राजस्थान में त्यौहारमहिनेचैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाठ, श्रावण, भाद्रपद, आषिवन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ, फाल्गुन । Show (बदी) कृष्ण पक्ष - अमावस्या(15) (सुदी) शुक्ल पक्ष - पूर्णिमा(30) प्रत्येक महीने में 30 दिन होते है- प्रतिपदा(एकम), द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अस्ठमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्थदशी, अमावस्या/पूर्णिमा। हिन्दी तारीख के लिएउदाहरण महीना-पक्ष-तिथी : : भाद्रपद-कृष्ण-एकम
राजस्थान में त्यौहार Trick धुलण्डी:- चैत्र कृष्ण एकम् (रंगो का पर्व) बादशाह मेला/सवारी- ब्यावर (अजमेर) पत्थर मार होली - बाड़मेर लट्ठमार होली -चांदनपुर (करौली) कोडामार होली - भीनाय (अजमेर) फूल डोल मेला इसी दिन भरता है। शीतलाष्टमीः- चैत्र कृष्ण अष्टमी चाकसू (जयपुर) में शीतला माता का मेला भरता है। मारवाड में घुड़ला पर्व इसी दिन मनाया जाता है। वर्ष प्रतिपदा/नवसवत्सर - चैत्र शुक्ल एकम् विक्रमादित्य मेला इसी दिन मनाया जाता है। नवरात्र:-चैत्र शुक्ल एकम् से चैत्र शुक्ल नवमी तक चैत्र मास के नवरात्रे, बसन्तीये नवरात्र कहलाते है। अश्विन मास के नवरात्रे शरदीय/केसूला नवरात्र कहलाते है। गणगौरः- चैत्र शुक्ल तृतीया गणगौर से पूर्व (1 दिन) सिंजारा भेजा जाता है। गणगौर, शिव व पार्वती का पर्व है। जयपुर की गणगौर प्रसिद्ध है। गणगौर का निर्माण उदय में होता है। बिना ईसर की गणगौर जैसलमेर की प्रसिद्ध है। इस त्यौहार से त्यौहारों की समाप्ति मानी जाती है। रामनवमीः- चैत्र शुक्ल नवमी - गवान राम का जन्मदिन है। महावीर जयंती:- चैत्र शुक्ल त्रयोदषी हनुमान जयन्ती:- चैत्र पूर्णिमा अक्षय तृतीयाः- वैषाख शुक्ल तृतीया इसे आखा तीज भी कहते है। इस दिन राजस्थान में सर्वाधिक बाल-विवाह होते है। घींगा गंवर गणगौरः- वैषाख कृष्ण तीज धींगा गंवर बैंत मार मेला जोधपुर में आयोजित होता है। वैषाख पूर्णिमाः- बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ। वट सावित्री पर्वः- ज्येष्ठ अमावस्या को इसे बड़मावस भी कहते है। इस दिन बरगद की पूजा की जाती है। निर्जला एकादशीः- ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी को। मीठे पानी की छबीले लगाई जाती है। देवशयनी एकादशी:- आषाढ़ शुक्ल एकादशी को गुरू पूर्णिमा:- आषाढ़ पूर्णिमा को। नाग पंचमी:- श्रावण कृष्ण पंचमी इस दिन मण्डोर (जोधपुर) में तीरपुरी का मेला भरता है। ऊब छटः- श्रावण कृष्ण षष्टी बिहारियों का मुख्य पर्व है। हरियाली अमावस्या:- श्रावण अमावस्या को हरियाली अमावस्या मेंला/ कल्पवृक्ष मेला इसी दिन मांगलियावास (अजमेर) में भरता है। छोटी तीज/झूला तीज/श्रावणी तीज/हरियाली तीजः- श्रावण शुक्ल तीज तीज की सवारी के लिए जयपुर प्रसिद्ध है। इस दिन से त्यौहारों का आगमन माना जाता है। रक्षाबंधन:- श्रावण पूर्णिमा को कजली तीज/बडी तीज/सातुडी तीजः- भाद्र कृष्ण तीज को कजली तीज बूंदी की प्रसिद्ध है। हल हट्टः- भाद्र कृष्ण षष्टी को जन्माष्टमीः- भाद्र कृष्ण अष्टमी को भगवान श्री कृष्ण का जन्म दिवस पूर्वी क्षेत्र में लोकप्रिय है। जाम्भों जी का जन्म दिवस। गोगानवमी:- भाद्रपद कृष्ण नवमी को। बच्छब्बारसः- भाद्रपद कृष्ण द्वादषी को। बछडे की पूजा की जाती है। गणेश चतुर्थीः- भाद्रपद षुक्ल चतुर्थी को रणथम्भौर (सवाई माधोपुर ) में इस दिन मेला भरता है। महाराष्ट्र का प्रमुख त्यौहार है। महाराष्ट्र मेंु इसकी शुरूआत बाल गंगाधर तिलक द्वारा की गई। राधाष्टमीः- भाद्रपद