हाथ की बीमारी - haath kee beemaaree

हाथ की बीमारी - haath kee beemaaree

ओसीडी पेशेंट को हर वक्‍त लगता है कि वो जर्म के संपर्क में है. (Image : Canva)

ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर से लोगों की ज़िंदगी बुरी तरह प्रभावित होने लगती है. लोग सफाई के चक्‍कर में डिटरजेंट से नहाने लगते हैं और इतना अधिक हाथ साफ करने लगते हैं कि हाथ की स्किन झुलसने लगती है.

  • News18Hindi
  • Last Updated : July 20, 2022, 06:00 IST

हाइलाइट्स

ओसीडी के मरीज़ हर वक्‍त डर, तनाव, चिड़चिड़ापन, उदासी और हताशा में जीते हैं.
ऐसे मरीज़ों का इलाज काउंसलिंग और बिहेवियर थेरेपी की मदद से किया जाता है.

Obsessive Compulsive Disorder Symptoms:  कोरोनावायरस के इस दौर में साफ-सफाई रखने की बात कही जा रही है. बार-बार हाथ धोने से वायरस आपके शरीर तक नहीं पहुंच पाते और आप संक्रमण से बचे रह सकते हैं. लेकिन, अगर आपको वायरस या जर्म हर वक्‍त डराने लगे और आप सफाई करने के बाद भी बार-बार हाथ धोने लगे हैं या बिना वजह ही सफाई करने लगे हैं, तो ये एक बीमारी का लक्षण हो सकता है, जिसे ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर (ओसीडी) कहा जाता है.

मायो क्‍लीनिक के अनुसार, ओसीडी पेशेंट को हर वक्‍त लगता है कि वो जर्म के संपर्क में है और वह हर वक्‍त एक डर के साए में जीने लगता है. दरअसल, दिमाग के अंदर सिरोटोनिन नाम का एक केमिकल होता है और जब दिमाग में ये कम हो जाता है, तो कोई भी काम करते हुए अधूरा-सा अहसास होता है और ऐसे में साफ-सफाई को लेकर वो ज़रूरत से कहीं अधिक सतर्क रहने लगता है. लोगों से बचा-बचा रहने की कोशिश करता है.

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ओसीडी के लक्षण
-हर वक्‍त गंदगी का डर रहना
-बार-बार हाथ धोना
-हर वक्‍त डाउट में रहना
-हर वक्‍त चीजों को साफ करना
-अनियंत्रित हो जाना या दूसरों को नुकसान पहुंचाने का डर
-नहाने में घंटों लगा देना
-पूरा दिन सफाई में लगे रहना
-हर वक्‍त सोचते रहना कि कहीं मैं साफ करना भूल तो नहीं गया
-किसी ऐसी जगह लॉक हो जाने का डर, जहां बहुत गंदगी है
-भीड़ वाली जगह में जाने का डर
-ऐसी जगहों का सामना करते वक्‍त हाथ हिलना और बेहोश हो जाना आदि.

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इससे होने वाले नुकसान
इस डिसऑर्डर से लोगों की ज़िंदगी बुरी तरह प्रभावित होने लगती है. लोग डिटरजेंट से नहाने लगते हैं और इतना अधिक हाथ साफ करने लगते हैं कि हाथ की स्किन झुलसने लगती है. इसकी वजह से रोज का काम प्रभावित होता है और अन्‍य कामों को छोड़कर सिर्फ़ सफाई में ही बिजी रहते हैं. हर वक्‍त डर, तनाव, चिड़चिड़ापन, उदासी और हताशा से मानसिक हालत खराब होने लगती है. ऐसे लोग घर में किसी को आने नहीं देते और घर के हेल्पर से बार-बार एक ही चीज की सफाई करवाते रहते हैं. ऐसे में डॉक्टर, मरीज़ को काउंसलिंग और बिहेवियर थेरेपी की मदद से इलाज करते हैं और दवाओं का भी ज़रूरत पड़ने पर सहारा लेते हैं. 

