Contents यदि आपसे पूछा जाये कि क्या आपने अपने लिए कुछ लक्ष्य निर्धारित कर रखे हैं तो आपके सिर्फ दो ही जवाब हो सकते हैं: हाँ या ना . लक्ष्य पर साधें निशाना! अगर जवाब हाँ है तो ये बहुत ही अच्छी बात है क्योंकि ज्यादातर लोग तो बिना किसी निश्चित लक्ष्य के ही अपनी ज़िन्दगी बिताये जा रहे हैं और आप उनसे कहीं बेहतर स्थिति में हैं. पर यदि जवाब ना है तो ये थोड़ी चिंता का विषय है. थोड़ी इसलिए क्योंकि भले ही अभी आपका कोई लक्ष्य ना हो पर जल्द ही सोच-विचार कर के अपने लिए एक लक्ष्य निर्धारित कर सकते हैं. लक्ष्य या Goals होते क्या हैं? लक्ष्य एक ऐसा कार्य है जिसे हम सिद्ध करने की मंशा रखते हैं. Goal is a task which we intend to accomplish. कुछ examples लेते हैं: एक student का लक्ष्य हो सकता है: ” Final Exams में 80% से ज्यादा marks लाना.” एक employee का लक्ष्य हो सकता है अपनी performance के basis पे promotion पाना. एक house-wife का लक्ष्य हो सकता है :” Home based business की शुरुआत करना. एक blogger का लक्ष्य हो सकता है:” अपने ब्लॉग की page rank शुन्य से तीन तक ले जाना” एक समाजसेवी का लक्ष्य हो सकता है:” किसी गाँव के सभी लोगों को साक्षर बनाना” लक्ष्य का होना ज़रूरी क्यों है? / Importance of Goals in Hindi१) सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए: जब आप सुबह घर से निकलते हैं तो आपको पता होता है कि आपको कहाँ जाना है और आप वहां पहुँचते हैं, सोचिये अगर आपको यह नहीं पता हो कि आप को कहाँ जाना है तो भला आप क्या करेंगे? इधर उधर भटकने में ही समय व्यर्थ हो जायेगा. इसी तरह इस जीवन में भी यदि आपने अपने लिए लक्ष्य नहीं बनाये हैं तो आपकी ज़िन्दगी तो चलती रहेगी पर जब बाद में आप पीछे मुड़ कर देखेंगे तो शायद आपको पछतावा हो कि आपने कुछ खास achieve नहीं किया!! लक्ष्य व्यक्ति को एक सही दिशा देता है. उसे बताता है कि कौन सा काम उसके लिए जरूरी है और कौन सा नहीं. यदि goals clear हों तो हम उसके मुताबिक अपने आप को तैयार करते हैं. हमारा subconscious mind हमें उसी के अनुसार act करने के लिए प्रेरित करता है. दिमाग में लक्ष्य साफ़ हो तो उसे पाने के रास्ते भी साफ़ नज़र आने लगते हैं और इंसान उसी दिशा में अपने कदम बढा देता है. २) अपनी उर्जा का सही उपयोग करने के लिए: भागवान ने इन्सान को सीमित उर्जा और सीमित समय दिया है. इसलिए ज़रूरी हो जाता है कि हम इसका उपयोग सही तरीके से करें. लक्ष्य हमें ठीक यही करने को प्रेरित करता है. अगर आप अपने end-goal को ध्यान में रख कर कोई काम करते हैं तो उसमे आपका concentration और energy का level कहीं अच्छा होता है. For Example: जब आप किसी library में बिना किसी खास किताब को पढने के मकसद से जाते हैं तो आप यूँ ही कुछ किताबों को उठाते हैं और उनके पन्ने पलटते हैं और कुछ एक पन्ने पढ़ डालते हैं, पर वहीँ अगर आप कसी Project Report को पूरा करने के मकसद से जाते हैं तो आप उसके मतलब की ही किताबें चुनते हैं और अपना काम पूरा करते हैं. दोनों ही cases में आप समय उतना ही देते हैं पर आपकी efficiency में जमीन-आसमान का फर्क होता है. इसी तरह life में भी अगर हमारे सामने कोई निश्चित लक्ष्य नहीं है तो हम यूँ ही अपनी energy waste करते रहेंगे और नतीजा कुछ खास नहीं निकलेगा. लेकिन इसके विपरीत जब हम लक्ष्य को ध्यान में रखेंगे तो हमारी energy सही जगह उपयोग होगी और हमें सही results देखने को मिलेंगे. ३) सफल होने के लिए: जिससे पूछिए वही कहता है कि मैं एक सफल व्यक्ति बनना चाहता.