रहीम के अनुसार मूल सींचने का क्या परिणाम होता है? - raheem ke anusaar mool seenchane ka kya parinaam hota hai?

निम्नलिखित दोहों को पढ़कर पूछे गए प्रशनों के उत्तर दीजिये
एकै साधे सब सधै, सब साधे सब जाय।
रहिमन मूलहिं सींचिबो, फूलै फलै अघाय। 
मूल सींचने का क्या परिणाम होता?

  • वृक्ष उगना
  • वृक्ष का हरा भरा होना
  • फल-फूल स्वयमेव उत्पन्न होना
  • फल-फूल स्वयमेव उत्पन्न होना


C.

फल-फूल स्वयमेव उत्पन्न होना

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निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
जलहीन कमल की रक्षा सूर्य भी क्यों नहीं कर पाता?


जलहीन कमल की रक्षा सूर्य भी इसलिए नहीं कर पाता क्योंकि जल से ही कमल की प्यास बुझती है. वह खिलता है और जीवन पाता है। कमल की सम्पत्ति जल है। अपनी सम्पत्ति नष्ट होने पर दूसरा व्यक्ति साथ नहीं दे सकता।

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निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
प्रेम का धागा टूटने पर पहले की भाँति ‘क्यों नहीं हो पाता?


प्रेम आपसी लगाव और विश्वास के कारण होता है। यदि एक बार यह लगाव या विश्वास टूट जाए तो फिर उसमें पहले जैसा भाव नहीं रहता। मन में दरार आ जाती है। जिस प्रकार सामान्य धागा टूटने पर उसे जब जोड़ते हैं तो उसमें गाँठ पड़ जाती है। इसी प्रकार प्रेम का धागा भी टूटने पर पहले के समान नहीं हो पाता।

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निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
हमें अपना दुःख दूसरों पर क्यों नहीं प्रकट करना चाहिए? अपने मन की व्यथा दूसरों से कहने पर उनका व्यवहार कैसा हो जाता है?


हमें अपना दु ख दूसरों पर प्रकट नहीं करना चाहिए, क्योंकि संसार उसका मजाक उड़ाता है। हमें अपना दुःख अपने मन में ही रखना चाहिए। अपने मन की व्यथा दूसरों से कहने पर उनका व्यवहार परिहास पूर्ण हो जाता है।

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निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
एक को साधने से सब कैसे सध जाता है?


एक पर अटूट विश्वास करके उसकी सेवा करने से सब कार्य सफल हो जाते हैं तथा इधर-उधर भटकना नहीं पड़ता। एक को साधने से सब कार्य उसी प्रकार सिद्ध हो जाते हैं जिस प्रकार जड़ को सींचने से फल, फूल आदि मिलते हैं। उसी प्रकार परमात्मा को साधने से अन्य सब कार्य कुशलता पूर्वक संपन्न हो जाते हैं।

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निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य क्यों कहा है?


रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य इसलिए कहा है क्योंकि सागर का जल खारा होता है, वह किसी की प्यास नहीं बुझा सकता जबकि पक जल धन्य है जिसे पीकर छोटे-छोटे जीवों की प्यास तृप्त हो जाती है। इसलिए कवि ने ऐसा कहा है।

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निम्नलिखित दोहों को पढ़कर पूछे गए प्रशनों के उत्तर दीजिये
एकै साधे सब सधै, सब साधे सब जाय।
रहिमन मूलहिं सींचिबो, फूलै फलै अघाय। 
मूल सींचने का क्या परिणाम होता?

  • वृक्ष उगना
  • वृक्ष का हरा भरा होना
  • फल-फूल स्वयमेव उत्पन्न होना
  • फल-फूल स्वयमेव उत्पन्न होना


C.

फल-फूल स्वयमेव उत्पन्न होना

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निम्नलिखित दोहों को पढ़कर गए पूछे प्रशनों के उत्तर दीजिए
रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय।
टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय।।
प्रेम रूपी धागा तोड़ने का क्या परिणाम होता है?

  • अखडं एवं निश्चल नहीं रहता
  • गाँठ पड़ जाती है।
  • मन में ग्रन्थि रह जाती है
  • मन में ग्रन्थि रह जाती है


A.

अखडं एवं निश्चल नहीं रहता

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निम्नलिखित दोहों को पढ़कर गए पूछे प्रशनों के उत्तर दीजिए
रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय।
टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय।।
कवि किस धागे को कभी न तोड़ने के लिए कहते हैं?

  • रेशमी
  • सूती
  • टूटे हुए
  • टूटे हुए

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निम्नलिखित दोहों को पढ़कर गए पूछे प्रशनों के उत्तर दीजिए
रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय।
टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय।।
प्रेम रूपी धागा जुड़ जाने पर क्या होता है-कौन-सा कथन असत्य है।

  • सम्बन्धों में मधुरता नहीं रहती। 
  • मन में विवाद उत्पन्न होते है।
  • व्यवहार में कठोरता रह जाती है।
  • व्यवहार में कठोरता रह जाती है।


C.

व्यवहार में कठोरता रह जाती है।

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निम्नलिखित दोहों को पढ़कर गए पूछे प्रशनों के उत्तर दीजिए
रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय।
टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय।।
प्रेम का धागा टूटने पर क्या होता है?

  • जुड़ता नहीं
  • गाँठ पड़ जाती है

  • पहले जैसे नहीं रहता
  • पहले जैसे नहीं रहता

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निम्नलिखित दोहों को पढ़कर गए पूछे प्रशनों के उत्तर दीजिए
रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय।
टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय।।
‘धागा प्रेम का, में निहित अलंकार है?

  • उपमा
  • रूपक
  • श्लेष
  • श्लेष

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