लघु-उत्तरीय प्रश्न Show प्रश्न 2.‘उत्साह’ कविता में बादल किन-किन अर्थों की ओर संकेत करता है ? प्रश्न 3. ‘बादल गरजो’ में कवि बादल से क्या अपेक्षा करता है ? प्रश्न 4. कवि ने ‘उत्साह’ कविता बादलों को क्यों
सम्बोधित की है ? प्रश्न 5. कविता का शीर्षक ‘उत्साह’ क्यों रखा गया है ? प्रश्न 6. ‘बाल कल्पना के से पाले’ पंक्ति का भाव सौन्दर्य स्पष्ट कीजिए। प्रश्न 7. ”घेर घेर घोर गगन तथा काले घुँघराले“ शब्द चित्र को ‘उत्साह’ कविता के आधार पर अपने शब्दों में स्पष्ट कर समझाइए। प्रश्न 8. निराला जी बादलों से फुहारों, रिमझिम तथा अन्य प्रकार से बरसने की न कहकर ‘गरजते हुए’ बरसने की याचना क्यों करते हैं? बताइए। प्रश्न 9. कवि ने ‘उत्साह’ गीत में बादलों को किस आकांक्षा को पूरा करने वाला बताया है ? प्रश्न 10. कवि ने बादलों को ‘मानव मन को सुख से भर देने वाले’ क्यों कहा है ? ‘उत्साह’ कविता के आधार पर
बताइए। प्रश्न 11. कवि निराला के अनुसार बादल में क्या संभावनाएँ छिपी हैं ? प्रश्न
12. “आए अज्ञात दिशा से अनंत के घन!” पंक्ति का भाव ‘उत्साह’ कविता के आधार पर समझाकर लिखिए। प्रश्न 13. ‘उत्साह’ कविता में ‘नवजीवन वाले’ किसके लिए प्रयुक्त किया गया है और क्यों ? प्रश्न 14. निराला की कविता ‘उत्साह’ तथा ‘अट नहीं रही है’ कविता में किन ऋतुओं का वर्णन हुआ है उनमें से आपको कौन-सी ऋतु आकर्षक और उपयोगी लगती है? प्रश्न 15. ”कहीं साँस लेते हो, घर-घर भर देते हो“ पंक्ति में किसकी विशिष्टता व्यंजित हुई है? बताइए कि वह उसकी कौन-सी खूबी है जिससे घर-घर भर जाता है? ‘अट नहीं रही है’ कविता के आधार पर उत्तर दीजिए। प्रश्न 16. कवि निराला की आँख फागुन की सुन्दरता से क्यों नहीं हट रही है? प्रश्न 17. ‘उड़ने को नभ
में तुम, पर-पर कर देते हो’-कथन में कवि क्या कहना चाहता है ? प्रश्न 18. फागुन मास की मादकता का व्यक्ति पर क्या प्रभाव पड़ता है ? प्रश्न 19. ‘पाट-पाट शोभा-श्री पट नहीं रही है।’-पंक्ति किस सन्दर्भ में लिखी गई है ? प्रश्न 20: ‘अट नहीं रही है’ कविता में कवि क्या संदेश देना चाहता है ? प्रश्न 21. कवि बादलों से बरसने की प्रार्थना क्यों करता है? उत्साह और अट नहीं रही: पठन सामग्री और सार को यहाँ पढ़ें। मानव के मन पर फागुन के सौन्दर्य का क्या प्रभाव पड़ता है?फागुन की मस्ती का मानव-मन पर क्या प्रभाव दिखाई देता है? Solution : फागुन की मस्ती इतनी अधिक और रंगीन है कि मानव-मन इससे उत्फुल्ल और प्रसन्न दिखाई देता है। वह सौंदर्य से इतना प्रभावित है कि अपनी आँखें बंद नहीं करना चाहता । वह उस सौंदर्य को हमेशा-हमेशा के लिए अपनी आँखों में समा लेना चाहता है।
मानव के मन पर फागुन के सौंदर्य का क्या प्रभाव पड़ता है अट नहीं रही है कविता के आधार पर लिखिए?Answer: फागुन की प्रकृति का प्रभाव मनुष्यों के मन पर देखा जा सकता है। कवि तो प्रकृति के सौंदर्य से इतना प्रभावित है कि वह प्रकृति के दर्शन से तृप्त भी नहीं हो पा रहा है। फागुन का इतना प्रभाव है कि सर्वत्र उल्लास और उत्साह दिखाई देता है।
फागुन मास की मादकता का व्यक्ति पर क्या प्रभाव पड़ता है?फागुन मास की मादकता का व्यक्ति पर क्या प्रभाव पड़ता है ? (क) फागुन की मादकता व्यक्ति को कल्पना लोक में ले जाती है। (ख) कल्पना के पंख लगाकर आकाश में उड़ना। (ग) फागुन की शोभा सर्वव्यापक होना।
फागुन की शोभा मन में समा नहीं पाने का क्या कारण है अट नहीं रही है कविता के आधार पर बताइए?'अट नहीं रही है' कविता में फागुन मास अर्थात् वसंत ऋतु की शोभा एवं मस्ती का वर्णन है। फागुन की शोभा, उसकी आभा सर्वव्यापक है। वह इतनी अधिक है कि प्रकृति और तन-मन में वह समा नहीं पा रही है। फागुन की शोभा, उसकी आभा से सृष्टि का कण-कण शोभायमान है।
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