हिंदी व्याकरण – काल और काल के भेद Show
By mindpathshala- August 31, 20220 44 Advertisement हिंदी व्याकरण – काल और काल के भेद : हिंदी व्याकरण में काल का बेहद महत्व होता है, जो वाक्य वाक्य में समय का बोध कराता है। आज हम हिंदी व्याकरण में काल के बारे में जानेंगे। काल की परिभाषा जानेंगे और काल के भेद जानेंगे तथा सभी कालों के उपभेद जानेंगे । Table of Contents│विषय सूची
हिंदी व्याकरण में काल की परिभाषा‘काल’ से तात्पर्य किसी वाक्य में क्रिया या कार्य करने के समय से होता है अर्थात किसी वाक्य में क्रिया के जिस रुप से हमें कार्य के समय का बोध होता हो, उसे ‘काल’ कहा जाता है। यह काल ‘वर्तमान काल’ ‘भूतकाल’ अथवा ‘भविष्यत काल’ हो सकता है। सरल अर्थो मे कहें तो क्रिया करने के समय का बोध कराने वाले तत्वों को ‘काल’ कहा जाता है। काल के उदाहरण :
तीनों वाक्यों से काल के अलग-अलग समय का बोध हो रहा है, यही काल की सही पहचान है।
काल के भेदकाल के तीन भेद होते हैं, जो कि इस प्रकार हैंं।
वर्तमान काल‘वर्तमान काल’ की परिभाषा के अनुसार किसी वाक्य में क्रिया के जिस रुप से यह पता चले कि कार्य तत्कालीन समय में हो रहा है अर्थात वर्तमान समय में हो रहा है, अथवा हुआ है, तो वह ‘वर्तमान काल’ कहलायेगा। वर्तमान काल के उदाहरण
इन वाक्यों से क्रिया के वर्तमान समय में होने का बोध हो रहा है, जो कि तत्कालीन समय है, इसलिए यह वर्तमान काल हुआ। वर्तमान काल की मुख्य पहचान यह है कि क्रिया के अंत में ‘ता’, ‘ती’ होते हैं, अथवा है, हूँ आदि वर्ण आते हैं। वर्तमान काल के छः उपभेद होते हैं :
भूतकाल‘भूतकाल’ की परिभाषा के अनुसार क्रिया के जिस रुप से हमें किसी वाक्य में बीते हुए समय का बोध होता है अर्थात कार्य संपन्न हो चुका होता है, तो उसे ‘भूतकाल’ कहा जाता है। सरल शब्दों में समझें तो भूतकाल से यह स्पष्ट होता है कि कार्य अभी चल नहीं रहा है, बल्कि समाप्त हो चुका है। भूतकाल के उदाहरण
भूतकाल की मुख्य पहचान ये हैं कि भूतकाल में ‘था’, ‘थी’, ‘थे’, ‘रहा था’, ‘रही थी, ‘रहे थे’, ‘चुका था’, ‘चुकी थी’, ‘चुके थे’ आदि क्रिया शब्दों का प्रयोग होता है। भूतकाल के भी छः उपभेद होते हैं, जोकि इस प्रकार हैं :
भविष्यत काल‘भविष्यत काल’ से तात्पर्य क्रिया के उस रूप से होता है, जिसमें क्रिया ना ही संपन्न हुई होती है और ना ही संपन्न हो रही होती है, बल्कि क्रिया आने वाले समय में संपन्न होने वाली होती है। सरल शब्दों में कहें तो क्रिया के जिस रुप से हमें आगे आने वाले समय में कार्य किए जाने का बोध होता है, वह ‘भविष्यत काल’ कहलाता है, यानी कार्य अभी संपन्न नहीं हुआ है, बल्कि होने वाला है। भविष्य काल के उदाहरण
