मार्कोस कमांडो की चयन प्रक्रिया ये भी पढ़ें: UP Police Salary: यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर को
कितनी मिलती है सैलरी? यहां जानें हर डिटेल मार्कोस कमांडो को इस तरह मिलती है ट्रेनिंग 3 साल
होती है मार्कोस की ट्रेनिंग आगरा और कोच्चि में होती है ट्रेनिंग ये भी पढ़ें:
SSC Exam 2022-23 कैलेंडर जारी, जानें SSC CGL, CHSL, MTS समेत इन भर्तियों का शेड्यूल मार्कोस कमांडो की सैलरी
AKTU के छात्र क्यों कर रहे हैं ऑनलाइन परीक्षा की मांग, जानें पूरा मामला Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें भारत सदा से वीर पुरुषों की धरती रहा है. यहाँ के धीर वीर सैनिकों ने हमेशा हीं देश की आन के लिए अपनी जान को मोर्चे पर अड़ाने में कभी देरी नहीं की. हिन्दुस्तान की यह विराट धरती सदा से हीं, एक से एक वीर जवानों से पुष्पित पल्लवित रही है. अपने प्यारे राष्ट्र की पहरेदारी के लिए ये जब सीमा पर होते हैं तब इनकी बदौलत हम और आप अपने अपने घरों में चैन की नींद सोते हैं. लेकिन दुष्ट और स्वार्थी दुश्मनों और पड़ोसियों ने हमारी नींदे हराम करने के अलग अलग जब तरीके निकाले तो हमारे वीर सैनिकों ने भी अनेक निपुणताओं के साथ उनका मुकाबला करने की ठानी. Source: Safalta इसी क्रम में जो एक प्रचण्ड शक्तिशाली और वीर सैनिकों का स्पेशल फोर्स यूनिट निकल कर सामने आया, वह था मार्कोससमुद्री कमांडो या मरीन कमांडो फोर्स (MCF) भारतीय नौसेना के इस विशेष इकाई को दादीवाला फौज के नाम से भी जाना जाता है. अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं FREE GK EBook- Download Now. / GK Capsule Free pdf - Download hereमार्कोस कमांडोजमार्कोस या मरीन कमांडो फोर्स (MCF) भारतीय नौसेना की स्पेशल ऑपरेशंस फोर्स यूनिट हैं जिन्हें किसी भी स्पेशल ऑपरेशन के लिए बुलाया जाता है. भारतीय नौसेना की इस स्पेशल यूनिट की स्थापना फरवरी साल 1987 में आतंकवादियों तथा समुद्री लुटेरों आदि को सबक सिखाने के लिए किया गया था. वैसे तो ये स्पेशल मरीन यानि समुद्री कमांडोज हैं लेकिन ये सभी प्रकार के वातावरण में जैसे समुद्र में, हवा में और जमीन पर भी, हर तरह के ऑपरेशंस को अंजाम देने में पुर्णतः निपुण होते हैं. Free Demo ClassesRegister here for Free Demo Classes Please fill the name Please enter only 10 digit mobile number Please select course Please fill the email भारतीय नौसेना के मार्कोस कमांडोज ने अपने विस्तृत अनुभव की कुशलता तथा प्रोफेशनलिज्म से एक अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा हासिल की है. इनका मोटो है "The Few The Fearless." बहादुर और निर्भीक. Fundamental Rights in India : जानिये क्या हैं भारत के नागरिकों के मौलिक अधिकार कैसे बनते हैं मार्कोस कमांडोऔर आइए अब बात करते हैं मार्कोस कमांडो बनने की कठोर प्रक्रिया की. मार्कोस को इतना दृढ और व्यापक प्रशिक्षण दिया जाता है कि ये नेवी ऑपरेशन से लेकर आतंकवाद और एंटी पायरेसी ऑपरेशन तक में माहिर होते हैं. आपको जान कर हैरानी होगी कि कुछ मामलों में तो मार्कोस कमांडो को अमेरिकी नेवी सील से भी इक्कीस माना जाता है.
