Show 20 सितम्बर को पूर्णिमा का श्राद्ध पड़ रहा है और 21 सितम्बर से 6 अक्तूबर तक पितृपक्ष रहेगा। अक्सर इस अवधि में श्राद्ध के दिन परिवार के दिवंगत जनों को याद किया जाता है और उनका चित्र शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ Pitru Paksha 2021 start and end dates: 20 सितम्बर को पूर्णिमा का श्राद्ध पड़ रहा है और 21 सितम्बर से 6 अक्तूबर तक पितृपक्ष रहेगा। अक्सर इस अवधि में श्राद्ध के दिन परिवार के दिवंगत जनों को याद किया जाता है और उनका चित्र पूजा-अर्चना के समय रखा जाता है। कुछ लोग पूर्वजों के चित्रों को अलमारी या बाक्स में बंद करके रख देते हैं और इन्हें ऐसे ही अवसर पर बाहर
निकालते हैं। कुछ घरों और व्यापारिक स्थलों पर पूर्वजों की बड़ी-बड़ी तस्वीरें या कहीं-कहीं उनकी मूर्तियां भी दिखाई दे जाती हैं। Pitru photo direction: हमारे देश में कुछ राजनेता अपने जीते जी ही अपनी मूर्तियां सार्वजनिक स्थानों पर लगवा देते हैं जो वास्तु नियमों के विपरीत है। घरों में भी पूर्वजों के चित्र यदि वास्तु नियमों के अनुसार रखे जाएं तो
स्वर्गीय जनों का परिवार में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद बना रहता है। Pitru Paksha 2021 Vastu Shastra Tips: पितरों की एक से अधिक तस्वीर न लगाएं। घर के प्रवेश द्वार के सामने पितरों की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए। एक से अधिक तस्वीर लगाने से घर में नकारात्मकता आती है। कभी भी घर के मंदिर में पितरों की तस्वीर न रखें। भगवान के साथ पितरों की तस्वीर घर में प्रतिकूल प्रभाव लेकर आती है। शयन कक्ष और बैठक में पितरों की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए। Pitru ki photo kaha lagaye: ऐसा माना जाता है कि शयन कक्ष और बैठक में पितरों की तस्वीर लगाने से घर के लोगों का स्वास्थ्य बिगड़ जाता है। कोशिश करें कि पितरों की तस्वीर ऐसी जगह न लगाएं जहां घर से अंदर आते और बाहर जाते आपकी नजर पड़े। इससे कार्यों में अड़चनें पैदा हो सकती हैं। रसोई घर में पितरों की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए। और ये भी पढ़े
Pitru Paksha 2021 Vastu Shastra Tips: घर में पितरों की तस्वीर उत्तर दिशा में लगानी चाहिए। माना जाता है कि पितरों की तस्वीर का मुख हमेशा दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए। दक्षिण दिशा को यम की दिशा माना जाता है। Pitru photo vastu: शौचालय और स्नानघर के पास गलती से भी पितरों की तस्वीर न लगाएं। घर में पूर्वजों की फोटो कभी मध्य स्थान में कभी नहीं लगानी चाहिए, ऐसा करने से मान-सम्मान की हानि होती है। पश्चिम या दक्षिण में लगाने से संपत्ति की हानि होती है। पितरों की तस्वीर घर में सभी जगहों पर नहीं लगानी चाहिए। इसे शुभ नहीं माना जाता। इससे तनाव बना रहता है। कुछ लोग घर के मंदिर में भी पूर्वजों की तस्वीर लगा लेते हैं और पूजा करते हैं। शास्त्रों में पितरों का स्थान भले ही उच्च माना गया है, लेकिन पितरों और देवताओं का स्थान अलग है। माना जाता है कि पूजा घर में पितरों की तस्वीर लगाने से जीवन में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। घर-परिवार में अशांति छा सकती है। पितरों के फोटो के साथ जिंदा सदस्यों की फोटो न लगाएं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, पितरों की फोटो को कभी भी घर के जीवित लोगों की तस्वीरों के साथ नहीं लगाना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवित लोगों की आयु कम होती है और उनके जीवन पर संकट आने की आशंका बनी रहती है तथा व्यक्ति के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में अपने पुरखों की तस्वीर को कभी भी लटका कर नहीं रखना चाहिए। तस्वीरों को हमेशा लकड़ी के स्टैंड पर ही रखना चाहिए। फोटो को लटकाना शुभ नहीं माना जाता।
BTC$ 20140.26 Thu, Sep 15, 2022 01.08 PM UTC ETH$ 1590.26 Thu, Sep 15, 2022 01.08 PM UTC USDT$ 1 Thu, Sep 15, 2022 01.07 PM UTC BNB$ 276.55 Thu, Sep 15, 2022 01.07 PM UTC usd-coin$ 1 Thu, Sep 15, 2022 01.07 PM UTC XRP$ 0.33 Thu, Sep 15, 2022 01.08 PM UTC terra-luna$ 2.91 Thu, Sep 15, 2022 01.07 PM UTC solana$ 33.84 Thu, Sep 15, 2022 01.07 PM UTC Trending TopicsSri Lanka win by 23 runs RR 8.50 Most Read Storiesपितरों की फोटो का मुंह कौनसी दिशा में होना चाहिए?माना जाता है कि पितरों की तस्वीर का मुख हमेशा दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए। दक्षिण दिशा को यम की दिशा माना जाता है।
पितरों की दिशा कौनसी है?वास्तु के अनुसार पितरों की तस्वीर हमेशा उत्तर दिशा की ओर लगाना चाहिए। चूंकि दक्षिण दिशा को पितरों की दिशा माना जाता है इसलिए उत्तर दिशा में तस्वीर लगाने से तस्वीर का मुंह दक्षिण दिशा की और होता है।
पितरों का स्थान कैसे बनाएं?वास्तु शास्त्र के अनुसार, पितरों की तस्वीरों को हमेशा घर के उत्तरी हिस्से के कमरों में लगाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं कर सकते तो जिस भी स्थान पर लगाएं वहां उत्तरी दिवार से इनकी तस्वीर से लगाएं ताकि इनकी दृष्टि दक्षिण की ओर रहे। दक्षिण की दिशा को यम और पितरों की दिशा कहा गया है। इससे अकाल मृत्यु और संकट से बचाव होता है।
पितरों को कौन सी दिशा में पानी देना चाहिए?जल देते वक्त अपने पितरों के नाम का उच्चारण करें जाने अनजाने हुई गलतियों की उनसे क्षमा अवश्य मांगें। ध्यान रहे दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके ही अपने पितरों को जल देना है। क्योंकि दक्षिण दिशा पितरों की दिशा मानी जाती है। जल किसी साफ-सुथरे बर्तन में गिराए उसके बाद उस जल को तुलसी के पौधे में या मदार के पौधे में डाल दें।
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