निपुण भारत का फुल फॉर्म क्या है? - nipun bhaarat ka phul phorm kya hai?

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आप सभी लोग तो जानते ही हैं अभी के समय में शिक्षा का कितना बड़ा महत्व है। इसी सब बात को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने नागरिकों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रकार की योजनाएं चलाती है। शिक्षा स्तर को सुधारने के लिए भारत सरकार ने नई एजुकेशन पॉलिसी लॉन्च की थी। नई एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत शिक्षा के क्षेत्र में काफी ज्यादा बदलाव भी हुए थे। इन सब योजनाओं में से आज हम आपको निपुण भारत योजना के बारे में बताने जा रहे हैं। निपुण भारत योजना होता क्या है? निपुन भारत योजना के उद्देश्य क्या है? इस योजना की विशेषताएं, इस योजना को क्यों शुरू किया गया? इससे जुड़ी हुई तमाम जानकारी इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको देने जा रहे हैं अगर आप निपुण भारत योजना के बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं तो इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें।

निपुण भारत का फुल फॉर्म क्या है? - nipun bhaarat ka phul phorm kya hai?

शिक्षा के क्षेत्र को विकास करने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई है। निपुण भारत योजना की शुरुआत भारत सरकार और शिक्षा मंत्रालय के द्वारा 5 जुलाई 2021 में किया गया था।
(NIPUN Full Form)NIPUN का फुल फॉर्म National lnitiative For Proficiency in Reading with understanding and Numeracy होता है।इस योजना के अंतर्गत जो भी बच्चे स्कूल में पढ़ते हैं| उन बच्चों की बुनियादी शिक्षा को मजबूत बनाया जाएगा। इस योजना के माध्यम से सरकारी और सभी प्राइवेट स्कूलों में सभी बच्चों को सहयोग प्रदान किया जाएगा। इस योजना का संचालन शिक्षा विभाग के द्वारा किया जाता है। निपुण भारत मिशन के अंतर्गत सभी बच्चे जो ग्रेड 3 में पढ़ते हैं उन कक्षा के अंत तक बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक में निपुण बनाया जाएगा। बच्चों को साल 2026 से 2027 तक पढ़ने लिखने और अंकगणित करने की क्षमता प्राप्त होगी। इसीलिए बुनियादी शिक्षा मजबूत होना बहुत ही जरूरी होता है।
Example के तौर पर समझते हैं- अगर कोई व्यक्ति घर बनाता है तो घर का नींव मजबूत नहीं देता है तो उसका घर ज्यादा दिन टिक नहीं पाता है। ऐसे ही शिक्षा के क्षेत्र में भी होता है अगर बच्चे का शुरुआती कक्षा मजबूत नहीं होगा, तो फिर वह आगे अच्छे से नहीं पढ़ पाएगा। इसीलिए निपुण भारत मिशन (nipun scheme) की शुरुआत की गई| ताकि इस योजना के अंतर्गत बुनियादी शिक्षा मजबूत होने के कारण बच्चें को आगे जाकर कोई भी दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। निपुण भारत मिशन को जल्द ही पूरे देश में यानी कि सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया जाएगा।

 योजना निपुण भारत योजना (Nipun Bharat Mission Yojana)
मंत्रालय का नाम शिक्षा मंत्रालय
विभाग का नाम शिक्षा और साक्षरता विभाग
योजना का प्रकार केंद्र सरकारी योजना
कब शुरू किया गया 5 जुलाई 2021
लाभार्थी 3 और 9 साल के बच्चे
उद्देश बुनियादी शिक्षा मजबूत करना
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Nipun Bharat Mission Scheme को कितने भागों में बांट गया है?

सरकार के द्वारा निपुण भारत योजना को 17 भागों में बांटा गया है।

  • परिचय
  • लर्निंग एसेसमेंट
  • स्कूल की तैयारी
  • मिशन सामरिक योजना
  • मिशन की स्थिरता
  • मूलभूत संख्यात्मक और गणित कौशल
  • मूलभूत भाषा और साक्षरता को समझना
  • बच्चे की क्षमता और विकास पर ध्यान देना
  • योग्यता आधारित शिक्षा की ओर स्थानांतरण
  • शिक्षण अधिगम प्रक्रिया
  • मिशन अमल में विभिन्न हितग्राहियों की भूमिका
  • माता-पिता एवं समुदायिक जुड़ाव
  • शिक्षा का लाभ उठाना डिजिटल संस्थानों का भंडार
  • अनुसंधान मूल्यांकन और दस्तावेज करण की आवश्यकता
  • निगरानी और सूचना प्रौद्योगिकी ढांचा
  • SCERT और DIET के माध्यम से शैक्षणिक साहित्य
  • शिक्षण अधिगम प्रक्रिया

