इन-बतूताअबुल फजलबाबर बदायूँनी Show Answer : D Solution : अकबर के आदेश पर फैजी और अब्द-अल-कादिर बदायूँनी ने महाभारत को पारसी भाषा में रूपान्तरित किया था जिसे रज्मनामा नाम दिया गया। रज्मनामा महाभारत का सटीक अनुवाद नहीं है, लेकिन बदायूँनी के अनुसार यह मुक्त पारसी भाषा के अनुकूल है। बदायूँनी ने रामायण का भी अनुवाद किया। ब्रुक्लन अजायबघर में रज़्मनामा का एक पन्ना। रज़्मनामा (फ़ारसी: رزم نامہ, जंग की किताब) महाभारत का फ़ारसी अनुवाद है जो कि मुग़ल बादशाह अकबर के समय में करवाया गया था। 1574 में अकबर ने फ़तेहपुर सीकरी में मकतबख़ाना (अनुवादघर) शुरू किया। इसके साथ अकबर ने राजतरंगिणी, रामायण, वग़ैरा जैसे संस्कृत ग्रंथों को फ़ारसी में अनुवाद करने के लिए हिमायत दी।[1] रज़्मनामा की तीन प्रतियाँ है प्रथम जयपुर अजायबघर में, दुसरी 1599 में तैयार जो वर्तमान समय में विविध संग्रहालय में रखी गई है और अंतिम रज़्मनामा रहीम का है जो 1616 में पुरा हुआ था। रज़्मनामा अपने चित्रों के कारण महत्त्वपूर्ण है। जयपुर प्रत के मुख्य चित्रकार दशवंत, वशावंत और लाल है। ई.स. 1599 की प्रत के मुख्य चित्रकार असी, धनु और फटु है। पहला अनुवाद[संपादित करें]महाभारत को फ़ारसी में अनुवाद करने का हुक्म 1582 में दिया गया और इसके 1 लाख श्लोकों का अनुवाद 1584 से 1586 तक किया गया। इस अनुवाद के दौरान मुशफ़ीक़ ने तस्वीरों बनाने का कार्य किया जिसके साथ महाभारत की कथा को समझने में सुविधा होती है। इस समय इस अनुवाद की एक नक़ल जयपुर शहर के "महल" अजायबघर में मौजूद है। [2] दूसरा अनुवाद[संपादित करें]इस किताब का दूसरा अनुवाद 1598 से 1599 के दौरान में किया गया। पहले अनुवाद की तुलना में दूसरा अनुवाद में ज़्यादा विस्तार है। इसमें 161 चित्र शामिल थे। इस अनुवाद की कई नक़ल शाही ख़ानदान के सदस्यों को तोहफ़े के तौर पर दीं गई थीं। सन्दर्भ[संपादित करें]
महाभारत के फारसी अनुवाद का शीर्षक है?January 20, 2021 , updated on January 23, 2021 (A) अनवर-ए-सुहेली Question Asked : UPPCS (Pre) GS 2001 Answer : रज्मनामाExplanation : महाभारत के फारसी अनुवाद का शीर्षक 'रज्मनामा' है। मुगल सम्राट अकबर ने अपने शाासनकाल में एक अनुवाद विभाग स्थापित किया था जिसका प्रधान फैजी था। अकबर के काल में ही महाभारत का अनुवाद फारसी भाषा में 'रज्मनामा' के नाम से किया गया था। इस अनुवाद में नकीब खां, मुल्ला अहमद शेरी और हाजी थानेश्वरी का असीम योगदान था। रामायण का अनुवाद 1589 में बदायूंनी ने किया था।....अगला सवाल पढ़े Tags : इतिहास प्रश्नोत्तरी Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams Latest QuestionsI’m a freelance professional with over 10 years' experience writing and editing, as well as graphic design for print and web. Free SSC JE: General Intelligence & Reasoning Free Mock Test 20 Questions 20 Marks 12 Mins Last updated on Sep 22, 2022 Staff Selection Commission has released the admit card & application status for Paper I of the SSC JE EE 2022 exam on 9th November 2022 for all regions. Paper I of the SSC JE will be conducted from 14th November 2022 to 16th November 2022. The candidates who will clear the exam will get a salary range between Rs. 35,400/- to Rs. 1,12,400/-. To get a successful selection candidates can refer to the SSC JE EE previous year's papers to estimate the level and important questions for the exam. महाभारत के फारसी अनुवाद का नाम क्या था?महाभारत का फारसी अनुवाद पूरा हुआ और यह किताब 'रज्म-नामा' नाम से मशहूर हुई। मुल्ला कादरी ने यह भी लिखा है कि 1591 ई. मैंने रामायण का फारसी में अनुवाद मुकम्मल कर बादशाह को पेश किया।
महाभारत का फारसी अनुवाद का शीर्षक क्या है?महाभारत के फारसी अनुवाद का शीर्षक रज्मानामा है।
अकबरनामा का फारसी में अनुवाद किसने किया था?Abul Fazal krt Akbarnama अबुल फजल कृत अकबरनामा (अबुल फजल अल्लामी कृत अकबरनामा का फारसी से एच. ब्लाकमैन द्वारा अंग्रेजी में अनुवादित पुस्तक का हिन्दी अनुवाद ) हार्डकवर – 1 जनवरी 2020.
रामायण का फारसी अनुवाद क्या था?हिंदुओं के प्रसिद्ध धार्मिक ग्रंथ रामायण और महाभारत का फारसी अनुवाद भी है। बदायूंनी द्वारा रचित महाभारत का फारसी अनुवाद पूरा हुआ और यह किताब 'रज्म-नामा' नाम से मशहूर हुई। अकबर ने खुद भी इस कार्य में समय देने का फैसला किया। मुल्ला कादिर लिखते हैं कि बादशाह ने मुझे बुलाकर कहा कि नकीब खां के साथ मिलकर इसका अनुवाद करें।
|