काल का भेद पहचानिए बच्चे मैदान में खेल रहे थे - kaal ka bhed pahachaanie bachche maidaan mein khel rahe the

हिंदी व्याकरण – काल और काल के भेद

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हिंदी व्याकरण – काल और काल के भेद

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mindpathshala

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August 31, 2022

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हिंदी व्याकरण – काल और काल के भेद : हिंदी व्याकरण में काल का बेहद महत्व होता है, जो वाक्य वाक्य में समय का बोध कराता है। आज हम हिंदी व्याकरण में काल के बारे में जानेंगे। काल की परिभाषा जानेंगे और काल के भेद जानेंगे तथा सभी कालों के उपभेद जानेंगे ।

Table of Contents│विषय सूची

  • हिंदी व्याकरण में काल की परिभाषा
  • काल के भेद
      • वर्तमान काल
      • भूतकाल
      • भविष्यत काल
  • वर्तमान काल
  • भूतकाल
  • भविष्यत काल

 

काल का भेद पहचानिए बच्चे मैदान में खेल रहे थे - kaal ka bhed pahachaanie bachche maidaan mein khel rahe the

 

हिंदी व्याकरण में काल की परिभाषा

‘काल’ से तात्पर्य किसी वाक्य में क्रिया या कार्य करने के समय से होता है अर्थात किसी वाक्य में क्रिया के जिस रुप से हमें कार्य के समय का बोध होता हो, उसे ‘काल’ कहा जाता है।

यह काल ‘वर्तमान काल’ ‘भूतकाल’ अथवा ‘भविष्यत काल’ हो सकता है।

सरल अर्थो मे कहें तो क्रिया करने के समय का बोध कराने वाले तत्वों को ‘काल’ कहा जाता है।

काल के उदाहरण :

  • माँ रसोई घर में खाना बना रही हैं।
  • माँ रसोई घर में खाना बना रही थीं।
  • माँ रसोई घर में खाना बनाएंगी।

तीनों वाक्यों से काल के अलग-अलग समय का बोध हो रहा है, यही काल की सही पहचान है।

 

काल के भेद

काल के तीन भेद होते हैं, जो कि इस प्रकार हैंं।

  • वर्तमान काल
  • भूतकाल
  • भविष्यत काल

वर्तमान काल

‘वर्तमान काल’ की परिभाषा के अनुसार किसी वाक्य में क्रिया के जिस रुप से यह पता चले कि कार्य तत्कालीन समय में हो रहा है अर्थात वर्तमान समय में हो रहा है, अथवा हुआ है, तो वह ‘वर्तमान काल’ कहलायेगा।

वर्तमान काल के उदाहरण

  • सतीश विद्यालय जा रहा है।
  • राम और श्याम बातें कर रहे हैं।
  • मोहिनी गाना गाती है।
  • राधा नाचती है।

इन वाक्यों से क्रिया के वर्तमान समय में होने का बोध हो रहा है, जो कि तत्कालीन समय है, इसलिए यह वर्तमान काल हुआ।

वर्तमान काल की मुख्य पहचान यह है कि क्रिया के अंत में ‘ता’, ‘ती’ होते हैं, अथवा है, हूँ  आदि वर्ण आते हैं।

वर्तमान काल के छः उपभेद होते हैं :

  • सामान्य वर्तमानकाल
  • पूर्ण वर्तमानकाल
  • अपूर्ण वर्तमानकाल
  • संदिग्ध वर्तमानकाल
  • तात्कालिक वर्तमानकाल
  • संभाव्य वर्तमानकाल

भूतकाल

‘भूतकाल’ की परिभाषा के अनुसार क्रिया के जिस रुप से हमें किसी वाक्य में बीते हुए समय का बोध होता है अर्थात कार्य संपन्न हो चुका होता है, तो उसे ‘भूतकाल’ कहा जाता है।

सरल शब्दों में समझें तो भूतकाल से यह स्पष्ट होता है कि कार्य अभी चल नहीं रहा है, बल्कि समाप्त हो चुका है।

भूतकाल के उदाहरण

  • रमेश विद्यालय जा चुका था।
  • मैंने खाना खा लिया था।
  • बच्चे मैदान में खेल रहे थे।
  • राजू बाजार से कपड़े लाया।
  • मैं अभी सो कर उठा हूँ।

भूतकाल की मुख्य पहचान ये हैं कि भूतकाल में ‘था’, ‘थी’, ‘थे’, ‘रहा था’, ‘रही थी, ‘रहे थे’, ‘चुका था’, ‘चुकी थी’, ‘चुके थे’ आदि क्रिया शब्दों का प्रयोग होता है।

