घ वृन्दावन में संध्या समय क्या अनुभूति होती है और क्यों साँवले सपनों की याद पाठ के आधार पर लिखिए? - gh vrndaavan mein sandhya samay kya anubhooti hotee hai aur kyon saanvale sapanon kee yaad paath ke aadhaar par likhie?

Short Note

वृंदावन में सुबह-शाम सैलानियों को होने वाली अनुभूति अन्य स्थानों की अनुभूति से किस तरह भिन्न है?

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Solution

वृंदावन में सुबह-शाम सैलानियों को सुखद अनुभूति होती है। वहाँ सूर्योदय पूर्व जब उत्साहित भीड़ यमुना की सँकरी गलियों से गुजरती है तो लगता है कि अचानक कृष्ण बंशी बजाते हुए कहीं से आ जाएँगे। कुछ ऐसी ही अनुभूति शाम को भी होती है। ऐसी अनुभूति अन्य स्थानों पर नहीं होती है।

Concept: गद्य (Prose) (Class 9 A)

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Chapter 4: साँवले सपनों की याद - अतिरिक्त प्रश्न

Q 7Q 6Q 8

APPEARS IN

NCERT Class 9 Hindi - Kshitij Part 1

Chapter 4 साँवले सपनों की याद
अतिरिक्त प्रश्न | Q 7

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वृदावन में संध्या समय क्या अनुभूति होती है और क्यो class 9?

Answer: वृंदावन में सुबह-शाम सैलानियों को सुखद अनुभूति होती है। वहाँ सूर्योदय पूर्व जब उत्साहित भीड़ यमुना की सँकरी गलियों से गुजरती है तो लगता है कि अचानक कृष्ण बंशी बजाते हुए कहीं से आ जाएँगे। कुछ ऐसी ही अनुभूति शाम को भी होती है

वृंदावन में सुबह शाम क्या अनुभूति होती है सांवले सपनों की याद पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए?

(क) वृंदावन में सुबह-शाम ऐसी अनुभूति होती है कि जैसे भीड को चीरते हुए कृष्ण आएँगे और अपनी बाँसुरी की मधुर आवाज सुनाने लगेंगे। (ख) यमुना नदी का साँवला पानी वहाँ आने वाले को कृष्ण के बाललीला की याद दिलाता है। इतिहास में यहीं पर कृष्ण ने। रासलीला रची थी और शोख गोपियों को अपनी शरारतों का निशाना बनाया था।

शाम को वृंदावन में माली क्या करता है और क्यों?

Answer. Answer: शाम को वृन्दावन मे माली सैलानियों को हिदायत देता है ताकि संगीत का जादू वाटिका के भरे पूरे माहौल में छा जाए।

वृंदावन कृष्ण की बाँसुरी के जादू से खाली क्यों नहीं होता?

हर शाम सूरज ढलने से पहले, जब वाटिका का माली सैलानियों को हिदायत देगा तो लगता है जैसे बस कुछ ही क्षणों में वो कहीं से आ टपकेगा और संगीत का जादू वाटिका के भरे-पूरे माहौल पर छा जाएगा। वृंदावन कभी कृष्ण की बाँसुरी के जादू से खाली हुआ है क्या!