आइए अब निपुण भारत 2022 के हितधारकों का लिस्ट जानते हैं।

  • Central School organisation
  • State and United State
  • Central Board of Secondary Education
  • State Council of educational research and training
  • National counselling of Education Research and training
  • Civil society organisation
  • Private school
  • District education officer and block education officer
  • Block research centre
  • Non Government organisation
  • Community and parents

बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक क्या होता है?

बुनियादी साक्षरता वह योग्यता है जिसके माध्यम से बच्चे पढ़ने लिखने और बोलने व्याख्या करने में सक्षम होंगे। और संख्यात्मक वीडियो और विश्लेषण का उपयोग करके दिन प्रतिदिन की समस्याओं को हल करने का क्षमता प्राप्त होगा। और इसी के आधार पर विद्यार्थी आगे का शिक्षा आसानी से ग्रहण कर पाएंगे। बुनियादी ज्ञान बच्चे को मुख्यतः ग्रेड 3 तक प्राप्त करना चाहिए। शिक्षा मंत्रालय इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए इस योजना की शुरुआत की है ताकि कक्षा तीन तक के विद्यार्थियों के लिए निपुण भारत के अंतर्गत बुनियादी शिक्षा की नींव को मजबूत बनाया जा सकता है।

तो अब हम आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मक के प्रकार जानेंगे।

हमने आपको ऊपर Nipun Bharat Scheme से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी दी है इस योजना का मुख्य लक्ष्य छात्र को आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मक का ज्ञान प्रदान किया जा सके। आधारभूत साक्षरता को शिक्षा प्राप्त करने का आधार माना जाता है। और संख्यात्मक बच्चों के दैनिक जीवन का समाधान, तर्क करने की क्षमता और मानसिक विकास की क्षमता को बढ़ाता है।
आधारभूत साक्षरता के प्रकार

  • मौखिक भाषा को विकसित करना 
  • ध्वनि यात्मक जागरूकता
  • लेखन
  • पढ़ने का प्रवाह ( Reading Fluency )
  • डीकॉर्डिंग
  • Reading comprehension

संख्यात्मक के प्रकार

  • गणितीय तकनीक
  • आकर एवं स्थानिक समाज पैटर्न
  • Measurement
  • Pre number concepts
  • Number and operation on number
  • Data handling

NIPUN Bharar Mission के द्वारा साक्षरता और संख्यामाता में क्या सब बदलाव किए जाएंगे?

Nipun Bharat Mission Scheme के अंतर्गत देश के शिक्षा नीति में सुधार किया जाएगा, आइए अब जानते हैं कि निपुण भारत मिशन के अंतर्गत साक्षरता और संख्यात्मक में क्या सब बदलाव किए जाएंगे। ज्यादा आधारभूत साक्षरता के साथ सामाजिक ज्ञान भी दिया जाएगा।

विद्यार्थियों को शिक्षा में प्रशासन देना

  • बच्चे को पुस्तक, चित्र, पोस्टर, खिलौने इत्यादि के माध्यम से सूचित किया जाएगा
  • बच्चों को उनके रूचि के अनुसार ही शिक्षा में प्रोत्साहित किया जाएगा
  • बालक और बालिकाओं से उचित और सामान अपेक्षाओं को प्रदर्शित करना है।
  • ऐसे पाठ्यक्रम कहानियां और कविताएं जिनसे के छात्र और छात्राओं को सामान भूमिका में पेश किया जाए।

विद्यालय मॉडल –

  • मॉडल के अनुसार यह बहुत जरूरी होता है कि बच्चे को स्कूल भेजा जा सके।
  • ऐसा इसीलिए बोला जाता है क्योंकि बच्चे स्कूल जाकर नहीं सिर्फ शिक्षा प्राप्त करेंगे बल्कि उनको स्कूल में अपने साथ के बच्चे शिक्षक और दोस्तों से सीखने का भी अवसर प्राप्त होगा|
  • जिस कारण से बच्चे का संपूर्ण विकास होने का संभव होता है।

