राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान प्रवेश पत्र - raashtreey mukt vidyaalayee shiksha sansthaan pravesh patr

Download NIOS Admit Card 2021 10वीं और 12वीं कक्षाओं के अक्टूबर-नवंबर 2021 सेशन की परीक्षाओं के लिए पंजीकरण किये छात्र-छात्राओं को अपना NIOS एडमिट कार्ड 2021 डाउनलोड करने के लिए एनआईओएस के स्टूडेंट पोर्टल पर विजिट करने के बाद एडमिट कार्ड के लिंक पर क्लिक करना होगा।

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Download NIOS Admit Card 2021: राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) ने अक्टूबर-नवंबर 2021 पब्लिक एग्जाम के लिए प्रवेश पत्र जारी कर दिये हैं। संस्थान द्वारा कक्षा 10 और कक्षा 12 के स्टूडेंट्स के एडमिट कार्ड डाउनलोड के लिए उपलब्ध कराये जाने से सम्बन्धित अपडेट 3 नवंबर 2021 को जारी किया गया। जिन छात्र-छात्राओं ने एनआईओएस पब्लिक एग्जाम 2021 के लिए रजिस्ट्रेशन किया है, वे अपना एडमिट कार्ड एनआईओएस की आधिकारिक वेबसाइट, sdmis.nios.ac.in पर एक्टिव किये गये लिंक या नीचे दिये गये डायरेक्ट लिंक से डाउनलोड कर सकते हैं।

इस लिंक से करें डाउनलोड NIOS एडमिट कार्ड 2021

इन स्टेप में NIOS एडमिट कार्ड 2021 डाउनलोड करें

राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान से 10वीं और 12वीं कक्षाओं के अक्टूबर-नवंबर 2021 सेशन की परीक्षाओं के लिए पंजीकरण किये छात्र-छात्राओं को अपना NIOS एडमिट कार्ड 2021 डाउनलोड करने के लिए एनआईओएस के स्टूडेंट पोर्टल पर विजिट करने के बाद एडमिट कार्ड के लिंक पर क्लिक करना होगा। इसके बाद नये पेज पर अपना इनरोलमेंट नंबर भरकर और हॉल टिकट टाईप का चयन करके सबमिट करना होगा। इसके बाद छात्र अपना प्रवेश पत्र स्क्रीन पर देख पाएंगे, जिसका प्रिंट लेने के बाद सॉफ्ट कॉपी भी स्टूडेंट्स को सेव कर लेनी चाहिए।

12 नवंबर से आयोजित होंगे अक्टूबर-नवंबर पब्लिक एग्जाम

इससे पहले, एनआईओएस द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक पाठ्यक्रमों के लिए सैद्धांतिक (Theory) परीक्षाओं का आयोजन 12 नवंबर 2021 से भारत में बनाये गये केंद्रों पर किया जाना है। हालांकि, विदेश में बनाये गये केंद्र पर एग्जाम एक दिन पहले ही 11 नवंबर से आयोजित किए जाएंगे।

राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान द्वारा जारी एनआईओएस पब्लिक एग्जाम डेटशीट 2021 के अनुसार उच्चतर माध्यमिक छात्रों के लिए पब्लिग एग्जाम संस्कृत और प्रारंभिक शिशु देखभाल एवं शिक्षा विषय के साथ शुरू होगी। वहीं, माध्यमिक छात्रों के लिए परीक्षाएं हिंदुस्तानी संगीत के साथ शुरू होंगी। दोनो ही कक्षाओं के एग्जाम दोपहर की पाली में 2.30 बजे से शुरू होंगे।

Edited By: Rishi Sonwal

Que : 41. राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) की स्थापना, लक्ष्य व उद्देश्य, विशेषताएं, संचालित पाठ्यक्रम, प्रवेश प्रक्रिया तथा परीक्षा प्रणाली पर प्रकाश डालिए।

Answer:  स्थापना- माध्यमिक शिक्षा परिषद, नई दिल्ली ने 3 नवम्बर 1989 में मुक्त विद्यालय (ओपन स्कूल) खोला । संपूर्ण भारत के स्तरपर इसके महत्त्व तथा कार्य को दृष्टिगत रख केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (CBSE) ने इसे अलग कर राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय के रूप में उच्चीकृत कर एक स्वायत्त संगठन का रूप दिया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 तथा कार्ययोजना 1992 में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय के संबंध में लिखा-राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय सुदृढ़ किया जाएगा एवं मुक्त अधिगम की सुविधाएं देश के समस्त भागों में माध्यमिक स्तर पर चरणबद्ध ढंग से विकसित की जाएगी।

अप्रैल 1990 में भारत सरकार ने एक प्रस्ताव द्वारा इसे नया नाम राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयीन शिक्षा संस्थानदिया। इस संस्थान को उपाधि (ग्रेजुएशन) पूर्व स्तर तक के कोर्स हेतु परीक्षा लेने एवं प्रमाण पत्र देने का अधिकार भी सौंपा गया।