शुक्ल अष्टमील को। इस दिन निम्बार्क सम्प्रदाय का मेला सलेमाबाद (अजमेर) में भरता है। तेजादशमीः- भाद्रपद शुक्ल दशमी को जाजी अजमेर क्षेत्र में लोकप्रिय व पूज्य है। देव झुलनी/जल झुलनी एकादशीः- भाद्रपद शुक्ल एकादशी बेवाण, पर देवताओं की सवारी निवाली जाती है। बेवाण, लकड़ी से बना कलात्मक पलंग जिसका निर्माण बस्सी (चित्तौड़गढ) में है। सांवलिया जी का मेला मण्डफिया से इसी दिन भरता है। डोल मेला, बांरा मे। श्राद्ध पक्ष:- भाद्र पूर्णिमा से आश्विन अमावस्या तक। नवरात्रेः- आश्विन शुक्ल एकम् से शुक्ल नवमी तक शारदीय/केसुला नवरात्रे कहलाते है। दुर्गाष्टमी:- आश्विन शुक्ल अष्टमी को बंगाल (भारत) व बागड़ (राजस्थान) में इस दिन मेले भरते है। दशहराः- आश्विन शुक्ल दशमी को इसे विजयदशमी भी कहते है। इस दिन खेजड़ी वृक्ष की पूजा होती हैं कोटा का दशहरा मेला प्रसिद्ध है। कोटा में दशहरे मेले की शुरूआत माधोसिंह हाडा ने की। शरद पूर्णिमाः- आश्विन पूर्णिमा को इस दिन चन्द्रमा अपनी सौलह कलाओं से परिपूर्ण होता है। मेवाड़ में इस दिन मीरा महोत्सव मनाया जाता है। सालासर (चूरू) मेला भी इसी दिन भरता है। करवा चैथः- कार्तिक कृष्ण चतुर्थी को। अहोई अष्टमीः- कार्तिक कृष्ण अष्टमी को। स्याऊं माता की पूजा की जाती है। तुलसी एकादशी:- कार्तिक कृष्ण एकादशी को। धनतेरस:- कार्तिक कृष्ण श्रयोदशी को आयुर्वेदाचार्य धन्वतरी की स्मृति में मनाया जाता है। यमराज की पूजा की जाती है। रूप चतुर्दषीः- कार्तिक कृष्ण चतुर्दषी कों इसे छोटी दीपावली भी कहते है। दीपावलीः- कार्तिक अमावस्या को। गोवर्धन पूजाः- कार्तिक शुक्ल एकम् को। इस दिन नाथद्वारा (राजसमंद) मे अन्नकूट का पर्व मनाया जाता है। भाई दूजः- कार्तिक शुक्ल दूज को। गोपालाष्टमीः- कार्तिक शुक्ल अष्टमी को इस दिन गाय की पूजा की जाती है। आवला नवमी/अक्षय नवमीः- कार्तिक शुक्ल नवमी आॅवले के वृक्ष की पूजा की जाती है। देव उठनी ग्यारस:- कार्तिक शुक्ल एकादशी को। तुलसी विवाह इसी दिन होता है। महापर्वः- कार्तिक पूर्णिमा को। गुरू नानक जयन्ती। चुरू में साहवा का मेला। अजमेर में पुष्कर मेला। कोलायत (बीकानेर) में कपिल मुनि का मेला। झालरापटन (झालावाड़) में चंद्रभागा का मेला। मकर सक्रांति:- 14 जनवरी को । ज्ञातव्य है कि सन् 2008 में मकर सक्राति 15 जनवरी को थी। मकर सक्रांति को दिन सूर्य कर्क राशि में मकर राशि में प्रवेश करता है। मोनी अमावस्याः- माघ अमावस्या को। बसंत पंचमी:- माघ शुक्ल पंचमी को। इस दिन भरतपुर में कृष्ण-राधा की लीलाओं का आयोजन होता है। इस दिन कामदेव व रति की पूजा की जाती है। शिवरात्री:- फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी (तेरस) को। घुष्मेश्वर महादेव मंदिर -शिवाड़ (सवाई-माधोपुर) की शिवरात्री प्रमुख है। इस दिन करौली में पशु मेला आयोजित होता है। होलीः- फाल्गुन पूर्णिमा को। मुस्लिम त्यौहार1. मुहर्रम मुहर्रम, हिजरी सन् का प्रथम महीना है। यह त्यौहार कुर्बानी का त्यौहार है। मुहम्म्द साहब के बेटे इमाम हुसैन के षहीदी दिन को षेक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन "ताषा" नामक वाद्ययंत्र के वादन के साथ ताजिये निकाली जाती है। ताजिया को कर्बला के मैदान में दफनाया जाता है। 2. ईद-उल-मिला- दुलनबी (बारावफात) मुस्लिम धर्म के प्रवर्तक हजरत मुहम्मद साहब के जन्म दिवस को इस त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। मुहम्मद साहब का जन्म मक्का (सऊदी अरब) में हुआ था। 3.ईद-उल-फितर (मिठी ईद) रमजान के महीने में रोजे रखे जाते है और उसके इस दिन सेवईयां बनाई जाती है। 4.ईद-उल-जूहा (बकरीद) यह कुर्बानी का त्यौहार है। 5.षब्रे कद्र षब्रे बरात, चेहलुम- ये अन्य मुस्लिम त्यौहार है। जैन धर्म के त्यौहारऋषभ देवजी/ आदिनाथ/ केसरियाजी/काला जी को जैन धर्म का संस्थापक माना जाता है। ऋषभ देव जी का जन्म 540 ई. पूर्व. वैषाली ग्राम में (कुण्ड ग्राम) में हुआ। जैनधर्म की दो षाखांऐ है। 1.ष्वेतम्बर 2. दिगम्बर जैन धर्म में 24 तीर्थकर हुए-
