महात्मा गांधी की पुस्तकों के नाम - mahaatma gaandhee kee pustakon ke naam

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अजमेरएक वर्ष पहले

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महात्मा गांधी की पुस्तकों के नाम - mahaatma gaandhee kee pustakon ke naam

  • माध्यमिक शिक्षा बोर्ड बाल दिवस 14 नवंबर को परीक्षा आयोजित करेगा

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन और उनके विचारों से नई पीढ़ी को परिचित कराने के उद्देश्य से राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड 14 नवंबर को सर्वोदय विचार परीक्षा 2021 का आयोजन करने जा रहा है। यह परीक्षा राजस्थान राज्य गांधी स्मारक निधि के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित होगी।

राजस्थान सरकार की बजट घोषणा के बाद बोर्ड पहली बार इस परीक्षा का आयोजन करने जा रहा है। इस परीक्षा में स्कूली विद्यार्थियों के साथ ही कॉलेज और यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी भी शामिल होंगे। परीक्षा की तैयारी को लेकर बोर्ड ने महात्मा गांधी के विचार सहित 19 संदर्भ पुस्तकों की एक सूची जारी की है। सीएम अशोक गहलोत ने वर्ष 2021-22 के बजट में इस परीक्षा की घोषणा की थी।

बोर्ड अब इसे मूर्तरूप देने जा रहा है। बोर्ड ही इस परीक्षा की नोडल एजेंसी है। इस परीक्षा की खास बात यह भी है कि इस बार स्कूली विद्यार्थियों के साथ ही कॉलेज व यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स भी बोर्ड द्वारा ली जाने वाली परीक्षा में शामिल होंगे। बोर्ड इस परीक्षा के विजेताओं को जिला व राज्य स्तर पर पुरस्कृत भी करेगा।

गांधी दर्शन का ज्ञान हो सकेगा विद्यार्थियों को

बोर्ड ने इस परीक्षा के लिए कुल 19 संदर्भ पुस्तकों का चयन किया है। बोर्ड ने महात्मा गांधी द्वारा लिखित पुस्तक सत्य के प्रयोग अथवा आत्म कथा को भी विद्यार्थियों के अध्ययन के लिए चुना है। बोर्ड ने पुस्तकों के चयन में इस बात का विशेष ध्यान रखा है कि विद्यार्थी महात्मा गांधी की जिंदगी के साथ ही उनके कृत्यों, शिक्षाओं के साथ ही गांधी जी के सपनों का भारत, भारत से बाहर गांधी की यात्राएं और महात्मा गांधी का महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण आदि के बारे में जानकारी मिल सके।

इसके साथ ही गांधी आश्रम की दिनचर्या और किस तरह से भारत को स्वाधीन कराने के लिए चलाए गए उनके आंदोलनों के बारे में आश्रम से ही रणनीति तय की जाती थी, इसका भी ज्ञान हो सके। इसके लिए बोर्ड ने नामचीन गांधीवादी लेखकों की पुस्तकों का चयन किया है।

9 पुस्तकें गांधीजी की...बोर्ड ने जिन संदर्भ पुस्तकों का चयन किया है उनमें सत्य के प्रयोग अथवा आत्म कथा सहित कुल 9 पुस्तकें ऐसी हैं जिनको गांधीजी ने लिखा है। इनके अनुवाद प्रकाशित करने वाले लेखकों के नाम से ये पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं।

गांधी जी की 9 पुस्तकों में सत्य के प्रयोग अथवा आत्म कथा,मेरी जीवन कथा, रामनाम, मेरे सपनों का भारत, संक्षिप्त आत्मकथा, दक्षिण अफ्रीका के सत्याग्रह का इतिहास, गीता बोध, बापू की सीख, हिंद स्वराज, शामिल हैं। शेष अन्य पुस्तकों में महात्मा गांधी के विचार, विद्यार्थियों काे संदेश, सर्वोदय, गांधी की कहानी, गांधी विचार दोहन, गांधी गंगा, गांधी कथा, बापू अौर स्त्री तथा गांधी आश्रम शामिल हैं।