NIOS राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयीन शिक्षा संस्थान उच्चतर माध्यमिक स्तर तक के सामान्य एवं व्यावसायिक जीवन समृद्धि के पाठ्यक्रम तथा D.El.Ed (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) आदि पाठ्यक्रम भी मुक्त शिक्षा के रूप में चल रहा है ।

लक्ष्य व उद्देश्य- राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयीन शिक्षा संस्थान के लक्ष्य व उद्देश्य उच्चतर माध्यमिक प्रमाण पत्र परीक्षा उत्तीर्ण किये बिना किन्हीं कारणों से शाला त्याग चुके बालकों, कक्षा 8 के बाद अध्ययन जारी न रख सके बालकों, निर्धन व आर्थिक दृष्टि से विपन्न परिवारों के विद्यालयीन शिक्षा पूर्ण न कर सके बालक-बालिकाओं, व्यवसाय, स्वरोजगार व नौकरी करने वाले बालकों को अध्ययन की सुविधा प्रदान करना अपना लक्ष्य मानता है। इसी प्रकार व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करना इस संस्थान का लक्ष्य है । यह संस्थान दूर शिक्षा की अवधारणा पर आधारित मुक्त शिक्षा के उद्देश्यों से परीक्षाएं आयोजित करता है । परीक्षा के पूर्व छात्रों को स्वाध्याय हेतु शिक्षण सामग्री भी संस्थान द्वारा तैयार कर अपने छात्रों को भेजी जाती है। यह संस्था इंटरनेट, कम्प्यूटर, दूर संचार प्रणाली मोबाइल आदि के द्वारा भी छात्रों को अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराती है । मुक्त शिक्षा संस्थान अवसर की समानता के सिद्धान्त के अनुसार शिक्षा के अवसरों से वंचित विद्यार्थियों को शिक्षा देने का लक्ष्य व उद्देश्य लेकर शिक्षण की कार्यवाही करता है।


राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयीन शिक्षा संस्था की विशेषताएं

1. राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान में अन्य सामान्य विद्यालयों के समान कक्षा शिक्षण के अवसर छात्रों को उपलब्ध कराये जाते हैं जबकि अन्य मुक्त विद्यालयों में प्राय: इस प्रकार का प्रत्यक्ष कक्षा शिक्षण नहीं दिया जाता।

2. राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान में सामान्य विद्यालयीन शिक्षा के साथ विभिन्न व्यावसायिक एवं कौशल पाठ्यक्रमों के प्रशिक्षण की भी व्यवस्था है

3. यह संस्थान अपने शिक्षार्थी को शिक्षण हेतु पाठ्य सामग्री, पुस्तकें, आदि उपलब्ध कराता है ।

4. इस संस्थान में अध्ययन के स्थानों, समय इत्यादि की लोचदार व्यवस्था रहती है जो छात्रों के हित में रखकर की जाती है ।

NIOS में संचालित पाठ्यक्रम

1. ओपन बेसिक एजुकेशन;

2. सैकेंडरी सर्टिफिकेट कोर्स;

3. सीनियर सैकेण्डरी सर्टिफिकेट कोर्स:

4. वोकेशनल एजुकेशन;

5. D.El.Ed, टंकण, आशुलिपिक व्यवसाय के पाठ्यक्रम ।

प्रवेश प्रक्रिया- इसके अंतर्गत संचालित सैकेंडरी एजुकेशन पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु कक्षा 8 उत्तीर्ण होना चाहिए। सीनियर सैकेण्डरी (उच्चतम माध्यमिक) पाठ्यक्रम के लिए किसी मान्यता प्राप्त शिक्षा बोर्ड से दसवीं परीक्षा पास होना चाहिए। सैकेण्डरी व सीनियर सैकेण्डरी परीक्षा उत्तीर्ण होने पर व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश की पात्रता आती है

परीक्षा प्रणाली- NIOS की ऑन डिमांड परीक्षा प्रणाली प्रचलन में है जिससे दूरस्थ शिक्षक स्वाध्यायी विद्यार्थी स्वयं परीक्षा हेतु तैयारी पूर्ण हो जाने पर संस्थान का माह अक्टूबर-नवम्बर में तथा अप्रैल मई में साल में दो बार आयोजित होने वाली परीक्षा में प्रविष्ट हो सकता है | NIOS के सभी क्षेत्रीय केन्द्रों तथा नोएडा केन्द्र में परीक्षा आयोजित की जाती है। इस ऑन डिमांड परीक्षा प्रणाली से लाभ है कि विद्यार्थी जब तैयार हो वह मूल्यांकन की अनुमति प्राप्त कर सकता है। परीक्षा में सभी विषय या किसी एक विषय में सम्मिलित हुआ जा सकता है। इसमें छात्रों को होने वाले परीक्षा संबंधी तनाव से मुक्ति मिलती है और परीक्षा में असफलता का खतरा कम हो जात है। छात्रों को हताशा, अवसाद, आत्म सम्मान की हानि, मित्रों के उपहास आदि से मुक्ति मिलती है। प्रश्न पत्र अंग्रेजी और हिन्दी माध्यम के होते हैं।