Solution : कवि अपने जीवन को वसंतमय बनाकर अनंत काल तक जीने की इच्छा रखता है। अर्थात् जिस प्रकार वसंत के आते ही वातावरण आनन्दमय हो जाता है, वैसे ही वह भी अपने कार्यों से इस संसार में यश पाने की इच्छा से पूरित होकर अनंत काल तक जीना चाहता है। Show AnswersRelated Kavi ne apne jivan ki tulna vasant se kyo ki hei? कवि ने अपने जीवन की तुलना वसंत ऋतु से की है। वसंत ऋतु की तरह उनके जीवन में भी उत्साह, प्रेरणा और नव-जीवन का संचार हो रहा है। कवि अपने हाथ से छू कर मुरझाई हुई कलियों में प्राण भर सकते हैं। कवि ने अपने जीवन की तुलना वसंत ऋतु से इसलिए की है क्योंकि कवि अपनी बातों से युवा वर्ग के भीतर एक उत्साह का संचार करना
चाहता है और उनको भविष्य के निर्माण में लगाना चाहता है।
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कवि ने अपने जीवन की तुलना वसंत ऋतु से की है। वसंत ऋतु की तरह उनके जीवन में भी उत्साह, प्रेरणा और नव-जीवन का संचार हो रहा है। कवि अपने हाथ से छू कर मुरझाई हुई कलियों में प्राण भर सकते हैं। कवि ने अपने जीवन की तुलना वसंत ऋतु से इसलिए की है क्योंकि कवि अपनी बातों से युवा वर्ग के भीतर एक उत्साह का संचार करना चाहता है और उनको भविष्य के निर्माण में लगाना चाहता है। मित्र! कवि ने अपने जीवन की तुलना वसंत ऋतु से की है। वसंत ऋतु की तरह उनके जीवन में भी उत्साह, प्रेरणा और नव-जीवन का संचार हो रहा है। कवि अपने हाथ से छू कर मुरझाई हुई कलियों में प्राण भर सकते हैं। कवि ने अपने जीवन की तुलना वसंत ऋतु से इसलिए की है क्योंकि कवि अपनी बातों से युवा वर्ग के भीतर एक उत्साह का संचार करना चाहता है और उनको भविष्य के निर्माण में लगाना चाहता है। One Line Answer कवि ने अपनी तुलना किससे की है? उसके जीवन का पाथेय क्या है? Advertisement Remove all ads Solutionकवि ने अपनी तुलना उस पथिक से की है जो जीवन पथ पर चलते-चलते थक गया है। इस जीवन पथ पर वह अपनी पत्नी के साथ बिताए कुछ सुखद पलों की मधुर यादों के सहारे चल रहा है। यही मधुर यादें उसके जीवन का पाथेय बन गई हैं। Concept: पद्य (Poetry) (Class 10 A) Is there an error in this question or solution? Advertisement Remove all ads Chapter 4: जयशंकर प्रसाद - आत्मकथ्य - अतिरिक्त प्रश्न Q 11Q 10Q 12 APPEARS INNCERT Class 10 Hindi - Kshitij Part 2 Chapter 4 जयशंकर प्रसाद - आत्मकथ्य Advertisement Remove all ads प्र 10 कवि ने अपने जीवन की तुलना बसंत से क्यों की है?कवि ने अपने जीवन की तुलना वसंत से क्यों की है Solution : कवि अपने जीवन को वसंतमय बनाकर अनंत काल तक जीने की इच्छा रखता है। अर्थात् जिस प्रकार वसंत के आते ही वातावरण आनन्दमय हो जाता है, वैसे ही वह भी अपने कार्यों से इस संसार में यश पाने की इच्छा से पूरित होकर अनंत काल तक जीना चाहता है।
कवि ने अपनी साँसों की तुलना किससे की है और क्यों?…………………………………….
कवि ने अपने जीवन को कैसे माना है?कवि ने अपने जीवन के बारे मे यह कहा है कि वह अपने सांसारिक जीवन के भार को निरंतर वहन करते हुए अपना जीवन-यापन कर रहा है। इससे वह दुखी नहीं होता। उसके जीवन में प्यार का भी समावेश है।
जीवन की तुलना अतिथि से क्यों की गई है?कवि ने अपने जीवन की तुलना किससे की है और क्यों? Solution : कवि ने अपने जीवन की तुलना वसन्त से की है, क्योंकि कवि नयी आशा एवं उल्लास से भरा जीवन जीना चाहता है।
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