Note – सब से जरूरी बात आप लोगों की जानकारी के लिए बता दें National Education Policy के अंतर्गत 3 महीने का school preparation module निर्धारित किया गया और इसके माध्यम बच्चें प्री स्कूल का शिक्षा प्राप्त कर सकते है। को आगे स्कूल जाने में कोई भी दिक्कत नहीं हो। जाने के लिए जरूरी होता है कि बच्चे के पास न्यूनतम कौशल और ज्ञान होना चाहिए।

लर्निंग एसेसमेंट ( learning assessment ) –

  • Learning assessment का मतलब यह होता है कि बच्चों की सीखने की क्षमता का आकलन किया जा सके। और फिर उनके द्वारा सीखे गए विभिन्न प्रकार के पाठ्यक्रमों में उनका विकास का आकलन किया जाता है।
  • जिससे की बच्चे की सीखने की क्षमता को ट्रैक किया जाए। विभिन्न प्रकार की तकनीकों का उपयोग किसके लिए किया जाता है। 
  • इसके माध्यम से बच्चों की रुचि का पता लगाया जा सकता है। और फिर बच्चे की रूचि के अनुसार उन को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया जाता है और इसके अलावा बच्चों को कहां समस्याएं हो रही है इसका पता लगाया जाता है और इससे बच्चे को काफी ज्यादा मदद मिल जाता है।

निपुण भारत योजना का उद्देश्य

Nipun Bharat mission Yojana को शुरू करने का उद्देश्य यही है कि प्राइमरी स्कूल के 3 से 9 वर्ष तक के सभी छात्रों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहन देकर उन्हें आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मक क्षमता में विकास किया जा सके। हमारे भारत में आज भी बहुत सारे ऐसे छोटे बच्चे हैं जो विद्यालय तो जाते हैं लेकिन उनकी बुनियादी शिक्षा अच्छा नहीं होता है। वह शिक्षा में अन्य सभी छात्रों से पीछे रह जाते हैं। इसी समस्या को दूर करने के लिए शिक्षा विभाग ने निपुण भारत योजना की शुरुआत की। Nipun Bharat Scheme के माध्यम से छात्रों के आधार को मजबूत बनाया जा सकता है। उसे पढ़ने, लिखने और अंकगणित करने में कौशल प्रदान किया जा सकता है।

  • NIPUN Scheme Full Form in english – National lnitiative For Proficiency in Reading with understanding and Numeracy
  • NIPUN Full Form in hindi – संख्यात्मक ज्ञान के साथ, पठन में निपुणता के लिये राष्ट्रीय पहल

National mission के भूमिका और कार्य क्या है?

नेशनल मिशन के द्वारा बच्चों के शिक्षा पर जोर दिया जा रहा है और छात्रों को प्राथमिक शिक्षा प्रदान कर वर्ष 2026 से 27 तक छात्रों को शिक्षित करना है। इसके लिए इसके लिए मिशन की रणनीति और डाक्यूमेंट्स को तैयार किया जाता है और उसके साथ स्कूल में  शिक्षा और साक्षरता विभाग शिक्षा मंत्रालय के द्वारा भी कार्य किया जाएगा। मिशन निदेशक और एजेंसी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय स्तर पर कार्य किया जाता है।

National mission का administration transmission क्या होता है??

Administration transmission (प्रशासनिक संचरण ) का पांच स्तर होता है।

  • National level mission – national level mission को राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किया जाता है। इसका संचालन स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा किया जाता है इसके अंतर्गत बच्चों को learning assessment डाक्यूमेंट्स बनाने learning matrix की तैयारी करवाया जाता है।
  • State level mission – state level mission को राज्य स्तर पर आयोजित किया जाता है इस स्तर पर संचालन की जिम्मेदारी स्कूली शिक्षा विभाग की होती है l। इसके लिए टेस्ट रिपेयरिंग समिति का गठन भी किया जाता है और राज्य स्तर पर राज्य के सिक्योरिटी हेड द्वारा की जाती है।
  • District mission district mission को जिला लेवल पर संचालन की जाती है। deputy magistrate और deputy commissioner के द्वारा इसका संचालन किया जाता है। जिला स्तर पर इस योजना को तैयार किया जाता है। इसके लिए जिला के committee member of CEO, Shiksha officer, district of sir of health के कैसे बनाए होते हैं।
  • Block Cluster mission- यह ब्लॉक लेवल का होता है। इसका संचालन और इसकी निगरानी करने की जिम्मेदारी education officer and block resources person की होती हैं।
  • School management community and community participation – इसका संचालन school and community level पर किया जाता है। देशभर में शिक्षा अभियान से संबंधित जागरूकता फैलाने का कार्य इसी मिशन के अंतर्गत किया जाता है और इस मिशन में स्कूल मैनेजमेंट शिक्षकों और अभिभावकों के द्वारा भी योगदान दिया जाता है। कई सारे मिशन के माध्यम से बच्चों की शिक्षा में सुधार लाने के लिए जागरूक किया जा रहा है।

