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प्रेगनेंसी में डायबिटीज से बचना है तो सिर्फ इतना ही मीठा खाएं, वरना पछताना पड़ेगाparul rohatagi | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: Jul 16, 2020, 1:46 PM गर्भावस्था में मीठा खाने की क्रेंविंग होना लाजिमी है लेकिन प्रेगनेंसी में महिलाओं को यह समझना चाहिए कि इस समय उनके और गर्भस्थ शिशु के लिए कितनी मात्रा में शुगर लेना सही होता है।
प्रेगनेंसी में शुगर की कितनी मात्रा सही है गर्भावस्था के दौरान शुगर की मात्रा को लेकर कोई निर्धारित नियम नहीं है। इसलिए बेहतर होगा कि आप सावधानी के साथ मीठी चीजों का सेवन करें।। आपको प्रेगनेंसी में शुगर की मात्रा कितनी लेनी है, ये आपके ब्लड शुगर लेवल, वजन और मेटाबोलिक रेट पर भी निर्भर करता है। वैसे गर्भावस्था में एक दिन में 25 ग्राम से अधिक मात्रा में शुगर नहीं लेनी चाहिए। गर्भावस्था में ज्यादा मीठा खाने के नुकसान ज्यादा मीठा खाने का शिशु पर प्रभाव मीठी और कार्बोहाइड्रेट युक्त अधिक चीजें खाने से शिशु के विकास पर प्रभाव पड़ सकता है। खून में अधिक शुगर होने से जेस्टेशनल डायबिटीज या टाइप 2 डायबिटीज अनियंत्रित हो सकती है जिसका शिशु पर गलत असर पड़ता है। यदि अधिक शुगर प्लेसेंटा से शिशु को नुकसान पहुंचा सकती है और भ्रूण में ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ा सकती है। इससे शिशु के खून में इंसुलिन ज्यादा बन सकता है और शिशु का आकार बढ़ सकता है। इस स्थिति को मैक्रोसोमिया कहते हैं। वहीं, शिशु का आकार बड़ा होने पर सिजेरियन डिलीवरी और प्रीमैच्योर डिलीवरी की जरूरत पड़ सकती है। यह भी पढ़ें : प्रेगनेंसी में गले में खराश दूर करने के घरेलू उपाय मीठा खाने से दस्त या एसिडिटी हो सकती है Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें रेकमेंडेड खबरें
देश-दुनिया की बड़ी खबरें मिस हो जाती हैं?धन्यवादगर्भ में लड़का हो तो क्या खाने का मन करता है?गर्भ में लड़का होने के 10 लक्षण. 80 shares.. प्रेगनेंसी में मीठा खाने की इच्छा क्यों होती है?गर्भावस्था के दौरान होने वाली मां के खान-पान का सीधा असर... Spicy Food in Pregnancy: कभी खट्टा-मीठा तो कभी चटपटा और स्पाइसी, प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को कई तरह की चीजें खाने की क्रेविंग होती है। गर्भावस्था के दौरान होने वाली मां के खान-पान का सीधा असर उसके होने वाले बच्चे की सेहत पर पड़ता है।
बेटा होने के लक्षण क्या होते हैं?प्रेग्नेंसी में शिशु का जेंडर पता लगाने के लिए कई तरह के तरीके और संकेत प्रचलित हैं जैसे कि ज्यादा वजन बढ़े, तो बेटा पैदा होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान ऐसी कई बातें और लक्षणों के बारे में सुनने को मिलता है, जो लड़का होगा या लड़की के बारे में आपको बता सकते हैं। इनमें से ज्यादा बातें तो बस मिथ्या होती हैं।
गर्भ में लड़का होने की क्या पहचान है?भ्रम : कहते हैं कि अगर पेट में लड़का हो तो स्किन पर दाने नहीं आते जबकि लड़की होने पर मां की स्किन खराब हो जाती है। वहीं लड़का होने पर बाल भी घने और सुंदर रहते हैं। तथ्य : हार्मोन के स्तर में बदलाव के कारण त्वचा और बालों में बदलाव आता है। हार्मोनल बदलाव के कारण स्किन साफ और बाल सुंदर हो सकते हैं।
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