जीहाँ मानसिक और शारीरिक क्षमताओं में भारत के ये मार्कोस कमांडोज अमेरिका के फेमस नेवी सील को पीछे छोड़ देते हैं. तभी तो मार्कोस कमांडो की गिनती भारत के सबसे खतरनाक कमांडोज में की जाती है. कैसे होता है मार्कोस कमांडो का चयन ?भारतीय नौसेना की इस यूनिट में शामिल होने के लिए किसी भी कैंडिडेट को पहले तीन दिवसीय, फिजिकल फिटनेस टेस्ट तथा योग्यता परीक्षा को पास करना पड़ता है.यह परीक्षा इतनी कठिन होती है कि लगभग 80% कैंडिडेट्स को स्क्रीनिंग के बाद हीं बाहर कर दिया जाता है. मार्कोस कमांडोज की ट्रेनिग मार्कोस कमांडोज की ट्रेनिंग लगभग 3 साल तक चलती है. भारतीय नौसेना की इस यूनिट में शामिल होने के लिए 20 साल के, 100 में से 20% निर्भय और दुस्साहसी युवाओं का हीं चयन किया जाता है. कैंडिडेट्स के चयन के बाद उनकी 5 सप्ताह की अत्यंत दुष्कर ट्रेनिंग प्रक्रिया आरम्भ होती है, जिसमें ट्रेनी को न तो सोने दिया जाता है न खाने. और साथ में कठोर परिश्रम अलग. इन यातनाओं के बाद भी जो कैंडिडेट ट्रेनिंग छोड़कर नहीं भागते उन्हें मूल ट्रेनिंग के लिए चुन लिया जाता
है.
भारत की बेस्ट कमांडो फोर्स 'मार्कोस'जमीन, हवा और पानी तीनों जगहों पर लड़ने में पुर्णतः सक्षम ये कमांडोंज अपने सफल ऑपरेशंस के लिए दुनियाभर में जाने माने जाते हैं. जहाँ एक तरफ मार्कोस कमांडोज हर तरह के हेलीकाप्टर, जहाज चलाने में एक्सपर्ट हैं वहीँ दूसरी तरफ ये रायफल, स्नाइपर समेत दुनिया के सभी आधुनिक हथियार चलाना अच्छे से जानते हैं. आप सोच रहे होंगे कि अगर इनसे हथियार छीन लिए जाएँ तो ? तो बता दूँ कि मार्शल आर्ट में एक्सपर्ट ये मार्कोस कमांडोज बिना हथियार के तो और भी अधिक खतरनाक साबित होते हैं, जी हाँ ये बिना हथियार के भी दुश्मनों की जान ले सकते हैं. दुनिया का सबसे खतरनाक कमांडो कौन सा है?भारत के सबसे खतरनाक कमांडो में वायुसेना के गरुड़ कमांडो का नाम लिया जाता है। इस फोर्स में करीब 1500 जवान हैं। इनकी ट्रेनिंग इस तरह की जाती है कि ये बिना कुछ खाए हफ्ते तक संघर्ष कर सकते हैं। गरुड़ कमांडो को एयरबोर्न ऑपरेशन, एयरफील्ड सीजर और काउंटर टेररिज्म का जिम्मा उठाने के लिए ट्रेन किया जाता है।
भारत के पास कितने मार्कोस कमांडो हैं?भारत के पास भी स्पेशल फोर्सेज हैं. जिन्हें कमांडो कहते हैं.
भारत का सबसे ताकतवर कमांडो कौन है?ये सभी फोर्सेस भारत की आन बान और शान हैं. इस लिस्ट में पहले नंबर पर नाम आता है कोबरा कमांडो का. COBRA का पूरा नाम है Commando Battalion For Resolute Action. आपको बता दें कि ये CRPF(Central Reserve Police Force) की एक स्पेशल यूनिट है.
मार्कोस कमांडो बनने के लिए क्या करना पड़ता है?मार्कोस कमांडो बनाना आसान नहीं है। इसके लिए सेलेक्ट होने वाले कमांडोज को कड़ी परीक्षा से गुजरना होता है। 20 साल उम्र वाले प्रति 10 हजार युवा सैनिकों में एक का सिलेक्शन मार्कोस फोर्स के लिए होता है। इसके बाद इन्हें अमेरिकी और ब्रिटिश सील्स के साथ ढाई साल की कड़ी ट्रेनिंग करनी होती है।
|