जालक दोष क्या है in Hindi? - jaalak dosh kya hai in hindi?

Information provided about जालक दोष ( Jalak dosh ):


जालक दोष (Jalak dosh) meaning in English (इंग्लिश मे मीनिंग) is LATTICE DEFECT (जालक दोष ka matlab english me LATTICE DEFECT hai). Get meaning and translation of Jalak dosh in English language with grammar, synonyms and antonyms by ShabdKhoj. Know the answer of question : what is meaning of Jalak dosh in English? जालक दोष (Jalak dosh) ka matalab Angrezi me kya hai ( जालक दोष का अंग्रेजी में मतलब, इंग्लिश में अर्थ जाने)

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English meaning of Jalak dosh , Jalak dosh meaning in english, Jalak dosh translation and definition in English language by ShabdKhoj (From HinKhoj Group). जालक दोष का मतलब (मीनिंग) अंग्रेजी (इंग्लिश) में जाने |

हेलो दोस्तो आपका प्रश्न है बिंदु दोष से आप क्या समझते हैं इसका वर्गीकरण स्पष्ट कीजिए तो चलिए इस प्रेस को हल करते हैं ठीक है तुम बिंदु दोष क्या होता है दोस्तों क्रिस्टल जो होता है क्रिस्टल में जो भी मारे आयन या जालक बिंदु होते हैं उनकी एक निश्चित स्थिति होती है एक निश्चित स्थान होता है जहां पर कि यह जालक बिंदु एक निश्चित आवर्त क्रम में व्यवस्थित होते हैं जैसे कि इसको चित्र से भी समझ लेंगे ठीक है तो जब भी यह जो हमारे करम है एक निश्चित क्रम है जिसमें की जालक बिंदु उपस्थित हैं जब इस क्रम में कोई भी परिवर्तन होता है या यह जो व्यवस्था होती है जिस व्यवस्था में यह जालक बिंदु एक अपनी स्थिति पर जो है अपनी स्थिति पर बैठ उपस्थित होते हैं जब इस इनकी व्यवस्था में कोई परिवर्तन होगा कि ठीक है तो जो उत्पन्न जो दोष उत्पन्न होता है उसे हम क्या क्या क्या कहते हैं बिंदु दोष कहते हैं तो अब दोस्तों इस कि हम परिभाषा यहां पर लिख रहे हैं बिंदु दोष की

सामान्यता हमने जो सामान्य भाषा में समझाया था इसकी परिभाषा यहां पर में लिख दो इसकी परिभाषा देख सकते हैं क्रिस्टल में किसी परमाणु या परमाणु समूह के निकट कणों के सामान्य आवर्ती व्यवस्था से विचलित होने के कारण उत्पन्न दोष को क्या कहते हैं बिंदु दोष कहते हैं मतलब जो आवर्ती व्यवस्था है परमाणुओं की जो हमारा क्रिस्टल है उसकी आवर्ती व्यवस्था में क्या हो जाए परिवर्तन हो जाए क्योंकि जो परमाणु है क्रिस्टल ने एक आवर्ती व्यवस्था में लगे रहते हैं जैसे आप चित्र में देख सकते हैं आप एक निश्चित आवर्ती व्यवस्था है पहले धनायन है फिर उसके बाद ऋण आयन है फिर धनायन है फिर यहां पर रहना है फिर यहां पर धनायन होना चाहिए था परंतु यहां पर धनायन उपस्थित नहीं है तो इस प्रकार क्या हुआ जो आवर्ती व्यवस्था है इसमें क्या आ गया विचलन हो गया यहां पर धनायन उपस्थित होना चाहिए परंतु धनायन उपस्थित नहीं है तू आवडती व्यवस्था में क्या हो रहा है दोस्तों परमाणुओं की एक निश्चित आवृत्ति व्यवस्था में विचलन हो रहा है अर्थात आवर्ती व्यवस्था में परिवर्तन हुआ है तो इस

कार की जो यहां पर क्रिस्टल में दोष उत्पन्न होंगे इनको हम क्या कहते हैं बिंदु दोष कहते हैं अपन तुझे धातु जो बिंदु दोष है यह दो प्रकार के होते हैं एक है स्टोर शो मैट्रिक दोष और दूसरा है आज तो शिव मैट्रिक दोस्त ठीक है तो इस डॉक्यूमेंट्री दोष इन को दो भागों में बांटा गया है फ्रेंकल दोष और छोटकी दोष आईएस टो एश्योर मैट्रिक दोस्त होते हैं इनको 203 भाव बांटा गया है पहला हिरण्यन व्यक्ति के कारण धातु देखकर दोष दूसरा दोस्त दोस्तों अंतर काशी धनायन ओं के कारण धातु अधिक दोस्त तीसरा है धनायन रिक्ति के कारण धातु न्यूनता और यही हमारे प्रश्न का उत्तर है आशा करता हूं आपको समझ में आया होगा धन्यवाद

स्कार दोस्तों से बात करता हूं आप सभी का आप का प्रश्न है फ्रेंकल दोष क्या है ठीक है तो आइए हम अपने प्रश्न का उत्तर समझते हैं और एक चित्र के द्वारा जो है इसको स्पष्ट करते हैं ठीक है जहां पर हम से पूछ रहा है फ्रेंकल दोष फ्रेंकल दोष हमारा फ्रेंकल दोष होता है कुछ खास परिभाषित होता है कि आयनिक यौगिक के क्रिस्टल में जब कोई आए हैं यह अध्ययन होता हमारा धनायन होता है तो इसको कह सकते कि आगे के क्रिस्टल में जब कोई धनायन अपने चालक स्थल से जालक बिंदुओं के मध्य किसी अंतर काशी स्थल में विस्थापित हो जाता है तो फिर क्रिस्टल में फ्रेंकल दोष उत्पन्न हो जाता है ठीक है तो आईएस्कॉम पहले लिख लेते हैं और उसका जो उदाहरण है उसको भी देख लेते हैं ठीक है और चित्र के द्वारा स्कूल स्पष्ट भी करते हैं ठीक है तो आईने की ऑफिस के क्रिस्टल में अनेक योगिक के क्रिस्टल में योगिक के क्रिस्टल में

