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These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 10 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 10 नेताजी का चश्मा. प्रश्न-अभ्यास (पाठ्यपुस्तक से) प्रश्न 1. प्रश्न 2.
प्रश्न 3. प्रश्न 4. वह सहृदय और भावुक भी है। कैप्टन की मौत हो जाने पर हालदार साहब द्वारा कैप्टन के बारे में पूछने पर पानवाला उदास हो जाता है। उसकी आँखें भर आती हैं। प्रश्न 5. कैप्टन शारीरिक रूप से अपंग और मरियल होते हुए भी देशभक्ति की भावना रखता था। अतः पानवाले की उक्त टिप्पणी निंदनीय है। रचना और अभिव्यक्ति प्रश्न 6.
प्रश्न 7. प्रश्न 8.
(ख) हम अपने इलाके में आचार्य चाणक्य की प्रतिमा लगवाना चाहेंगे जो सर्वथा संपूर्ण राष्ट्रीय-चेतना के आधार थे। उनकी योजनाएँ ऐसी थीं कि प्रकृति भी चाहकर असफल नहीं कर सकी । उनका ऐसा चिंतन था जिससे दूसरे दाँतों तले अँगुली दबाने के लिए विवश थे। साहस के ऐसे धनी थे कि शत्रु समुदाय भी विरोध करने लिए तैयार नहीं होता था। उनके संकल्प की तुलना कोई नहीं कर सकता था। वे अभावों में भी संकल्प को पूरा करने में समर्थ थे। ऐसे आचार्य सबके लिए प्रेरणास्रोत हैं। (ग) उस मूर्ति के प्रति हमारा दायित्व यह होगा कि जिसे महापुरुष की मूर्ति है, उस महापुरुष के बारे में यथा समय लोगों को परिचित कराएँ । मूर्ति की स्थापना स्थल परे समय-समय पर विविध प्रकार के आयोजन करते रहें। लोग उस महापुरुष को राष्ट्रीय गौरव के रूप में जानें और उनका सम्मान करें। किसी भी स्थिति में उसका अपमान न होने दें और मूर्ति के सौंदर्य को भी बनाए रखें। प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 11. भाषा-अध्ययन प्रश्न 12.
(ख) ही
(ग) तो
(घ) भी
(ङ) तक
प्रश्न 13. प्रश्न
14. पाठेतर सक्रियता प्रश्न 1.
प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4.
प्रश्न 5.
इन कार्यों में हमारी निम्नलिखित भूमिका हो सकती है|
• नीचे दिए गए निबंध का अंश पढ़िए और समझिए कि गद्य की विविध विधाओं में एक ही भाव को अलग-अलग प्रकार से कैसे व्यक्त किया जा सकता है- यदि किसी को अपने देश से सचमुच प्रेम है तो उसे अपने देश के मनुष्य, पशु, पक्षी, लता, गुल्म, पेड़, वन, पर्वत, नदी, निर्झर आदि सबसे प्रेम होगा, वह सबको चाहभरी दृष्टि से देखेगा; वह सबकी सुध
करके विदेश में आँसू बहाएगा। जो यह भी नहीं जानते कि कोयल किस चिड़िया का नाम है, जो यह भी नहीं सुनते कि चातक कहाँ चिल्लाता है, जो यह भी आँख भर नहीं देखते कि आम प्रणय-सौरंभपूर्ण मंजरियों से कैसे लदे हुए हैं, जो यह भी नहीं झाँकते कि किसानों के झोंपड़ों के भीतर क्या हो रहा है, वे यदि बस बने-ठने मित्रों के बीच प्रत्येक भारतवासी की औसत आमदनी का परता बताकर देशप्रेम का दावा करें तो उनसे पूछना चाहिए कि भाइयो! बिना रूप परिचय का यह प्रेम कैसा? जिनके दुख-सुख के तुम कभी साथी नहीं हुए उन्हें तुम सुखी देखना
चाहते हो, यह कैसे समझें? उनसे कोसों दूर बैठे-बैठे, पड़े-पड़े या खड़े-खड़े तुम विलायती बोली में ‘अर्थशास्त्र’ की दुहाई दिया करो, पर प्रेम का नाम उसके साथ न घसीटो। प्रेम हिसाब-किताब नहीं है। Hope given NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 10 are helpful to complete your homework. If you have any doubts, please comment below. NCERT-Solutions.com try to provide online tutoring for you. मूर्ति को सफल और सराहनीय प्रयास क्यों कहा गया है?मित्र! मूर्तिकार के प्रयास को सफल और सराहनीय कहा गया क्योंकि उसने नेताजी की जो मूर्ति बनाई वह बहुत ही सुंदर और अच्छी थी। कम समय में इस प्रकार की मूर्ति बनाना संभव नहीं था मगर उसने कर दिखाया। उस मूर्ति को देखकर नेताजी की सूरत आँखों के आगे नाच गई।
मूर्ति बनाकर पटक देने का क्या भाव है?Answer. Answer: मूर्ति बनाकर पटक देने से अर्थ है, किसी युक्ति से, किसी भी प्रकार एक महीने में नेताजी की मूर्ति बनाकर सौंप देना है । मूर्ति बनाकर पटक देने से यह भी अर्थ है कि मूर्ति बनाने में कोई भाव नहीं है केवल कार्य पूरा करने के लिए मूर्ति को जैसे तैसे बना दिया जाए ।
मूर्तिकार कौन था तथा उसने क्या दावा किया?Answer. Answer: मूर्तिकार उसी कस्बे के स्थानीय विद्यालय का मास्टर मोतीलाल था। मूर्ति बनाने के बाद शायद वह यह तय नहीं कर पाया होगा कि पत्थर से पारदर्शी चश्मा कैसे बनाया जाये या फिर उसने पारदर्शी चश्मा बनाने की कोशिश की होगी मगर उसमें असफल रहा होगा।
मूर्ति बनाकर पटक देने से क्या तात्पर्य है ?' केवल एक चीज़ की कसर थी जो देखते ही खटकती थी वह क्या थी स्पष्ट कीजिए?नेताजी की मूर्ति सुंदर थी। वह अपने उद्देश्य में सार्थक सिद्ध हो रही थी। उसे देखते ही नेताजी द्वारा किए गए कार्य याद आने लगते थे, परंतु इस मूर्ति में एक कमी जो खटकती थी वह थी-मूर्ति पर चश्मा न होना। चश्मा न होने से नेताजी का व्यक्तित्व अधूरा-सा प्रतीत होता था।
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