राजस्थान के वन मंत्री हेमाराम चौधरी है। हेमाराम चौधरी वर्तमान समय में राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री है। हेमाराम चौधरी जो वर्तमान में गुडामालानी के विधायक है। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान गुडामालानी में विधायक पद पर बहुमत के साथ जीते थे। हेमाराम चौधरी कांग्रेस पार्टी के एक प्रमुख नेता माने जाते हैं। हेमाराम चौधरी जो कांग्रेस पार्टी से विधानसभा चुनाव
में गुड़ामालानी निर्वाचन क्षेत्र से छह बार विधायक रहे हैं। हेमाराम चौधरी का परिचय हेमाराम चौधरी इन विभाग में भी शामिल वन मंत्री के उद्देश्य
बाड़मेरएक वर्ष पहले
हेमाराम चौधरी, वन एवं पर्यावरण मंत्री गहलोत सरकार के नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में सबसे पहले गुड़ामालानी विधायक हेमाराम चौधरी ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली थी। इससे चर्चाएं शुरू हो गई थी कि चौधरी को राजस्व या इससे महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी मिलेगी। सोमवार को मंत्रालय आवंटित किए गए। हेमाराम चौधरी को वन एवं पर्यावरण मंत्री बनाया गया। 31 साल बाद बाड़मेर को वापस वन मंत्रालय मिला है। इससे पहले वर्ष 1990 में भैरोसिंह शेखावत की सरकार में पचपदरा विधायक मदनकौर को वन एवं पर्यावरण मंत्री बनाया था। हेमाराम चौधरी को कैबिनेट मंत्री की शपथ दिलाने के बाद राजस्व विभाग मिलने की बाड़मेर से जयपुर तक चर्चाओं के पीछे कारण यह था कि पिछले 26 साल में छह सरकारों में चार बार राजस्व मंत्री बाड़मेर के नेता रहे हैं। पिछले तीन कार्यकाल से बाड़मेर के पास लगातार राजस्व मंत्रालय रहा है। वर्ष 1993 से अब तक 26 साल में छह सरकारें बनी, चार बार राजस्व मंत्री बाड़मेर जिले के विधायक बने पावर: अब बाड़मेर के सत्ता में दो पावर सेंटर, जिम्मेदारी भी बढ़ी वजह: बेबाक व साफ छवि के कारण हेमाराम को मिला मंत्री पद उस दौरान तत्कालीन बायतु विधायक कर्नल सोनाराम चौधरी से हेमाराम चौधरी की रिफाइनरी के मुद्दे को लेकर बहस हो गई। उस दौरान हेमाराम चौधरी ने राजस्व मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। विधानसभा चुनाव 2013 में वे पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने को तैयार नहीं हुए। पार्टी नेताओं ने दबाव बनाया तो भी नहीं माने। आखिर राहुल गांधी की समझाइश के बाद चुनाव लड़े। मई 2021 में सरकार से नाराज होकर विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दिया था। हालांकि इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया। इतिहास: 1993 में पहले राजस्व मंत्री बने थे गंगाराम चौधरी इतिहास: 1993 में पहले राजस्व मंत्री बने थे गंगाराम चौधरी राजनीति विश्लेषक : हेमाराम के पास राजस्व का अनुभव वन एवं पर्यावरण में काम चुनौतीपूर्ण
एक्सपर्ट व्यू : राजस्थान में वन क्षेत्र बढ़ाना बड़ी चुनौती, सिर्फ 4 फीसदी है वन क्षेत्र राज्य सरकार की सभी योजनाओं में खर्च होने वाले बजट का एक फीसदी हिस्सा पौधरोपण पर खर्च करने का प्रावधान रखना चाहिए। जैसे किसी योजना से एक लाख रुपए खर्च हो रहे हैं तो उसमें से सिर्फ एक हजार रुपए पौधरोपण पर खर्च करें। मनरेगा योजना में करोड़ों रुपए खर्च हो रहे हैं। इस योजना में किसान व आम आदमी को हरित क्षेत्र बढ़ाने व पौधरोपण के लिए बजट आवंटन का प्रावधान रखा जाए। जब तक सरकार स्तर पर ठोस निर्णय
नहीं होंगे तब तक पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अच्छे नतीजे सामने नहीं आएंगे। राजस्थान के वर्तमान में वन एवं पर्यावरण मंत्री कौन है?श्री भूपेंद्र यादव ने आज पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री के रूप में अपना पदभार ग्रहण कर लिया है।
वर्तमान में पर्यावरण मंत्री कौन हैं?पर्यावरण मंत्री होने के साथ-साथ श्री प्रकाश जावड़ेकर भारत के सूचना और प्रसारण मंत्री भी हैं। वे इन दोनों मंत्रालयों के केंद्रीय मंत्री हैं। वे केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। भारत के वर्तमान कानून मंत्री कौन है?
भारत के पर्यावरण मंत्री कौन हैं 2022?मार्च 2022 में भारत के केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भारत की पर्यावरण स्थिति रिपोर्ट 2022 जारी की।
वर्तमान में राजस्थान के कृषि मंत्री कौन है?लालचंद कटारिया भारतीय राजनीतिज्ञ तथा वर्तमान राजस्थान सरकार में कृषि मंत्री हैं। वे राजस्थान विधानसभा में झोटवाड़ा से विधायक हैं।
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