अगर आप हल्दी का भरपूर फायदा पाना चाहती हैं तो उसमें चुटकी भर काली मिर्च को जरूर मिलाएं। आइए इन दोनों को साथ में लेने के फायदों के बारे में जानें। Show
हल्दी हमारी हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद होती है यह बात तो हम सभी जानते ही हैंं और इसलिए इसका सेवन रोजाना किसी ना किसी रूप में करते हैं। कुछ लोग इसका सेवन हल्दी वाले दूध के रूप में तो कुछ हल्दी वाले पानी के रूप में लेते हैं। यह हमें कई तरह से हेल्थ बेनिफिट्स पहुंचाती है। हल्दी का इस्तेमाल इम्यूनिटी को मजबूत बनाने से लेकर दर्द को दूर भगाने तक और त्वचा संबंधी कई समस्याओं को दूर भगाने के लिए किया जा सकता है। लेकिन इसका फायदा आपको पूरा तभी मिलेगा जब आप हल्दी का इस्तेमाल काली मिर्च के साथ करते हैं अन्यथा आप इसका कितना भी इस्तेमाल कर लें आपको हल्दी का कोई भी फायदा नहीं मिलेगा। हल्दी और काली मिर्च का साथ हमारी हेल्थ के लिए कैसे फायदेमंद हो सकता है। इस बारे में हमें स्वाति बथवाल जी बता रही हैं जो एक जानी मानी डाइटीशियन और न्यूट्रिशनिस्ट हैं, वो एक पब्लिक हेल्थ को बेहतर बनाने के लिए काम करती हैं। साथ ही साथ वो एक Diabetes Educator भी हैं। एक्सपर्ट की रायस्वाति बथवाल जी का कहना है कि ''हल्दी बहुत फायदेमंद होती है, इसमें करक्यूमिन नामक तत्व पाया जाता है जो हेल्थ के लिए अमृत है साथ ही हल्दी लेने से आपकी स्किन में ग्लो आता है। जिन महिलाओं को किसी भी तरह का दर्द या सूजन सताता है, उनको हल्दी से बहुत फायदा मिलता है। यह एक ऐसा मसाला है जो पैंक्रिअटिक सेल्स (कैंसर सेल्स) के मल्टिप्लिकेशन को रोकता है। कैंसर से छुटकारा पाने के लिए हल्दी बहुत महत्वपूर्ण होती है। इम्यूनिटी के लिए भी हल्दी बहुत फायदेमंद होती है। लेकिन हेल्दी के सेवन के साथ इस चीज का ध्यान रखना चाहिए कि इसमें एक चुटकी काली मिर्च जरूर मिला लें क्योंकि इससे हल्दी को पीला रंग देने वाला करक्यूमिन अच्छी से अवशोषित हो जाता है। बिना काली मिर्च को मिलाए आप कितनी भी हेल्दी ले लें आपको कोई फायदा नहीं होता है। काली मिर्च और हल्दी दोनों में ऐसे तत्व होते हैं जो औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। जब दोनों को एक साथ मिलाया जाता है तो इनके गुण काफी बढ़ जाते हैं और हल्दी में मौजूद करक्यूमिन का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। '' स्वाति बथवाल जी ने आगे बताया, ''लेकिन जिनको गॉल स्टोन हुआ है वह 1 महीने तक हल्दी कम इस्तेमाल करें। अगर 1 चम्मच इस्तेमाल करती हैंं तो उससे भी काफी कम करें। अगर गॉल स्टोन से परेशान है तो बहुत ज़्यादा हल्दी के इस्तेमाल करने से दर्द हो सकता है। अन्यथा हल्दी सभी के लिए फायदेमंद होती है। पूरे दिन में 3 से 5 ग्राम हल्दी बहुत है और तमिलनाडु वाली हल्दी ज़्यादा फायदेमंद होती है।'' इसे जरूर पढ़ें:रोजाना हल्दी वाला पानी पीएंगी तो ये 5 समस्याएं हमेशा रहेंगी दूर हल्दी और काली मिर्च का साथजी हां सदियों से हम हर्ब्स और मसालों का इस्तेमाल कई तरह की बीमारियों को ठीक करने के लिए करते आ रहे हैं। कई समस्याओं से लड़ने के लिए इस तरह के प्राकृतिक समाधानों में से एक काली मिर्च और हल्दी का साथ भी है। काली मिर्च और हल्दी दोनों ही हेल्दी मसाले हैं जिनका इस्तेमाल भोजन के स्वाद और रंग को बढ़ाने के लिए किया जाता है। हल्दी का इस्तेमाल अर्थराइटिस, हार्ट डिजीज और डिमेंशिया जैसी कई समस्याओं के इलाज के लिए दवा के रूप में किया गया है। लेकिन ज्यादातर महिलाओं के मन में यह सवाल आता है कि हल्दी के साथ काली मिर्च का सेवनक्यों करना चाहिए? तो जैसे की स्वाति जी भी आपको बता चुकी हैं कि करक्यूमिन हल्दी में मौजूद एक ऐसा घटक है जो इसे इसके औषधीय गुणों को देने के लिए जिम्मेदार होता है। लेकिन समस्या यह है कि करक्यूमिन शरीर में अच्छी तरह से अवशोषित नहीं होता है। साथ ही काली मिर्च में पिपेरिन नामक तत्व होता है, जिसे हल्दी के साथ मिलाने पर करक्यूमिन का अवशोषण बढ़ जाता है। पिपेरिन करक्यूमिन के अवशोषण को बढ़ाने में कैसे मदद करता है यह समझाने के लिए दो सिद्धांत हैं। सबसे पहला, पिपेरिन लिवर द्वारा करक्यूमिन के टूटने को धीमा कर देता है, जिससे उसके ब्लड का स्तर बढ़ जाता है। दूसरे, पिपेरिन आंतों