महाराणा प्रताप की कौन सी जाती थी? - mahaaraana prataap kee kaun see jaatee thee?

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महाराणा प्रताप को बताया था भील, दलित लेखिका को मिल रहीं धमकियां

उदयपुर. 'महाराणा प्रताप भील राजपुत्र थे, राजपूत या क्षत्रिय नहीं' बुक की दलित राइटर डॉ. कुसुम मेघवाल ने आरोप लगाया है कि उन्हें जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं। डॉ. मेघवाल ने बताया कि कई लोग फोन पर उन्हें भद्दी गालियां दे रहे हैं और अपशब्द कह रहे हैं।

डॉ. कुसुम मेघवाल के अनुसार, यह कैसी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है कि एक पुस्तक लिखने पर उन्हें डराने-धमकाने की कोशिशें की जा रही हैं। एसपी राजेंद्र गोयल के अनुसार प्रकरण की जांच करवाई जा रही है। मेघवाल का कहना है कि उन्हें पुलिस ने अपना मोबाइल बंद रखने और लोगों से बातचीत नहीं करने की सलाह दी है।

कुसुम मेघवाल का कहना है कि वे अब तक 65 किताबें लिख चुकी हैं। लोगों को समझना चाहिए कि भील कोई जाति नहीं होती। भिल या भिल्ल शब्द का हिंदी-संस्कृत में अर्थ होता है योद्धा, शूरवीर और लड़ाकू। राजपूत भी कोई जाति नहीं होती। राजपूत यानी राजा का बेटा। ये जाति नहीं है। महाराणा प्रताप पर उनकी बुक आने के बाद से ही पिछले कुछ दिन से वाट्स ऐप पर काफी विवाद छाया हुआ है।

इसी के बाद दैनिक भास्कर ने उनसे संपर्क किया और उनसे पूरे मामले पर बातचीत की। हालांकि, स्थानीय इतिहासकार भील शब्द की उनकी अवधारणा काे असत्य बताकर सिरे से ही खारिज कर रहे हैं।

आगे की स्लाइड्स में जानिए, क्या है पूरा मामला...

महाराणा प्रताप विषय सूची

महाराणा प्रताप का परिचय

पूरा नाम ‌‌‌‌‌‌‌महाराणा प्रताप
जन्म 9 मई, 1540 ई.
जन्म भूमि कुम्भलगढ़, राजस्थान
मृत्यु तिथि 29 जनवरी, 1597 ई.
पिता/माता पिता- महाराणा उदयसिंह, माता- रानी जीवत कँवर
राज्य सीमा मेवाड़
शासन काल 1568-1597 ई.
शा. अवधि 29 वर्ष
धार्मिक मान्यता हिंदू धर्म
युद्ध हल्दीघाटी का युद्ध
राजधानी उदयपुर
पूर्वाधिकारी महाराणा उदयसिंह
उत्तराधिकारी राणा अमर सिंह
राजघराना राजपूताना
वंश सिसोदिया राजवंश
संबंधित लेख राजस्थान का इतिहास, राजपूत साम्राज्य, राजपूत काल, महाराणा उदयसिंह, सिसोदिया राजवंश, उदयपुर, मेवाड़, अकबर, मानसिंह।

महाराणा प्रताप भारतीय इतिहास के सर्वाधिक प्रसिद्ध योद्धाओं में से एक थे। उनके पिता राणा उदय सिंह, सिसोदिया वंश के 12वें राजा थे। राणा प्रताप मेवाड़ के राजा थे। मेवाड़ आज के राजस्थान का एक हिस्सा था, जिस पर राजपूत लोग शासन करते थे। महाराणा प्रताप राजा उदय सिंह और महारानी जैवन्ताबाई के सबसे बड़े पुत्र थे। प्रताप अपने युद्ध कौशल, राजनीतिज्ञ, आदर्श संगठनकर्ता और अपने धर्म तथा देश की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व बलिदान करने को तत्पर रहने वाले महान् सेनानी थे।