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Tags: Health, Lifestyle, Mental health

FIRST PUBLISHED : July 20, 2022, 06:00 IST

परिचय

हाथ, पैर और मुंह की बीमारी (HFMD) एक प्रकार का वायरल संक्रमण है जो छोटे बच्चों को प्रभावित कर सकता है।

यह बीमारी आमतौर पर बच्चों की सेहत के लिए कोई गंभीर ख़तरा नहीं उत्पन्न करती पर ये अप्रिय हो सकती है ख़ासतौर पर तब जब यह छोटे बच्चों को हो जाए।

हाथ, पैर और मुंह की बीमारी के सामान्य लक्षण हैं:

  • सर्दी जैसे लक्षण जैसे भूख ना लगना, खाँसी और मध्यम बुखार आना जहाँ शारीरिक तापमान 38-39C (100.4-102.2F) हो
  • हाथ और पैर में बिना खुजली वाले लाल दाग़ (रैश) उभर आना और कभी-कभी यह लाल रैश दर्दनाक फोडों में भी बदल जाते हैं
  • दर्दनाक मुँह के छाले

हाथ, पैर और मुंह की बीमारी के लक्षणों के बारे में और पढ़ें।

डॉक्टर से कब मिलें

हाथ पैर और मुंह की बीमारी एक आत्म प्रतिबंधक स्थिति है इसका मतलब है कि यह बिना इलाज के अपने आप ठीक हो जाती है। इसके लक्षण आमतौर पर 7 दिनों के अंदर चले जाते हैं।

अगर आपको पता ना हो कि आपके बच्चे को हाथ, पैर और मुंह की बीमारी है या कुछ और, तो कृपया अपने डॉक्टर से सलाह लें।

आपको तब भी अपने डॉक्टर को दिखाना चाहिए जब आपका बच्चा कुछ भी पेय पदार्थ (फ़्लूइड) ना ले रहा हो या उसके लक्षण 7 दिन से ज्यादा लम्बे समय तक हों।

हाथ,पैर और मुंह की बीमारी का इलाज

अभी तक हाथ, पैर और मुंह की बीमारी का कोई इलाज नहीं है।
ऐसे में आप अपने बच्चे को जितना ज्यादा हो सके आराम दें, जब तक संक्रमण अपनी अवधि पूरी ना कर ले।

इलाज के सम्भावित विकल्प:

  • पैरासिटामोल (paracetamol), इबरोप्रोफ़ेन (ibuprofen) और माउथ जेल का इस्तेमाल करना जिससे मुंह के छालों (ulcer) में आराम मिले।
  • ज़्यादा फ़्लूइड लेना ताकि बुखार में आराम मिले।

हाथ, पैर और मुंह की बीमारी के इलाज के बारे में और पढ़ें

कारण

हाथ,पैर और मुंह की बीमारी वायरस के एक समूह के कारण होती है जिसे एंटरोवायरस (enteroviruses) कहते हैं। दो सबसे सामान्य तरह के वायरस जिनके कारण यह स्थिति उत्पन्न होती है वह हैं:

  • कौक्स्सैकीय वायरस A16 (Coxsackievirus A16)
  • एंटरोवायरस 71 (Enterovirus 71)
  • एंटरोवायरस ज़्यादा गंभीर जटिलताएँ पैदा कर सकता है (नीचे देखें)

हाथ पैर और मुंह की बीमारी के कारणों के बारे में और पढ़ें

संक्रमण कैसे फैलता है-

एक व्यक्ति जो हाथ पैर और मुंह की बीमारी से ग्रस्त है वह लक्षण शुरू होने के 1 सप्ताह तक अति संक्रामक रहता है। संक्रमण फैल सकता है यदि:

जब किसी संक्रमित व्यक्ति को खाँसी या छींक आती है तो दूषित बूंदे किसी दूसरे व्यक्ति के सांस लेने के दौरान अंदर चली जाती हैं या सतह को दूषित करती है, संक्रमण तब फैलता है जब कोई अपने चेहरे को छूने से पहले उस जगह को छूता है

एक संक्रमित व्यक्ति शौचालय जाने के बाद अपने हाथ सही ढंग से नहीं धोता और फिर सतह और भोजन को दूषित करता है (विषाणु किसी व्यक्ति के मल में 4 हफ़्तों तक जीवित रह सकते हैं)

