जुल्फ़िखार हजरत अली की तलवार का नाम है यह वही तलवार है जिससे हजरत अली ने बहुत सी लड़ाई लड़ी और सभी में जीत हासिल की और आप बहुत बड़े जंगजू के तोर पे उभरे जुल्फ़िखार उस समय की बहुत ही अलग तलवार थी क्योंकि इस तलवार की दो नोक थी और बहुत ही तेज थी जिससे ये आम तलवारों से अलग थी कुछ रिवायतो में ये है की प्यारे नबी मोहम्मद (स.अ.व.) ने ये तलवार हजरत अली को जंग के दरमियान दी थी और कुछ में ये जिक्र है की अल्लाह के हुक्म से हजरत जिब्राइल ने प्यारे नबी मोहम्मद (स.अ.व.) को ये तलवार दी और उसके बाद आप ने हजरत अली को ये तलवार दी | हजरत अली के बाद ये तलवार आप के परिवार में ही रही और हजरत इमामे हुसैन ने इसी तलवार से कर्बला की जंग भी लड़ी Show
विषयसूची हजरत अली का इंतकाल कैसे हुआ था?इसे सुनेंरोकेंजिसमें हजरत अली की वीरता ने इस्लामी इतिहास के धारे को मोड़ दिया। धर्म के उत्थान एवं जन कल्याण में सतत प्रयासरत रहे इस महान धर्म पुरुष को रमजान की 19 वीं तारीख को कूफा की मस्जिद में नमाज पढ़ते हुए इब्ने मुल्जिम नामक अधर्मी ने ठीक सजदे की हालत में जहर भरी तलवार से वार कर दिया। हज़रत अली की तलवार का वजन कितना था?इसे सुनेंरोकेंउनकी तलवार का वजन 7 किलो 400 ग्राम है. टीपू सुल्तान के वंशज साहबजादा मंसूर अली टीपू ने कहा कि वह इस तलवार को खरीदने की कोशिश कर रहे हैं. हजरत अली शेरे खुदा के कितने बेटे थे?इसे सुनेंरोकेंअली के पास चार बच्चे थे जो मुहम्मद के एकमात्र बच्चे फतेमाह से पैदा हुए थे, जो जीवित संतान थे। हजरत अली की कितनी बेटियां थी? About Hazrat Ali Jayanti in Hindi
अली का जन्म कब हुआ था? 17 मार्च 599 ईस्वीअली इब्न अबी तालिब / जन्म तारीख मोहम्मद हजरत अली कौन थे?इसे सुनेंरोकेंकौन थे हजरत अली हजरत अली शिया मुस्लिम समुदाय के पहले इमाम थे। वहीं हजरत मोहम्मद पैगंबर के बाद सुन्नी मुसलमानों के चौथे खलीफा भी थे। इनका जन्म मक्का में हुआ था। हजरत अली के बेटे हुसैन ने कर्बला की लड़ाई में भूखे -प्यासे रहकर बताया कि जेहाद किसे कहते हैं। सबसे बड़ी तलवार कौन सी है?इसे सुनेंरोकेंअमृतसर(पंजाब)। यहां के नारायणगढ़ चौक में तैयार हो रहे वार मैमोरियल में दुनिया की सबसे लंबी तलवार मंगलवार को स्थापित कर दी गई है। स्टेनलेस स्टील व कांस्य से बनाई गई इस तलवार का वजन 60 टन है, जबकि ऊंचाई 45 मीटर है। तलवार महाराजा रणजीत सिंह की तलवार के गौरव का प्रतीक है। जुल्फिकार तलवार किसकी थी?