जब कोई धनायन जब कोई धनायन जब कोई ध्यान अपने जालक स्थान से चालक बिंदुओं के मध्य अपने जालक स्थान से चालक स्थान से जालक बिंदुओं के मध्य जालक बिंदुओं के मध्य किसी अंतर काशी स्थल में विस्थापित हो जाता है किसी अंतर काशी स्थल में सिग्नेचर काशी स्थल में विस्थापित हो जाता है हो जाता है तो क्रिस्टल में

क्रिस्टल में फ्रेंकल दोष उत्पन्न हो जाता है फ्रेंकल दोष उत्पन्न हो जाता है इतना तो इस प्रकार से जो है हमारे फ्रेंकल दोष परिभाषित होता है ठीक तो जैसे क्या मिसकॉल धारण देखें तो यह जो हमारा एजीसीएल होता है एजीबीआर होता है इनमें जो है वह हमारा यह फ्रेंकल दोष होता है यह पाया जाता है ठीक है तो इसमें क्या होता है कि धनायन का जो आकार होता है वर्णन की अपेक्षा छोटा होता है यानी कि आर प्लस जोताई है हमारी छोटा होता है और माइनस की तुलना में यार जहां पर क्या है हमारी धनायन तथा ऋण की त्रिज्या को प्रदर्शित कर रहे हैं तो इस प्रकार से होता तो आप जैसे कि हम इसका एक जो चित्र है उसके द्वारा जो है इसको स्पष्ट कर लेते हैं 22 का चित्र देखते हम तो जैसे कि हम यहां पर जो है चित्र देख सकते हैं ठीक है यहां पर दो चित्र हैं एक में तो देखते हैं हमारे धन अंतरण कर्मचारी का

का में जो है व्यवस्था ठीक है तो इसमें देख सकते हैं कि जो एक धनायन नारायण तथा धनायन रामायण के मध्य जो होते हैं एक रिक्त स्थान बन जाता है ठीक है जैसा कि हम यहां पर इस चित्र में देखेंगे अभी तो यह देख सकते हैं हम यहां पर जो है यह किसान हमारे बन रहे हैं ठीक है तो इन रिक्त स्थानों का जो आकार होता है वह लगभग अध्ययनों के आकार के बराबर होता है जिसके कारण से धनंजय होते हैं वह हमारे अपने जालक बिंदु से राज्य में स्थापित हो जाते हैं और इस अंतर काशी स्थल पर स्थापित हो जाते हैं ठीक है तो इस कारण से जो है हमारे क्रिस्टल में जो है वह फ्रेंकल दोष उत्पन्न हो जाता है जैसे कि यहां पर भी देख सकते हैं यह क्रिस्टल जालक बिंदु से ज्यादा ना एंजॉय विलुप्त हो गया और यह जाकर के अंदर काशी स्थल में विस्थापित हो जाता है तो यह जो है हमारा फ्रेंकल दोष को प्रदर्शित कर रहा है ऐसे यहां पर देखे थे हमारे फ्रेंड हो गए धन आयरन है यह धनिया कांता क्रम में व्यस्त हैं अब जैसे कि यहां पर हम देखे हैं तैयार रहना फिर यह धनायन रिलायंस फ्री अदनान यह ऋण आयन हमारा ठीक है और यह धनायन श्री अरुण किस प्रकार से

तो आप जैसे कि आप देख सकते हैं यहां पर स्थानांतरण अणुओं के मध्य जो है वह कुछ एक स्थल आ जाता है जो कि रिक्त स्थान होता है ठीक है तो अब इसे रिक्त स्थान का कार जो है वह लगभग कितना ही है जितना धनायन का का तो जैसे कि देख सकते हैं यहां पर भी एक व्यक्ति स्थान रहा होगा तो यहां पर जो उपस्थित यह जो हमारा ध्यान था यहां से विस्थापित होकर कि इस अंतर काशी स्थल पर चला गया था जिसके कारण से यहां पर जो है हमारे क्रिस्टल में फ्रेंकल दोष उत्पन्न हो क्या यह एजीसीएल और एजीबीआर जो होते हैं हमारे फ्रेंकल दोष को ही प्रदर्शित करते हैं ठीक है ना तो इस प्रकार से जुड़े प्रश्न का उत्तर पूर्ण होता है आशा करता हूं आप सभी को तो समझ में आएगा धन्यवाद

जालक दोष से आप क्या समझते है?

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बिंदु दोष किसे कहते हैं कितने प्रकार के होते हैं?

बिंदु (Point in geometry)यह समतल में एक स्थिति को बताने के लिए एक सूक्ष्म चिन्ह है। इसमें न लम्बाई होती है और न ही चैड़ाई। "बिंदु"- बिना आकृति व आकार वाले गणित संकेतिक चिन्ह को बिंदु कहते है। यह समतल में एक स्थिति को बताने के लिए एक सूक्ष्म चिन्ह है।

शॉटकी दोष क्या है उदाहरण?

फ्रेंकल दोष एवं शॉटकी दोष क्या है ? उदाहरण सहित समझाइए।

क्रिस्टल दोष कितने प्रकार के होते हैं?

अनुक्रम.
1.1 आण्विक ठोस.
1.2 अध्रुवीय आण्विक ठोस 1.2.1 ध्रुवीय आण्विक ठोस.
1.3 आयनिक ठोस.