भूतकाल के भी छः उपभेद होते हैं, जोकि इस प्रकार हैं :

  • सामान्य भूतकाल
  • पूर्ण भूतकाल
  • अपूर्ण भूतकाल
  • आसन्न भूतकाल
  • संदिग्ध भूतकाल
  • हेतुहेतुमद भूतकाल

 

भविष्यत काल

‘भविष्यत काल’ से तात्पर्य क्रिया के उस रूप से होता है, जिसमें क्रिया ना ही संपन्न हुई होती है और ना ही संपन्न हो रही होती है, बल्कि क्रिया आने वाले समय में संपन्न होने वाली होती है।

सरल शब्दों में कहें तो क्रिया के जिस रुप से हमें आगे आने वाले समय में कार्य किए जाने का बोध होता है, वह ‘भविष्यत काल’ कहलाता है, यानी कार्य अभी संपन्न नहीं हुआ है, बल्कि होने वाला है।

भविष्य काल के उदाहरण

  • हम लोग कल पिकनिक पर जाएंगे।
  • बड़े भइया कल मेरे लिए कल कपड़े लायेंगे।
  • बहुत अच्छी मूवी लगी है, हम लोग देखने जाएंगे।
  • ऐसा लगता है कि शाम को वर्षा होगी।
  • यदि तुम हाँ करो तो हम लोग साथ-साथ चलेंगे।
  • शोर मत मचाओ नही तो पिताजी जग जायेंगे।

राजू इन सभी वाक्यों से कार्य के भविष्य में यानि आने वाले समय में संपन्न होने का बोध हो रहा है, अर्थात कार्य अभी हुआ नहीं है, बल्कि होने वाला है इसलिये ये ‘भविष्यतकाल’ होगा।

भविष्यतकाल में ‘होगा’, ‘होगी’, ‘होंगे’, ‘रहा होगा’, ‘रही होगी’, ‘रहे होंगे’ जैसे क्रिया शब्दों का प्रयोग होता है।

भूतकाल दो शब्दों के मेल से बना है – भूत + काल। भूत का अर्थ होता है – बीत गया और काल को कहा जाता है – समय अर्थात् जो समय बीत गया हो।

क्रिया के जिस रूप से बीते हुए समय का बोध होता है, उसे भूतकाल कहते है।

या 

वे शब्द जिनसे क्रिया के हो चुकने का पता चले उन्हे भूतकाल कहते हैं। 

(1) बस सड़क पर चल रही थी।
(2) मीना गाना गए रही थी।
(3) दो दिन पहले जोर की वर्षा हुई थी।
(4) रोहन खेलने गया था।
(5) राम ने रावण का वध किया था।
(6) शाहजहाँ ने ताज महल बनवाया था।
(7) मोहन ने पेड़ लगाए थे।
(8) मैं मेले में गया था।
(9) सीता खाना खा चुकी है।
(10) माँ ने राजू को पैसे दिए थे। 

भूतकाल के प्रकार :-
(1) सामान्य भूतकाल
(2) आसन्न भूतकाल
(3) पूर्ण भूतकाल
(4) अपूर्ण भूतकाल
(5) संदिग्ध भूतकाल
(6) हेतुहेतुमद् भूतकाल

(1) सामान्य भूतकाल

क्रिया के जिस रूप से काम के सामान्य रूप से बीते समय में पूरा होने का बोध हो, उसे सामान्य भूतकाल कहते हैं।

जिन वाक्यों के अंत में आ, ई, ए, था, थी, थे आते हैं वे सामान्य भूतकाल होता है।

(1) वह कल यहाँ आया था।
(2) रामू ने चित्र बनाया।
(3) पिताजी ना समाचार पढ़े थे।
(4) मैनें आज एक फिल्म देखी थी।
(5) वह आज स्कूल नहीं गया।
(6) मोहन विद्यालय गया है।
(7) आशी चली गई है।
(8) गीता ने गाना गया था।
(9) श्रीराम ने रावण को मारा।
(10) मैं अभी सोकर उठी हूँ।

(2) आसन्न भूतकाल

क्रिया के जिस रूप से हमें यह पता चले की क्रिया अभी कुछ समय पहले ही पूर्ण हुई है उसे आसन्न भूतकाल कहते हैं 

आसन्न भूतकाल की क्रिया में हूँ, हैं, है, हो लगता है।

(1) मैं अभी ऑफिस से आया हूँ।
(2) मैं अभी खाना खाकर उठा हूँ।
(3) बच्चा कुर्सी से गिर गया है।
(4) बहुत गर्मी हो गई है।
(5) वह कल मेरे घर आया था।
(6) मैने केला खाया हैं।
(7) रोहन बाजार से आ गया।
(8) मोहन विद्यालय गया है।
(9) अध्यापिका पढ़ाकर आई हैं।
(10) राधा ने पौधों को पानी दिया है।