आप किसी संक्रमित व्यक्ति के फोड़ों या थूक के द्रव्य के सम्पर्क में आए हों

जिस तरह से यह संक्रमण फैलता है, इसका प्रकोप उन जगहों पर होने की सम्भावना रहती है जहां छोटे बच्चों का समूह साथ रहता है और जहाँ उनके लंगोटे बदले जाते हैं, या जहां वह शौच आदि करते हैं जैसे की नर्सरी या छोटे बच्चों की देखभाल केंद्र।

जब आपका बच्चा बीमार हो उस समय आपको उसे स्कूल या नर्सरी नहीं भेजना चाहिए। यह जरूरी नहीं कि आप उसके आखिरी फोड़े के बिल्कुल ठीक होने तक उसे स्कूल या नर्सरी से दूर रखें, अगर वह ठीक महसूस कर रहा हो तो। यही सलाह वयस्कों और उनके काम करने की जगह के लिए भी लागू होती है।

हालांकि कुछ स्कूलों या नर्सरी को ये अधिकार है कि वो आपके बच्चे को तब तक आने से मना कर सकते हैं जब तक बच्चा पूरी तरह ठीक ना हो जाए।

यह भी संभव है कि HFMD एक से अधिक बार हो, पर एक ही समय में होने वाले संक्रमण के प्रकोप के समय ऐसा नहीं होगा। जैसे-जैसे बड़े होंगे ज्यादातर बच्चे इस वायरस के प्रति प्रतिरोधक क्षमता बना लेंगे।

जटिलताएँ

यह जरूरी है कि जो भी व्यक्ति, जो हाथ, पैर और मुंह की बीमारी से ग्रस्त है, वह सही मात्रा में पेय पदार्थ लेता रहे ,ताकि शरीर में पानी की कमी ना हो।

शरीर में पानी की कमी अक्सर तब हो जाती है जब मुंह के छाले के कारण पेय पदार्थ पीने में दर्द होने लगे।

जानलेवा बीमारियाँ जैसे कि दिमाग का संक्रमण (इन्सेफेलाइटिस,encephalitis) तब हो सकती हैं जब HFMD एक महामारी के रूप में फैल जाती है,और इसका कारण enterovirus 71 होता है। हालांकि इस प्रकार की जटिलताओं की दर बहुत कम है।

हाथ, पैर और मुंह की बीमारी के जटिलताओं के बारे में और पढ़ें

कारण

हाथ पैर और मुंह की बीमारी (HFMD) आमतौर पर कौक्स्सैकीय A वायरस के कारण होती है। लेकिन यह एंटरोवायरस 71 और अन्य प्रकार के कौक्स्सैकीय वायरस के कारण भी हो सकती है।

यह माना जाता है कि यह वायरस सबसे पहले मुंह के अंदर के टॉन्सिल के आसपास के टिश्यूज़ में फैलता है और नीचे की ओर पाचक तंत्रिका में भी।

यह वायरस लसीकापर्व(लिम्फ नोड्स) में फैलता है और खून के जरिए पूरे शरीर में फैल जाता है। व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता (शरीर का संक्रमण के खिलाफ लड़ने की क्षमता) महत्वपूर्ण अंगों जैसे दिमाग में फैलने से पहले इस वायरस को काबू में करती है।

HFMD कैसे फैलता है?

HFMD के वायरस उसी प्रकार फैलते हैं जिस प्रकार कोई साधारण सा सर्दी जुकाम फैलता है।

यह कई लाख छोटी-छोटी बूंदों में रहते हैं और किसी संक्रमित व्यक्ति के खाँसने और छीकने के वक़्त उसके नाक और मुंह से बाहर आ जाते हैं। यह बूंदे थोड़ी देर तो हवा में रहते हैं और फिर जमीन की सतह में फैल जाते हैं। कोई भी व्यक्ति जो इस सतह को छूता है और फिर किसी और चीज़ को छूता है वह वायरस को फैला सकता है।

आमतौर पर लोग इस वायरस से तब संक्रमित होते हैं जब वह किसी दूषित वस्तु को अपने हाथों से उठा लेते हैं और उन्हीं हाथों से अपने मुंह और नाक छूते हैं। यह भी संभव है कि ये वायरस साँस लेते वक़्त शरीर के अंदर प्रवेश कर जाए कर जाए यदि यह हवा में मौजूद है तो।