1. दष लक्षण पर्व यह पर्व चैत्र, भाद्र और माघ माह की षुक्ल पंचमी से पूर्णिमा तक मानाया जाता है। 2. पर्यूषण पर्व पर्यूषण पर्व भाद्र माह मे मनाया जाता है। पर्यूषण का अर्थ तीर्थकरों की सेवा करना है। 3.रोट तीज यह पर्व भाद्र षुक्ल तीज को मनाया जाता है। इस दिन खीर व मिठी रोटी बनाई जाती है। 4. महावीर जयंती यह पर्व चैत्र षुक्ल त्रयोदषी को मनाया जाता है। 5.ऋषभ देव जयंती यह पर्व चैत्र कृष्ण नवमी को मानाया जाता है। सिक्ख धर्म के त्यौहार1. वैषाखी वैषाखी का त्यौहार 13 अप्रैल को मनाया जाता है। 13 अप्रैल 1699 को आनंदपुर साहिब (रोपड़ पंजाब) में गुरू गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। 2.लोहड़ी यह त्यौहार 13 जनवरी को मनाया जाता है। 3. गुरू नानक जयंती गुरू नानक जयंती कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाता है। गुरूनानक देव जी का जन्म 1469 ई. में तलवंडी (पंजाब) में हुआ था। 4.गुरू गोविन्द सिंह जयंती यह पर्व पौष षुक्ल सप्तमी को मनाया जाता है। ईसाई धर्म के पर्व1. क्रिसमिस डे:- यह पर्व ईसा मसीह के जन्म दिन 25 दिसम्बर को मानाया जाता है। ईसा मसींह का जन्म येरूषेलम बेथहेलम में हुआ। 2. गुड फ्राइडे यह पर्व अप्रेल माह में मनाया जाता है। इस दिन ईसा मसींह को सूली पर चढ़ाया गया था। 3. ईस्टर गुड फ्राइडे के बाद अगले रविवार ईसामसींह के पुनर्जन्म के रूप में मनाया जाता है। ईसाई धर्म 1. प्रोटेस्टेंट 2. रोमन केथोलिक सिंधियांे के त्यौहार1. थदडी/बड़ी साक यह पर्व चैत्र कृष्ण सप्तमी को मानाया जाता है। 2.चेटीचण्ड इसे झुलेलाल जयंती के रूप में मानाया जाता है। यह पर्व चैत्र षुक्ल एकम् को मनाया जाता है। 3.चालिसा महौत्सव यह पर्व 40 दिन तक मनाया जाता है। इस पर्व का समय 16 जुलाई से 24 अगस्त होता है। Start Quiz! राजस्थान का सबसे प्रमुख त्यौहार कौन सा है?शीतलाष्टमीः- चैत्र कृष्ण अष्टमी चाकसू (जयपुर) में शीतला माता का मेला भरता है। ... . अक्षय तृतीयाः- वैषाख शुक्ल तृतीया इसे आखा तीज भी कहते है। ... . नाग पंचमी:- श्रावण कृष्ण पंचमी ... . गोगानवमी:- भाद्रपद कृष्ण नवमी को। ... . करवा चैथः- कार्तिक कृष्ण चतुर्थी को। ... . गोपालाष्टमीः- कार्तिक शुक्ल अष्टमी को. राजस्थान का सबसे बड़ा त्यौहार कौन सा है?महावीरजी मेला: महावीरजी मेला राजस्थान में सबसे प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है। उत्सव मुख्य रूप से 24 वें जैन तीर्थंकर, श्री महावीर स्वामी के सम्मान में आयोजित किया जाता है। राजस्थान में बहुत से मेले और उत्सव आयोजित होते हैं। ये मेले और त्यौहार राजस्थान के विभिन्न हिस्सों में आयोजित किए जाते हैं।
राजस्थान में इनमें से कौन सा त्यौहार मनाया जाता है?यहाँ पर रक्षाबन्धन, दशहरा, होली, दीपावली आदि त्योहार एवं पर्व मनाये जाते हैं, परन्तु इनके अतिरिक्त कुछ ऐसे पर्व व मेले हैं, जो केवल राजस्थान में ही मनाये जाते हैं। इनमें राजस्थानी जन-जीवन की झाँकी देखने को मिलती है।
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