भूमध्य रेखा पर किसी वस्तु का भार ध्रुवों की तुलना में कम क्यों होता? - bhoomadhy rekha par kisee vastu ka bhaar dhruvon kee tulana mein kam kyon hota?

भूमध्य रेखा पर किसी वस्तु का भार थ्रू अ पर उसकी वस्तु के भार से रिक्त होता है तो या तो यहां पर मान आयेगा कम या तो आएगा अधिक तो दोस्तों हमारा सही उत्तर क्या होता है कम ठीक है क्यों इसको हम आगे एक्सप्लेन करते ठीक है बात करें भूमध्य रेखा की तो पृथ्वी पर किस तरीके से बना सकते हैं चलिए आइए उसका प्रतीकात्मक एक चित्र हम बना लेते हैं ठीक है हम बनाते हैं पर एक पृथ्वी ठीक है अब इस पृथ्वी जो है वह टेढ़ी ही घूमती है अपने अक्ष पर ठीक है लेकिन हम उसको यहां सीधा बनाते हैं चित्र में समझने के लिए ठीक है तो दोस्तों अगर यहां पर बना दूंगा भूमध्य रेखा तो किस तरीके से देख सकते भूमध्य रेखा को हम इस तरीके से देख सकते हैं और हम समझते कि पृथ्वी जो है वह इस दिशा पर गति कर रही है ठीक है और यह कह दूं है ठीक है अब यह हो गया ध्रुव यहां गुना नक्शा बनाना सही रहेगा तो बना देते चलिए यह गुना नक्शे पृथ्वी का हम मान लेते ठीक है दोस्तों यह इसकी गति अगर हम देखे भूमध्य रेखा पर तो यह वित्त की तरह दिखाई दे रहा है सिर्फ काले रंग को अगर हम देखें

रेखा को तो एक व्यक्ति की तरह दिखाई दे रहा है और यहां भूमध्य रेखा पर अगर कोई व्यक्ति खड़ा है ठीक है चलिए मान लेते हैं यहां एक जगह पर मतलब इस जगह पर कोई व्यक्ति खड़ा है ठीक है कहां पर ध्रुव पर ठीक है और एक व्यक्ति खड़ा है यह भूमध्य रेखा पर तो धूप और जो व्यक्ति खड़ा है उस पर वास्तविक बार नीचे क्यों लगेगा और उस बार का मान क्या होता है दोस्तों बाहर का मान होता है बुरा मान गुना गुरुत्व त्वरण और इस बार का मान जो है दोस्तों पृथ्वी की प्रत्येक सतह पर सामान रहेगा ठीक है यह वास्तविक बार की बात कर रहे हैं अब यहां पर कम क्यों है ऐसा नहीं इसको आगे समझेंगे ठीक है तो हंसता ही भर सभी जगह पर समार रहेगा हम जानते कि प्रति जो है वह किनारों पर से चपटी हुए हैं ध्रुव पर लेकिन चेपटी होने से सिर्फ जो यहां पर त्रिज्या के माने परिवर्तन आता है वह नगर नहीं आता है वह ग्रुप वितरण पर कुछ खास परिवर्तन नहीं करता तो इसलिए बाहर जो है वह सामान ही आता है सभी जगह पर तो ऐसा क्या चीज है जिसकी वजह से भूमध्य रेखा पर भार कम होता है यह पृथ्वी की गति जो है पर मैंने लाल रंग से दर्शाया है ना

तो पृथ्वी की गति जो है वह भूमध्य रेखा पर अगर हम देखे तो वृत्तीय गति हो जाएगी ठीक है अब वृत्तीय गति में हम क्या जानते हैं दोस्तों की अपकेंद्रीय बल लगता है बाहर की तरफ जिस का मान होता है एमबी की घात 2 बटा आर ठीक है या फिर ओमेगा के टाइम्स में लिखे तो क्या लिख सकते हो मेघा यानी कि को नहीं अच्छा ठीक है तो एम ओमेगा की घात 2 गुना आर त्रिज्या ठीक है और क्या पृथ्वी की त्रिज्या है ठीक तरीके से तो दोस्तों यह जो बाहर की तरफ बल लग रहा है और अंदर की तरफ जब अलग है मतलब केंद्र की तरफ जो बल लगेगा उनका पढ़ना भी देखें तो केंद्र की तरफ बल लगेगा लेकिन बहुत ही का मतलब थोड़ा मन में बहुत ही कम परिवर्तन आएंगे मान में ठीक है लगभग कितना ही रहेगा लेकिन मान में कुछ ना कुछ परिवर्तन आते जैसे ध्रुवों पर अगर हम गुरुत्वीय त्वरण का मान देकर ठीक तो ग्रुप वितरण समारोह पर कितना होता है 10 मीटर प्रति सेकंड के घाट में दो और अगर दिखे भूमध्य रेखा कर्क रेखा के आसपास तो इसका मांझी देश का मान कितना होता है 9.881 मीटर

