Show गैलवानिक सेल (डेनियल सेल) साम्यावस्था में अर्ध सेलों (हाफ सेल) के एलेक्ट्रोड विभव को मानक इलेक्ट्रोड विभव (standard electrode potentials) कहते हैं। जब तत्वो को उनके मानक अपचयन विभव के आरोही क्रम मे व्यवस्थित करते हैं तो इस प्रकार प्राप्त हुइ श्रेणी विद्युत रासायनिक श्रेणी कहलाती है। इनका उपयोग विद्युतरासायनिक सेल (electrochemical cell) (गैल्वानिक सेल) का विभव ज्ञात करने के लिये किया जा सकता है। इसके अलावा इनका उपयोग किसी विद्युतरासायनिक रिडॉक्स (redox) अभिक्रिया के साम्य की स्थिति का पता करने के लिये किया जा सकता है। अर्थात् इसकी सहायता से यह पता कर सकते हैं कि ऊष्मागतिकी की दृष्टि से किसी विद्युतरासायनिक अभिक्रिया की गति की दिशा क्या होगी।[1][2][3][4][5] [6][7][8] नीचे की सूची में मानक एलेक्ट्रोड विभव वोल्ट में दिये हुए हैं। ये विभव मानक हाइड्रोजन एलेक्ट्रोड (standard hydrogen electrode) के सापेक्ष दिये हुए हैं। सारणी में दर्शाये गये विभव के मान निम्नलिखित स्थितियों में सत्य होंगे-
प्रतीक : (s) – ठोस; (l) – द्रव; (g) – गैस; (aq) – जलीय (aqueous) (default for all charged species); (Hg) – अमलगम (amalgam)
सन्दर्भ[संपादित करें]
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
मानक इलेक्ट्रोड विभव क्या है विद्युत रासायनिक श्रेणी से कैसे संबंधित है?साम्यावस्था में अर्ध सेलों (हाफ सेल) के एलेक्ट्रोड विभव को मानक इलेक्ट्रोड विभव (standard electrode potentials) कहते हैं। जब तत्वो को उनके मानक अपचयन विभव के आरोही क्रम मे व्यवस्थित करते हैं तो इस प्रकार प्राप्त हुइ श्रेणी विद्युत रासायनिक श्रेणी कहलाती है।
मानक इलेक्ट्रोड विभव क्या है समझाइए?standard electrode potential in hindi मानक इलेक्ट्रोड विभव किसे कहते हैं और इसके प्रकार और मापन: जब किसी धातु की छड़ को 25 डिग्री सेल्सियस पर मोलर धातु आयन सांद्रता वाले उसी धातु के किसी लवण के विलयन में डुबोने पर धातु और विलयन के मध्य जो विभवांतर उत्पन्न होता है उसे मानक इलेक्ट्रोड विभव कहते है।
विद्युत रासायनिक श्रेणी से यह कैसे संबंधित है?विद्युत रासायनिक श्रेणी की विशेषताएं
श्रेणी में नीचे से ऊपर की ओर जाने पर ऑक्सीकृत की दर में वृद्धि होती है। श्रेणी में ऊपर से नीचे की ओर जाने पर अपचयन क्षमता में कमी होती है। श्रेणी में हाइड्रोजन से ऊपर वाले तत्व दुर्बल अपचायक है जबकि हाइड्रोजन नीचे वाले तत्व हाइड्रोजन की तुलना में प्रबल अपचायक है।
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