प्रकाश का वर्ण विक्षेपण क्या है सचित्र स्पष्ट करें - prakaash ka varn vikshepan kya hai sachitr spasht karen

Physics July 5, 2020 April 21, 2018

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dispersion of light in hindi प्रकाश का विक्षेपण क्या होता है , परिभाषा , प्रकाश का वर्ण विक्षेपण किसे कहते हैं ? उदाहरण ,

परिभाषा : श्वेत प्रकाश का अपने अवयवी रंगो के क्रम में वियोजित होने की घटना को प्रकाश का वर्ण विक्षेपण कहते है।
श्वेत प्रकाश के अवयवी रंग VIBGYOR है
यहाँ
V = Violet =  बैंगनी
I = Indigo = नील
B = Blue = नीला
G = Green = हरा
Y = Yellow = पीला
O = Orange = नारंगी
R = Red = लाल
चूँकि हम जानते है की किसी भी पदार्थ का अपवर्तनांक का मान प्रकाश की तरंगदैध्र्य पर भी निर्भर करता है अतः हम कह सकते है की अलग अलग रंगो के लिए अपवर्तनांक का मान अलग अलग होता है क्योंकि प्रत्येक रंग की तरंगदैध्र्य भिन्न होती है।
जिस रंग की तरंगदैध्र्य कम होती है उसके लिए अपवर्तनांक का मान उतना ही अधिक होता है तथा जिस रंग की तरंगदैध्र्य  सबसे अधिक होती है उसके लिए अपवर्तनांक का मान उतना ही कम होता है।
रंगो का तरंगदैध्र्य क्रम में बढ़ता क्रम
V = Violet =  बैंगनी
I = Indigo = नील
B = Blue = नीला
G = Green = हरा
Y = Yellow = पीला
O = Orange = नारंगी
R = Red = लाल
अतः बैंगनी रंग के लिए अपवर्तनांक का मान सबसे अधिक होगा तथा लाल रंग के लिए पदार्थ का अपवर्तनांक सबसे कम होगा।
अतः जब बैंगनी रंग को प्रिज्म से गुजारा जाए तो इसके लिए विचलन का मान अधिकतम होगा।
तथा जब लाल रंग को प्रिज्म से गुजारा जाये तो इसके लिए विचलन कोण का मान न्यूनतम होगा।
इस आधार पर जब श्वेत रंग को किसी प्रिज्म से गुजारा जाए तो वह तरंगदैध्र्य के अनुसार अलग अलग विचलन कोण से विचलित हो जाती है और हमें प्रकाश सात रंगों के रूप में दिखाई देता है इस प्रकार श्वेत रंग का अपने अवयवी 7 रंगों में विभक्त होने की घटना को ही प्रकाश का विक्षेपण कहते है।

माना बैंगनी रंग का विचलन कोण δV हैं। तथा लाल रंग का विचलन कोण δR हैं तो बैंगनी व लाल रंग के कोणीय विचलन के अंतर को कोणीय विक्षेपण कहते है।
θ = δV – δ

प्रकाश का वर्ण विक्षेपण

जब सूर्य का प्रकाश प्रिज्म से होकर गुजरता है, तो वह अपवर्तन के पश्चात प्रिज्म के आधार की ओर झुकने के साथ-साथ विभिन्न रंगों के प्रकाश में बँट जाता है। इस प्रकाश से प्राप्त रंगों के समूह को वर्णक्रम कहते है तथा श्वेत प्रकाश को अपने अवयवी रंगों में विभक्त होने की क्रिया को वर्ण विक्षेपण कहते हैं। सूर्य के प्रकाश से प्राप्त रंगों में बैंगनी रंग का विक्षेपण सबसे अधिक एवं लाल रंग का विक्षेपण सबसे कम होता हैं। विभिन्न रंगों का आधार से ऊपर की ओर क्रम इस प्रकार है- बैंगनी, नील या जामुनी, आसमानी या नीला, हरा, पीला, नारंगी तथा लाल।