जन्म तथा परिचय

राजस्थान के कुम्भलगढ़ में राणा प्रताप का जन्म सिसोदिया राजवंश के महाराणा उदयसिंह एवं माता रानी जीवत कँवर के घर 9 मई, 1540 ई. को हुआ था। रानी जीवत कँवर का नाम कहीं-कहीं जैवन्ताबाई भी उल्लेखित किया गया है। वे पाली के सोनगरा राजपूत अखैराज की पुत्री थीं। प्रताप का बचपन का नाम 'कीका' था। मेवाड़ के राणा उदयसिंह द्वितीय की 33 संतानें थीं। उनमें प्रताप सिंह सबसे बड़े थे। स्वाभिमान तथा धार्मिक आचरण उनकी विशेषता थी। प्रताप बचपन से ही ढीठ तथा बहादुर थे। बड़ा होने पर वे एक महापराक्रमी पुरुष बनेंगे, यह सभी जानते थे। सर्वसाधारण शिक्षा लेने से खेलकूद एवं हथियार बनाने की कला सीखने में उनकी रुचि अधिक थी।[1]

विवाह

महाराणा प्रताप ने अपने जीवन में कुल ग्यारह विवाह किये थे। उनकी पत्नियों और उनसे प्राप्त उनके पुत्रों व पुत्रियों के नाम निम्नलिखित हैं-

राणा प्रताप की पत्नियाँ और पुत्र/पुत्रियाँ क्र.सं. पत्नी का नाम पुत्र/पुत्रियाँ
1. महारानी अजब्धे पंवार अमरसिंह और भगवानदास
2. अमरबाई राठौर नत्था
3. शहमति बाई हाडा पुरा
4. अलमदेबाई चौहान जसवंत सिंह
5. रत्नावती बाई परमार माल, गज, क्लिंगु
6. लखाबाई रायभाना
7. जसोबाई चौहान कल्याणदास
8. चंपाबाई जंथी कल्ला, सनवालदास और दुर्जन सिंह
9. सोलनखिनीपुर बाई साशा और गोपाल
10. फूलबाई राठौर चंदा और शिखा
11. खीचर आशाबाई हत्थी और राम सिंह

युद्धमय जीवन

सम्पूर्ण जीवन युद्ध करके और भयानक कठिनाइयों का सामना करके राणा प्रताप ने जिस तरह से अपना जीवन व्यतीत किया, उसकी प्रशंसा इस संसार से मिट न सकेगी। महाराणा प्रताप ने जो प्रतिज्ञा की थी, उसे अन्त तक निभाया। राजमहलों को छोड़कर प्रताप ने पिछोला तालाब के निकट अपने लिए कुछ झोपड़ियाँ बनवाई थीं ताकि वर्षा में आश्रय लिया जा सके। इन्हीं झोपड़ियों में प्रताप ने सपरिवार अपना जीवन व्यतीत किया था। प्रताप ने चित्तौड़ के उद्धार की प्रतिज्ञा की थी, परन्तु उसमें सफलता न मिली। फिर भी, उन्होंने अपनी थोड़ी सी सेना की सहायता से मुग़लों की विशाल सेना को इतना अधिक परेशान किया कि अन्त में अकबर को युद्ध बन्द कर देना पड़ा।

महाराणा प्रताप

महाराणा प्रताप का परिचय

महाराणा प्रताप का राज्याभिषेक

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. मेवाड़ के महान् राजा, महाराणा प्रताप सिंह (हिन्दी) उगता भारत। अभिगमन तिथि: 17 मई, 2015।

बाहरी कड़ियाँ

  • Maharana Pratap
  • MAHARANA PRATAP JAYANTI (Video Song)

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महाराणा प्रताप कौन से वंश से है?

राजस्थान के कुम्भलगढ़ में राणा प्रताप का जन्म सिसोदिया राजवंश के महाराणा उदयसिंह एवं माता रानी जीवत कँवर के घर 9 मई, 1540 ई. को हुआ था।

महाराणा प्रताप कौन से धर्म के थे?

मेवाड़ के महान राजपूत नरेश महाराणा प्रताप अपने पराक्रम और शौर्य के लिए पूरी दुनिया में मिसाल के तौर पर जाने जाते हैं। एक ऐसा राजपूत सम्राट जिसने जंगलों में रहना पसंद किया लेकिन कभी विदेशी मुगलों की दासता स्वीकार नहीं की। उन्होंने देश, धर्म और स्वाधीनता के लिए सब कुछ न्योछावर कर दिया।

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