जब संक्रमित व्यक्ति के सभी लक्षण ख़त्म हो जाते हैं, तब ये वायरस नहीं फैलता।

हालांकि ये वायरस संक्रमित व्यक्ति के ठीक हो जाने के बाद भी 4 हफ्ते तक उसके मल में जीवित रह सकता है। इसका मतलब यह है कि व्यक्ति इस बीमारी दूसरों को फैला सकता है यदि वह शौच जाने के बाद अपने हाथ अच्छी तरह ना धोए और उन वस्तुओं को छुए जो दूसरे भी इस्तेमाल करते हैं।

आप, तब भी हाथ पैर और मुंह की बीमारी से ग्रस्त हो सकते हैं यदि आप किसी संक्रमित व्यक्ति के फोड़ों के द्रव्य या थूक के सम्पर्क में आएँ।

रोग की पहचान

ऐसे कई प्रकार के वौरस मौजूद हैं जिनके कारण मुंह में घाव और छालों हो सकते हैं, जैसे वो वायरस जिनके कारण हाथ, पैर और मुंह की बीमारी होती है।

आमतौर पर डॉक्टर HFMD और दूसरे वायरस संक्रमण में इस प्रकार अंतर बता सकते हैं:

बीमारी से ग्रसित व्यक्तियों की उम्र- हाथ, पैर और मुंह की बीमारी से ग्रसित होने वाले लोगों में ज्यादातर 10 साल से कम उम्र के बच्चे होते हैं

लक्षणों के विभिन्न चरण- इसके लक्षणों की शुरुआत बुख़ार और गला खराब होने से होती है; आपके बच्चे के मुंह में छाले पड़ जाते हैं और हाथ और पैर की त्वचा में चकत्ते पड़ जाते है

घावों की संरचना - इसके घाव देखने में स्मॉल पॉक्स के घावों से छोटे होते हैं और आमतौर पर रंग, आकार और बनावट में भी अलग होते हैं

यदि तब भी कोई शंका हो तो हाथ, पैर और मुंह की बीमारी के होने या नहीं होने की पुष्टि करने के लिए के लिए आपकी त्वचा या मुंह के अंदर से से छोटा सा नमूना ले सकते हैं या मल के नमूने की की भी जांच करके संक्रमण का पता लगा सकते हैं।

इलाज

हाथ पैर और मुंह की बीमारी(HFMD) के लिए कोई विशेष इलाज उपलब्ध नहीं है । यह स्थिति आमतौर पर अपने आप 7 से 10 दिनों में ठीक हो जाती है।

क्योंकि HFMD एक वायरल संक्रमण है इस कारण इसका इलाज एंटीबायोटिक्स के द्वारा नहीं हो सकता। एंटी-वायरल दवाएं भी हाथ, पैर और मुंह की बीमारी का इलाज करने में बेअसर रहती हैं।

ऐसा करके आप अपने बच्चों को लक्षणों से आराम दे सकते हैं:

उनको आराम करने और ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पेय पदार्थ पीने के लिए प्रोत्साहित करें(दूध या पानी सबसे बेहतर हैं और अम्लीय पदार्थ जैसे कोला या संतरे के रस से दूरी रखें)

उनको खाने के लिए आसानी से खाये जाने वाला खाना दें जैसे मसले हुए आलू और सूप जो चबाने और निगलने में आसान होते हैं।

लक्षणों से आराम के लिए दवाइयों का प्रयोग

दवाइयाँ-

आसानी से उपलब्ध होने वाली दर्द निवारक दवाएँ जैसे पेरासिटामोल(paracetamol) और इबुरोप्रोफ़ेन(ibuprofen) अक्सर खराब गले और बुखार में राहत देती हैं। गर्भवती महिलाओं के लिए पेरासिटामोल को इबुरोप्रोफ़ेन के मुकाबले बेहतर समझा जाता है । एस्प्रिन 16 साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं देनी चाहिए।

मुंह के छालों के इलाज के लिए कई प्रकार की जैल, स्प्रे और माउथवॉश उपलब्ध है, हालाँकि यह स्पष्ट नहीं है इनसे राहत मिलती है या नहीं

इसमें शामिल हैं:

लिडोकेन जेल (Lidocaine) -यह हर उम्र के बच्चों के लिए उपयुक्त है।

बेंजीडेमिन (Benzydamine) माउथ स्प्रे -यह 5 साल और उससे अधिक उम्र के बच्चों के लिए उपयोगी है।

