नाक और कान को साफ रखना क्यों आवश्यक है - naak aur kaan ko saaph rakhana kyon aavashyak hai

हमीरपुर : शरीर में छोटे दिखने वाले अंग नाक व कान की बनावट व कार्यप्रणाली बहुत गहन है। दैनिक व शारीरिक कार्यो में नाक, कान व गला का जितना उपयोग होता है, उनका ध्यान भी उतना ही रखना चाहिये, अन्यथा बड़ी व गंभीर व्याधियाँ शरीर को पकड़ लेती हैं। दैनिक जागरण कार्यालय में बुधवार को आयोजित 'प्रश्न प्रहर' में आये हमीरपुर जि़ला अस्पताल में नाक-कान-गला (ई.एन.टी.) रोग विशेषज्ञ एवं सर्जन डॉ. विकास यादव ने इन अंगों के प्रति समुचित देख-रेख व सावधानी बरतने की सलाह दी। अपराह्न 12 बजे से 1:30 तक चले 'प्रश्न प्रहर' में जि़ले के लोगों ने बढ़-चढ़कर डॉक्टर से समस्याएं बताकर सलाह ली। प्रस्तुत हैं फोन कॉल्स में पूछ गए कुछ चुनिंदा सवाल :-

--------------------

प्रश्न- मेरे पुत्र की नाक की हड्डी का ऑपरेशन कुछ माह पूर्व हुआ था। अब उसे जुकाम व बलगम की शिकायत रहती है।-बलराम सिंह राजपूत, प्रधानाचार्य, गोविंद इंटर कॉलेज, गहरौली

उत्तर- फेस सर्जरी के द्वारा इलाज से यह समस्या दूर हो जाती है।

प्रश्न- मुझे हमेशा जुकाम की समस्या रहती है।-दिलीप कुमार राजपूत, खड़ेही लोधन

उत्तर- आपको अगर किसी चीज़ से एलर्जी है, मसलन धूल, धुआं, सर्दी, सेंट-परफ्यूम वगैरह, उससे दूर रहिये।

प्रश्न- बीते करीब सवा साल पहले से मुझे सुनाई देना बंद हो गया है।-अशोक कुमार, खड़ेही लोधन

उत्तर- कभी-कभी कान का पर्दा फट जाने से सुनाई देना बंद हो जाता है। इसकी जाँच करनी होगी। ऑपरेशन के बाद यह मजऱ् ठीक हो जाएगा।

प्रश्न- मैं बचपन में गिर गया था। तब से कान में दर्द रहता है और बहता है।-सत्य प्रकाश द्विवेदी, बिवांर

उत्तर- कभी-कभी गिरने से कान का पर्दा फट जाता है। डॉक्टर नया पर्दा तो डाल देते हैं, लेकिन उसकी साफ-सफाई पर ध्यान न देने से उसमें गंदगी व सूजन हो जाती है, जिससे कान दर्द व बहने की समस्या होती है। जाँच कराकर उचित दवा से यह ठीक होगा। ऑपरेशन भा हो सकता है।

प्रश्न- मुझे गंध का अहसास नहीं होता। नाक से सुगंध या दुर्गध का पता नहीं चलता है। - राज कुमार पाठक, बिवांर

उत्तर- ऐसा एक्ट्रोफिक राइनाइटिस रोग की वज़ह से होता है। विशेषज्ञ चिकित्सक से जाँच कराकर दवा लेनी चाहिए। अगर ज़रूरत पड़ी तो ऑपरेशन से ठीक हो जाएगा।

प्रश्न- गर्मी हो या सर्दी, नकसीर फूटने की समस्या रहती है।-शिवनाथ साहू, प्रवक्ता, सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, हमीरपुर

