मासिक धर्म में एकादशी का व्रत कैसे करें - maasik dharm mein ekaadashee ka vrat kaise karen


व्रत-उपवास करने का महत्व सभी धर्मों में बहुत होता है। साथ ही सभी धर्मों के नियम भी अलग-अलग होते हैं। खास कर हिंदू धर्म के अनुसार एकादशी व्रत करने की इच्छा रखने वाले मनुष्य को दशमी के दिन से ही कुछ अनिवार्य नियमों का पालन करना चाहिए।

* दशमी के दिन मांस, लहसुन, प्याज, मसूर की दाल आदि निषेध वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए।


* रात्रि को पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए तथा भोग-विलास से दूर रहना चाहिए।


* एकादशी के दिन प्रात: लकड़ी का दातुन न करें, नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और अंगुली से कंठ साफ कर लें, वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी ‍वर्जित है। अत: स्वयं गिरा हुआ पत्ता लेकर सेवन करें।

क्या पीरियड में एकादशी का व्रत रख सकते हैं?

शास्त्रीय मान्यताओं के अनुसार मासिक धर्म में शरीर अशुद्ध रहता है. इसलिए इस दौरान किसी प्रकार का व्रत नहीं किया जाता है. इसके अलावा पीरियड की अवधि में देवी-देवताओं की पूजा भी निषेध है.

पीरियड आने पर व्रत कैसे करें?

– अगर आपने कोई व्रत रखा है और आपको बीच में ही पीरियड्स आ जाएं तो भी आपको अपना व्रत पूरा करना चाहिए. ... .
– व्रत के दौरान अगर आपने किसी विशेष पूजा का संकल्प लिया है और पीरियड्स आ गए हैं तो आप दूर बैठकर उस धार्मिक काम को किसी अन्य व्यक्ति के जरिए करवा सकती हैं..
– पीरियड्स के दौरान भी व्रत के सभी नियमों का पालन करें..

एकादशी का व्रत कौन से महीने से शुरू करना चाहिए?

आमतौर पर जब किसी को एकादशी व्रत रखना होता है, तो वो किसी भी शुक्ल पक्ष की एकादशी से इस व्रत की शुरुआत कर देते हैं. लेकिन वास्तव में एकादशी व्रत की शुरुआत उत्पन्ना एकादशी से करनी चाहिए. ये एकादशी मार्गशीर्ष माह में आती है और इसे ही पहली एकादशी माना जाता है.

एकादशी का व्रत कौन रख सकता है?

घर के सभी सदस्यों के शारीरिक स्वस्थ रहते हैं एवं मन के बल अधिक हो जाता है । प्रिय मित्रों यदि आप एकादशी पालन करना चाहते हैं तो आप कर सकते हैं । एकादशी पालन हर कोई घर के व्यक्ति कर सकते हैं इसमें कोई बस भक्ति और श्रद्धा के साथ करें ।