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- World Literacy Day Literacy Rate In India Is 57 Percent Global Education Monitoring Report
लाइफस्टाइल डेस्क. आज दुनियाभर में 52वां विश्व साक्षरता दिवस मनाया जा रहा है। ऐसे में भारत में साक्षरता के आंकड़े न सिर्फ चौंकाने वाले बल्कि परेशान करने वाले भी हैं। यूनेस्को की ग्लोबल एजुकेशन मॉनिटरिंग रिपोर्ट के अनुसार भारत वर्ष 2050 में प्राइमरी शिक्षा, 2060 में माध्यमिक शिक्षा और 2085 में उच्च माध्यमिक शिक्षा का वैश्विक लक्ष्य हासिल करने में कामयाब होगा। आजादी के बाद देश में साक्षरता का ग्राफ 57 फीसदी बढ़ा है बावजूद इसके हम वैश्विक स्तर पर काफी पिछड़े हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार केरल (93.91 %) सर्वाधिक साक्षर राज्य है। इसके लक्ष्यद्वीप (92.28%) , मिजोरम (91.58%) , त्रिपुरा (87.75 %) और गोवा (87.40%) भी लिस्ट में शामिल हैं।
8 प्वाइंट्स : साक्षरता के मामले क्या है दुनिया का हाल
1-देश में साक्षरता दर 75.06
भारत की साक्षरता दर विश्व की साक्षरता दर 84% से बेहद कम है। हालांकि देश में सर्व शिक्षा अभियान और साक्षर भारत के जरिए इस दिशा में सार्थक कदम उठाए जा रहे हैं। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार देश में साक्षरता दर
75.06 है। हालांकि वर्ष 1947 में यह महज 18 फीसदी थी।
2- यहां भी लैंगिक असमानता
देश में आर्थिक असमानता की तरह ही साक्षरता को लेकर भी महिलाओं और पुरुषों में गहरा अंतर देखने को मिलता है। देश में जहां पुरुषों की साक्षरता दर 82.14% है वहीं महिलाओं में इसका प्रतिशत महज 65.46 है। महिलाओं में कम साक्षरता का कारण अधिक आबादी और परिवार नियोजन की जानकारी कमी है।
3- पड़ोसियों से कितने करीब हैं हम
भारत भले ही विकसित देशों की सूची में बहुत पीछे है लेकिन
विकासशील देशों की लिस्ट में उसकी स्थिति बेहतर है। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में जहां 79 फीसदी पुरुष 61 फीसदी महिला और 71 फीसदी युवा साक्षर हैं, वहीं भारत में पुरुष 88 फीसदी, महिला 74 फीसदी और युवा पीढ़ी के साक्षर होने का प्रतिशत 81 है। बात नेपाल की करें तो यह मुल्क भारत से बराबरी जरूर कर रहा है। यहां पुरुष 88 फीसदी,महिलाएं 78 और युवा पीढ़ी 83 फीसदी साक्षर है।
4- भूटान और बांग्लादेश बहुत पीछे नहीं
भूटान भी भारत से ज्यादा पीछे नहीं है। यहां 80 फीसदी पुरुष, 68 फीसदी महिलाएं और 74
फीसदी युवा साक्षर हैं। बांग्लादेश के हालांकि हालत बहुत अच्छे नहीं है फिर भी वो भारत से बहुत ज्यादा पीछे नही है। यहां पुरुषों की साक्षरता दर 75 फीसदी, महिलाओं की 78 फीसदी और युवाओं की 77 फीसदी है।
5- 6 करोड़ बच्चे आधारभूत शिक्षा से महरूम
एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018 में भी हर पांच में से एक पुरुष और दो-तिहाई महिलाएं अनपढ़ है। आंकड़ों की मानें तो आज भी 6.07 करोड़ बच्चे स्कूली शिक्षा नहीं पा रहे हैं। वैश्विक स्तर पर करीब 75.7 करोड़ लोग आज भी लिखने और पढ़ने में अक्षम
हैं।
6- ग्लोबल रिपोर्ट : वो देश जहां है 100 फीसदी लोग साक्षर
आंकड़ों के अनुसार 1990 में नेपाल की साक्षरता दर 33 फीसदी थी जो 2015 में बढ़कर 66 फीसदी हो गई है। इसी तरह बांग्लादेश की साक्षारता 1990 में जो 35.3 फीसदी थी वो 2015 में बढ़कर 61 फीसदी हो चुकी है। इथोपिया की बात करें तो यहां भी 1990 में साक्षरता दर 27 फीसदी थी लेकिन 2015 में बढ़कर यह आंकड़ा 49.1 फीसदी हो चुका है। 1990 में भारत में साक्षरता दर 48.2 फीसदी थी। हालांकि कुछ ऐसे देश भी हैं जहां साक्षरता दर 100 फीसदी
है लेकिन इन्हें आप उंगलियों पर गिन सकते हैं। इसमें एंडोरा, फिनलैंड, लग्जमबर्ग, ग्रीनलैंड और नार्वे शामिल है।
7- लक्ष्य हासिल करने में लगेंगे कई दशक
यूनेस्को के अनुसार भारत पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा अनपढ़ों का मुल्क है। NSSO की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक देश के शहरी क्षेत्रों में साक्षरता दर जहां 86 फीसदी थी वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में यह आंकड़ा 71 फीसदी तक ही सीमित रहा। अगर हमारी साक्षरता में विकास इसी दर से रहा तो हमें वैश्विक लक्ष्य को पाने में कम से कम
45 साल लगेंगे।
8- देश में साक्षरता 9.2 फीसदी की दर से बढ़ी
वर्ष 2011 में संपन्न हुई जनगणना के मुताबिक देश में साक्षरता 9.2 फीसदी की दर से बढ़ी है। यूनेस्को के अनुसार दुनिया भर में करीब 78 करोड़ लोग अशिक्षित हैं। इन 78 करोड़ लोगों का 75 फीसदी केवल इन 10 देशों में है जिनमें भारत, चीन, बांग्लादेश, नाइजीरिया, पाकिस्तान, इथियोपिया, ब्राजील, इंडोनेशिया और कांगो शामिल है। हालांकि इन 10 मुल्कों में से कुछ ऐसे भी हैं जिनकी साक्षरता दर बीते कुछ सालों में तेजी से बढ़ी है। इसमें नेपाल, इथोपिया और बांग्लादेश शामिल है।
Q. साक्षरता की दृष्टि से राजस्थान का भारत में कौनसा स्थान है?
Answer: [C] 33वां
Notes: साक्षरता की दृष्टि से राजस्थान का भारत में 33वां स्थान है| राजस्थान में साक्षरता 66.1 प्रतिशत (शहरी 79.7 तथा ग्रामीण 61.4 प्रतिशत) है|
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