Show नई परेशानी:मवेशियों को लंफी रोग, छह के दाएं पैर में सूजन की शिकायतजशपुर2 वर्ष पहले
जिले के पशुपालकों की परेशानी वायरल डिजीज ने बढ़ा दी है। इस बीमारी के कारण पशु खाना नहीं खा रहे हैं। साथ ही उन्हें उठने-बैठने में काफी दिक्कत हो रही है। वहीं पशुचिकित्सकों द्वारा लिखी दवाई का भी कोई असर मवेशियों पर नहीं है। इससे पशुपालकों कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है, वे इस वायरल डिजीज के इलाज के लिए कहां जाएं? दुलदुला समेत कुनकुरी ब्लाक में पिछले कुछ दिनों से लगभग 12 से 15 मवेशियों के दाएं पैर में सूजन आने की शिकायत आई है। एकाएक आई सूजन का लगाने के लिए पशुधन विभाग सेवाएं, राज्य पशुचिकित्सा लैब की टीम मौके पर पहुंचकर मवेशियों के खून, गोबर, यूरीन की जांच के सैंपल लेने में जुट गई है। विभाग के पशुचिकित्सक रोग का पता लगाने में जुट गए हैं। वहीं कुछ विभागीय पशु डॉक्टरों का कहना है जिस प्रकार से मवेशियों में लक्षण दिख रहे, उससे उक्त बीमारी का नाम लंफी स्किन डिजीज हो सकता है। इसकी कोई दवा उपलब्ध नहीं है। स्थानीय पशु चिकित्सकों का कहना है कि पशुओं में लंफी का संक्रमण फैला है। पैर में सूजन की शिकायत प्रदेश में जरूर पहली बार सामने आई है, लेकिन इस रोग को लेकर उडीसा, झारखंड से सटे सीमावर्ती क्षेत्रों में यह बीमारी तेजी से फैलने की शिकायत मिल चुकी है। झारखंड में यह बीमारी महामारी का रूप ले चुकी है। इसलिए उक्त बीमारी की चपेट में आने वाले जानवरों के शरीर के उस हिस्से को नीम के पत्ते से धोएं अथवा कोनी का तेल लगाएं। जहां दाना-दाना निकल आया है। सूजन वाली जगह में भी यह उपचार कारगर है। संक्रमित जानवरों को अलग बांधने की
सलाह गाय के पैर में सूजन आ जाए तो क्या करें?इसलिए उक्त बीमारी की चपेट में आने वाले जानवरों के शरीर के उस हिस्से को नीम के पत्ते से धोएं अथवा कोनी का तेल लगाएं। जहां दाना-दाना निकल आया है। सूजन वाली जगह में भी यह उपचार कारगर है। किसानों को सलाह दी है कि इस संक्रामक रोग से बचाने के लिए पशुओं को पीड़ित पशुओं से अलग स्थान पर बांधें।
पैर में सूजन का कारण क्या है?यह शरीर में अत्यधिक पानी एकत्र होने के कारण हो सकता है. इसके साथ ही ये हृदय, लिवर या फिर किडनी की किसी समस्या का भी संकेत हो सकता है. वहीं, कई बार ज्यादा पैदल चलने, पहाड़ी चढ़ाई बढ़ती उम्र, प्रेग्नेंसी, पुरानी चोट या फिर पैरों में ठीक तरह से रक्त प्रवाह न होने पर भी पैरों में सूजन आ जाती है.
लंगड़ी रोग क्या है?यह रोग 'लंगड़ी बीमारी' के नाम से प्रसिद्ध है। यह गौ जाति में प्रायः तथा भैस और भेड़ों में कभी-कभी होने वाला छिटपुट अथवा महामारी प्रकृतिवाला जीवाणु (बैक्टिरिया) से पैदा होने वाला पशु रोग है (clostridium choviai bacteria)जिसमें साधारण ज्वर तथा मांसल भाग का दर्दयुक्त सूजन एवं लंगड़ापन प्रमुख लक्षण है।
मवेशियों में पैर और मुंह की बीमारी का इलाज क्या है?इस रोग का कोई निश्चित उपचार नहीं है परन्तु बीमारी की गम्भीरता को कम करने के लिए लक्षणों के आधार पर पशु का उपचार किया जाता है। रोगी पशु में सैकण्डरी संक्रमण को रोकने के लिए उसे पशु चिकित्सक की सलाह पर एंटीबायोटिक के टीके लगाए जाते हैं। मुंह व खुरों के घावों को फिटकरी या पोटाश के पानी से धोते हैं।
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