सेकंड की घात 2 ठीक है कितना होता है लगभग तो भूमध्य रेखा पर कम क्यों है क्योंकि बाहर की तरफ एक बार लग रहा है जो घर जाता अंदर की तरफ लगने वाले गुरुत्व बल से आने की बाहर से ठीक है अंदर की तरफ भारत तो यहां पर भी उतना ही लगेगा ठीक है डब्ल्यू बराबर एवं गुनाजी लेकिन अगर बात करी जी देश की आभासी भारती ठीक है यहां पर लिख देते हैं आभासी बाहर ठीक तो आभासी बाहर बराबर क्या हो जाएगा दोस्तों हम लिख देते यहां पर वास्तविक भार रेन बाहर की ओर लगने वाला बल ठीक है तो इस तरीके से इस सूत्र में हम मार रखे निकाल सकते कि कितना मान काम आता है ठीक है पृथ्वी की घूर्णन गति भी कमान भी हमको चाहिए लेकिन प्रश्न में सिर्फ इतना बोला कि कम होता है कि ज्यादा तो उसके लिए यह काफी है ठीक है काम होता है ठीक और अगर आप निकाल कर देखें ध्रुवा पर इसी सत्र से आभासी बार तो वह वास्तविक भार के बराबर आएगा क्यों क्योंकि अपकेंद्रीय बल जो है वहां पर शून्य होगा क्यों क्योंकि दोस्तों अगर वहां पर एक वृति चटनी बना कर देखें तो वहां जोरे कि वे होगा उस

मेरे त्रिज्या क्या होगी तुझे यह वाली नहीं लेंगे वहां तेरी जगह लेंगे लंबा दूरी लेंगे जो घूर्णन गति है उससे ठीक है तो वह मान लगभग नगर नहीं आएगा ठीक है तो इस तरीके से वहां पर आभासी बाहर जाऊंगा वास्तविक भारतीय बराबर होता है ठीक है दोस्तों कहीं दिए गए प्रश्न के लिए हमारा उत्तर था धन्यवाद

भूमध्य रेखा पर किसी वस्तु का भार ध्रुव की तुलना में कम क्यों होता है?

चूंकि भूमध्यरेखा पृथ्वी के केन्द्र से ध्रुव की अपेक्षा दूर है। अतः भूमध्यरेखा के मुकाबले धुव पर वस्तु का भार अधिक होता है। इसके अतिरिक्त पृथ्वी के दैनिक घूर्णन के कारण भूमध्यरेखा पर G का मान ध्रुवों की अपेक्षा कम होने से भी भार कम होता है।

भूमध्य रेखा से ध्रुव की तरफ जाने पर जी का मान क्या होता है?

Solution : ध्रुवों पर पृथ्वी की त्रिज्या भूमध्य रेखा से कम होती है इसलिए जैसे ही हम भूमध्य रेखा से ध्रुवों की ओर जाते हैं, g का मान बढ़ता है। जब हम भूमध्य रेखा से ध्रुवों तक जाते हैं, तब घूर्णन का प्रभाव कम हो जाता है और ध्रुव पर शून्य हो जाता है, इसलिए g का मान बढ़ जाता है।

विषुवत रेखा से ध्रुवों की ओर जाने पर तापमान क्यों घटता है?

विषुवत रेखा/भूमध्य रेखा पर सूर्य की किरणे लंबवत पड़ती हैं। जैसे जैसे भूमध्य रेखा से ध्रुवों की तरफ़ जाते हैं, सूर्य की किरणें तिरछी होती जाती हैं और फैल कर अधिक क्षेत्र को गर्म करती हैं अतः तापमान कम होता जाता है।

पृथ्वी ग्रह के ध्रुवों और भूमध्य रेखा पर g का मान कैसे बदलता है?

g = G M R 2 घटता है। अतः ध्रुव पर g भूमध्य रेखा से अधिक है।

संबंधित पोस्ट

Toplist

नवीनतम लेख

टैग