भाषा और साक्षरता विकास को बढ़ाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं?

  • ऊंचे स्वर में पढ़ना
  • अनुभव साझा करना
  • कहानियां और कविता सुनना बताना और लिखना
  • एक प्रिंट समृद्धि वातावरण बनाना
  • कक्षा की दीवारों का उपयोग करना
  • अनुभव आधारित लेखन
  • मिड डे मिल
  • ड्रामा और रोल प्ले (drama and role play )
  • पिक्चर रीडिंग (picture reading)
  • शेयर ट्रेडिंग (share trading)
  • Song and rhymes

Nipun Bharat Mission Foundation year के दौरान किया गया मूल्यांकन

  1. School based assessment
  2. Large-scale achievement survey

School Based Assessment

शिक्षक के द्वारा स्कूल बेस्ड एसेसमेंट में खुद का मूल्यांकन की की तैयारी होती है। आप लोगों को बता दें कि राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाले परीक्षा को स्कूल में से सीमेंट के अस्थान पर नहीं लिए जाते हैं स्कूल बेस्ड एसेसमेंट प्रति वर्ष में एक बार ही आयोजित होती है जिसमें कि छात्रों को अगली कक्षा में भेजा जाता है अगर कोई भी छात्र पास होने लायक अंक नहीं ला पाते हैं तो फिर उन्हें अगली कक्षा में नहीं भेजा जा सकता है। स्कूल बस एसेसमेंट को तनाव मुक्त करने के लिए सरकार के द्वारा निर्णय लिया गया है। स्कूल में सीमेंट के लिए विभिन्न प्रकार की तकनीकों का उपयोग किया जाएगा।

School Based Assessment का क्या लक्ष्य है?

बच्चों को प्रभावी संचालक बनाना-

  • स्कूल बेस्ड एसेसमेंट के अंतर्गत बच्चों की मातृभाषा को संचारक की भाषा बनाना जिससे कि वह अपनी बात को
  • संचारक के सामने रख सके।
  • गैर संचार का महत्व देना
  • भाषा एवं मूलभूत साक्षरता के लिए प्रदर्शन
  • भावना का विकास
  • गैर मौखिक संचार को महत्व देना

बच्चों का स्वास्थ्य

  • व्यायाम और खेल
  • शारीरिक विकास
  • स्वच्छता के पहलू
  • बच्चों की सामाजिक एवं भावनात्मक प्रगति
  • वस्तुओं और खिलौना को व्यवस्थित ढंग से रखना

बच्चों को इन्वॉल्व लर्नर बनाना

  • बच्चों को विभिन्न प्रकार के प्रोजेक्ट देना
  • भौतिक वातावरण को समझने का मौका देना आकलन के लिए श्रव्य दृश्य उपकरण का निर्माण करना
  • कहानियां बनाने के लिए प्रोत्साहित करना
  • प्रश्न बैंक का विकास करना

शिक्षण अधिगम की प्रक्रिया में शिक्षा की क्या भूमिका है?

आप लोगों को तो पता ही होगा कि छात्र के जीवन में शिक्षक का बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शिक्षक ही बच्चों को अच्छी शिक्षा देते हैं जिससे कि उसका भविष्य अच्छा बन सके बच्चों का भविष्य उज्जवल हो सके। इस सब बातों को देखते हुए।शिक्षकों की भूमिका पर खास ध्यान नई शिक्षा नीति के अंतर्गत दिया गया है। शिक्षकों को विभिन्न प्रकार का सुझाव दिया गया है कि वह भिन्न प्रकार के बदलाव को अपने स्वभाव में लाने की कोशिश करें। छात्रों को अच्छे तरीके से कंसेप्ट को समझा पाए। नई शिक्षा नीति में और कई प्रकार के तकनीकों का विवरण किया गया है जिसके माध्यम से कि शिक्षक बच्चे को अच्छे से समझा सके और उन्हें बेहतर शिक्षा प्रदान हो और शिक्षक को प्रेरित भी किया जाता है कि बच्चे को सही मार्गदर्शन प्रदान करें।