ईबुक्स से भी कर सकेंगे अध्ययन...बोर्ड ने ई बुक्स का लिंक भी शेयर किया है। इस लिंक पर सस्ता साहित्य, गांधी मंडल प्रकाशन, परम धरम प्रकाशन, चिल्ड्रन बुक ट्रस्ट और नेशनल बुक ट्रस्ट सहित विभिन्न प्रकाशकों की गांधी जी से संबंधित पुस्तकों का विवरण दिया गया है।

Last updated on: October 27th, 2021


महात्मा गांधी की पुस्तकों के नाम - mahaatma gaandhee kee pustakon ke naam
5 Mahatma Gandhi Books in Hindi | महात्मा गांधी की 5 ऐसी किताबें जिन्हें हर विद्यार्थी को पढ़ना चाहिए

  • 5 Mahatma Gandhi Books in Hindi | महात्मा गांधी की 5 ऐसी किताबें जिन्हें हर विद्यार्थी को पढ़ना चाहिए
    • 1. महात्मा गांधी की आत्मकथा – ‘सत्य के प्रयोग’ (Autobiography : The Story of My Experiments with Truth)
    • 2. हिंद स्वराज (Hind Swaraj)
    • 3. ग्राम स्वराज (Village Swaraj)
    • 4. दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह (Satyagrah in South Africa)
    • 5. मेरे सपनों का भारत (India of My Dreams)

भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने देश की आजादी में जो महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है उसे शायद ही कोई भूल सकता है। उन्होंने भारत के लिए अपने प्राणों की आहुति तक दे दी। महात्मा गांधी ने अपने जीवन काल के दौरान कई किताबों को लिखा। इन किताबों को पढ़कर आपको उनके जीवन और उस दौरान घटित घटनाओं के बारे में ही जानकारी नहीं मिलती, बल्कि इससे जीवन को सही तरीके से जीने का भी ज्ञान मिलता है।

महात्मा गांधी कि किताबों के बारे में बात करने से पहले उनका संक्षिप्त जीवन परिचय जान लेना जरूरी है। महात्मा गांधी जिनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है, का जन्म 2 अक्टूबर 1869 में हुआ और इसी दिन यानी कि 2 अक्टूबर को पूरे देश भर में गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। यह एक राष्ट्रीय अवकाश है जिसे सार्वभौमिक अहिंसा दिवस के नाम से भी जाना जाता है।

गांधी जी गुजरात के हिंदू परिवार से ताल्लुक रखते थे जिन्होंने लंदन में कानूनी प्रशिक्षण हासिल किया। वैसे तो वे पेशे से एक वकील थे। लेकिन आगे जाकर वे एक महान स्वतंत्रता सेनानी बने।

उन्होंने ब्रिटिश शासन से भारत को आजादी देने के लिए कई अहिंसक आंदोलन किए। उनकी अहिंसा का सिद्धांत देश में ही नहीं विदेशों में भी लोकप्रिय है। गांधीजी ने हमें सिखाया कि बिना हिंसा का सहारा लिए कैसे अहिंसक तरीके से भी हम जीत हासिल कर सकते हैं। तो आइए गांधी जी द्वारा लिखी गई ऐसी 5 किताबों के बारे में चर्चा करते हैं जिन्हें हर विद्यार्थी को जरूर पढ़ना चाहिए।

1. महात्मा गांधी की आत्मकथा – ‘सत्य के प्रयोग’ (Autobiography : The Story of My Experiments with Truth)