पर अगर ये पूछिए कि क्या हो जाने पर वह खुद को सफल व्यक्ति मानेगा तो इसका उत्तर कम ही लोग पूर विश्वास से दे पाएंगे. सबके लिए सफलता के मायने अलग-अलग होते हैं. और यह मायने लक्ष्य द्वारा ही निर्धारित होते हैं. तो यदि आपका कोई लक्ष्य नहीं है तो आप एक बार को औरों कि नज़र में सफल हो सकते हैं पर खुद कि नज़र में आप कैसे decide करेंगे कि आप सफल हैं या नहीं? इसके लिए आपको अपने द्वारा ही तय किये हुए लक्ष्य को देखना होगा. ४) अपने मन के विरोधाभाष को दूर करने के लिए: हमारी life में कई opportunities आती-जाती रहती हैं. कोई चाह कर भी सभी की सभी opportunities का फायदा नहीं उठा सकता. हमें अवसरों को कभी हाँ तो कभी ना करना होता है. ऐसे में ऐसी परिस्थितियां आना स्वाभाविक है जब हम decide नहीं कर पाते कि हमें क्या करना चाहिए. ऐसी situations में आपका लक्ष्य आपको guide कर सकता है. जैसे मेरा और मेरी wife का लक्ष्य एक Beauty Parlour खोलने का है, ऐसे में अगर आज उसे एक ही साथ दो job-offers मिलें, जिसमें से एक किसी पार्लर से हो तो वह बिना किसी confusion के उसे ज्वाइन कर लेगी, भले ही वहां उसे दुसरे offer के comparison में कम salary मिले. वहीँ अगर सामने कोई लक्ष्य ना हो तो हम तमाम factors को evaluate करते रह जायें और अंत में शायद ज्यादा वेतन ही deciding factor बन जाये. दोस्तों अर्नोल्ड एच ग्लासगो का कथन,
मुझे बिलकुल उपयुक्त लगता है. तो यदि आपने अभी तक अपने लिए कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया है तो इस दिशा में सोचना शुरू कीजिये. लक्ष्य बनाइये, बड़े लक्ष्य बनाइये, और उन्हें हासिल करके ही दम लीजिये ! All the best! लक्ष्य से सम्बंधित इन लेखों को भी ज़रूर पढ़ें :
——पढ़ें प्रेरणादायक विचारों का विशाल संग्रह——-निवेदन :कृपया अपने comments के through बताएं कि ” Importance of Goals in Hindi ” article आपको कैसा लगा . यदि आपके पास Hindi में कोई article, business idea, inspirational story या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी Id है:[email protected].पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!
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लक्ष्य का क्या महत्व है?प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन का लक्ष्य स्वयं चुने। जीवन में लक्ष्य निश्चित होने से मन में आत्मविश्वास का भाव जाग्रत हो जाता है | यदि आप अपने जीवन में निश्चित तथा अचूक सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो प्रारम्भ में ही एक लक्ष्य का चुनाव कर लीजिये। सफलता का रहस्य में एक लक्ष्य के चुनाव को सबसे अधिक महत्व है।
लक्ष्य निर्धारण के लाभ क्या है?लक्ष्य निर्धारण का लाभ:
लक्ष्य निर्धारण करने से हम जीवन में अपने लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकते है| लक्ष्य निर्धारण करने से हमें पहले से पता होता है कि हमें क्या बनना है , हम उसी लक्ष्य में चलते है| लक्ष्य निर्धारण से हम जीवन भटकते नहीं है|
जीवन का लक्ष्य कैसे निर्धारित किया जा सकता है?लक्ष्य निर्धारित करते समय किस बात पर विचार कर लेनी चाहिए. अपने अंदर के गुण को पहचाने. Research करें. एक से अधिक लक्ष्य हो सकते हैं पर आपके लिए अभी क्या सही है उसे पहचाने. लक्ष्य पूरा करने के लिए अपना पूरा समय दें. समय प्रबंध का उपयोग करें. काम के प्रति हमेशा सक्रिय रहे. सफल व्यक्ति से सलाह ले. परिणाम की चिंता किए बिना काम करें. |