र में उ की मात्रा का सही रूप क्या है? - ra mein u kee maatra ka sahee roop kya hai?

R Ki Matra Wale Shabd: आज हम इस लेख में र के विभिन्न रूप तथा र की मात्रा वाले शब्द पढ़ेंगे क्योंकि अक्सर लोगों को र की मात्रा समझने में समस्या होती है। इसलिए हम आपको इस लेख के माध्यम से यह जानेंगे की र के कितने रूप होते हैं तथा र की मात्रा के शब्द को विस्तार से समझेंगे।

R ki Matra Words in Hindi: संयुक्त व्यंजनों की दृष्टि से र की स्थिति व्यंजनों से अलग होती है। कोई व्यंजन र में जुड़े या किसी भी व्यंजन में र जुड़े, दोनों ही स्थितियों में इसका लिखित रूप दूसरे व्यंजनों से अलग होता है।

 क्योंकि एक ऐसा व्यंजन है जो मात्राके रूप में भी प्रयोग किया जाता है। चलिए विस्तार से R ki Matra Ke Shabd को उदहारण सहित समझते हैं।

र की मात्रा वाले शब्द | R Ki Matra Wale Shabd

हिंदी भाषा में र के विभिन्न रूप होते हैं - रु और रू अथवा सामान्य र, रेफ र, पदेन र अथवा रडार र, ऋ और र  या हम इसे विभिन्न रूप में लिख सकते है। 

र के विभिन्न रूप | R Ki Matra Wale

र के विभिन्न रूप | र के कितने रूप होते हैं

र के निम्नलिखित रूप होते है तो चलिए इन सभी प्रकार के र की मात्रा को उदहारण से समझते हैं। 

1. रु’ और ‘रू’ वाले शब्द (R ki Matra Ke Shabd)

का प्रयोग शब्द के शुरू, मध्य और अन्त में समान्य रूप से किया जा सकता है। जैसे- रमन, राजेश, आराम, करतब, परिवार, आहार इत्यादि।

र के विभिन्न रूपों को लिखने में लोग गलती नहीं करते हैं, लेकिन र में और की मात्रा अक्सर भ्रमित हो जाती है। इसलिए आईये इसे उदहारण के साथ समझते हैं।

‘र’ में सभी मात्राएँ लग सकती है, ऋ ( ृ) और हलंत (्) को छोड़कर जैसे-

र, रा, रि, री, रु, रू, रे, रै, रो, रौ 

  • र + उ = रु - इसमें र के साथ ह्रस्व (छोटा) उ की मात्रा है। इससे बनने वाले शब्द निम्न प्रकार हैं। जैसे- गुरु, रुद्र, रुस, रुक रुची, रुपये, रुझान, पुरुष इत्यादि।

  • र + ऊ = रू - इसमें र के साथ दीर्घ (बड़ा) ऊ की मात्रा है। इससे बनने वाले शब्द निम्न प्रकार हैं। जैसे- रूई, रूखा, रूप, रूट, अमरूद, रूठना, रूमाल, रूपक, डमरू इत्यादि।
  • आ की मात्रा वाले शब्द 
  • औ की मात्रा वाले शब्द
  • अ की मात्रा वाले शब्द

2. रेफ र की मात्रा  | Ref Ki Matra

‘र’ में से 'अ' निकालने के बाद ‘र्‘ हो जाता है। इस रूप को व्याकरण की भाषा में रेफ र कहते हैं। इसकी उच्चारण ध्वनि उस अक्षर से पहले होती है जिस पर यह लगा होता है।

जैसे-

प + र् + व = पर्व

व +  र् + षा = वर्षा

जु + र् + मा+ ना = जुर्माना

न +  र् + म = नर्म

व + र् + ण + न = वर्णन

क +  र् + म = कर्म 

र रेफ की मात्रा के शब्द | Ref ki Matra Wale Shabd

तर्क कर्क वर्क कर्म
मार्ग गर्मी तीर्थ सूर्य
पर्व हर्ष शर्त पार्क
चर्खा धैर्य अर्थ मिर्च
फर्श कार्य पूर्ण कर्ज
पूर्व कुर्ता दर्द फर्जी
दर्जी खर्च सर्च धूर्त
पर्स फर्क नर्स सर्प
सर्दी मुर्ख श्रम वर्ष
वर्षा धर्म उर्फ़ सिर्फ
नर्म खर्च निर्भर अर्पण
निर्झर निर्भय मुर्खता निर्धन
निर्मल पर्वत अर्चना दुर्जन
दर्पण घर्षण जुर्माना अर्जुन
दर्शन बर्तन दर्शक कर्तव्य
अर्जित स्वार्थी गर्दन आचार्य
विद्यार्थी खर्चीला उत्तीर्ण निष्कर्ष
सर्वदा आशीर्वाद आकर्षक परामर्श
धनुर्धर अनुत्तीर्ण धनुर्धर अनुत्तीर्ण 


3. पदेन र की मात्रा | Paden ki Matra

अ सहित ‘र’ के दो रूप होते हैं।  र के  ‘्’ और ’ ्र ‘ इस रूप को पदेन र कहते हैं। र की उच्चारण ध्वनि उसी अक्षर के साथ होती है जिस पर के साथ यह लगा होता है।