महात्मा गांधी के जीवन के शुरुआती दौर से लेकर एक महान स्वतंत्रता सेनानी बनने तक के सफर के बारे में उनसे बेहतर आखिर कौन जान सकता है। ऐसे में उनका जीवन उनके नजरिए से देखने के लिए इस किताब को जरूर पढ़ें। इस किताब में वे अपने बचपन की घटनाओं से लेकर अपने युवावस्था की घटनाओं का जिक्र करते हैं।

उन्होंने इस पुस्तक में अपने बचपन से लेकर साल 1921 तक की घटनाओं को लिखा है। अगर आप जानना चाहते हैं कि महात्मा गांधी की शादी किन परिस्थितियों में हुई तथा उनका बाल विवाह क्यों हुआ? कैसे उन्होंने अपने आगे की पढ़ाई की और क्या-क्या अनुभव उन्होंने हासिल किए तो यह पुस्तक सबसे उत्तम है।

इस पुस्तक को साल 1920 में खत्म किया गया। इस दौरान गांधीजी एक चर्चित व्यक्ति बन चुके थे। गांधी जी ने इस पुस्तक का नाम सत्य के प्रयोग इसलिए रखा है क्योंकि उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम और अभियानों में सत्य का प्रयोग यानी कि सत्याग्रह के जरिए सभी लड़ाइयां लड़ी। यह पुस्तक टुकड़ों में लिखी गई क्योंकि गांधीजी हर हफ्ते इस पुस्तक में थोड़ी-थोड़ी बातें लिखा करते थे और यह अखबार नवजीवन में 1925 से 1929 के समय काल में प्रकाशित की गई। इस पुस्तक को गांधीजी ने गुजराती में लिखा था।

जिसे आगे जाकर 1940 में महादेव देसाई द्वारा अनुवादित किया गया। हिंदी में यह पुस्तक महात्मा गांधी की आत्मकथा सत्य के प्रयोग के नाम से जानी जाती है। यह बुक आपको ₹35 से लेकर ₹500 तक की राशि में मिल जाएगी। इसके अलावा आप इस बुक को ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं।

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2. हिंद स्वराज (Hind Swaraj)

हिंद स्वराज महात्मा गांधी द्वारा लिखी गई प्रसिद्ध पुस्तकों में से एक मानी जाती है। इस किताब को भी महात्मा गांधी द्वारा अपनी मूल भाषा गुजराती में लिखा गया तथा इस किताब को साल 1909 में जारी किया गया था। हालांकि इसके कुछ समय बाद ही यानी कि 1910 में ब्रिटिश सरकार ने इस किताब पर पाबंदी लगा दी।

इस किताब में महात्मा गांधी ने विदेशी सभ्यता-संस्कृति की आलोचना की है। साथ ही उन्होंने मौजूदा समय में मानवता की समस्याओं के बारे में भी बताया है। इस किताब की प्रमुख विशेषता यह है कि यह प्रश्न-उत्तर के प्रारूप में लिखी गई है। इसमें कानूनी पेशे से संबंधित, वकीलों, डॉक्टरों तथा रेलवे से जुड़े लोगों और उनके विचारों के बारे में लिखा गया है। वैसे तो इस किताब में मुख्यता 20 चैप्टर ही शामिल किए गए हैं तथा किताब भी ज्यादा पन्नों की नहीं है। किताब में कुल पन्ने 100 के करीब है।

हालांकि इस किताब को पढ़ने में थोड़ी मुश्किल आ सकती है। इस किताब को समझना थोड़ा कठिन प्रतीत होता है, लेकिन अगर आप प्रश्न-उत्तर के प्रारूप को ध्यान में रखते हुए इस किताब को पढ़ते हैं तो यह आसानी से समझ आ जाएगी।

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3. ग्राम स्वराज (Village Swaraj)

अगर आप पत्रकारिता के विद्यार्थी हैं तो इस पुस्तक को आपको जरूर पढ़ना चाहिए। इस पुस्तक को महात्मा गांधी जी ने लिखा है तथा इसे आप ऑनलाइन आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। इस पुस्तक में गांधी जी ने गांव के बारे में बताया है।

