कर्मवीर कविता से हमें क्या सीख मिलती है? - karmaveer kavita se hamen kya seekh milatee hai?

हम अभी पूरी तरह से कर्मवीर नहीं बने हैं और हमें खुद को कर्मवीर बनाने के लिए कर्तव्यनिष्ठ बनाना होगा । समय का महत्व समझना होगा , परिश्रमी बना होगा तथा आलस्य को त्यागना होगा । मन वचन एवं कर्म से एक रहना होगा । उपरोक्त कर्मवीर गुणों को अपने में उतारकर  हम अपने को कर्मवीर बन सकते है ।

कर्मवीर बाधाओं से घबराते नहीं है वे भाग्य भरोसे नहीं रहते । कर्मवीर आज के कार्य को आज ही कर लेते है । वह भाग्य के भरोसे रहकर दुख नहीं भोगते और ना ही पछताते है । कर्मवीर अपने समय को व्यर्थ नहीं जाने देते है । वे मेहनत करने से जी नहीं चुराते है।वह काम से जी नहीं चुराते हैं । कर्मवीर कठिन – से कठिन परिस्थितियों में भी कठिन कार्य कर दिखाते है । जिस कार्य को आरम्भ करते उसे पूरा करके ही छोड़ते है। कर्मवीर उलझनों के बीच में उत्साहित दिखते है ।

 

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कर्मवीर कविता से हमें क्या सीख मिलती है? - karmaveer kavita se hamen kya seekh milatee hai?
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1.कर्मवीर कथा से हमें क्या शिक्षा मिलती है ?

उनर→ कर्मवीर शब्द से ही आभास होने लगता है कि निश्चय ही कोई ऐसा कर्मवीर है जो अपनी निष्ठा, उद्यम, सेवाभाव आदि के द्वारा उत्तम पद को प्राप्त किये हुए है। प्रस्तुत पाठ में एक ऐसे ही कर्मवीर की चर्चा है जो अभावग्रस्त जीवन-यापन करते हुए भी स्नेहिल शिक्षक का सान्निध्य पाकर विविध बाधाओं से लड़ता हुआ एक दिन शीर्ष पद को प्राप्त कर लेता है। मनुष्य की जीवटता, निष्ठा, सच्चरित्रता आदि गुण उसे निश्चय ही सफलता की सीढ़ियों पर अग्रसारित करते हैं। अतः हमें भी जीवटता, ‘निष्ठा आदि को आधार बनाकर सत्कर्म पर बने रहना चाहिए।


2. रामप्रवेश राम का चरित्र-चित्रण करें।

उनर→रामप्रवेश राम ‘कर्मवीरकथा’ का प्रमुख पात्र है। इनका जन्म बिहार राज्य अन्तर्गत भीखनटोला में हुआ है । कभी खेलों में संलग्न रहनेवाले रामप्रवेश राम अध्यापक का सान्निध्य पाकर, विद्याध्ययन में जुट गये। गुरु का आशीर्वाद और मेहनत उनकी सफलता की सीढ़ी बनते गये। धनाभाव के बीच भी उन्होंने अपना अध्ययन जारी रखा। विद्यालय स्तर से लेकर प्रतियोगिता परीक्षाओं में प्रथम स्थान प्राप्त करते गये । केन्द्रीय लोक सेवा आयोग परीक्षा में उत्तीर्ण होकर उन्होंने समाज के समक्ष अपना आदर्श प्रस्तुत कर दिया । उनकी प्रशासन क्षमता और संकट काल में निर्णायक सामर्थ्य सभी को आकर्षित करते हैं।


3. कर्मवीरकथा पाठ का पाँच, वाक्यों में परिचय दें।

उनर→इस पाठ में एक पुरुषार्थी की कथा है जो निर्धनता एवं दलित जाति में जन्म जैसे विपरीत परिवेश में भी रहकर प्रबल इच्छाशक्ति तथा उन्नति की उत्कट कामना के कारण उच्च पद पर पहुँचता है। यह कथा किशोरों में आत्मविश्वास की ओर आत्मसम्मान उत्पन्न करती है, विजय के पथ को प्रशस्त करती है । ऐसे कर्मवीर हमारे आदर्श हैं।


4. भीखनटोला कैसा गाँव है ?

