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लोक प्रशासन का विषय क्षेत्रइस आर्टिकल के अंतर्गत यह समझेंगे की लोक प्रशासन में किन तथ्यों तथा समस्याओं का अध्ययन किया जाता है, अर्थात लोक प्रशासन का अध्ययन क्षेत्र क्या है? जिस प्रकार आपने इस विषय की परिभाषा तथा इसके स्वरूप के सम्बन्ध में विद्वानों में तीव्र मतभेद पाया, उसी प्रकार का मतभेद विषय के अध्ययन क्षेत्र के सम्बन्ध में भी पाया जाता है। लोक प्रशासन का अध्ययन क्षेत्र क्या हैवास्तव में, परिवर्तन के इस युग में लोक प्रशासन जैसे गतिशील विषय का क्षेत्र निर्धारित करना अत्यन्त मुश्किल कार्य है। मोटे तौर पर इस सम्बन्ध में निम्नलिखित दृष्टिकोण प्रचलित हैं-लोक प्रशासन के संबंध में संकुचित दृष्टिकोण (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});
लोक प्रशासन का व्यापक दृष्टिकोण
निग्रो, व्हाइट, मार्क्स, विलोबी आदि विद्वान इस दृष्टिकोण के समर्थक हैं। इस दृष्टिकोण को स्वीकार करने पर लोक प्रशासन के विषय क्षेत्र की व्याख्या में निम्नलिखित बातें दृष्टिगोचर होती है - 1. समाज के सहयोगात्मक प्रयास का अध्ययन, 2. सरकार के तीनों अंगो का अध्ययन, 3. लोक नीति के निर्माण एवं क्रियान्वयन का अध्ययन, 4. प्रशासन के सम्पर्क में आने वाले निजी संगठनों एवं व्यक्तियों के व्यवहार का अध्ययना लोक प्रशासन का पोस्डकार्ब दृष्टिकोणइस दृष्टिकोण के प्रमुख प्रणेता लूथर गुलिक हैं। यद्यपि गुलिक से पहले उर्विक, हेनरी फेयोल इत्यादि विद्वानो ने भी पोस्डकॉब दृष्टिकोण अपनाया था, किन्तु इन विचारों को सुव्यवस्थित ढंग से प्रस्तुत करने का श्रेय गुलिक को जाता है। पोस्डकॉब शब्दपोस्डकॉब शब्द अंग्रेजी के सात शब्दों के प्रथम अक्षरों से मिलकर बना है। ये शब्द निम्नवत है- 1. Planing योजना बनाना, 2. Organization संगठन बनाना, 3. Staffing- कर्मचारियों की व्यवस्था करना, 4. Directing- निर्देशन करना, 5. Coordinaton- समन्वय करना, 6. Reporting- रपट देना और 7. Budgeting- बजट तैयार करना। लोक प्रशासन का आदर्शवादी दृष्टिकोण
उपर्युक्त दृष्टिकोण की समीक्षा करने पर आपको यह स्पष्ट हो जायेगा कि इनमें से कोई भी दृष्टिकोण पूर्ण नहीं है।
स्पष्टतः उपर्युक्त दृष्टिकोणों में किसी एक को पूर्णतः सही मानना ठीक नहीं है, परन्तु सत्यता का अंश सभी में है। यानि लोक प्रशासन सरकार के तीनों अंगों से सम्बन्धित है, परन्तु कार्यपालिका से ज्यादा जुड़ा हुआ है। इसमें ‘पोस्डकॉर्ब' की प्रक्रिया अपनायी जाती है और इसका भावी स्वरूप विस्तृत और व्यापक है। इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि लोक प्रशासन में निम्नलिखित विषय क्षेत्रों का अध्ययन किया जाना चाहिए
लोक प्रशासन के क्षेत्र क्या है?संक्षेप में हम कह सकते हैं कि लोक प्रशासन के अन्तर्गत निम्नलिखित प्रमुख विषय सम्मिलित किए जाते हैं-संगठन, लक्ष्य, नीति, नियोजन, निर्णय, सेवीवर्ग प्रशासन, बजट व वित्त, समन्वय, पर्यवेक्षण, नियन्त्रण, लोक सम्बन्धी, मानवीय सम्बन्धी ग ह नीति, विदेश नीति, सामाजिक सुरक्षा, लोक कल्याणकारी योजनाएं एवं उनका कार्यान्वयन, संचार ...
प्रशासन कितने प्रकार के होते हैं?प्रशासन. लोक प्रशासन. सैन्य प्रशासन. व्यवसाय प्रशासन. प्रशासन (सरकार). लोक प्रशासन के संस्थापक कौन है?एक विषय के रूप में लोक-प्रशासन का जन्म 1887 में हुआ। अमेरिका के प्रिन्सटन यूनिवर्सिटी में राजनीतिशास्त्र के तत्कालीन प्राध्यापक वुडरो विल्सन को इस शास्त्र का जनक माना जाता है।
लोक प्रशासन का क्या महत्व है?लोक प्रशासन का महत्व सिर्फ इसलिए ही नही है कि यह एक लोक कल्याणकारी राज्य की सफलता का मुख्य आधार है, बल्कि लोक प्रशासन का महत्व उसकी सर्वव्यापकता तथा सर्वमौलिकता के कारण भी हैं। लोक समस्याओं के समाधान हेतु विश्वसनीय सिद्धान्तों और तकनीकों का विकास लोक प्रशासन द्वारा होता है। लोक प्रशासन सभ्य समाज की पहली आवश्यकता है।
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