कुछ लोगों का कहना है कि इस पुस्तक में गांधीजी के औद्योगीकरण को लेकर पुराने विचार प्रदर्शित होते हैं। हालांकि, ऐसा नहीं है कुछ लोग यह भी मानते हैं कि गांधीजी पूरी तरह से उद्योग में होने वाले यंत्रीकरण के विरुद्ध थे। दरअसल, गांधीजी यंत्रीकरण के विरुद्ध कभी नहीं थे। वे तो असल में इस बात के विरुद्ध थे कि एक यंत्र की वजह से कई लाखों कारीगरों की नौकरी नहीं छीनी जानी चाहिए।

अगर ग्राम स्वराज का वास्तविक अर्थ गांधीजी के दृष्टिकोण से देखें तो इसका अर्थ था आत्म बल का इस्तेमाल करना। यानी कि खुद ही अपने उपयोग और उपभोग किए जाने वाले उत्पादों का उत्पादन करना और आर्थिक संपन्नता हासिल करना।

हम शुरुआत से ही जानते हैं कि गांधीजी ने विदेशी सभ्यता-संस्कृति और विदेशी वस्तुओं कि तरफदारी कभी नहीं की। उन्होंने हमेशा स्वदेशी वस्तुओं का उत्पादन और भारतीय संस्कृति को बढ़ावा दिया है जिससे कि भारत आत्मनिर्भरता हासिल कर सकें।

वे चाहते थे कि खादी के जरिए गांव में कपड़े बनाए जाएं। वहीं खुद उत्पादन के जरिए फल और सब्जियों को उगाया जाए जिससे हर कोई अपने उपयोग के लिए खुद ही चीजों का उत्पादन करें। यही था सच्चे अर्थों में गांधीजी का आत्मनिर्भर भारत। अगर आप गांधीजी के आत्मनिर्भरता और ग्रामीण क्षेत्रों में चलाए जा रहे उद्योगों की दुर्दशा से निजात पाना चाहते हैं तो यह ग्राम स्वराज आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण है।

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4. दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह (Satyagrah in South Africa)

इस पुस्तक को महात्मा गांधी ने भारत की एक जेल से लिखा था। जैसा कि आप जानते हैं कि दक्षिण अफ्रीका में ही गांधी जी के धार्मिकता और अहिंसा के प्रति प्रतिबद्धता की शुरुआत हुई थी तथा उन्होंने सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के खिलाफ आंदोलन किया था। यही वजह है कि दक्षिण अफ्रीका को गांधी जी के एक महान नायक बनने के महत्वपूर्ण अंग के रूप में देखा जाता है।

इस किताब में गांधी जी ने दक्षिण अफ्रीका में किए गए सत्याग्रह के बारे में बताया है तथा इस किताब का प्रकाशन साल 1928 में किया गया था। इसमें गांधी जी ने इस बात को भी बताया है कि भारतीयों के साथ अफ्रीका में किस तरह का व्यवहार किया जाता है।

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5. मेरे सपनों का भारत (India of My Dreams)

दरअसल, यह किताब महात्मा गांधी द्वारा लिखी गई बातों और उनके भाषण के अंशो को सम्मिलित कर बनाई गई है। इस पुस्तक में हमें गांधीजी के पूर्ण स्वतंत्रता तथा स्वतंत्र भारत के सपने के बारे में बताया गया है।

इस किताब को पढ़ने के बाद आपको यह तो पता चल जाएगा कि गांधीजी के उस दौरान देखे गए सपने और विचार 21वीं सदी में भी कितने सार्थक और उपयोगी है। यह किताब आपको गांधीजी के मन और विचारों के बारे में एक झांकी प्रस्तुत करती है। साथ ही उनके उन्नतशील भारत के सपने के बारे में जानकारी देती है।

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Bharti

भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।

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