की दीवार के माध्यम से और ब्लड सकुलेशन में गुजरने के लिए करक्यूमिन के लिए आसान बनाता है। दोनों के कॉम्बिनेशन के परिणामस्वरूप, हल्दी का स्वास्थ्य पर प्रभाव बढ़ जाता है, जिससे यह पूरी तरह से अधिक फायदेमंद मसाला बन जाता है। हल्दी और काली मिर्च के फायदेडाइजेशन में मददगारएक बार काली मिर्च और हल्दी को मिला देने से हमें क्या लाभ मिलता है? शुरुआत के लिए यह कॉम्बिनेशन डाइजेशन में मदद करता है। करक्यूमिन में डाइजेस्टिव गुण पाए जाते हैं और पिपेरिन पेट में डाइजेस्टिव एंजाइमों की एक्टिविटी को बढ़ाता है, जिससे शरीर को भोजन को जल्दी और आसानी से संसाधित करने में मदद मिलती है। इसके अलावा काली मिर्च और हल्दी दोनों में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो पेट की सूजन को कम करते हैंऔर डाइजेशन में मदद करते हैं। Recommended Video
नेचुरल पेनकिलरकाली मिर्च और हल्दी का उपयोग नेचुरल पेनकिलर के रूप में किया जा सकता है। दोनों मसालों में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो शरीर में दर्द या बेचैनी की भावना को कम करते हैं, इसलिए यह पेनकिलर विकल्प के रूप में काम करते हैं। यह सबसे प्रभावी तब होते हैं जब इनका इस्तेमाल चोटों को कम करने के लिए किया जाता है। आमतौर पर सर्दी के मौसम में सूजन बढ़ जाती है। इस मौसम में इसका सेवन किया जा सकता है। अध्ययनों के अनुसार, यह अर्थराइटिस के लक्षणों को रोकने में भी मदद करता है। इसे जरूर पढ़ें:हल्दी आपकी सेहत के लिए है हेल्दी जानिए इसके फायदे कैंसर के खिलाफ सुरक्षाटेस्ट ट्यूब अध्ययनों से पता चला है कि करक्यूमिन न केवल कैंसर का इलाज करता है बल्कि इसे रोकने में भी मदद करता है। यह कैंसर सेल्स को मारने और मॉलिक्यूलर लेवल पर ऐसे सेल्स के विकास को रोककर कैंसर की संभावना को कम करता है। यहां तक कि पिपेरिन कैंसर सेल्स को मारने में एक अहम भूमिका निभाता है जिससे ट्यूमर का खतरा कम हो जाता है। एक अध्ययन से पता चला है कि करक्यूमिन और पिपेरिन दोनों पर्सनली और सिंक में ब्रेस्ट स्टेम सेल्स की आत्म नवीकरण प्रक्रिया को बाधित करने के लिए काम करते हैं। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि यह प्रक्रिया ब्रेस्ट कैंसर की उत्पत्ति है। हल्दी का भरपूर फायदा पाने के साथ ही अपनी डाइट में काली मिर्च को शामिल करना इन दोनों मसालों का भरपूर फायदा पाने का एक अच्छा विचार है। डाइट से जुड़ी और जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें। Image Credit: freepik.com क्या आपको ये आर्टिकल पसंद आया ?बेहतर अनुभव करने के लिए HerZindagi मोबाइल ऐप डाउनलोड करें Disclaimer आपकी स्किन और शरीर आपकी ही तरह अलग है। आप तक अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी लाना हमारा प्रयास है, लेकिन फिर भी किसी भी होम रेमेडी, हैक या फिटनेस टिप को ट्राई करने से पहले आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। किसी भी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, पर हमसे संपर्क करें। काली मिर्च में किसकी मिलावट की जाती है?काली मिर्च में मुख्य रूप से पपीते के बीजों की मिलावट की जाती है.
काली मिर्च में कौन से पदार्थ होते हैं?6ग्रा (एक चम्मच) काली मिर्च में 15.9 कैलोरी (kcal) होती हैं। कालीमिर्च मैग्नीज, विटामिन-के और आयरन (लौह) का अच्छा स्रोत होती है साथ ही इसमें विटामिन ए, सी, बी2, बी6 एवं अन्य कई खनिज लवण अल्प मात्रा में पाए जाते हैं।
काली मिर्च में मिलावट की पहचान कैसे करें?इसके लिए थोड़ी सी काली मिर्च को एक टेबल पर रखें। अब इसे अंगूठे की मदद से दबाने की कोशिश करें। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड ऑथेरिटी के मुताबिक अगर काली मिर्च नकली है, बिना मिलावट वाली काली मिर्च आसानी से नहीं टूटेगी। अगर टेबल पर रखी हुई काली मिर्च आसानी से टूट जाती है, तो इसका मतलब ये नकली है।
साबुत काली मिर्च में क्या मिलाया जाता है?काली मिर्च में लोग अक्सर पपीते के बीज या घटिया ब्लैक बेरी मिलाते हैं। काली मिर्च में मिलावट की पहचान के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने साधारण जांच करने का तरीका बताया है।
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