उत्तर- यह इपीटैक्सिस बीमारी है। रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) की शिकायत होने पर नलिकाओं में दबाव पड़ता है। चूँकि नाक की नसें अत्यंत महीन होती हैं, लिहाज़ा वे फट जाती हैं और खून बहने लगता है। नोज़ल पैकिंग के बाद यह ठीक हो जाता है। अगर इससे समस्या नहीं जाती तो इसे कॉटरी मशीन का प्रयोग कर दूर किया जाता है।

प्रश्न- दायें कान से पानी आता है।-राहुल वाजपेयी, पातालेश्वर मंदिर, हमीरपुर

उत्तर- यह समस्या दो माह तक शुरुआती दौर में होती है, जिसे एंटीबॉयोटिकदवाओं से दूर किया जा सकता है। अगर समस्या पुरानी हो तो फिर सर्जरी करनी होती है।

प्रश्न- मुँह से बदबू आती है। नाक में कीड़े पड़ जाते हैं।-आर.एन. सिंह, खड़ेही लोधन

उत्तर- कैविटीज में हवा भर जाने से खाने के कण उसमें फँस जाते हैं। इससे बदबू आने लगती है। मैजि़ल इंडोस्कोपी जाँच के बाद उपचार से यह ठीक हो जाती है। नाक में कीड़े पड़ना अलग विषय है। इन्हें मैगट्स कहते हैं। ये नाक में गंदगी से हो जाते हैं। जाँच कराकर सफाई करायें।

प्रश्न- दायें कान में हमेशा दर्द रहता है।-रामपाल यादव, बिलगाँव

उत्तर- कान में गंदगी, वैक्स, फंगस (फफूँदी) से यह हो जाता है। सफाई व इलाज से यह ठीक हो जाता है।

प्रश्न- मेरी बेटी 15 माह की है। आवाज़ देने पर वह कोई प्रतिक्रिया नहीं देती। शायद उसे सुनाई नहीं देता है।-करन सिंह, बिवाँर

उत्तर- इसके लिए पहले पीटीए जाँच से यह पता लगाते हैं कि नसों में सुनने की क्षमता है या नहीं। इसके बाद यथोचित इलाज किया जाता है।

प्रश्न- मेरे पिता जी को 3-4 माह से जुकाम की शिकायत है। कहीं यह स्नोफीलिया तो नहीं है?-अमित (कानपुर से)

उत्तर- स्नोफीलिया में सूखा जुकाम होता है। आपके पिता जी को राइनाइटिस हो सकता है, जिसमें नाक से लगातार पानी बहता है। या किसी एलर्जी से भी यह हो सकता है। इसमें डॉक्टर की सलाह से नेज़ल ड्रॉप से फायदा मिलेगा। नेज़लइंडोस्कोपी जाँच के बाद इलाज़ करना होगा।

प्रश्न- दो साल पहले कान का ऑपरेशन हुआ था। तब से ऊँचा सुनाई देता है। सिर दर्द भी रहता है।-दीपू, भरखरी

उत्तर- डॉक्टर कान में नया पर्दा डाल देते हैं, लेकिन उसकी साफ-सफाई न होने से उसमें गंदगी वगैरह जम जाती है, जिससे कम सुनायी देने लगता है। डॉक्टर से कान की सफाई कराकर दवाएँ लें। कान का संबंध सिर से होता है, अत: कान से निकलने वाला पस दिमाग तक पहुंच सकता है, जिससे सिर दर्द व अन्य बीमारियाँ होती हैं। समय पर इलाज कराएं।

प्रश्न- गले में काँटे सरीखे चुभा करते हैं और कुछ अटका हुआ सा लगता है।-आर.एस. पाठक, बिवाँर

उत्तर- यह फैरिंटजाइटिस बीमारी होती है। किसी कारण से गले में टॉन्सिल्स हो जाते हैं या सूजन आ जाती है। यही काँटों जैसे लगते हैं। ये पककर फटते हैं, तो खाने के कण इनमें फँस जाते हैं। इस वज़ह से कुछ अटका हुआ लगता है और फिर मुँह से बदबू भी आती है। गुनगुने पानी से गरारा करें। लैरिगोस्कोपी कराकर इसका इलाज़ किया जाता है।

