रव शेष रह गए हैं निर्झर का क्या अर्थ? - rav shesh rah gae hain nirjhar ka kya arth?

  • 1. 

    'रव शेष रह गए हैं निर्झर' का क्या अर्थ है?

  • केवल झरना शेष रह गया है

  • झरने ने आवाज करनी बंद कर दी है

  • झरने दिखाई देने बंद हो गए; उनकी आवाज गूंजती शेष रह गई

  • झरनों के अवशेष दिखाई देते हैं

  • 2. 

    'उड़ गया अचानक लो, भूधर फड़का अपार पारद के पर' का आशय स्पष्ट कीजिए।

  • श्वेत और चमकीले बादल आकाश में छा गए

  • अचानक पर्वत उड़ गया

  • काले-काले बादल बरसने लगे

  • पर्वत के टूटने को पर्वत का उड़ना कहा है

  • 3. 

    'धँसकर धरा में सभय शाल' का आशय स्पष्ट कीजिए।

  • शाल के वृक्ष अत्यधिक बारिश के कारण धरती में धंस गए

  • शाल के वृक्ष टूट गए और धरती पर पड़े हैं

  • शाल के वृक्ष दिखाई नहीं देते क्योंकि आकाश में धूल छा गई है

  • शाल के पेड़ बादलों के झुंड में फँसे ऐसे लगते हैं मानो भयभीत होकर धरा में धंस गए हों

  • 4. 

    'दर्पण-सा फैला है विशाल' में अलंकार है

  • उपमा अलंकार

  • यमक अलंकार

  • पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार

  • उत्प्रेक्षा अलंकार

  • 5. 

    'पल-पल परिवर्तित प्रकृति-वेश' से क्या तात्पर्य है?

  • वर्षा ऋतु में पर्वत का सौंदर्य क्षण-क्षण में बदलता रहता है

  • वर्षा ऋतु में नदी का सौंदर्य पल-पल बदल रहा है

  • वर्षा ऋतु में फूल मुरझा गए थे

  • इनमें से कोई नहीं

  • 6. 

    पहाड़ों की छाती पर झरने कैसे प्रतीत हो रहे हैं?

  • वृक्षों के समान सुंदर प्रतीत हो रहे हैं

  • विशाल नदियों के समान प्रतीत हो रहे हैं

  • मोती की लड़ियों के समान सुंदर प्रतीत हो रहे हैं

  • इनमें से कोई नहीं

  • 7. 

    'झरने के झर-झर स्वर' में कवि ने क्या कल्पना की है?

  • मानो ये झरने पर्वत की महानता का गुणगान कर रहे हैं

  • मानो झरने तालियाँ बज रहे हों

  • मानो ये झरने पर्वत को स्नान करा रहे हों

  • इनमें से कोई नहीं

  • 8. 

    'मद में नस-नस उत्तेजित कर' से क्या तात्पर्य है?

  • झरने मस्ती में उत्तेजित होकर गा रहे हों

  • झरनों की नस-नस में मस्ती भरी है

  • झरने ऊँची-ऊँची आवाज़ में पर्वत का गुणगान कर रहे हैं

  • झरने के स्वर को सुनकर दर्शकों की नस-नस में उत्तेजना व मस्ती भर जाती है।

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रव शेष रह गए हैं निर्झर का क्या अर्थ है?

'सुमित्रानंदन पंत' द्वारा रचित “पर्वत प्रदेश में पावस” कविता की इन पंक्तियों का आशय है कि पल-पल बदलते इस मौसम में बादलों के चारों तरफ छा जाने से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जैसे पर्वत जैसे गायब हो गए हैं और मानो पूरा आकाश ही धरती पर टूट कर आकर गिर पड़ा हो, केवल झरने ही शेष रह गए हैं, यानी चारों तरफ तेज झरनों का ही शोर ...

निम्नलिखित पंक्ति का क्या आशय है उड़ गया अचानक लो भूधर?

'उड़ गया अचानक लो भूधर' पंक्ति का क्या आशय है ? उत्तर: आशय-पर्वतीय प्रदेशों में अचानक घने बादलों के आ जाने के कारण सारा दृश्य अदृश्य हो जाता है।