शिक्षकों की क्षमता का निर्माण किया गया।

  • प्रारंभिक अंकगणित के माध्यम से
  • प्रारंभिक भाषा और साक्षरता के माध्यम से
  • मूलभूत समाज के माध्यम से
  • प्रारंभिक वर्षों में आकलन के माध्यम से
  • प्रारंभिक वर्षों में परामर्श के माध्यम से
  • मूलभूत साक्षरता और संख्या तथा में माता-पिता और समुदाय की भूमिका को बढ़ावा देने में

Nipun Bharat mission में माता और पिता का क्या भूमिका है?

निपुण भारत योजना (Nipun scheme) को सफलतापूर्वक बनाने के लिए इसमें माता और पिता दोनों का पूरे समुदाय की एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका होती है क्योंकि स्कूल के बाद बच्चा 80% अपने घर पर ही रहते हैं इसलिए बच्चे की सीखने की क्षमता स्कूल ज्यादा घर पर ही विकसित होता है। और स्कूल के द्वारा कोशिश किया जाता है कि बच्चे के माता-पिता को बच्चे की शिक्षा से जोड़ा जा सके| इसके लिए विभिन्न प्रकार के कदम भी उठाए गए हैं। इस के स्कूल में भिन्न प्रकार का कार्यक्रम आयोजन किया जाता है। जिसमें उनके माता-पिता को बुलाया जाता है। इसके अलावा ईमेल, व्हाट्सएप पर माता-पिता को बच्चों की पढ़ाई से जोड़ना, बच्चों को होम असाइनमेंट देना, जिससे की माता-पिता को यह जानकारी समय-समय पर प्राप्त होता रहे हैं और बच्चों को क्या पढ़ रहे हैं? कैसे पढ़ रहे हैं? इनकी जानकारी उनको प्राप्त हो।

  • Parents teacher meeting
  • विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का संचालन
  • पेरेंटिंग पर कार्यशाला की व्यवस्था
  • असाइनमेंट देना
  • ईमेल और व्हाट्सएप के माध्यम से माता-पिता को बच्चे की प्रगति के बारे में जानकारी देना
  • स्कूल की गतिविधियों तथा बच्चों की प्रगति के बारे में माता-पिता को लगातार जानकारी देना

दीक्षा डिजिटल सामग्री क्या है?

दीक्षा पोर्टल को भी निपुण भारत योजना के अंतर्गत शुरू किया गया है इस पोर्टल के माध्यम से इ कॉन्टेंट उपलब्ध कराया जाता है। और यह स्थानीय भाषा में होता है शिक्षकों एवं छात्र दोनों के लिए कॉन्टेंट उपलब्ध कराया गया है। दीक्षा पोर्टल पर उपलब्ध कॉन्टेंट एनसीईआरटी के द्वारा तैयार किया जाता है। शिक्षक के लिए कई प्रकार के शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान दीक्षा को उपलब्ध किया गया है। जल्दी दीक्षा प्लेटफार्म को ऐप के माध्यम से संचालित किया जाएगा| शिक्षा विभाग के द्वारा जल्द ही गूगल प्ले स्टोर और एप्पल एप स्टोर पर दीक्षा एप को लांच कि जाने की जानकारी दी गई।

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Posted By – Rohit Kumar

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    FAQ

बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक क्या होता है?

बुनियादी साक्षरता व योग्यता है जिसके माध्यम से बच्चे पढ़ने लिखने और बोलने व्याख्या करने में सक्षम होंगे। और संख्यात्मक वीडियो और विश्लेषण का उपयोग करके दिन प्रतिदिन की समस्याओं को हल करने का क्षमता प्राप्त होगा। और इसी के आधार पर विद्यार्थी आगे का शिक्षा आसानी से ग्रहण कर पाएंगे। बुनियादी ज्ञान बच्चे को मुख्यतः ग्रेड 3 तक प्राप्त करना चाहिए। शिक्षा मंत्रालय इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए इस योजना की शुरुआत की है,

Nipun Bharat mission (nipun scheme) को कितने भागों में बांट गया है?

