Show न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण का नियमन्यूटन ने
केप्लर के ग्रहों की गति संबंधी नियम से प्राप्त निष्कर्ष की व्याख्या करते हुए बताया कि ब्रह्मांड का प्रत्येक पिंड, किसी दूसरे पिंड को अपनी ओर आकर्षित करता है। इस आकर्षण के गुण को गुरुत्वाकर्षण कहते हैं। माना दो कण जिनके द्रव्यमान m1 व m2 हैं। एक दूसरे से r दूरी पर हैं। यदि इनके बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल F है। F ∝ m1 m2 जहां एक G अनुक्रमानुपाती नियतांक है जिसे सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक कहते हैं। सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांकयदि गुरुत्वाकर्षण की प्रक्रिया में भाग लेने वाले दोनों कणों के द्रव्यमान समान तथा एकांक हों एवं उनके बीच की दूरी भी एकांक हो तो गुरुत्वाकर्षण नियतांक G का मात्रकसूत्र F = G \large \frac{m_1 m_2}{r^2} से यदि दूरी मीटर में, द्रव्यमान किग्रा में, तथा बल न्यूटन में हो तो सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक का एस आई मात्रक न्यूटन-मीटर2/किग्रा2 होता है। गुरुत्वाकर्षण नियतांक G का विमीय सूत्र पढ़ें… 11वीं भौतिक नोट्स | 11th class physics notes in Hindi गुरुत्वाकर्षण नियतांक G का मानG का मान कणों की प्रकृति, द्रव्यमान, माध्यम तथा ताप एवं समय आदि पर निर्भर नहीं करता है। इसी कारण से इसे सार्वत्रिक नियतांक G कहते हैं। G के मान से इसका अर्थ निकलता है। आशा करते हैं कि न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण नियम संबंधी एवं सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक से संबंधित यह अध्याय आपको पसंद आया होगा। अगर आपको कोई परेशानी हो तो हमें कमेंट के माध्यम से बताएं। गुरुत्वाकर्षण संबंधित प्रश्न उत्तर1. गुरुत्वाकर्षण क्या है?Ans. एक आकर्षण बल 2. गुरुत्वाकर्षण का नियम किस वैज्ञानिक ने प्रस्तुत किया?Ans. न्यूटन 3. गुरुत्वाकर्षण नियतांक G का मान कितना होता है?Ans. 6.67 × 10-11 न्यूटन-मीटर2/किग्रा2 |