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अगर किसी जातक की कुंडली में राहु-केतु का दोष हो तो ज्योतिष में बताये गए आसान उपायों से राहत पा सकते हैं। मान्यता है कि अगर राहु-केतु से परेशान हों तो इसके लिए कुछ विशेष सामग्रियों का दिन अनुसार दान करना चाहिए। तो आइए जानते हैं वे कौन सी सामग्रिया हैं जिनके दान से राहु-केतु के अशुभ प्रभाव से राहत मिलती है। साथ ही वह दिन कौन से हैं, जिस दिन दान किया जाना चाहिए? राहु दोष से राहत पाने के लिए इनका दानज्योतिषशास्त्र के अनुसार, अगर कोई जातक राहु दोष से परेशान हो तो उसे दान करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से राहु के अशुभ प्रभाव से राहत मिलती है। लेकिन इसके लिए जातकों को चाय की पत्ती, अगरबत्ती, काला-सफेद कंबल और सिक्का दान करना चाहिए। इसके अलावा जितना हो सके विकलांगों की सहायता करनी चाहिए। चीटियों को सप्त अनाज देने चाहिए। नेत्रहीनों और कुष्ठ रोगियों की यथाशक्ति मदद करनी चाहिए। वास्तु अनुसार चुनें व्यावसायिक स्थल का रंग फिर देखिए कैसे चमक उठेगी आपकी किस्मत ध्यान रखें कि इस विशेष दिन करें दानअगर राहु के दोष से परेशान हैं तो इसके लिए शनिवार के दिन दान करें। लेकिन ध्यान रखें कि शनिवार को सूर्यास्त के बाद ही दान करें। जब भी दान करें तब ‘ऊं रां राहवे नम:’ मंत्र का मन ही मन जप करें। इसके अलावा नियमित रूप से शाम 7 बजे के बाद या फिर जब भी आप सोने जा रहे हों तो राहु मंत्र ‘ऊं रां राहवे नम:’ मंत्र 11, 21,51 या फिर 108 बार जप करें। कहते हैं कि ऐसा करने से राहु के अशुभ प्रभाव से राहत मिलती है। हथेली में इन स्थानों पर नक्षत्र चिह्न होता है बेहद शुभ लेकिन यहां हो तो सतर्क हो जाएं केतु के लिए करें इन वस्तुओं का दानअगर केतु की दशा चल रही हो तो जातकों को काले-सफेद वस्त्र का दान करना चाहिए। इसके अलावा आंवला, आंवले का अचार, अमचूर, नींबू और चाकू का दान करना चाहिए। कहते हैं कि इन वस्तुओं के दान से जातकों को केतु के अशुभ प्रभावों से राहत मिलती है। इसके अलावा कुत्ते को रोटी खिलानी चाहिए। या फिर उसकी देखभाल भी कर सकते हैं। इससे भी केतु शांत हो जाते हैं। केतु के लिए इस दिन विशेष करें दानअगर केतु खराब चल रहा हो तो मंगलवार और बुधवार के दिन बताई गई वस्तुओं का दान करें। साथ ही दान करते समय केतु के बीज मंत्र ‘ऊं स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः’ मंत्र का जप जरूर करें। इसके अलावा नियमित रूप से शाम 7 बजे के बाद या फिर सोते समय भी बीज मंत्र का जप जरूर करें। यह मंत्र जप अपनी इच्छानुसार 11, 21,51 या फिर 108 बार कर सकते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से केतु के दोष समाप्त होते हैं। Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें Authored by Gitika dubey | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: May 7, 2022, 12:45 AM ज्योतिष में राहु की गिनती पाप ग्रहों में होती है, जिसकी छाया पड़ने से ही व्यक्ति पर संकट और परेशानियां आनी शुरू हो जाती हैं। राहु अगर कुंडली में विपरीत स्थिति में हो तो इसका जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। राहु के ही प्रभाव के चलते एक अच्छे भले मनुष्य की बुद्धि पर ताले पड़ जाते हैं और व्यक्ति ऐसे निर्णय ले लेता है जिसके दुष्परिणाम उसे भुगतने पड़ जाते हैं। राहु के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए ज्योतिष में कुछ विशेष चीजों के दान के बारे में बताया गया है...
राहु का दान कब करना चाहिए?शनिवार की शाम को करें यह उपाय
शनिवार की शाम को काले, नीले फूल, नारियल, मूली, सरसों, नीलम, कोयले, सिक्के और नीले वस्त्र किसी कोढ़ी व्यक्ति को दान करके राहु के बुरे प्रभाव से बचा जा सकता है। शनिवार की शाम को काले कपड़े में एक नारियल और 11 साबुत बादाम बांधकर बहते जल में प्रवाहित करके राहु ग्रह को प्रसन्न रख सकते हैं।
राहु का दिन कौन सा होता है?रविवार को नैऋत्य कोण में, सोमवार को उत्तर दिशा में, मंगलवार को आग्नेय कोण में, बुधवार को पश्चिम दिशा में, गुरुवार को ईशान कोण में, शुक्रवार को दक्षिण दिशा में, शनिवार को वायव्य कोण में राहु का निवास माना गया है।
राहु की शांति के लिए क्या दान करना चाहिए?राहु दोष के शांति के उपाय- राहु ग्रह के अशुभ परिणामों से बचने के लिए राहु मंत्र का जाप करना चाहिए. राहु की अशुभ दशा से बचने के लिये बुधवार के दिन जौ, सरसों, सिक्का, सात प्रकार के अनाज, नीले या भूरें रंग के कपड़े और कांच की वस्तुओं का दान करें. गोमेद रत्न धारण करने से राहु दोष से मुक्ति मिलती है.
राहु का उपाय कौन से दिन करना चाहिए?व्यक्ति को कम से कम 18 शनिवार तक राहु का व्रत रखना चाहिए. ऐसा करने से राहु का दुष्प्रभाव दूर होने लगता है. 2. राहु दोष का निवारण करने के लिए शनिवार को काला कपड़ा पहनना चाहिए और ओम भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम: मंत्र का जाप करना चाहिए.
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