इसे सुनेंरोकें जुल्फिकार | इस म्यूजियम की हथियार गैलेरी में रखी जुल्फिकार तलवार अकबर की है। इस तलवार की खासियत है कि दोमुखी है। इस पर अरबी भाषा में पैगंबर मोहम्मद के 5 प्यारे ‘पंचतन’ का नाम अंकित है। इसमें पैंगम्बर साहब, बेटी फातमा, दामाद हजरत अली और बेटी के दोनों बेटे के नाम इस पर अंकित हैं। अली शेरे खुदा कौन है? इसे सुनेंरोकेंजिसमें मुसलमानों के आखिरी नबी मोहम्मद साहब के दामाद इमाम हजरत अली का जन्मदिन मनाया। जहूर ए इमाम मेहंदी मूवमेंट के फाउंडर नायब अली ने बताया कि शियाओं के पहले इमाम इमामूल मुतकीन अमीरूल मोमिन शेरे खुदा हाजत खां हजरत अली का जन्म आज के दिन मुसलमानों के पवित्र स्थल खाने काबा मक्का में हुआ था। हजरत अली के पिता का नाम क्या था? अबू तालिब इब्न अब्दुल मुत्तलिबअली इब्न अबी तालिब / पिता हजरत अली की शहादत कब हुई?इसे सुनेंरोकेंहजरत अली अ. की शहादत 21 रमजान (माहे रमजान) सन् 40 हिजरी को इराक के कूफा शहर में हुई थी। उन्हें सुबह की नमाज में अब्दुर्रहमान इब्ने मुलजिम ने तब शहीद किया जब मौला नमाज की पहली रकअत का सजदा कर रहे थे। हजरत अली का जन्म मक्का शहर में हुआ था। हजरत अली का जन्म कब और कहां हुआ था?इसे सुनेंरोकेंहजरत अली का जन्म 599 ईस्वी में इस्लामी महीने रजब के 13वें दिन हुआ था. उनके माता-पिता का नाम अबू तालिब और फातिमा बिन्त असदा था. उनका जन्म मक्का में काबा के पवित्र मैदान परिसर में हुआ था. माना जाता है कि हजरत अली इस्लाम अपनाने वाले पहले व्यक्ति थे. विषयसूची हजरत अली का लक़ब क्या है?इसे सुनेंरोकेंमिलाद को खिताब करते हुए मस्जिद के पेश इमाम मौलाना मंजर मोहसिन ने कहा कि हजरत अली र. का जन्म 13 रजब को काबे शरीफ के अंदर हुआ था। इस वजह से आपका लकब (उपाधि) मौलूद-ए-काबा भी है। उनके सिवा किसी दूसरे की वेलादत खाना-ए-काबा शरीफ में नहीं हुई। यही नहीं, पैदाइश के बाद मौला अली ने तीन दिन तक आंख नहीं खोली। हजरत अली की तलवार का वजन कितना था? इसे सुनेंरोकेंउनकी तलवार का वजन 7 किलो 400 ग्राम है. टीपू सुल्तान के वंशज साहबजादा मंसूर अली टीपू ने कहा कि वह इस तलवार को खरीदने की कोशिश कर रहे हैं. हज़रत अली का पूरा नाम क्या है?इसे सुनेंरोकेंअली इब्ने अबी तालिब (अरबी : علی ابن ابی طالب) का जन्म 17 मार्च 600 (13 रज्जब 24 हिजरी पूर्व) मुसलमानों के तीर्थ स्थल काबा के अन्दर हुआ था। वे पैगम्बर मुहम्मद (स.) के चचाजाद भाई और दामाद थे और उनका चर्चित नाम हज़रत अलीहै। मोहम्मद हजरत अली का जन्म कब हुआ था? इसे सुनेंरोकेंमुस्लिमों समुदाय के लोग हजरत अली को बहुत अधिक सम्मान देते हैं. हजरत अली का जन्मदिन- हजरत अली का जन्मदिन इस साल 15 फरवरी को है. उनके जन्मदिन की तिथि इस्लामिक कैलेंडर पर निर्भर करती है. हजरत अली का जन्म 599 ईस्वी में इस्लामी महीने रजब के 13वें दिन हुआ था. अली शेरे खुदा की तलवार का क्या नाम था?इसे सुनेंरोकेंअली उहूद की लड़ाई में प्रमुख थे, साथ ही साथ कई अन्य लड़ाईएं जहां उन्होंने एक विभाजित तलवार की रक्षा की जिसे जुल्फिकार कहा जाता है। हज़रत अली के कितने नाम है? अली की संतान
