संगणन अणु के अभिलक्षण को समझाईये। - sanganan anu ke abhilakshan ko samajhaeeye.

  • बहुलक
    • बहुलक का वर्गीकरण
      • A. स्रोत के आधार पर
      • 1. प्राकृतिक बहुलक
      • 2. संश्लेषित बहुलक
      • 3. अर्द्ध संश्लेषित बहुलक
      • B. संरचना के आधार पर
        • 1. रेखीय बहुलक
        • 2. शाखित श्रंखला बहुलक
        • 3. जालक बहुलक (तिर्यक बंधित)
      • C. बहुलीकरण के प्रकार के आधार पर
        • 1. योगात्मक बहुलक
        • 2. संघनन बहुलक
      • D. आण्विक बलों के आधार पर
        • 1. प्रत्यास्थ बहुलक
        • 2. रेशे
        • 3. तापसुघट्टय बहुलक
        • 4. तापदृढ़ बहुलक
      • Chemistry class 12 Chapter 15 notes in Hindi

बहुलक

उच्च अणुभार वाले वे यौगिक जो अनेक छोटे-छोटे अणुओं के परस्पर संयोग से बनते हैं। उन्हें बहुलक (polymer in Hindi) कहते हैं। एवं इस प्रक्रिया को बहुलीकरण कहते हैं।
बहुलक के उदाहरण – पॉलिथीन, नायलॉन 6, बैकेलाइट, रबर आदि बहुलक के उदाहरण हैं।
बहुलक के निर्माण में जो सरल अणु सक्षम होते हैं उन्हें एकलक (monomer in Hindi) कहते हैं।

बहुलक का वर्गीकरण

बहुलको को विशिष्ट महत्व के आधार पर कई प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है।

A. स्रोत के आधार पर

इस आधार पर बहुलको को तीन प्रकार से वर्गीकृत किया गया‌‌ ‌है।
1. प्राकृतिक बहुलक
2. संश्लेषित बहुलक
3. अर्द्ध संश्लेषित बहुलक

1. प्राकृतिक बहुलक

वे बहुलक जो पादपो तथा जंतुओं अर्थात् प्राकृतिक में पाए जाते हैं। उन्हें प्राकृतिक बहुलक कहते हैं।
उदाहरण – स्टार्च, प्रोटीन, सेल्यूलोज, प्राकृतिक रबर तथा न्यूक्लिक अम्ल आदि प्राकृतिक बहुलक के उदाहरण हैं।

2. संश्लेषित बहुलक

वे बहुलक जो मनुष्य द्वारा प्रयोगशाला में संश्लेषित किए जाते हैं। उन्हें संश्लेषित बहुलक कहते हैं।
उदाहरण – पॉलिथीन, नायलॉन, PVC, बैकेलाइट, संश्लेषित रबर आदि संश्लेषित बहुलक के उदाहरण हैं।

3. अर्द्ध संश्लेषित बहुलक

जब प्राकृतिक बहुलको को रासायनिक पदार्थों के साथ क्रिया कराकर एक नवीन बहुलक बनाया जाता है तो इसे अर्द्ध संश्लेषित बहुलक कहते हैं।
उदाहरण – वल्वीकृत रबर, सैलूलोज एसीटेट तथा सैलूलोज नाइट्रेट आदि अर्द्ध संश्लेषित बहुलक के उदाहरण हैं।

B. संरचना के आधार पर

इस आधार पर बहुलको को तीन प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है।
1. रेखीय बहुलक
2. शाखित श्रंखला बहुलक
3. जालक बहुलक (तिर्यक बहुलक)

1. रेखीय बहुलक

वे बहुलक जिनमें एकलक इकाइयां आपस में जुड़कर एक लंबी और रेखीय श्रंखला बनाती हैं। उन्हें रेखीय बहुलक कहते हैं।
उदाहरण – उच्च घनत्व पॉलिथीन, नायलॉन तथा पॉलिएस्टर आदि रेखीय बहुलक के उदाहरण हैं।

2. शाखित श्रंखला बहुलक

वे बहुलक जिनमें एकलक इकाइयां आपस में जुड़कर रेखीय श्रंखलाएं बनाती हैं लेकिन इन रेखीय श्रंखला में कुछ शाखाएं भी होती हैं। तो इन्हें शाखित श्रंखला बहुलक कहते हैं।
उदाहरण – निम्न घनत्व पॉलिथीन, स्टार्च तथा ग्लाइकोजन आदि शाखित श्रंखला बहुलक के उदाहरण हैं।

3. जालक बहुलक (तिर्यक बंधित)

वे बहुलक जिनमें अनेकों रेखीय श्रृंखलाएं परस्पर श्रंखला द्वारा जोड़कर एक त्रिविम जालक संरचना बनाती हैं। तो उन्हें जालक अथवा तिर्यक बंधित बहुलक कहते हैं।
उदाहरण – बैकेलाइट, यूरिया फॉर्मेल्डिहाइड रेजिन, मेलैमीन आदि।

C. बहुलीकरण के प्रकार के आधार पर

बहुलको को बहुलीकरण विधि के आधार पर दो प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है।
1. योगात्मक बहुलक
2. संघनन बहुलक

1. योगात्मक बहुलक

वे बहुलक जो द्विआबंध या त्रिआबंध युक्त एकलक इकाइयों के परस्पर संयोग से प्राप्त होते हैं। उन्हें योगात्मक बहुलक कहते हैं। एवं इस प्रक्रिया को योगात्मक बहुलीकरण कहते हैं।
योगात्मक बहुलक भी दो प्रकार के होते हैं।
(i) समबहुलक
(ii) सहबहुलक

(i) समबहुलक
एक ही प्रकार की एकलक इकाइयों के बहुलीकरण से बनने वाले योगात्मक बहुलक को समबहुलक कहते हैं।
उदाहरण – पॉलिथीन

(ii) सहबहुलक
विभिन्न प्रकार की एकलक इकाइयों के बहुलीकरण से बनने वाले योगात्मक बहुलक को सहबहुलक कहते हैं।
उदाहरण – ब्यूना-N और ब्यूना-S

2. संघनन बहुलक

वे बहुलक जो दो या अधिक क्रियात्मक समूह वाले एकलको के परस्पर संयोग से बनते हैं। तो उन्हें संघनन बहुलक कहते हैं। तथा इस प्रक्रिया को संघनन बहुलीकरण कहते हैं।
उदाहरण – नायलॉन 6,6

संगणन अणु के अभिलक्षण को समझाईये। - sanganan anu ke abhilakshan ko samajhaeeye.