बेंजीडेमिन (Benzydamine) माउथ वाश -यह 12 साल और उससे अधिक उम्र के बच्चों के लिए उपयोगी है।

कोलिन सैलिसिलेट जेल (Choline salicylate) gel- यह 16 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए उपयोगी है । यदि आप गर्भवती हैं या स्तनपान कराती हैं, तो आपको इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

इन दवाओं को लेने से पहले आप दिए गए निर्देशों को अच्छे से पढ़ लें, क्योंकि आप इन दवाओं का प्रयोग पूरे कोर्स के दौरान सीमित बार ही कर सकते हैं।

एक विकल्प ये भी है कि आप गुनगुने नमक के पानी से गरारे करें- आधा चम्मच नमक (2.5g), एक चौथाई लीटर पानी में मिलाएँ। यह महत्वपूर्ण है कि आप उस पानी को निगले नहीं इसलिए इसकी सलाह छोटे बच्चों के लिए नहीं दी जाती।

यदि आपके बच्चे को फोड़े हो गए हों, तो आप उसे फोड़े नहीं क्योंकि उसके अंदर का द्रव्य संक्रमित होता है। उनको सूखने दें और वह 7 दिनों के भीतर ठीक हो जाएंगे।

संक्रमण को फैलने से रोकना

HFMD एक फैलने वाला रोग है। इससे बचने और फैलने से रोकने के लिए सबसे अच्छा उपाय यह है कि उन लोगों से दूर रहें जिन्हें यह रोग है और साफ सफाई का ध्यान रखें।

हमेशा अपने हाथों को अच्छे से धोएं; शौचालय जाने के बाद, बच्चों की नैप्पी को हाथ लगाने के बाद और खाना बनाने से पहले।अपने बर्तन उन लोगों के साथ ना बाटें जो संक्रमित हो।

यह सुनिश्चित करें कि रसोई की सतहें साफ़ हों।

बिस्तर, कपड़े या उस प्रकार की वस्तु को जो किसी भी प्रकार के थूक की बूंदों , फोड़ों के पस या मल से दूषित हो, उसे गर्म पानी से अच्छे से धोएं। किसी अन्य के प्रयोग करने से पहले।

कार्यस्थल, स्कूल और नर्सरी

यदि आपका बच्चा हाथ, पैर और मुंह की बीमारी से ग्रस्त है तो उसे स्कूल, नर्सरी और खेलने की जगहों से तब तक दूर रखें जब तक वह ठीक ना हो जाए।

आमतौर पर बच्चे ठीक होते ही वापस जाना शुरू कर सकते हैं। यह जरूरी नहीं कि आप उसके आखिरी फोड़े के बिल्कुल ठीक होने तक अपने बच्चे को स्कूल या नर्सरी से दूर रखें बस, बशर्ते कि वह अच्छी तरह से ठीक हो गया हो।

हालांकि यह सिर्फ़ एक सलाह है। अलग अलग स्कूल और नर्सरी यह अधिकार रखते हैं कि वह आपके बच्चे को तब तक दोबारा ना आने दें जब तक कि वह पूरी तरह ठीक ना हो जाए।

ऊपर दी गई सलाह समान रूप से HFMD से ग्रसित वयस्कों और उनके कार्यस्थल के लिए भी लागू होती है।

लक्षण

हाथ पैर और मुंह की बीमारी (HFMD) के लक्षण संक्रमण के आम तौर पर 3 से 5 दिनों के बाद शुरू होते हैं। इस अवधि को इंक्युबेशन पिरियड कहते हैं।

HFMD के शुरुआती लक्षणों में शामिल है-

भूख ना लगना

खांसी

पेट में दर्द

गले में ख़राश

कभी कभी हाथ पैर और मुंह की बीमारी के कारण उल्टी हो सकती है खासतौर पर तब जब यह एंटरोवायरस स्ट्रेन (enterovious 71 strain) के कारण हुआ हो।

मुंह के छाले

एक या 2 दिन के बाद मुंह के अंदर लाल निशान दिखने शुरू हो जाते हैं खासतौर पर आपकी जीभ, मसूड़ों के आसपास और गाल के अंदर के अंदर के हिस्सों में।