बैनीआहपीनाला-

न्यूटन ने सन् 1666 ई. में पाया कि भिन्न-भिन्न रंग भिन्न-भिन्न कोणों से विक्षेपित होते हैं। वर्ण विक्षेपण किसी पारदर्शी पदार्थ में भिन्न-भिन्न रंगों के प्रकाश के भिन्न-भिन्न चाल होने के कारण होता है। अतः किसी पदार्थ का अपवर्तनांक भिन्न-भिन्न रंगों के प्रकाश के लिए भिन्न-भिन्न होता हैं पारदर्शी पदार्थ में जैसे-जैसे प्रकाश के रंगों का अपवर्तनांक बढ़ता जाता है, वैसे-वैसे उस पदार्थ में उसकी चाल कम होती जाती है, जैसे-काँच में बैंगनी रंग क प्रकाश की चाल सबसे कम तथा अपवर्तनांक सबसे अधिक होता है तथा लाल रंग की चाल सबसे अधिक एवं अपवर्तनांक सबसे कम होता है। शेष रंगों की चाल इन दोनों रंगों के बीच होता है। बैंगनी रंग के प्रकाश की तरंगदैर्ध्य सबसे कम व लाल रंग की तरंगदैर्ध्य सबसे अधिक होती है। प्रकाश की तरंगदैर्ध्य को एंगस्ट्राम मे मापते है तथा इस ।° से व्यक्त करते है। (1 । ° = 10-10उ)

प्रकाश का वर्ण विक्षेपण से आप क्या समझते हैं इंद्रधनुष की व्याख्या करें तो प्रश्न दो भागों में हमको दिया गया है पहले भाग में पूछा प्रकाश का वर्ण विक्षेपण से हम क्या समझते हैं तो दोस्तों प्रकाश का वर्ण विक्षेपण ऐसी घटना होती जयप्रकाश अपने विभिन्न वर्गों में विभक्त हो जाता है जैसे कि प्रकाश के साथ वरना होते हैं ठीक है सातों वर्णों के नाम लिखे तो कुछ इस तरीके से लिख सकते हैं वह जाने ना ठीक है यह क्या है यह 7 वर्ड है प्रकार के मतलब इनसे रंगों के नाम शुरू होते हैं एक होता है बैगनी वैसे जैसे होता है जामुनी अन्ना से होने से क्या होता है नीला होता है ऐसे होता है हरा पीछे होता है पीला ना से होता है नारंगी और अंत में ला से क्या होता है लाल होता है ठीक अब यह सब क्यों होता है क्योंकि प्रकाश है वह 7 रन का मतलब इन्हीं सात रंगों से मिलकर बना होता है इन्हीं सात रंगों से मिलकर श्वेत प्रकाश मंत्र और श्वेत प्रकाश का अगर दो से तीन बार अपवर्तन करा दे तो उसका

वर्ण विक्षेपण हो जाता है ठीक है और वर्ण विच्छेद कौन होता है तो हम को विभिन्न रंग अलग-अलग स्थान पर दिखाई पड़ते हैं क्योंकि इन रंगों के तरंग देर देव का मान सम्मान नहीं होता अलग अलग होता है ठीक है हम सभी छात्रों ने अपने विद्यालय के प्रयोगशाला में एक प्रयोग तो किया होगा कि वेद प्रकाश कृष्ण के एक तरफ से आती है और हमको विभिन्न प्रकार के रंग दूसरे प्रकार दूसरी तरफ दिखाई पड़ते हैं ठीक है तो यहां पर रंगों की भक्त हो जा रहा है बैजानी हैप्पी नाला नीचे से अगर हम देखे तो बैग निजामु नीला हरा पीला नारंगी लाल हो गया सही है प्रकाश का वर्ण विक्षेपण ठीक है क्योंकि यह अपने गुणों पर विभाजित हो जा रहा है अगर इसको लिखना चाहे तो किस तरीके से लिख सकते हैं पहले भाग का प्रश्न का उत्तर इस तरीके से देख सकते हैं कि श्वेत प्रकाश का अपने विभिन्न अवयवों में विभाजन को प्रकाश का वर्ण विक्षेपण कहते हैं और दूसरे भाग की ओर चल पड़ते हैं कहा गया है इंद्रधनुष की व्याख्या करें तो इंद्रधनुष में हमको सात प्रकार के रंग दिखाई देते हैं जैसे कि यहां पर इसमें वर्ण विक्षेपण के दौरान दिखाई दी