  • पाई वाले व्यंजनों  में र का यह रूप तिरछा ( ्) होकर लगता है। जैसे - क्र, प्र, ग्र
  • पाई रहित व्यंजनों में नीचे पदेन का दूसरा रूप इस तरह ’ ्र ‘ होता है। जैसे - ट्र , ड्र
  • यह पदेन र ’ ्र ‘ केवल ट और ड के साथ ही लगता है।

जैसे-

क् + र + म = क्रम

ट् + रा + मा = ट्रामा

ड् + र + म = ड्रम

  • कुछ शब्द ऐसे होते हैं, जिनमें दो पदेन र का प्रयोग एक ही शब्द में होता है। जैसे- प्रक्रिया, प्रक्रम इत्यादि।
  • कुछ शब्द ऐसे होते हैं, जिनमें पदेन र और रेफ र का प्रयोग एक ही शब्द में होता है। जैसे- प्रार्थना,आर्द्रता, पुनर्प्रस्तुतिकरण आदि।
  • “द” और “ह” में जब नीचे पदेन र का प्रयोग होता है तो द्+ र = द्र बन जाता है।
  • "त" में जब पदेन र का प्रयोग होता है तो त् + र = त्र बन जाता है।
  • "श" में जब पदेन र का प्रयोग होता है तो श् + र = श्र बन जाता है।

पदेन र की मात्रा के शब्द | Paden ki Matra Wale Shabd

ग्रन्थ ट्रक ड्रम राष्ट्र
ग्राम चक्र सब्र फ़्रांस
फ्राक ड्रामा मुद्रा चित्र
प्रेम ह्रद द्रव्य प्राण
प्रण श्रम उम्र छात्र
क्रम प्रेत भ्रम आम्र
ताम्र शुद्र प्रणाम सम्राट
क्रिकेट प्रमाण चन्द्रमा प्रकाश
श्रमिक भ्रमण प्रयास प्रसाद
प्रवीन नम्रता समुद्र ग्रामीण
प्रजनन संक्रमण विश्राम त्रिलोक
प्रतिबंध प्रस्थान प्रवेश श्रवण
ड्रोन द्रव्यमान द्रव ट्रैक्टर

4. ऋ और र में अंतर 

 ऋ और र में अंतर समझाना बहुत जरुरी है। क्योंकि ऋ स्वर वर्ण है और ऋ की मात्रा ( ृ) इस प्रकार से लिखते हैं। जैसे - गृह, मृदा, ऋण, कृपा, कृषि इत्यादि जबकि र व्यंजन वर्ण है और र की मात्रा वाले शब्द निम्न प्रकार से लिखते हैं। जैसे - कर्म, धर्म, प्रकाश, ग्रह, प्रेम ड्रम इत्यादि।

R Ki Matra Wale Shabd से सम्बन्धित प्रश्न [FAQ]

प्रश्न- रेफ वाले शब्द कौन से होते हैं?
उत्तर- धर्म, नर्म, खर्च, कार्य, अर्पण, निर्भर, निर्झर, निर्भय, मुर्खता, निर्धन इत्यादि रेफ र वाले शब्द हैं।

प्रश्न- पदेन र का चिन्ह कौन सा होता है?
उत्तर- पदेन र का चिन्ह   ‘्’ और ’ ्र ‘ इस प्रकार का होता है।

प्रश्न- र की कितनी मात्रा होती है?
उत्तर- र, रा, रि, री, रु, रू, रे, रै, रो, रौ ये सभी मत्राए होती है,  ऋ ( ृ) और हलंत (्) को छोड़कर।

प्रश्न- ट्रक में कौन सी मात्रा है?
उत्तर- र के  ‘्’ और ’ ्र ‘ इस रूप को पदेन र कहते हैं। इसलिए ट्रक में पदेन र की मात्र है।

मुझे उम्मीद है कि आप र के विभिन्न रूपों और र की मात्रा वाले शब्दों को समझ गए होंगे, अगर आपको किसी भी प्रकार की समस्या है तो हमें कमेंट करके बताएं हम आपकी मदद जरूर करेंगे।

र में उ और ऊ की मात्रा कहाँ लगती हैं?

+ = रु - इसमें के साथ ह्रस्व (छोटा) की मात्रा है। इससे बनने वाले शब्द निम्न प्रकार हैं। जैसे- गुरु, रुद्र, रुस, रुक रुची, रुपये, रुझान, पुरुष इत्यादि।

र में उ की मात्रा बीच में क्यों लगती है?

” अपवादित नहीं है और न ही इसपर मात्रा समान रूप से लगती है। लेखन की अस्पष्टता के परिणामस्वरूप ऐसा प्रतीत अवश्य होता है। वैकल्पिक रूप से, आप में /ऊ की मात्रा अन्य शब्दों की भांति नीचे भी लगा सकते हैं।

र की मात्रा को क्या कहते हैं?

स्वर रहित 'र्' को व्याकरण की भाषा में रेफ कहते हैं। रेफ का प्रयोग कभी भी किसी भी शब्द के पहले अक्षर में नहीं किया जाता। शब्दों में इसका प्रयोग होते समय इसके उच्चारण के बाद आने वाले वर्ण की अंतिम मात्रा के ऊपर लग जाता है। '' का प्रयोग जिस किसी भी शब्द के साथ होता है, वह तत्सम (संस्कृत का शब्द) शब्द ही होता है।

र के विभिन्न रूप कितने हैं?

हिन्दी भाषा में '' के चार रूप होते हैं – रेफ़, पदेन, रडार, लुण्ठित। हम यह भी कह सकते हैं कि को चार प्रकार से लिखा जा सकता है।

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