उनर→भीखनटोला बिहार प्रांत के दुर्गम क्षेत्र में अवस्थित है। यहाँ के लोग प्रायः निर्धन और अशिक्षित हैं तथा कष्टमय जीवन बिताते हैं। कुछ अत्यंत निर्धन परिवार गाँव के बाहर टूटी कुटियाओं में रहते हैं। भीखनटोला से लगभग एक कोश की दूरी पर एक प्राथमिक विद्यालय है।


5.रामप्रवेशराम की प्रारंभिक शिक्षा के विषय में आप क्या जानते हैं ?

उनर→रामप्रवेशराम भीखनटोला गाँव का रहनेवाला एक दलित बालक था । उस बालक को एक शिक्षक अपने विद्यालय में लाकर शिक्षा देना प्रारंभ किए। बालक रामप्रवेशराम शिक्षक की शिक्षणशैली से आकष्ट हआ और शिक्षा को जीवन का परम गति माना । विद्या अध्ययन में रात-दिन लग गया और अपने वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त करने लगा।


6. रामप्रवेशराम किस प्रकार केंद्रीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा में सफल हुआ?

उनर→रामप्रवेशराम एक कर्मवीर एवं निर्धन छात्र था। वह कष्टकारक जीवन जीते हुए अध्ययनशील था । वह पुस्तकालयों में अध्ययन किया करता था । वह अपने से नीचे वर्ग के छात्रों को टयूशन पढ़ाकर जीवनयापन करता था । परिणामस्वरूप केंद्रीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने में सफल रहा।


7.’कर्मवीर कथा’ पाठ से हमें क्या शिक्षा मिलती है ?

उनर→कर्मवीर कथा पाठ से हमें शिक्षा मिलती है कि गाँव में रहनेवाले दलित एवं निर्धन छात्र भी मेहनत के बल पर सर्वोच्च शिखर पर पहुँच सकते हैं। लगन उत्साह और धैर्य से मनुष्य किसी भी कठिनाई पर विजय प्राप्त कर सकता है।


Class 10th Sanskrit Subjective 2022 

पाठ -1मङ्गलम्पाठ -2पाटलिपुत्रवैभवमपाठ -3अलसकथापाठ -4संस्कृतसाहित्ये लेखिकाःपाठ – 5भारतमहिमापाठ -6भारतीयसंस्काराःपाठ -7नीतिश्लोकाःपाठ – 8कर्मवीरकथापाठ -9स्वामी दयानन्दःपाठ -10मन्दाकिनीवर्णनम्पाठ -11व्याघ्रपथिककथापाठ -12कर्णस्य दानवीरतापाठ -13विश्वशांति:पाठ -14शास्त्रकाराः

कर्मवीर कविता से हमें क्या शिक्षा मिलती है?

हमें किसी प्रकार की कठिनाइयों से घबड़ाना नहीं चाहिए। हमें भाग्यवादी नहीं बनना चाहिए। कितना भी कठिन काम क्यों न हो, हमें उसे देखकर घबड़ाना नहीं चाहिए। इस प्रकार की हमें अनेक प्रेरणाएँ प्रस्तुत कविता से मिलती हैं।

कर्मवीर का उद्देश्य क्या है?

वे परिश्रम करने से जी नहीं चुराते हैं । कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी कठिन कार्य कर दिखाते हैं। कर्मवीर कार्य करने में थकतें नहीं हैं। जिस कार्य को आरम्भ करते उसे पूरा करके ही छोड़ते हैं।

कर्मवीर कविता में कौन सा गुण है?

कवि ने कर्मवीर व्यक्ति को परिश्रमी, निडर, समय पर काम करने वाला, कठिन से कठिन स्थिति का सामना करने वाला तथा अपनी सहायता स्वयं कर के सफल होने वाला बताया है।

कर्मवीर कविता के कवि का नाम क्या है?

कर्मवीर / अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध'