसलें, खड़ी की गई लकड़ी सभी चल संपत्तियां हैं। अगर जमीन बेची जाती है तो उसपर लगी फसलों को भी स्थानांतरित किया जा सकता है। 

चल और अचल संपत्ति (Immovable Property) के बीच अंतर 

चल और अचल संपत्ति के बीच अंतर (Difference between Immovable and Movable Property) इस प्रकार हैं: 

मानदंड

चल संपत्ति 

अचल संपत्ति 

उदाहरण 

घड़ियाँ, आभूषण, पैसा, कंप्यूटर आदि। 

कारखाने, घर, गोदाम, निर्माण संयंत्र, वंशानुगत लाभ आदि अचल संपत्ति (Immovable Property) के अंतर्गत आते हैं 

पंजीकरण  

जरूरत नहीं है 

पंजीकरण अधिनियम, 1908 के तहत पंजीकृत होना चाहिए यदि इसका मूल्य 100 रुपये से अधिक है। 

विरासत 

आसानी से विभाजित किया जा सकता है 

यह इतनी आसानी से विभाज्य या बांटने योग्य नहीं है   

स्थानांतरण 

आसानी से स्थानांतरित किया जा सकता है 

वसीयत, विभाजन या उपहार विलेख के बिना स्थानांतरित नहीं किया जा सकता

जब ज़मानत के रूप में उपयोग किया जाता है 

बंधक 

ग्रहणाधिकार/बंधक 

अचल संपत्ति (Immovable Property) से जुड़े अधिकार 

अगर कोई व्यक्ति अचल संपत्ति (Immovable Property) का मालिक है, तो उसके निम्नलिखित अधिकार हैं:  

किराया वसूलने का अधिकार - संपत्ति के मालिक को अपनी संपत्ति को किराए पर या पट्टे पर देकर किराया वसूलने का अधिकार है।  

देय राशि वसूलने का अधिकार - अगर संपत्ति को किराए पर दिया गया है ताकि कोई अन्य व्यक्ति इस पर खेती कर सके या इसका इस्तेमाल कर सके, तो अचल संपत्ति (Immovable Property) के मालिक को देय राशि वसूलने का अधिकार है।  

नौका का अधिकार - यह भुगतान के बदले में लोगों या वाहनों को एक तरफ से दूसरी तरफ ले जाने के लिए, किसी जल निकाय पर नौका चलाने देने के अधिकार को संदर्भित करता है। नौका किसी भी जल निकाय के एक तरफ से दूसरे तक जाने का साधन भी हो सकती है।  

रास्ते का अधिकार - भूमि या तो सार्वजनिक या निजी हो सकती है और उस पर अतिक्रमण करना कानूनी रूप से अपराध हो सकता है।  

मत्स्य पालन का अधिकार - किसी जल निकाय में मत्स्य पालन का अधिकार केवल अचल संपत्ति (Immovable Property) के मालिक तक ही सीमित हो सकता है।  

यह कहा जा सकता है कि निवेश की दृष्टि से अचल संपत्ति (Immovable Property) सबसे अधिक पसंद की जाती है। लंबी अवधि के निवेशक अचल संपत्ति में निवेश करना पसंद करते हैं। इसका मूल्य समय के साथ न घटने की वजह से इसे निवेश का सबसे पसंदीदा विकल्प माना जाता 

संपत्ति के कितने प्रकार हैं?

1 1885 के अिधिनयम सं० 3 की धारा 2 ारा (1-7-1882 से) जोड़ा गया ।

संपत्ति से क्या अर्थ है?

"संपत्ति" शब्द के कई अर्थ हो सकते हैं यथा स्वामित्व या स्वत्व, अर्थात् स्वामी को प्राप्त संपूर्ण अधिकार। कभी कभी इसका अर्थ रोमन "रेस" होता है जिसे अंतर्गत स्वामित्व के अधिकार का प्रयोग होता है जिसके अंतर्गत स्वामित्व के अधिकार का प्रयोग होता है अर्थात् स्वयं वह वस्तु जो उक्त अधिकार का विषय या पात्र है।

स्थायी संपत्ति से क्या आशय है?

स्थाई संपत्ति किसे कहते हैं​

संपत्ति का अधिकार क्या कहलाता है?

क्या है संपत्ति का अधिकार (Right to Property)? भारतीय संविधान के अनुच्छेद-31 में संपत्ति के अधिकार का वर्णन था। किन्तु 44वें संविधान संशोधन(1978) के द्वारा संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से विधिक अधिकार में परिवर्तित कर दिया गया।