(3) पूर्ण भूतकाल

क्रिया के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि कार्य पहले ही पूरा हो चुका है, उसे पूर्ण भूतकाल कहते हैं।

पूर्ण भूतकाल में क्रिया के साथ ‘था, थी, थे, चुका था, चुकी थी, चुके थे आदि लगता है।

(1) बारिश रुक गई थी।
(2) उसने अपने पालतू कुत्ते को मारा था।
(3) वह मुंबई गया था।
(4) अर्जुन ने कर्ण को मारा था।
(5) मोहन जा चुका था।
(6) मैंने एक महीने पहले नया फ़ोन लिया था।
(7) वह रोटी खा चूका था।
(8) सीमा खाना खा चुकी थी।
(9) कविता ने पत्र लिखा था
(10) वह सफ़ाई कर चूका था।

(4) अपूर्ण भूतकाल

जिन शब्दों से यह पता चले कि काम भूतकाल में शुरू हो चुका था और अभी समाप्त नहीं हुआ है, उसे अपूर्ण भूतकाल कहते हैं। 

जिन वाक्यों के अंत में रहा था, रही थी, रहे थे आदि आते हैं वे अपूर्ण भूतकाल होते हैं।

(1) रीटा गीत गा रहा था।
(2) राधिका चित्र बना रही थी।
(3) बच्चे पार्क में खेल रहे थे।
(4) संगीता सो रही थी।
(5) मोहन क्लास में घूम रहा था।
(6) क्रिकेट मैच चल रहा था।
(7) पुजारी पूजा कर रहा थी।
(8) सीमा खाना बना रही थी।
(9) वह समाचार देख रहा था।
(10) गीता रो रही थी।

(5) संदिग्ध भूतकाल

भूतकाल की क्रिया के जिस रूप से उसके भूतकाल में पूरा होने में संदेह हो, उसे संदिग्ध भूतकाल कहते हैं।

जिन वाक्यों के अंत में गा, गे, गी आदि आते हैं वे संदिग्ध भूतकाल होते हैं। 

(1) डॉक्टर ने दवाई दे दी होगी।
(2) संगीता गाना गा चुकी होगी।
(3) दुकानें बंद हो चुकी होगी।
(4) वह गाँव गया होगा।
(5) इस समय ऑफिस बंद होगा।
(6) सुरेश नहा चुका होगा।
(7) मोहन ने गृहकार्य कर लिया होगा।
(8) प्रतिभा बस में बैठ गई होगी।
(9) फुटबॉल मैच शुरू हो गया होगा।
(10) माँ ने खाना खा लिया होगा।

(6) हेतुहेतुमद् भूतकाल

जिन क्रिया पदों से भूतकाल में कार्य होने का संकेत तो मिलता है, परन्तु किसी कारण से कार्य हो नहीं पाया, उसे हेतु-हेतुमद् भूतकाल कहते हैं। 

इसमें पहली क्रिया दूसरी क्रिया पर निर्भर होती है। पहली क्रिया तो पूरी नहीं होती लेकिन दूसरी भी पूरी नहीं हो पाती।

बच्चे खेल रहे हैं कौन सा काल है?

काल - क्रिया के जिस रूप से किसी काम के होने के समय का बोध हो उसे काल कहते हैं। क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि काम अभी चल रहा है उसे वर्तमान काल कहते हैं। मैं खा रहा हूँ । ... Detailed Solution..

बच्चे मैदान में खेल रहे हैं कौन सा क्रिया है?

ऊपर दिए गए दोनों वाक्य में सकर्मक क्रिया है।

बच्चे मैदान में खेल रहे हैं रचना के आधार पर कौन सा वाक्य भेद है?

(क) सरल वाक्य-जिन वाक्यों में एक उद्देश्य तथा एक विधेय होता है, उन्हें सरल वाक्य कहते हैं। वर्षा हो रही है। मोहन पतंग उड़ा रहा है। बच्चे मैदान में खेल रहे हैं

मैदान में दस बच्चे खेल रहे थे

2. संख्यावाचक विशेषण “वह विशेषण, जो अपने विशेष्यों की निश्चित या अनिश्चित संख्याओं का बोध कराए, 'संख्यावाचक विशेषण' कहलाता है।” उस मैदान में पाँच लड़के खेल रहे हैं।