मिठाई वाला व्यवसाय में पैसे को कम महत्व क्यों देता था? - mithaee vaala vyavasaay mein paise ko kam mahatv kyon deta tha?

मिठाई वाला व्यवसाय में पैसों को कम महत्व क्यों देता था?

मिठाईवाला अपने व्यवसाय में पैसों को कम महत्त्व क्यों देता था? Solution : बच्चों को खुश देखकर उसे आत्म सन्तुष्टि मिलती थी। इसलिए वह पैसों को कम महत्त्व देता था

मिठाईवाले को अपने व्यापार में पैसे के अलाव क्या मिलता था?

Answer: मुरली बजाकर, गाना सुनाकर वह मुरली बेचता भी है सो भी दो-दो पैसे भला, इसमें उसे क्या मिलता होगा.

मिठाई वाला अलग अलग चीजें क्यों बेचता था और वह महीनों बाद क्यों आता था?

Answer: बच्चे एक चीज़ से ऊब न जाएँ इसलिए मिठाईवाला अलग - अलग चीज़ें बेचता था। बच्चों में उत्सुकता बनाए रखने के लिए वह महीनों, बाद आता था। साथ ही चीज़ें न मिलने से बच्चे रोएँ, ऐसा मिठाई वाला नहीं चाहता था

मिठाईवाला कहानी का उद्देश्य क्या है?

Solution : . मिठाईवाला. कहानी के माध्यम से कहानीकार यह बताना चाहता है कि मनुष्य अपने दुःख के समय में भी दूसरों के प्रति अपने मन में परोपकार की भावना रखता है तो उसे मानसिक सुख और शान्ति प्राप्त होती है। जैसे मिठाईवाला अपनी खट्टी मीठी गोलियाँ बेचकर बच्चों को खुश करता है और अपना पेट भी भरता है।