हजरत अली की तलवार का क्या नाम था?हज़रत अली की तलवार का वजन कितना था? हजरत अली का इंतकाल कैसे हुआ?इसे सुनेंरोकेंजिसमें हजरत अली की वीरता ने इस्लामी इतिहास के धारे को मोड़ दिया। धर्म के उत्थान एवं जन कल्याण में सतत प्रयासरत रहे इस महान धर्म पुरुष को रमजान की 19 वीं तारीख को कूफा की मस्जिद में नमाज पढ़ते हुए इब्ने मुल्जिम नामक अधर्मी ने ठीक सजदे की हालत में जहर भरी तलवार से वार कर दिया। अली का जन्म कब हुआ था? 17 मार्च 599 ईस्वीअली इब्न अबी तालिब / जन्म तारीख जुल्फिकार किसका नाम है?इसे सुनेंरोकेंज़ुल्फ़िकार नाम का अर्थ ” अली के दिग्गज तलवार के नाम” होता है। जैसा कि हमनें बताया कि ज़ुल्फ़िकार नाम का मतलब ” अली के दिग्गज तलवार के नाम” होता है, ऐसे में अगर आप अपने बच्चे का नाम ज़ुल्फ़िकार रखते हैं तो आपके बच्चे का व्यक्तित्व भी ज़ुल्फ़िकार नाम के मतलब की तरह यानि ” अली के दिग्गज तलवार के नाम” जैसा हो सकता है! जुल्फिकार तलवार किसकी थी? इसे सुनेंरोकें जुल्फिकार | इस म्यूजियम की हथियार गैलेरी में रखी जुल्फिकार तलवार अकबर की है। इस तलवार की खासियत है कि दोमुखी है। इस पर अरबी भाषा में पैगंबर मोहम्मद के 5 प्यारे ‘पंचतन’ का नाम अंकित है। इसमें पैंगम्बर साहब, बेटी फातमा, दामाद हजरत अली और बेटी के दोनों बेटे के नाम इस पर अंकित हैं। मौला अली की कितनी बीवियां थी?इसे सुनेंरोकेंपैगंबर हज़रत अली की 7 बीवी थी। हजरत अली की कितनी शादियां हुई थी? इसे सुनेंरोकेंजैसा कि हम सब जानते है, मुसलमानों में बहु विवाह का प्रचलन है। पैगंबर हज़रत अली की 7 बीवी थी। हजरत अली का जन्म कब और कहां हुआ था?इसे सुनेंरोकेंहजरत अली का जन्म 599 ईस्वी में इस्लामी महीने रजब के 13वें दिन हुआ था. उनके माता-पिता का नाम अबू तालिब और फातिमा बिन्त असदा था. उनका जन्म मक्का में काबा के पवित्र मैदान परिसर में हुआ था. माना जाता है कि हजरत अली इस्लाम अपनाने वाले पहले व्यक्ति थे. दुनिया की सबसे खतरनाक तलवार कौन सी है?दुनिया की सबसे खतरनाक तलवार है उरुमी, जिसे भारत में बनाया गया था | By NEWJ | Facebook.
अली की तलवार का वजन कितना है?उनकी तलवार का वजन 7 किलो 400 ग्राम है. टीपू सुल्तान के वंशज साहबजादा मंसूर अली टीपू ने कहा कि वह इस तलवार को खरीदने की कोशिश कर रहे हैं.
जुल्फिकार किसकी तलवार का नाम था? जुल्फिकार | इस म्यूजियम की हथियार गैलेरी में रखी जुल्फिकार तलवार अकबर की है। इस तलवार की खासियत है कि दोमुखी है। इस पर अरबी भाषा में पैगंबर मोहम्मद के 5 प्यारे 'पंचतन' का नाम अंकित है। इसमें पैंगम्बर साहब, बेटी फातमा, दामाद हजरत अली और बेटी के दोनों बेटे के नाम इस पर अंकित हैं।
हजरत अली की कितनी बीवी थी?जैसा कि हम सब जानते है, मुसलमानों में बहु विवाह का प्रचलन है। पैगंबर हज़रत अली की 7 बीवी थी।
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