राजू इन सभी वाक्यों से कार्य के भविष्य में यानि आने वाले समय में संपन्न होने का बोध हो रहा है, अर्थात कार्य अभी हुआ नहीं है, बल्कि होने वाला है इसलिये ये ‘भविष्यतकाल’ होगा। भविष्यतकाल में ‘होगा’, ‘होगी’, ‘होंगे’, ‘रहा होगा’, ‘रही होगी’, ‘रहे होंगे’ जैसे क्रिया शब्दों का प्रयोग होता है। भूतकाल दो शब्दों के मेल से बना है – भूत + काल। भूत का अर्थ होता है – बीत गया और काल को कहा जाता है – समय अर्थात् जो समय बीत गया हो।क्रिया के जिस रूप से बीते हुए समय का बोध होता है, उसे भूतकाल कहते है। या वे शब्द जिनसे क्रिया के हो चुकने का पता चले उन्हे भूतकाल कहते हैं। (1) बस सड़क पर चल रही थी। भूतकाल के प्रकार :- (1) सामान्य भूतकालक्रिया के जिस रूप से काम के सामान्य रूप से बीते समय में पूरा होने का बोध हो, उसे सामान्य भूतकाल कहते हैं। जिन वाक्यों के अंत में आ, ई, ए, था, थी, थे आते हैं वे सामान्य भूतकाल होता है। (1) वह कल यहाँ आया था। (2) आसन्न भूतकालक्रिया के जिस रूप से हमें यह पता चले की क्रिया अभी कुछ समय पहले ही पूर्ण हुई है उसे आसन्न भूतकाल कहते हैं आसन्न भूतकाल की क्रिया में हूँ, हैं, है, हो लगता है। (1) मैं अभी ऑफिस से आया हूँ। (3) पूर्ण भूतकालक्रिया के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि कार्य पहले ही पूरा हो चुका है, उसे पूर्ण भूतकाल कहते हैं। पूर्ण भूतकाल में क्रिया के साथ ‘था, थी, थे, चुका था, चुकी थी, चुके थे आदि लगता है। (1) बारिश रुक गई थी। (4) अपूर्ण भूतकालजिन शब्दों से यह पता चले कि काम भूतकाल में शुरू हो चुका था और अभी समाप्त नहीं हुआ है, उसे अपूर्ण भूतकाल कहते हैं। जिन वाक्यों के अंत में रहा था, रही थी, रहे थे आदि आते हैं वे अपूर्ण भूतकाल होते हैं। (1) रीटा गीत गा रहा था। (5) संदिग्ध भूतकालभूतकाल की क्रिया के जिस रूप से उसके भूतकाल में पूरा होने में संदेह हो, उसे संदिग्ध भूतकाल कहते हैं। जिन वाक्यों के अंत में गा, गे, गी आदि आते हैं वे संदिग्ध भूतकाल होते हैं। (1) डॉक्टर ने दवाई दे दी होगी। (6) हेतुहेतुमद् भूतकालजिन क्रिया पदों से भूतकाल में कार्य होने का संकेत तो मिलता है, परन्तु किसी कारण से कार्य हो नहीं पाया, उसे हेतु-हेतुमद् भूतकाल कहते हैं। इसमें पहली क्रिया दूसरी क्रिया पर निर्भर होती है। पहली क्रिया तो पूरी नहीं होती लेकिन दूसरी भी पूरी नहीं हो पाती। बच्चे खेल रहे हैं कौन सा काल है?काल - क्रिया के जिस रूप से किसी काम के होने के समय का बोध हो उसे काल कहते हैं। क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि काम अभी चल रहा है उसे वर्तमान काल कहते हैं। मैं खा रहा हूँ ।
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Detailed Solution.. बच्चे मैदान में खेल रहे हैं कौन सा क्रिया है?ऊपर दिए गए दोनों वाक्य में सकर्मक क्रिया है।
बच्चे मैदान में खेल रहे हैं रचना के आधार पर कौन सा वाक्य भेद है?(क) सरल वाक्य-जिन वाक्यों में एक उद्देश्य तथा एक विधेय होता है, उन्हें सरल वाक्य कहते हैं। वर्षा हो रही है। मोहन पतंग उड़ा रहा है। बच्चे मैदान में खेल रहे हैं।
मैदान में दस बच्चे खेल रहे थे2. संख्यावाचक विशेषण “वह विशेषण, जो अपने विशेष्यों की निश्चित या अनिश्चित संख्याओं का बोध कराए, 'संख्यावाचक विशेषण' कहलाता है।” उस मैदान में पाँच लड़के खेल रहे हैं।
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