D. आण्विक बलों के आधार पर

इस आधार पर बहुलको को चार प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है।
1. प्रत्यास्थ बहुलक
2. रेशे
3. तापसुघट्टय बहुलक
4. तापदृढ़ बहुलक

1. प्रत्यास्थ बहुलक

वे बहुलक जिनमें बहुलक की श्रंखलाएं परस्पर दुर्बल अंतराण्विक बलों द्वारा जुड़ी रहती हैं तो उन्हें प्रत्यास्थ बहुलक कहते हैं। प्रत्यास्थ बहुलक अक्रिस्टलीय होते हैं।
उदाहरण – ब्यूना-N, ब्यूना-S तथा नियोप्रीन आदि प्रत्यास्थ बहुलक के उदाहरण हैं।

2. रेशे

वे बहुलक जिनमें बहुलक की श्रंखलाएं परस्पर प्रबल अंतराण्विक बलों द्वारा जुड़ी रहती हैं तो उन्हें रेशे कहते हैं। ये क्रिस्टलीय होते हैं।
उदाहरण – नायलॉन 6,6 तथा पॉलिएस्टर आदि रेशे के उदाहरण हैं।

3. तापसुघट्टय बहुलक

वे बहुलक जिनमें अंतराण्विक आकर्षक बल प्रत्यास्थ बहुलक तथा रेशे के मध्य का होता है। तो उन्हें तापसुघट्टय बहुलक कहते हैं। यह बहुलक सामान्य ताप पर कठोर होते हैं तथा गर्म करने पर यह मृदुल तथा ठंडा करने पर पुनः कठोर हो जाते हैं।
उदाहरण – पॉलीविनाइल क्लोराइड (PVC) , पॉलिथीन, पॉलीस्टायरीन आदि तापसुघट्टय बहुलक के उदाहरण हैं।

4. तापदृढ़ बहुलक

वे बहुलक जो गर्म करने पर अनुत्क्रमणीय रूप से कठोर, दृढ़ तथा घुलनशील पदार्थों में परिवर्तित हो जाते हैं। तो उन्हें तापदृढ़ बहुलक कहते हैं।
उदाहरण – बैकेलाइट, यूरिया फॉर्मेल्डिहाइड रेजिन आदि।

Chemistry class 12 Chapter 15 notes in Hindi

बहुलक पाठ में और भी महत्वपूर्ण टॉपिक हैं। जिन पर स्पेशल लेख लिखे नहीं हैं पढ़ें…

पॉलिथीन क्या है, उपयोग, सूत्र, प्रकार कितने हैं | polythene in Hindi chemistry class 12
रबर क्या है प्राकृतिक तथा संश्लेषित, प्रकार, सूत्र, उपयोग, ब्यूना N तथा S, नियोप्रीन
नायलॉन 6,6 क्या है, बैकेलाइट, उपयोग, प्रकार क्या होता है | Nylon 66 in Hindi


संगणन अणु के अभिलक्षण क्या है?

2 अणुओं तथा हीमोग्लोबिन के मध्य साम्य की एक निर्णायक भूमिका है। इसी प्रकार CO अणुओं तथा हीमोग्लोबिन के मध्य साम्य CO की विषाक्तता का कारण बताता है। 'साम्य मिश्रण' कहते हैं । भौतिक प्रक्रमों तथा रासायनिक अभिक्रियाओं दोनों हैं।

अणु किसे कहते हैं यह कितने प्रकार के होते हैं?

रसायन विज्ञान में अणु दो या दो से अधिक, एक ही प्रकार या अलग अलग प्रकार के परमाणुओं से मिलकर बना होता है। परमाणु मजबूत रसायनिक बंधन के कारण आपस में जुड़े रहते हैं और अणु का निर्माण करते हैंअणु की संकल्पना ठोस, द्रव और गैस के लिये अलग अलग हो सकती है। अणु पदार्थ के सबसे छोटे भाग को कहते हैं

यौगिक अणु क्या है?

Solution : दो या दो से अधिक तत्वों के परमाणु एक निश्चित पूर्ण संख्या के सरल अनुपात में परस्पर संयोग करके जिस अणु का निर्माण करते हैं, उसे यौगिक अणु (Compound molecule) कहा जाता है, जैसे-`NaCl, H_2SO_4,CO_2, H_2O` इत्यादि।

अनु ग्रंथ क्या है?

अणु के लिये सबसे प्राचीन ग्रन्थ उपनिषदों मे अणुवाद अथवा अणु का उल्लेख कम ही मिलता है, इसी कारण से अणुवाद का उल्लेख वेदान्त सूत्रो मे कम ही मिलता है, क्योंकि उनकी दार्शनिक उदगम भूमि उपनिषद ही है, अणुवाद का उल्लेख सांख्य और योग मे भी नहीं मिलता है, अणुवाद वैशेषिक दर्शन का एक प्रमुख अन्ग है, और न्याय ने भी इसे मान्यता ...