वह भी बजाई हैप्पी नाला हमको देखने को मिलता है ठीक है तो ऐसा क्या होता है कि हमको इंद्रधनुष देखने को मिलता है अगर हम बात करें दोस्तों सूर्य की स्थिति कि वह हमारे पीठ की ओर हो और हम सूर्य की स्थिति के विपरीत देखें वर्षा हो रही हो तो वर्षा की बूंदों पर जैसे वर्षा की बूंद है यहां पर जो सूर्य की प्रकाश किरण आएगी वह अंदर से टकराकर हमारे पास वापस आएगी तो यहां उस का वर्ण विक्षेपण होता है हमको विभिन्न प्रकार के रंग यहां देखने को मिलते हैं और एक वर्क कर के रूप में देखने को मिलता है जो हमको परीक्षकों क्या यह प्रतीत होता है इंद्रधनुष की तरह ठीक है इसको अगर हम चित्र में देखें चलिए मान लीजिए सूर्य है अब सूर्य के प्रकाश की ने सीधी रेखा पर घमंड करेगी और समझ लीजिए कुछ प्रकाश किरण जो प्रकाश किरण यहां वर्षा की बूंद पर जा रही है वह वर्षा के बूंद के अंदर जा रही है तो यहां पर परावर्तन भी होगा वर्षा की बूंद की सतह पर ठीक है तो परावर्तन अपवर्तन तो होगा ही होगा परावर्तन भी होगा और परावर्तन के पश्चात वह औरत होकर बाहर निकलेगी जब तो वह अपने

सात रंगों में विभक्त हो जाएगी और यहां पर एक मनमोहक से इंद्रधनुष का निर्माण हो जाएगा जो परीक्षक को दिखेगा शिक्षक कोई किस तरीके से दिखेगा प्रकाश के साथ अलग-अलग रंग दिखाई देंगे प्रेक्षक को अगर प्रेक्षक सूर्य के विपरीत दिशा पर देख रहा है तो मतलब परीक्षक का पीठ सूर्य की ओर है तब तो इस घटना को हम क्या कहते हैं इस घटना में जो हम देखते हैं साथ में उसको हम इंद्रधनुष कहते हैं प्रश्न में हमको दिया है इंद्रधनुष की व्याख्या करें तो हम निम्न तरीके से लिख सकते कि सूर्य के प्रकाश की किरण वर्षा की बूंदों से वर्ण विक्षेपण की घटना होने के पश्चात अपने विभिन्न वर्गों में विभक्त हो जाती है जो परीक्षक को रंगीन सन केंद्रित आपकी तरह दिखाई पड़ती है जिसे ही हम इंद्रधनुष कहते हैं और यही कह दिए गए प्रश्न का हमारा तरह दोस्तों धन्यवाद

प्रकाश का वर्ण विक्षेपण क्या है ?`?

जब सूर्य का प्रकाश प्रिज़्म से होकर गुजरता है तो वह अपवर्तन के पश्चात् प्रिज़्म के आधार की ओर झुकने के साथ-साथ विभिन्न रंगों के प्रकाश में बँट जाता है। इस प्रकार से प्राप्त रंगों के समूह को वर्णक्रम कहते हैं तथा श्वेत प्रकाश का अपने अवयवी रंगों में विभक्त होना वर्ण विक्षेपण कहलाता है।

प्रकाश का वर्ण विक्षेपण और स्पेक्ट्रम क्या है?

जब सफेद प्रकाश की एक किरण एक शीशे के प्रिज्म के माध्यम से गुजरती है तो सात रंगों के पट्टी (बैंड) का गठन करती है, इसे श्वेत प्रकाश का स्पेक्ट्रम कहा जाता है। प्रकाश का वर्ण-विक्षेपण (Dispersion of light) : सफेद रोशनी का एक पारदर्शी माध्यम से गुजरने पर सात रंगों में बँटने को प्रकाश का प्रसार कहा जाता है।

प्रकाश वर्ण क्या है?

प्रकाश का वर्ण विक्षेपण (Dispersion Of Light) सूर्य के प्रकाश (श्वेत प्रकाश) को प्रिज्म से गुजारने पर यह प्रकाश सात अवयवी रंगों में विभक्त हो जाता है। प्रकाश से जुड़ी इस घटना को 'प्रकाश का वर्ण विक्षेपण' कहते हैं। अतः श्वेत प्रकाश का सात अवयवी रंगों में विभक्त हो जाने की घटना को 'वर्ण विक्षेपण' कहा जाता है।

वर्ण विक्षेपण और वर्ण क्रम क्या है?

जब श्वेत प्रकाश को प्रिज्म में से गुजारा जाता है तो वह सात रंगों में विभक्त हो जाता है। इस घटना को वर्ण विक्षेपण कहते है तथा प्राप्त रंगों के समुह को वर्ण क्रम कहते है। अधिक तरंग दैध्र्य वाले प्रकाश अर्थात लाल रंग का विचलन कम तथा कम तरंगदैध्र्य वाले प्रकाश अर्थात बैंगनी का विचलन अधिक होता है।

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