शुरू में इन घावों का आकार एक छोटे बटन के जितना होता है, उसके बाद यह मुंह के छाले तेजी से बड़े पीले भूरे रंग के हो जाते हैं, जो लाल रंग के ऊतकों(टिशूस) से घिरे होते हैं। सामान्यतः आपको लगभग से 5 से 10 मुंह के छाले हो सकते हैं।

यह मुंह के छाले बहुत दर्दनाक हो सकते हैं और खाना-पीना और निगलना मुश्किल कर सकते हैं जिस वजह बच्चे को अत्यधिक लार निकल सकती है।

मुंह के छाले 5 से 7 दिन में ठीक हो जाते हैं।

शरीर पर चकत्ते(रैश) पड़ना

मुंह में छाले होने के तुरंत बाद आप अपने बच्चे की त्वचा में लाल चकत्ते देख सकते हैं।

सबसे आम जगह, जहां पर आप इन्हें देख सकते हैं, वह है उंगलियों के दोनों तरफ, हाथों के पीछे और एड़ियों के किनारे पर। हथेलियों, पैर के तलवों, कूल्हों और साथ ही पेट और जांघ के बीच में भी रैश हो सकते हैं, लेकिन ऐसा काम होता है।

यह चकत्ते आकार में लगभग 2 से 5 मिलीमीटर तक बड़े और बीच से गहरे भूरे रंग के होते हैं और देखने में रग्बी की गेंद के आकार के होते हैं।

आमतौर पर रैश बिना दर्द और खुजली वाले होते हैं, हालांकि कभी-कभी यह छोटे फोड़ों में बदल जाते हैं, जो कि दर्दनाक और संवेदनशील होते हैं। यह जरूरी है कि किसी भी फफोले को फोड़े नहीं, क्योंकि इससे संक्रमण फैल सकता है।

त्वचा के चकत्ते और फफोले 3 से 7 दिनों के भीतर ठीक हो जाते हैं।कब डॉक्टरी सलाह ली जानी चाहिए

हाथ, पैर और मुंह की बीमारी के ज्यादातर मामलों में डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि इसके लक्षण बिना इलाज के अपने आप ही 7 दिनों के भीतर ठीक हो जाते हैं।

हालांकि यदि आपको पूरी तरह पता नहीं है कि आपके बच्चे को HFMD है या नहीं, तो आप अपने डॉक्टर से राय ले सकते हैं।

आप डॉक्टर को तब भी संपर्क करें जब:

आपका बच्चा तरल पदार्थ पीने में असमर्थ हो या उसकी इच्छा ना हो

यदि आपके बच्चे के शरीर में पानी की कमी के लक्षण दिख रहे हों जैसे सामान्य से कम पेशाब कर रहा हो या त्वचा सुखी मुरझाई सी लगे, या वो काफ़ी थका हुआ लगे

आपके बच्चे में कुछ अतिरिक्त लक्षण दिख सकते हैं जैसे मानसिक स्थिति में बदलाव, दौरे पड़ना और उसके व्यक्तित्व और व्यवहार में बदलाव आ जाना

जटिलताएँ

हाथ पैर और मुंह की बीमारी आमतौर पर गम्भीर स्थिति नहीं है और बिना इलाज के अपने आप ही ठीक हो जाती है।

HFMD के दौरान जटिलताएं आने की सम्भावनाएँ कम हैं, लेकिन निम्नलिखित परिस्थियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।

शरीर में पानी की कमी होना

गले और मुँह के छाले होने पर पीना और निगलना मुश्किल हो जाता है। यह आपके बच्चे (या आपके लिए) महत्वपूर्ण है कि आप भरपूर मात्रा में पेय पदार्थ लें। अपने बच्चे को प्रोत्साहित करें कि वह अम्लीय पेय पदार्थ जैसे फलों के रस की जगह पानी और दूध पिए।

आप अपने बच्चे को थोड़ी थोड़ी देर में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पेय पदार्थ पीने के लिए प्रोत्साहित करें, ऐसा करना एक ही बार में अधिक मात्रा में पेय पदार्थ पीने से ज़्यादा आसान हो सकता है।

अपने डॉक्टर से संपर्क करें यदि आपका बच्चा कुछ भी तरल पदार्थ पीने से मना करे या उसे पीने में परेशानी हो, या उसके शरीर में पानी की कमी के लक्षण दिखाई दें, जैसे:

  • सूखी मुरझाई त्वचा जो आपके संकुचित करने पर अपनी जगह से ढीली पड़ जाए
  • पेशाब ना कर पाना या 8 घंटे तक पेशाब ना आना
  • चिड़चिड़ापन
  • धंसी हुई आंखें
  • आपका बच्चा असामान्य रूप से थका हुआ और उसे कुछ करने की इक्छा ना हो
  • शिशुओं में- उसके सिर में एक घंसा हुआ मुलायम सा निशान (तालु )

सामान्य मामलों में निर्जलीकरण का इलाज रीहायड्रेशन सोल्यूशन (rehydration solution) देकर किया जा सकता है जो अधिकतर सभी दवाई की दुकानों में उपलब्ध होते हैं।

अधिक गंभीर मामलों में इलाज के लिए अस्पताल जाने की जरूरत पड़ सकती है।

डीहायड्रेशन के बारे में और पढ़ें।

द्वितीयक संक्रमण (सेकंडेरी इन्फ़ेक्शन)

इस बात का भी खतरा रहता है कि त्वचा में होने वाले घाव संक्रमित हो सकते हैं, खासतौर पर तब जब उन्हें खुजला दिया जाता है।

त्वचा में संक्रमण के लक्षण हैं:

  • दर्द, लाल पड़ना, सूजन और संक्रमित क्षेत्र में गर्माहट का एहसास होना
  • त्वचा से पस या द्रव्य निकलना

अपने डॉक्टर से संपर्क करें यदि आपको लगता है कि आपके बच्चे को त्वचा का संक्रमण हो गया है क्योंकि उसका इलाज एंटीबायोटिक क्रीम और गोलियों से हो सकता है।

वायरल मिनिंजाइटिस (दिमाग़ी बुखार)

हाथ, पैर और मुंह की बीमारी के कुछ दुर्लभ मामलों में वायरल दिमागी बुखार हो सकता है। ये उस झिल्ली का संक्रमण होता है जो दिमाग और रीढ़ की हड्डी के ऊपर होती है।

वायरल मेनिनजाइटिस, बैक्टीरीयल मेनिनजाइटिस की तुलना में कम गंभीर होता है और सेहत पर कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं होता।

अधिकतर बच्चे 2 हफ्ते के भीतर पूरी तरह ठीक हो जाते हैं।

लक्षण:

  • तेज तापमान (बुखार) जो 38C (100.4F) से ऊपर हो
  • सुस्ती
  • सिर दर्द
  • गर्दन में अकड़न
  • तेज रोशनी से चिढ़

वायरल दिमागी बुखार के लिए कोई विशेष इलाज उपलब्ध नहीं है। सिवाय इसके कि दर्द निवारक दवा दी जाए जो लक्षणों को कम कर सके।

मेनिनजाइटिस (दिमागी बुखार) के बारे में और पढ़ें।

इंसेफेलाइटिस(Encephalitis)

हाथ, पैर और मुंह की बीमारी की सबसे ज्यादा गंभीर लेकिन दुर्लभ जटिलता है इंसेफेलाइटिस - एक ऐसा संक्रमण जिसमें दिमाग के ऊतकों (तिशुस) में सूजन आ जाती है।

इसके कारण दिमाग क्षतिग्रस्त हो सकता है और संभवत यह जानलेवा भी हो सकता है।

शुरुआत में फ्लू जैसे लक्षण होते हैं जो कि कुछ घंटों या कुछ दिनों में बढ़ सकते हैं। अन्य लक्षणों में शामिल है:

  • उबकाई
  • सुस्ती या भ्रम
  • दौरे पड़ना
  • तेज़ रोशनी से परेशानी होना

यदि आपको इंसेफेलाइटिस हो गया है तो आपको अस्पताल में भर्ती होना होगा।

अधिकांश मामलों में हाथ, पैर और मुँह की बीमारी की वजह से इंसेफेलाइटिस तब होता है जब हाथ, पैर और मुँह की बीमारी किसी महामारी का रूप लेकर हज़ारों लोगों को संक्रमित कर देती है, और इसका कारण एंटेरोवायरस 71 (enterovirus 71) होता है।

हालिया दौर में यह महामारी केवल चीन और ताइवान जैसे एशियाई देशों में हुई है।