प्रश्न- जुकाम जल्दी होता है, खाँसी की समस्या रहती है।-साक्षी पाण्डेय, बाँधुर

उत्तर- यह साइनस रोग हो सकता है। अगर धूल, धुआँ से एलर्जी है, तो उनसे दूर रहिये। नाक का पी.एन.एस. एक्सरे करायें। जाँच के बाद उपचार से यह ठीक हो जाएगा।

कान संबंधी सावधानियाँ :-

1- कान में तेल नहीं डालना चाहिये।

2- कान को कनमैलियों से मत साफ करायें। इसमें कान के पर्दा चुटहिल हो सकता है, जिससे ऑपरेशन की भी नौबत आ सकता है। डॉक्टर से ही कान की जाँच और सफाई कराएं।

3- कान की हर बीमारी पर इयर ड्रॉप का इस्तेमाल नहीं करना चाहिये।

4- इयर ड्रॉप भी अलग-अलग तरह के होते हैं। कान बहने, कान में गंदगी व अन्य समस्याओं में सबके ड्रॉप अलग-अलग होते हैं। इसलिए एक ही ड्रॉप का इस्तेमाल कान के हर रोग में नहीं किया जाता।

कान में फ्लूइड बनाता संतुलन

कान श्रवणेन्द्रिय होने के साथ-साथ शरीर के संतुलन का कार्य भी करते हैं। कान के अंदरूनी भाग में एक फ्लूइड 'एंडोलिम्फ' होता है। इसके कम या ज्यादा होने से शरीर असंतुलित होता है और व्यक्ति लड़खड़ाता रहता है।

एंडोलिम्फ घटने के निम्नलिखित कारण हैं :-

1- किसी दुर्घटना में कान से यह फ्लूइड बह जाता है।

2- कान में किसी कारण से यह फ्लूइड जम जाता है।

3- ऑपरेशन के समय सर्जन की चूक से भी यह निकल जाता है।

समुचित इलाज व दवाइयों से इस फ्लूइड की मात्रा भी पर्याप्त की जा सकती है।

(प्रस्तुति : सचिन शुक्ला)

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर

नाक की सफाई क्यों आवश्यक है?

रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) की शिकायत होने पर नलिकाओं में दबाव पड़ता है। चूँकि नाक की नसें अत्यंत महीन होती हैं, लिहाज़ा वे फट जाती हैं और खून बहने लगता है। नोज़ल पैकिंग के बाद यह ठीक हो जाता है। अगर इससे समस्या नहीं जाती तो इसे कॉटरी मशीन का प्रयोग कर दूर किया जाता है।

आंख नाक और कान को कैसे साफ रखा जा सकता है?

बहुत से लोग ईयर ड्रॉप्स का इस्तेमाल कान साफ करने के लिए पहले विकल्प के तौर पर करते हैं. ये ईयर ड्रॉप्स कान के मैल को इतना नम कर देते हैं कि ये खुद ही बाहर निकलने लगता है.

नाक की देखभाल कैसे करनी चाहिए?

नाक से खून आने पर नेजल पैकिंग, रक्तचाप माप और जांच करना । सामान्य सर्दी-जुकाम या गले का संक्रमण नहीं होने पर होने वाली आवाज की समस्याओं का पता लगाना ।

आँख कान और नाक की देखभाल कैसे करनी चाहिए?

- नहाते समय इस बात का विशेष खयाल रखें कि कान में पानी न जाए। खासकर स्विमिंग पूल में नहाते समय कान में पानी न जाए इसके लिए विशेष सावधानी बरतें। - कान में मैल और गंदगी की परत न जमने दें और कान की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। - कान में खुजली होने पर किसी भी प्रकार का तेल न डालें।