सरकार के द्वारा निपुण भारत योजना को 17 भागों में बांटा गया है।

Nipun Bharat mission Yojana को कब शुरु किया गया?

शिक्षा के क्षेत्र को विकास करने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई है। निपुण भारत योजना की शुरुआत भारत सरकार और शिक्षा मंत्रालय के द्वारा 5 जुलाई 2021 में किया गया था।

Nipun का Full Form (NIPUN Full Form) क्या होता है?

nipun scheme का फुल फॉर्म (NIPUN Full Form) National lnitiative For Proficiency in Reading with understanding and Numeracy होता है।

Nipun Bharat mission Yojana के भूमिका और कार्य क्या है?

नेशनल मिशन के द्वारा बच्चों के शिक्षा पर जोर दिया जा रहा है और छात्रों को प्राथमिक शिक्षा प्रदान कर वर्ष 2026 से 27 तक छात्रों को शिक्षित करना है। इसके लिए इसके लिए मिशन की रणनीति और डाक्यूमेंट्स को तैयार किया जाता है और उसके साथ स्कूल में  शिक्षा और साक्षरता विभाग शिक्षा मंत्रालय के द्वारा भी कार्य किया जाएगा। मिशन निदेशक और एजेंसी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय स्तर पर कार्य किया जाता है।

National mission का administration transmission क्या होता है??

Administration transmission (प्रशासनिक संचरण ) का पांच स्तर होता है।

Nipun Bharat mission में माता और पिता का क्या भूमिका है?

Nipun Bharat mission Yojana (nipun scheme) को सफलतापूर्वक बनाने के लिए इसमें माता और पिता दोनों का पूरे समुदाय की एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका होती है क्योंकि स्कूल के बाद बच्चा 80% अपने घर पर ही रहते हैं इसलिए बच्चे की सीखने की क्षमता स्कूल ज्यादा घर पर ही विकसित होता है। और स्कूल के द्वारा कोशिश किया जाता है कि बच्चे के माता-पिता को बच्चे की शिक्षा से जोड़ा जा सके| इसके लिए विभिन्न प्रकार के कदम भी उठाए गए हैं।

दीक्षा डिजिटल सामग्री क्या है?

दीक्षा पोर्टल को भी Nipun Bharat mission Yojana (nipun scheme) के अंतर्गत शुरू किया गया है इस पोर्टल के माध्यम से इ कॉन्टेंट उपलब्ध कराया जाता है। और यह स्थानीय भाषा में होता है शिक्षकों एवं छात्र दोनों के लिए कॉन्टेंट उपलब्ध कराया गया है। दीक्षा पोर्टल पर उपलब्ध कॉन्टेंट एनसीईआरटी के द्वारा तैयार किया जाता है।

Nipun का full form हिंदी में क्या है?

Nipun full form in hindi – समझ और संख्यात्मकता के साथ पढ़ने में प्रवीणता के लिए राष्ट्रीय पहल

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निपुण भारत मिशन कब लागू हुआ?

भारत केंद्र सरकार द्वारा शिक्षा क्षेत्र में विकास के लिए NIPUN Bharat Yojana 2022 की शुरुआत की है। निपुण भारत की शुरुआत 5 जुलाई 2021 में की गयी है। NIPUN Bharat Mission का पूरा नाम (National Initiative For Proficiency in Reading with Understanding & Numeracy) है।

Nipun भारत का फुल फॉर्म पूरा नाम क्या है?

(NIPUN Full Form), NIPUN का फुल फॉर्म National lnitiative For Proficiency in Reading with understanding and Numeracy होता है। इस योजना के अंतर्गत जो भी बच्चे स्कूल में पढ़ते हैं| उन बच्चों की बुनियादी शिक्षा को मजबूत बनाया जाएगा।

निपुण भारत योजना क्या है?

निपुण भारत योजना का मुख्य उद्देश्य आधारभूत साक्षरता एवं संख्यामक्त के ज्ञान को छात्रों के अंतर्गत विकसित करना है। इस योजना के माध्यम से सन 2026-27 तक तीसरी कक्षा के अंत तक छात्र को पढ़ने, लिखने एवं अंकगणित को सीखने की क्षमता प्राप्त होगी। यह योजना बच्चों के विकास के लिए बहुत कारगर साबित होगी।