Short Note Show महासागरीय तरंगें ऊर्जा कहाँ से प्राप्त करती हैं? Advertisement Remove all ads Solutionवायु जल को ऊर्जा प्रदान करती है, जिससे तरंगें उत्पन्न होती हैं। वायु के कारण तरंगें महासागर में गति करती हैं तथा ऊर्जा तटरेखा पर निर्मुक्त होती है। तरंगें वायु से ऊर्जा को अवशोषित करती हैं। धिकतर तरंगें वायु के जल के विपरीत दिशा में गतिमान होने से उत्पन्न होती हैं। Concept: महासागरीय धाराएँ Is there an error in this question or solution? Advertisement Remove all ads Chapter 14: महासागरीय जल संचलन - अभ्यास [Page 129] Q 1. (ii)Q 1. (i)Q 1. (iii) APPEARS INNCERT Geography Class 11 [भूगोल - भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत ११ वीं कक्षा] Chapter 14 महासागरीय जल संचलन Advertisement Remove all ads महासागरीय तरंगे ऊर्जा कहाँ से प्राप्त करती है?...
JagratiJainMotivational Speaker , Experience Of 20 Years as a Teacher0:41 चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। आपका सवाल है माता की तरंगे ऊर्जा कहां से प्राप्त करते हैं महासागरीय ऊर्जा प्राप्त करती है वह अपने आसपास के पर्यावरण से ही प्राप्त कर दिया जो होती है यानी पवन ऊर्जा झुकती है उसी के कारण महासागर में तरल रूप से हैं इसके अलावा जो चांद है उसकी कृत्वा कृष्ण भक्ति के कारण भी जो है महासागरों में तरंगें पैदा होती हैं तो कई तरह की तरंगे जो है महासागर में पैदा होती है और उसके कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं लेकिन पवन ऊर्जा जो है वह मुख्य रूप से तरंगों को निर्माण करती है और उन्हीं के कारण करेंगे पैदा होती हैं Romanized Version 1 जवाब This Question Also Answers:
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SOLVED] (पाठ्यपुस्तक से हल प्रश्न) प्र० 1. बहुवैकल्पिक प्रश्न (ii) वृहत ज्वार आने का क्या कारण है? (iii) पृथ्वी तथा चंद्रमा की न्यूनतम दूरी कब होती है? (iv) पृथ्वी उपसौर की स्थिति कब होती है? प्र० 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए। (ii) महासागरीय तरंगें ऊर्जा कहाँ से प्राप्त करती हैं? (iii) ज्वार-भाटा क्या है? (iv) ज्वार-भाटा उत्पन्न होने के क्या कारण हैं? (v) ज्वार-भाटा नौसंचालन से कैसे संबंधित है? प्र० 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए। (ii) जलधाराएँ कैसे उत्पन्न
होती हैं? (ख) तापमान में भिन्नता – गर्म जल हल्का होकर फैलता है, इसलिए उसका तल ऊँचा हो जाता है। ठंडा जल भारी होता है, इसलिए नीचे बैठ जाता है। इस प्रकार तापमान में भिन्नता के कारण सागरीय जल के तल में अंतर आ जाता है और महासागरीय धाराओं का जन्म होता है। (ग) लवणता में अंतर – अधिक लवणता वाला जल भारी होता है, इसलिए नीचे बैठ जाता है। उसका स्थान लेने के लिए कम लवणता तथा घनत्व वाला जल आता है और एक धारा बन जाती है। (घ) वाष्पीकरण – जिन स्थानों पर वाष्पीकरण अधिक होता है, वहाँ पर जल का तल नीचे हो जाता है। और संतुलन बनाए रखने के लिए वहाँ अन्य क्षेत्रों से जल एकत्रित होना शुरू हो जाता है। इस प्रकार एक धारा उत्पन्न होती है। (ङ) भूघूर्णन – पृथ्वी अपने अक्ष पर घूर्णन करती है, जिससे कोरिऑलिस बल उत्पन्न हो जाता है। कोरिऑलिस बल के प्रभावाधीन बहता हुआ जल मुड़कर दीर्घ वृत्ताकार मार्ग का अनुसरण करता है, जिसे गायर्स कहते हैं। इन गायर्स में जल का परिसरण उत्तरी गोलार्ध में घड़ी की सुइयों के अनुकूल तथा दक्षिणी गोलार्ध में घड़ी की सुइयों के प्रतिकूल होता है। अतः फेरेल के नियम के अनुसार उत्तरी गोलार्ध में धाराएँ अपनी दाहिनी ओर तथा दक्षिणी गोलार्ध में अपनी बाईं ओर मुड़ जाती हैं। इससे नई धाराएँ बनती हैं। (च) तटरेखा की आकृति – तटरेखा की आकृति का महासागरीय धाराओं की प्रवाहे-दिशा पर गहरा प्रभाव पड़ता है। उत्तरी हिंद महासागर में पैदा होने वाली धाराएँ भारतीय प्रायद्वीप की तट रेखा का अनुसरण करती हैं। (छ) ऋतु परिवर्तन – उत्तरी हिंद महासागर में समुद्री धाराओं की दिशा ऋतु परिवर्तन के साथ बदल जाती है। शीत ऋतु में मानसून ड्रिफ्ट की दिशा पूर्व से पश्चिम तथा ग्रीष्म ऋतु में पश्चिम से पूर्व की ओर होती है। हिंद महासागर में
भूमध्य रेखीय विपरीत धारा केवल शीत ऋतु में ही होती है और परियोजना कार्य- Hope given Fundamentals of Physical Geography Class 11 Solutions Chapter 14 are helpful to complete your homework. If you have any doubts, please comment below. NCERT-Solutions.com try to provide online tutoring for you. महासागरीय तरंगें ऊर्जा कहाँ से प्राप्त करती है?जल का उत्प्रवाह एवं अवप्रवाह महासागरीय जल के ऊर्ध्वाधर गति के प्रकार हैं। जाती हैं तथा वायु से ऊर्जा को अवशोषित करती हैं। अधिकतर तरंगें वायु के जल की विपरीत दिशा में गति से उत्पन्न होती हैं।
महासागरीय तरंग से आप क्या समझते हैं?महासागरों, सागरों, नदियों, झीलों तथा नहरों आदि के मुक्त सतह पर पवन के द्वारा उत्पन्न तरंगों को महासागरीय तरंगें या पवन तरंगें (wind waves) कहते हैं।
जल धाराएं कैसे उत्पन्न होती है?ठंडा जल भारी होता है, इसलिए नीचे बैठ जाता है। इस प्रकार तापमान में भिन्नता के कारण सागरीय जल के तल में अंतर आ जाता है और महासागरीय धाराओं का जन्म होता है। लवणता में अंतर – अधिक लवणता वाला जल भारी होता है, इसलिए नीचे बैठ जाता है। उसका स्थान लेने के लिए कम लवणता तथा घनत्व वाला जल आता है और एक धारा बन जाती है।
II महाद्वीपीय सीमांत क्या होता है?(ii) महाद्वीपीय सीमांत क्या होता है? उत्तर- महाद्वीपीय सीमांत प्रत्येक महादेश का विस्तृत किनार होता है जो कि अपेक्षाकृत छिछले समुद्री तथा खाड़ियों का भाग होता है। यह महासागर का सबसे छिछला भाग होता है, जिसकी औसत प्रवणता 1 डिग्री या उससे भी कम होती है। इस सीमा का किनारा बहुत ही खड़े ढाल वाला होता है।
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